माता हिडिम्बा ने पुजारी के माध्यम से दिए संकेत कि सुधर जाओ, नहीं तो ब्यास को अपने चरणों तक ले आऊंगी…

मनाली : बीते कुछ समय से हिमाचल प्रदेश में भारी तबाही होने के कारण थाने जनता मां हडिंबा के चरणों में इकट्ठे हो गई। इसी दौरान माता ने गुर के माध्यम से ओल्ड मनाली की जनता के साथ समूची मनाली की जनता से कहा कि सुधर जाओ वरना नहीं “ तो एक दिन ब्यास नदी … Read more

हिमाचल में आई जल प्रलय पर हिमालयी क्षेत्र में काम करने वाले भू-गर्भ वैज्ञानिक डॉ. रितेश आर्य ने कही बड़ी बात

सोलन।हम अपने निजी स्वार्थों में इतने अंधे हो चुके हैं कि प्रकृति को ताक पर रखकर पहाड़ी राज्य हिमाचल में निर्माण करने लगे हैं। हमको बस जमीन चाहिए, फिर नहीं देखते की यह धंसने वाली है,पक्की या कच्ची बस मंजिलों पर मंजिलें चढ़ा देते हैं। ऐसे ही सड़कों का निर्माण किया जा रहा है। नतीजतन … Read more

शामती में प्रभावितों परिवारों को लगभग 20 लाख रुपए की राहत राशि प्रदान

सोलन : जि़ला प्रशासन ने आज शहर के शामती क्षेत्र के आपदा प्रभावितों को लगभग 20 लाख रुपए की राहत राशि प्रदान की। अतिरिक्त उपायुक्त अजय यादव ने यह जानकारी दी। अजय यादव ने कहा कि मुख्यमन्त्री सुखविन्दर सिंह सुक्खू ने जि़ला प्रशासन को निर्देश दिए हैं कि भारी वर्षा से त्रस्त जन-जन को न केवल समयबद्ध राहत प्रदान की जाए अपितु आवश्यकतानुसार उनके भोजन एवं रहने की व्यवस्था भी सुनिश्चित बनाई जाए। उन्होंने कहा कि जि़ला प्रशासन मुख्यमन्त्री के निर्देशों का पूर्ण पालन सुनिश्चित बना रहा है।

उन्होंने कहा कि जि़ला प्रशासन आपदा के कारण प्रभावितों को त्वरित सहायता प्रदान करने एवं उनकी सुरक्षा के लिए कृत संकल्प है। हाल ही में हुई भारी वर्षा के कारण जहां एक और क्षतिग्रस्त अधोसंरचना को युद्ध स्तर पर ठीक किया जा रहा है वहीं पीड़ित व्यक्तियों तक शीघ्र राहत भी पहुंचाई जा रही है।
उन्होंने कहा कि 1-2 दिनों में सभी प्रभावितों को राहत राशि प्रदान कर दी जाएगी।
अजय यादव ने कहा कि शामती में खतरे का आभास मिलते ही जि़ला प्रशासन ने त्वरित कार्यवाही कर न केवल संकटग्रस्त आवासों को खाली करवाया अपितु प्रभावित परिवारों के रहने-खाने की व्यवस्था भी की। उन्होंने कहा कि शामती में अभी तक कुल 45 भवन क्षतिग्रस्त हुए हैं। इनमें से 25 भवन पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त हैं जबकि 20 भवनों में दरारें आई हैं।
उन्होंने भू वैज्ञानिकों के साथ शामती क्षेत्र का दौरा कर एहतियाती उपाय सुनिश्चित किए।
उन्होंने कहा कि भू वैज्ञानिकों के परामर्श के अनुसार शामती क्षेत्र की पहाड़ी में में आई दरारांें को राख और चूने के मिश्रण के साथ भरा जा रहा है ताकि दरारों को ठीक किया जा सके और मिट्टी को स्थाई पकड़ मिले।
अजय यादव ने कहा कि शामती क्षेत्र में आम जन की सुरक्षा के लिए खतरा दर्शाने के लिए सूचना पट्ट स्थापित किए गए हैं। पूरे क्षेत्र में पुलिस द्वारा नियमित गश्त लगाई जा रही है। क्षेत्र में विभिन्न निर्माण कार्यों पर भी रोक लगाई है।
उन्होंने कहा कि शामती में जल शक्ति विभाग को निर्देश दिए गए हैं कि अत्यधिक भू-जल को 2-3 बोरवेल के माध्यम से बाहर निकाला जाए। कृषि विभाग द्वारा खेतों से अतिरिक्त जल को निकाला जा रहा है।
अतिरिक्त उपायुक्त ने कहा कि जि़ला प्रशासन यह प्रयास कर रहा है कि आम जन की सुरक्षा सुनिश्चित हो और अधोसंरचना को हुई क्षति की शीघ्र मुरम्मत हो ताकि जन-जीवन सामान्य हो सके

उद्योग मंत्री ने विक्रमादित्य सिंह के बयान को क्यों बोला बचकाना बयान, जानिए ?

