India Pakistan Conflict : भारत या पाकिस्तान, अमेरिका किसके साथ, डोनाल्ड ट्रंप ने क्या किया इशारा

India Pakistan Conflict : भारतीय सेना द्वारा पाकिस्तान में घुस कर आतंकी ठिकानों को नष्ट करने वाले ऑपरेशन सिंदूर पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का रिएक्शन आया है. दोनों देशों के बीच बढ़ते तनाव पर, ट्रंप ने कहा कि अगर वह कुछ मदद कर सके हैं, तो वह जरूर करेंगे. वह चाहते हैं कि दोनों देशों के बीच संघर्ष रुक जाए. भारत और पाकिस्तान के बीच ‘युद्ध’ पर उनसे जब एक सवाल किया गया, तो उन्होंने इसके जवाब में कहा, “ यह बहुत भयानक है. मेरी स्थिति यह है कि मैं दोनों को साथ लेकर काम करूं. मैं दोनों को बहुत अच्छी तरह से जानता हूं और मैं उन्हें इसे (तनाव को) हल करते हुए देखना चाहता हूं. मैं उन्हें रुकते हुए देखना चाहता हूं और उम्मीद है कि वे अब रुक सकते हैं. वे एक दूसरे के खिलाफ जैसे को तैसा वाला व्यवहार कर रहे हैं, इसलिए उम्मीद है कि वे अब रुक सकते हैं. मैं उन दोनों को जानता हूं, हम दोनों देशों के साथ बहुत अच्छे से मिलकर काम करते हैं।

दोनों के साथ अच्छे संबंध : डोनाल्ड ट्रंप

डोनाल्ड ट्रंप ने कहा, “दोनों के साथ अच्छे संबंध हैं और मैं इसे रुकते देखना चाहता हूं. और अगर मैं कुछ मदद कर सकता हूं तो मैं ज़रूर करूंगा.” इससे पहले ट्रंप ने कहा था कि उन्हें उम्मीद है कि शत्रुता “बहुत जल्द” समाप्त हो जाएगी. ट्रंप ने कहा, ‘‘ दोनों देश लंबे समय से लड़ रहे हैं. वास्तव में, अगर आप वास्तव में इसके बारे में सोचें तो वे कई दशकों और सदियों से लड़ रहे हैं.’’ यह पूछे जाने पर कि क्या उनके पास दोनों देशों के लिए कोई संदेश है, उन्होंने कहा, ‘‘नहीं, मैं बस उम्मीद करता हूं कि यह बहुत जल्दी खत्म हो जाए।

नौ आतंकी ठिकानों पर मिसाइल से हमला

पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में भारतीय सशस्त्र बलों ने पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में नौ आतंकी ठिकानों पर मिसाइल हमले किए. इन हमलों में आतंकियों के मारे जाने की खबर है लेकिन इसकी अभी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है. भारत की कार्रवाई को ऑपरेशन सिंदूर नाम दिया गया है।

हिमाचल में तीनों हवाई अड्डे बंद, उड़ानें रद्द, तिब्बत सीमा, बांधों-मंदिरों की बढ़ाई गई सुरक्षा…