शिमला : आपदा की घड़ी में हिमाचल प्रदेश सरकार में सब कुछ ठीक नजर नहीं आ रहा है। एक ओर जहां आपदा क्षेत्रों का पहले सीएम खुद दौरा कर रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर उनके अन्य मंत्री भी उसी क्षेत्र का दौरा कर रहे हैं। ऐसे में पीडब्ल्यूडी मंत्री के बयान को लेकर वबाल खड़ा हो गया है जिसे उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने बचकाना बयान बताया है। बता दें कि एक दिन पूर्व ही कुल्लू में हुई भारी तबाही को लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने इलीगल माइनिंग का नतीजा करार दिया था। विक्रमादित्य सिंह ने कुल्लू में पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा था कि यह कोई प्राकृतिक आपदा नहीं, बल्कि यह सब इलीगल माइनिंग की वजह से हो रहा है। यदि नदी अपना रास्ता बदल रही है,तो इसके लिए इलीगल माइनिंग ही बड़ा कारण है।
लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने एसपी कुल्लू के भी तबादले की बात कही थी। उन्होंने कहा था कि अगर एसपी कुल्लू इलीगल माइनिंग को नहीं रोक पा रही हैं, तो क्या कर रही हैं। हमेशा ही खुलकर और स्पष्ट तौर पर बात करने वाले लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा था कि वह इस मामले को मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू, उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान और हिमाचल प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान भी उठाएंगे।
प्रदेश सरकार में उद्योग मंत्री और मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के बेहद करीबी हर्षवर्धन चौहान ने मीडिया से पूछे के पूछे सवाल पर कहा कि उन्होंने विक्रमादित्य सिंह का यह बयान नहीं सुना है। लेकिन, यह तबाही इलीगल माइनिंग की वजह से नहीं बल्कि प्राकृतिक आपदा की वजह से हुई। यह संभव है कि एक-दो जगह पर इलीगल माइनिंग हो रही हो। छुटपुट माइनिंग होते ही रहती है, लेकिन इसके लिए इलीगल माइनिंग जिम्मेदार नहीं है। उन्होंने कहा कि कुल्लू-मनाली में तो कोई माइनिंग का क्रेशर भी नहीं है। नदी से 100 मीटर दूरी तक कोई माइनिंग करने की अनुमति भी नहीं है। ऐसे में वे विक्रमादित्य सिंह के इस बयान से असहमत हैं। यही नहीं, उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने विक्रमादित्य सिंह के इस बयान को बचकाना भी करार दिया। उद्योग मंत्री ने विक्रमादित्य सिंह से पूछा कि मंडी में जो तबाही हुई,क्या वह इलीगल माइनिंग की वजह से हुई? हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में हुई तबाही की वजह इलीगल माइनिंग नहीं,बल्कि प्राकृतिक आपदा है।

बता दें कि जब से हिमाचल प्रदेश में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व में सरकार बनी है,तब से मंत्रियों की गुटबाजी इस तरह सामने आती ही रहती है। इससे पहले भी उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान और उद्योग विभाग के ही मुख्य संसदीय सचिव राम कुमार की अंदरूनी लड़ाई भी खुलकर मीडिया के सामने आ चुकी है। इसके अलावा हमेशा ही पार्टी लाइन से हटकर बात करने वाले विक्रमादित्य सिंह को इस बार मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के बेहद करीबी हर्षवर्धन चौहान ने आड़े हाथों ले लिया। बता दें कि हिमाचल प्रदेश सरकार में कृषि मंत्री चौधरी चंद्र कुमार ने भी आपदा की वजह नदी किनारे हो रही इलीगल कंस्ट्रक्शन को बताया था।

डॉ. कर्नल शांडिल ने मूलभूत अधोसंरचना को शीघ्र दुरूस्त करने के दिए निर्देश

सोलन : स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता तथा श्रम एवं रोज़गार मंत्री कर्नल डॉ. धनीराम शांडिल ने आज लगातार तीसरे दिन सोलन विधानसभा क्षेत्र में भारी वर्षा से हुए नुकसान का जायज़ा लिया और अधिकारियों को निर्देश दिए कि मूलभूत अधोसंरचना को शीघ्र दुरूस्त करें तथा आम जन की समस्याओं का त्वरित निराकरण सुनिश्चित बनाएं।

डॉ. शांडिल ने आज कण्डाघाट विकास खण्ड की ग्राम पंचायत सकोड़ी के गांव दोची में शान्ति देवी के भारी वर्षा से हुए क्षतिग्रस्त मकान का निरीक्षण किया और उपमण्लाधिकारी कण्डाघाट को क्षतिग्रस्त मकान के मामले पर कार्यवाही कर शीघ्र मुआवज़ा देने के निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार संकट के समय जन-जन के साथ है। उन्होंने कहा कि आपदा के ज़ख्मों को भरने में समय लगता है और विपरीत हालात में लोगों को सहायता पंहुचाने में कोई कोताही नहीं बरती जाएगी।
स्वास्थ्य मंत्री ने इसके उपरान्त ग्राम पंचायत बांजनी के थरोला नाला के समीप हुए भूस्खलन एवं नुकसान का जायजा भी लिया। उन्होंने इस अवसर पर स्थानीय निवासियों से बातचीत कर उनकी समस्याओं को जाना। स्थानीय निवासियों ने इस अवसर पर स्वास्थ्य मंत्री को अवगत करवाया कि गांव के विभिन्न हिस्सों में बार-बार भूस्खलन की घटनाएं घट रही हैं।
डॉ. शांडिल ने उपस्थित अधिकारियों को निर्देश दिए कि स्थानीय निवासियों की समस्याओं का त्वरित हल सुनिश्चित बनाया जाए तथा सड़क की सुरक्षा के लिए डंगे इत्यादि लगाने का कार्य मनरेगा के तहत करवाया जाए।
उपमण्डलाधिकारी कण्डाघाट सिद्धार्थ आचार्य ने अवगत करवाया कि प्रशासन वर्षा के कारण उत्पन्न हालात के प्रति सजग है और पीड़ित परिवारों को त्वरित सहायता इत्यादि उपलब्ध करवाई जा रही है।
इस अवसर पर प्रदेश कांग्रेस महासचिव रमेश ठाकुर, खण्ड कांग्रेस सोलन के अध्यक्ष संजीव ठाकुर, जोगिन्द्रा सहकारी बैंक के निदेशक जितेन्द्र वर्मा, ग्राम पचांयत सकोड़ी के पूर्व प्रधान प्रेम कश्यप, ग्राम पचांयत बांजनी के पूर्व प्रधान मदन ठाकुर, विकास खण्ड अधिकारी कण्डाघाट नरेश शर्मा सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी तथा ग्रामीण उपस्थित थे।

बिलासपुर में सीढ़ियों से गिरकर पंचायत चौकीदार की हुई मौत

बिलासपुर : बरमाणा पुलिस थाना क्षेत्र के तहत घ्याल में पंचायत चौकीदार की अचानक सीढ़ियों के गिरने से मौत हो गई। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम करवाकर परिजनों के हवाले कर दिया है।

जानकारी के अनुसार ग्राम पंचायत नम्होल के चौकीदार प्रकाश ठाकुर पुत्र चेतराम निवासी घ्याल पंचायत घर के पास बैठा हुआ था। कि उसे अचानक चक्कर आ गया, जिससे वह सीढ़ियों से गिर गया। उन्हें तुरंत एम्स बिलासपुर लाया गया। वहां से उसे प्राथमिक उपचार के बाद पीजीआई चंडीगढ़ रैफर कर दिया गया। जहां पर उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई।

उधर,  भराडी पुलिस थाना क्षेत्र के तहत मरहाणा गांव में 78 वर्षीय महिला की जहरीली पदार्थ निगलने से मौत हो गई है। पुलिस ने मामला दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है, तथा शव का पोस्टमार्टम करवाकर परिजनों के हवाले कर दिया है।

जानकारी के अनुसार गत रात्रि प्रसिनो देवी पत्नी दयाराम निवासी मरहाणा ने अपने घर पर किसी ज़हरीली वस्तु का सेवन कर लिया। महिला को परिजन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भराड़ी लेकर आए, जहां पर उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई।