शिमला: हिमाचल के साथ लगती तिब्बत सीमा के अलावा जम्मू-कश्मीर और पंजाब से सटी सीमाओं, राज्य की प्रमुख बिजली परियोजनाओं, बांधों, भीड़ वाले इलाकों और प्रमुख मंदिरों की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। पाकिस्तान पर एयर स्ट्राइक के बाद हिमाचल में तीनों हवाई अड्डे बंद करने के साथ सभी उड़ानें रद्द कर दी गई हैं। नौ मई तक शिमला, कांगड़ा और कुल्लू एयरपोर्ट नागरिक उड़ानों के लिए बंद रहेंगे। तत्काल प्रभाव से सभी उड़ानें रद्द कर दी गई हैं। बुधवार को प्रदेश के तीनों हवाई अड्डों से कोई उड़ान नहीं हुई और सैलानियों को सड़क मार्ग से ही लौटना पड़ा। हिमाचल के साथ लगती तिब्बत सीमा के अलावा जम्मू-कश्मीर और पंजाब से सटी सीमाओं, राज्य की प्रमुख बिजली परियोजनाओं, बांधों, भीड़ वाले इलाकों और प्रमुख मंदिरों की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। किसी भी स्थिति से निपटने के मद्देनजर शिमला में मॉक ड्रिल भी की गई। बुधवार को मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने अपना बंजार दौरा रद्द कर दिया और सचिवालय में अधिकारियों के साथ आपात बैठक की। सीएम ने सभी जिला उपायुक्तों को पुख्ता सुरक्षा इंतजाम करने के निर्देश दिए हैं। सीमावर्ती क्षेत्रों में उपायुक्तों को स्कूलों में अवकाश के लिए स्थिति के अनुसार फैसला लेने के लिए कहा है। खाद्यान्न आपूर्ति, संचार, परिवहन, विद्युत आपूर्ति, आपदा प्रबंधन, स्वास्थ्य सेवाएं सहित विभिन्न विषयों की विस्तृत समीक्षा की। सीएम ने सभी जिलों के पुलिस अधीक्षकों को भी जरूरी दिशा-निर्देश दिए। सोशल मीडिया पर भ्रामक प्रचार करने वालों पर भी कड़ी नजर रखने के निर्देश दिए। बैठक के बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल का कुछ क्षेत्र भी बॉर्डर एरिया में आता है। कोई अनहोनी न हो, उसके लिए प्रशासन को जागरूक रहना होगा। मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि हिमाचल हर स्थिति से निपटने को तैयार है। उन्होंने कहा प्रदेश को भारतीय सेना पर गर्व है। सेना ने जिस प्रकार से सटीक कार्रवाई की है, उस पर प्रदेशवासी गौरवान्वित हैं। प्रदेश के लोग देश और सेना के साथ खड़े हैं। प्रदेश के लोगों ने पहले भी देश के लिए बलिदान दिए हैं। सबसे ज्यादा परमवीर चक्र हिमाचल को मिले हैं। किसी भी प्रकार की कोई कार्रवाई दुश्मन देश करता है तो हिमाचल हर तरह से तैयार है। उन्होंने कहा कि ज्यादा भीड़भाड़ नहीं हो, इस बारे में निर्देश आए हैं। इसलिए उन्होंने बंजार का दौरा रद्द किया है। पंजाब किंग्स और मुंबई इंडियंस के बीच 11 मई को होने वाले मुकाबले को धर्मशाला से स्थानांतरित कर दिया गया है। अब यह मैच वानखेड़े स्टेडियम में खेला जाएगा। पाकिस्तान में आतंकवादी ठिकानों पर भारत के मिसाइल हमले के बाद धर्मशाला हवाई अड्डा अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया है। इस कारण मैच शिफ्ट कर दिया गया है। हालांकि, वीरवार को पंजाब किंग्स और दिल्ली कैपिटल्स के बीच मुकाबला खेला जाएगा। दिल्ली की टीम पिछले कल ही धर्मशाला पहुंची है, जबकि किंग्स 4 मई से धर्मशाला में हैं। किंग्स ने 4 को लखनऊ के खिलाफ मैच खेला था।

हिसार से ड्यूटी पर जा रहे फौजी की मौत:ट्रक ने बाइक में मारी टक्कर, एक महिला घायल…

नारनौंद: ऑप्रेशन सिंदुर के चलते जवानों की छुट्टियां रद्द करने के मद्देनजर ड्यूटी पर लौट रहे भारतीय वायुसेना के जवान को एक तेज रफ्तार ट्रक ने बेरहमी से रौंद डाला। इस हादसे में 24 वर्षीय फौजी की मौके पर ही मौत हो गई जबकि रास्ते में लिफ्ट मांगने वाली एक नवविवाहिता गंभीर रूप से घायल हो गई जिसका सविल अस्पताल हांसी में उपचार चल रहा है। मृतक सैनिक के शव को हिसार स्थित आर्मी अस्पताल भेजा गया है जहां उसका पोस्टमार्टम चल रहा है। पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंपा जाएगा। हादसा उपमंडल नारनौंद के गांव मोठ-लोहारी राघो मार्ग पर हुआ। हादसे के तुरंत बाद आरोपी ट्रक चालक ट्रक छोड़कर मौके से फरार हो गया। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरु कर दी है। मृतक फौजी की पहचान गांव लोहारी राघो निवासी कमल कम्बोज पुत्र रवि कम्बोज के रुप में हुई है। मिली जानकारी के मुताबिक गांव लोहारी राघो निवासी कमल कम्बोज वर्ष 2022 से भारतीय वायुसेना में बतौर कांस्टेबल के पद पर तैनात था। कमलकी पहली पोस्टिंग लद्दाख में हुई थी। गत 28 अप्रैल को वह छुट्टी लेकर वह अपने गांव लोहारी राघो आया था। भारतीय सेना द्वारा पाकिस्तान के खिलाफ चलाए गए ऑप्रेशन सिंदुर के मद्देनजर सेना के जवानों की छुट्यिां रद्द करने का संदेश पाकर वह आज वापिस ड्यूटी पर लौट रहा था। शाम 5 बजे कमल ने नई दिल्ली से ट्रेन पकड़नी थी। ड्यूटी पर जाने के लिए कमल ने बाईक उठाई और घर से हांसी के लिए चल दिया।जैसे ही वह गांव लोहारी राघो के बस स्टैंड पर पहुंचा तो वहां बस का इंतजार कर रही नवविवाहिता कोमल पुत्री सोनू भड़बूजा ने उससे लिफ्ट मांग ली। कमल ने कोमल को बाईक पर बैठाया तथा चल पड़ा। जैसे ही वह गांव मोठ पहुंचने वाला था, बीच रास्ते एक तेज रफ्तार ट्रक ने उनकी बाईक को टक्कर मारकर रौंद दिया। इस हादसे में कमल की मौके पर ही मौत हो गई जबकि पीछे बैठी नवविाहिता भी बुरी तरह घायल हो गई। कोमल के पैरों पर गंभीर चोटें आई हैं। राहगिरों ने पुलिस को सूचना दी। सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने मृतक फौजी की पहचान कर उसके शव को हिसार स्थित आर्मी अस्पताल पहुंचाया जबकि गंभीर रुप से घायल कोमल को हांसी स्थित सिविल अस्पताल भिजवाया जहां उसका उपचार चल रहा है।