HIMACHAL PRADESH : किन्नर कैलाश यात्रा के लिए पंजीकरण अब 20 जुलाई से

किन्नौर : किन्नर कैलाश यात्रा (Kinnar Kailash Yatra) -2023 के लिए पंजीकरण की तिथि 15 जुलाई, से बढ़ाकर 20 जुलाई 2023 तक कर दी गई है। यह जानकारी देते हुए उपमण्डलाधिकारी कल्पा डाॅ. मेजर शशांक गुप्ता ने बताया कि जिला में गत दिनों हुई मूसलाधार बारिश के कारण पहाड़ों में ताजा बर्फबारी व प्रतिकूल मौसम के चलते इस वर्ष किन्नर-कैलाश यात्रा के लिए पंजीकरण की तिथि को बदला गया है।

इसके अतिरिक्त उन्होंने कहा कि 01 अगस्त से 15 अगस्त, 2023 तक निर्धारित की गई किन्नर-कैलाश यात्रा का आयोजित होना उस समय के मौसम व परिस्थितियों पर निर्भर करेगा।

15 जुलाई को विद्युत आपूर्ति रहेगी बाधित…

सोलन : हिमाचल प्रदेश विद्युत बोर्ड से प्राप्त जानकारी के अनुसार आवश्यक रखरखाव के दृष्टिगत 15 जुलाई, 2023 को परवाणु के विभिन्न क्षेत्रों में विद्युत आपूर्ति बाधित रहेगी। यह जानकारी वरिष्ठ अधिशाषी अभियंता परवाणु विकास गुप्ता ने दी।

उन्होंने कहा कि 15 जुलाई, 2023 को प्रातः 09.00 बजे से सांय 06.00 बजे तक सेक्टर-1, सेक्टर-1ए, सेक्टर-3, सेक्टर-4, सेक्टर-5, सेक्टर-6, खड़ीन गांव, जोधपुर, कामली, धागड़, टिपरा, अंबोटा, टकसाल, ऊंचा परवाणू, गुम्मा, पुरला, जाबली, कोटी, चक्की मोड़, बनासर, सोघी, दतयार, कसौली मार्ग, नरयाल, नाथ का पानी, बी.सी.आई बियरिंग, ई.एस.आई अस्पताल, नगर परिषद कार्यालय परवाणु, परवाणु बाज़ार, पुलिस थाना, गेबरियल मार्ग, मैसर्ज़ गेबियल (यूनिट-1 और 2), मैसर्ज़ ए.बी. टूलज, मैसर्ज़ कोस्मो फेराईटस लिमिटिड (यूनिट 1 और 2), मैसर्ज़ माहले, मैसर्ज़ पूरोलेटर एवं आस-पास के क्षेत्रों में विद्युत आपूर्ति बाधित रहेगी।
उन्होंने कहा कि मौसम खराब होने की स्थिति में अथवा किसी अन्य अपरिहार्य कारणों के दृष्टिगत निर्धारित तिथि व समय में बदलाव किया जा सकता है।
उन्होंने प्रभावित क्षेत्रों के उपभोक्ताओं से सहयोग की अपील की है।

भारी वर्षा से सोलन जिला में 141 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान : डॉ. शांडिल

सोलन : स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता तथा श्रम एवं रोज़गार मंत्री डॉ. कर्नल धनीराम शांडिल ने कहा कि भारी वर्षा के कारण अभी तक सोलन जिला में 141 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान होने की संभावना है और यह आंकड़ा बढ़ रहा है।
डॉ. शांडिल वर्षा से हुए नुकसान के बारे में गत देर सांय उपायुक्त कार्यालय सोलन के सभागार में अधिकारियों के साथ आयोजित बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि सोलन ज़िला में गत कई दिनों से हो रही भारी वर्षा के कारण अभी तक सड़कों एवं पुलों के क्षतिग्रस्त होने, जल शक्ति विभाग की विभिन्न पेयजल एवं सिंचाई योजनाओं को हुए नुकसान, प्रदेश विद्युत बोर्ड की विद्युत लाईनें एवं विद्युत केन्द्रों तथा उप केन्द्रों के क्षतिग्रस्त होने, कृषि योग्य भूमि को नुकसान पहुंचने तथा अन्य कारणों से लगभग 141 करोड़ रुपये से अधिक के नुकसान की जानकारी प्राप्त हुई है। राजस्व विभाग द्वारा अन्य नुकसान का आकलन किया जा रहा है।
डॉ. शांडिल ने कहा कि भारी वर्षा के कारण राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 05 शिमला-परवाणू पर भूस्खलन के कारण अनेक स्थानों पर यातायात बार-बार बाधित हो रहा है। राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण को निर्देश दिए गए हैं कि इस महत्वपूर्ण राजमार्ग पर वाहनों की निर्बाध आवाजाही के लिए सभी एहतियाती उपाय अपनाए जाएं।
उन्होंने कहा कि सोलन ज़िला में 111 मार्ग अवरूद्ध हुए हैं और 40 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा कि ज़िला में अवरूद्ध 78 मार्ग खोल दिए गए हैं।
स्वासथ्य मन्त्री ने कहा कि ज़िला में अभी तक जल शक्ति विभाग की 113 सिंचाई एवं पेयजल योजनाओं को पुनः आरम्भ कर दिया गया है। जिला में अन्य सिंचाई योजनाओं को शीघ्र आरम्भ करने का कार्य युद्ध स्तर पर जारी है। उन्होंने कहा कि सोलन शहर की पेयजल आपूर्ति योजना को आरम्भ कर दिया गया है।
डॉ. शांडिल ने कहा कि पूरे जिला में विद्युत बोर्ड द्वारा हर सम्भव प्रयास कर विद्युत आपूर्ति सुचारू करने की दिशा में कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि विद्युत बोर्ड को अभी तक लगभग 6 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।
उन्होंने कहा कि जिला सोलन में अभी तक किसानो को लगभग 8.28 करोड़ रुपये का तथा बागवानों को 90 लाख रुपये का नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा कि राजस्व विभाग द्वारा अन्य नुकसान का आकलन किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि ज़िला में भारी वर्षा के कारण हुए भूस्खलन से तीन व्यक्तियों की मृत्यु भी हुई है।
डॉ. शांडिल ने कहा कि वर्षा के कारण हुई क्षति एवं आमजन को राहत पहुंचाने के सम्बन्ध में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू स्वयं दूर दराज कि इलाके में जाकर जायजा ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि विभिन्न विभागों के अधिकारी व कर्मचारी स्थिति से निपटने और क्षतिग्रस्त मार्गों, पुलों तथा योजनाओं को सुचारू बनाने के लिए निरंतर कार्यरत हैं और शीघ्र ही आवश्यक आपूर्ति श्रृंखला को सुचारू कर दिया जाएगा।

उन्होंने कहा कि सोलन के शामती में 25 भवन क्षतिग्रस्त होने से लगभग 70 परिवार प्रभावित हुए हैं ।
उन्होंने कहा कि यह एक प्राकृतिक आपदा है। उन्होंने केन्द्र सरकार से इसे राष्ट्रीय आपदा के रूप में घोषित करने तथा भारी वर्षा से हुए नुकसान के लिए भरपूर सहायता उपलब्ध करवाने की मांग की।
उन्होंने कहा कि गांव की सड़कें किसानों की भाग्य रेखाएं हैं। उन्होंने गांव के अवरुठ्ठ मार्ग मनरेगा के तहत ठीक करवाने के निर्देश दिए।
अतिरिक्त उपायुक्त सोलन अजय यादव ने बैठक की कार्यवाही का संचालन किया।
इस अवसर पर जोगिन्द्रा सहकारी बैंक के अध्यक्ष मुकेश शर्मा, नगर निगम सोलन के पार्षद सरदार सिंह ठाकुर, नगर निगम सोलन के मनोनीत पार्षद रजत थापा, खण्ड कांग्रेस सोलन के अध्यक्ष संजीव ठाकुर, शहरी कांग्रेस सोलन के अध्यक्ष अंकुश सूद, उपायुक्त सोलन मनमोहन शर्मा, पुलिस अधीक्षक गौरव सिंह, नगर निगम सोलन के आयुक्त ज़फ़र इकबाल, उपमण्डलाधिकारी सोलन कविता ठाकुर, उपमण्डलाधिकारी कण्डाघाट सिद्धार्थ आचार्य, मुख्य चिकित्सा अधिकारी सोलन डॉ. राजन उप्पल, तहसीलदार सोलन मुल्तान सिंह बनियाल, जल शक्ति विभाग के अधीक्षण अभियंता मुकेश हीरा, सहायक आयुक्त डॉ. स्वाति गुप्ता सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।

Chandrayaan-3 Launch Live Streaming: मिशन चंद्रयान-3 का काउंटडाउन शुरू, जानें कहां और कैसे देख सकते हैं लाइव लॉन्चिंग

ISRO Chandrayaan 3 Mission LVM3-M4 Launch Live Streaming: देश के तीसरे चंद्र मिशन चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग की उलटी गिनती गुरुवार को शुरू हो गई। इसरो के मुताबिक, आज चंद्रयान-3 को 2 बजकर 35 मिनट पर एसडीएससी, श्रीहरिकोटा से लॉन्च किया जाएगा.भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) शुक्रवार को श्रीहरिकोटा में सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से LVM3 रॉकेट पर चंद्रयान 3 अंतरिक्ष यान के प्रक्षेपण के साथ चंद्रमा की सतह पर एक रोबोटिक लैंडर को उतारने का अपना दूसरा प्रयास शुरू करेगा। अगर सॉफ्ट-लैंडिंग सफल रही तो भारत यह उपलब्धि हासिल करने वाला दुनिया का चौथा देश बन जाएगा।

चंद्रयान-3 मिशन की ऑनलाइन लाइवस्ट्रीम की सुविधा भी दी गई है जो कि इसरो के ऑफिशियल यू-ट्यूब पर देखने को मिलेगी। इसके अलावा दूरदर्शन पर भी इसका प्रसारण किया जाएगा। ISRO ने अपने ऑफिशियल ट्विटर हैंडल से जानकारी देते हुए बताया कि LVM3-M4/चंद्रयान-3 मिशन के व्हीकल इलेक्ट्रिक टेस्ट पूरे हो गए हैं। इसके साथ ही एक लिंक भी दिया, जहां आप खुद को रजिस्टर कर आसानी से लॉन्चिंग की लाइव स्ट्रीमिंग देख सकते हैं।

इसरो ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, ‘एलवीएम3एम4-चंद्रयान-3 मिशन अपराह्न दो बजकर 35 मिनट पर किए जाने वाले प्रक्षेपण की उलटी गिनती शुरू हो गई है.’ चंद्रयान-3′ कार्यक्रम के तहत इसरो अपने चंद्र मॉड्यूल की मदद से चंद्र सतह पर ‘सॉफ्ट-लैंडिंग’ और चंद्र भूभाग पर रोवर के घूमने का प्रदर्शन करके नई सीमाएं पार करने जा रहा है. एलवीएम3एम4 रॉकेट इसरो के महत्वाकांक्षी ‘चंद्रयान-3’ को चंद्र यात्रा पर ले जाएगा. इस रॉकेट को पूर्व में जीएसएलवीएमके3 कहा जाता था. भारी उपकरण ले जाने की इसकी क्षमता के कारण अंतरिक्ष वैज्ञानिक इसे ‘फैट बॉय’ भी कहते हैं.

इसरो की ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ की योजना:इसरो ने अगस्त के अंत में ‘चंद्रयान-3’ की ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ की योजना बनाई गई है. उम्मीद है कि यह मिशन भविष्य के अंतरग्रही अभियानों के लिए सहायक होगा. चंद्रयान-3 मिशन में एक स्वदेशी प्रणोदन मॉड्यूल, लैंडर मॉड्यूल और एक रोवर शामिल है जिसका उद्देश्य अंतर-ग्रहीय अभियानों के लिए आवश्यक नई प्रौद्योगिकियों को विकसित करना और प्रदर्शित करना है. मिशन एलवीएम3 की चौथी उड़ान, है जिसका उद्देश्य ‘चंद्रयान-3’ को भू-समकालिक कक्षा में प्रक्षेपित करना है.

  • एक सौ किलोमीटर की ऊंचाई पर चंद्रमा का चक्कर लगाने के बाद, ‘लैंडर’ का चंद्र सतह की ओर आना योजना के अनुसार था और 2.1 किमी की ऊंचाई तक यह सामान्य था. हालाँकि, मिशन अचानक तब समाप्त हो गया जब वैज्ञानिकों का ‘विक्रम’ से संपर्क टूट गया. ‘विक्रम’ का नाम भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम के जनक दिवंगत विक्रम साराभाई के नाम पर रखा गया था. ‘चंद्रयान-2’ मिशन चंद्रमा की सतह पर वांछित ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ करने में विफल रहा, जिससे इसरो टीम को काफी दुख हुआ.

उस समय वैज्ञानिक उपलब्धि को देखने के लिए इसरो मुख्यालय में मौजूद रहे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को तत्कालीन इसरो प्रमुख के. सिवन को सांत्वना देते देखा गया जो भावुक हो गए थे और वे तस्वीरें आज भी लोगों की यादों में ताजा हैं.