जवान फौजी की मौत से गांव लोहारी राघो में शोक की लहर है। समाचार लिखे जाने तक मृतक फौजी का शव गांव नहीं पहुंच पाया था। मृतक के दोस्त कमल वैद ने बताया कि कमल कम्बोज बहुत ही मिलनसार, दयालु व हंसमुख स्वभाव के थे। देशभक्ति तो उनमें कूट-कूट कर भरी थी। हमेशा बहादुरी की बातें करने वाले कमल का पाकिस्तान का नाम सुनते ही खून खौल उठता था। आज सुबह जब कमल को सूचना मिली की भारतीय सेना ने पाकिस्तान पर एयरस्ट्राईक कर पहलगाम का बदला ले लिया है तो उसकी खुशी का ठिकाना नहीं था। कमल की माता शीला देवी पिछले सालभर से काला पीलिया से पीड़ित हैं। इस हादसे के बाद उनका रो-रोकर बुरा हाल है। कमल की मौत से पूरे गांव लोहारी राघो में गम का माहौल है।

Sindur Tradition : सिंदूर लगाने की परंपरा किस देवी से जुड़ी है? जानें इसके पीछे की कथा

सिंदूर हर हिंदू विवाहित महिला की पहचान है। सिंदूर को अखंड सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है और ये विवाहित महिला की शक्ति और समर्पण का भी प्रतीक है। यही वजह है कि हर हिंदू महिला विवाह के बाद मांग में सिंदूर भरती है। कई हिंदू धर्म शास्त्रों में सिंदूर लगाने के महत्व के बारे में बताया भी गया है। ऐसे में आज हम आपको बताने वाले हैं कि सिंदूर लगाने की परंपरा कब से शुरू हुई थी और सबसे पहले सिंदूर किसने लगाया था।

सिंदूर को लेकर क्या लिखा है धर्म शास्त्रों में?

वैदिक काल में भी स्त्रियां अपनी मांग में सिंदूर लगाती थीं, इस बात के साक्ष्य हमको ऋग्वेद और अथर्ववेद में मिलते हैं। वेदों में बताया गया है कि विवाहित स्त्रियां अखंड सौभाग्य की प्राप्ति के लिए सिंदूर लगाती थीं। वैदिक काल के दौरान सिंदूर को कुंकुम कहा जाता था। सिंदूर को वैदिक काल में पंच-सौभाग्य में शामिल किया गया था। पंच सौभाग्य बालों पर पुष्प, मंगल सूत्र, पैर की उंगली में छल्ले, चेहरे पर हल्दी और सिंदूर को कहा गया है।

सिंदूर सबसे पहले किसने लगाया? 

शिव पुराण में वर्णन मिलता है कि माता पार्वती ने वर्षों तक शिव जी को वर के रूप में प्राप्त करने के लिए तपस्या की थी। जब भगवान शिव ने मां पार्वती को अपनी अर्धांगिनी के रूप में स्वीकार कर लिया तो मां पार्वती ने सुहाग के प्रतीक के रूप में सिंदूर मांग में लगाया था। साथ ही उन्होंने कहा था कि जो स्त्री सिंदूर लगाएगी उसकी पति को सौभाग्य और लंबी आयु की प्राप्ति होगी। धार्मिक मतों के अनुसार सबसे पहले माता पार्वती ने ही सिंदूर लगाया था और तभी से ये परंपरा चल पड़ी।

त्रैता और द्वापर युग में भी महिलाएं लगाती थीं सिंदूर 

रामायण कालीन एक कथा है कि एक बार हनुमान जी ने माता सीता को सिंदूर लगाते देख लिया। इसके बाद जिज्ञासावश हनुमान जी ने माता सीता से पूछा कि आप सिंदूर क्यों लगाती हैं। सीता जी बोलीं की राम जी की दीर्घायु और सुख के लिए। यह सुनकर रामभक्त हनुमान जी ने अपने पूरे शरीर पर सिंदूर लगा लिया था, ताकि उनके प्रभु को लंबी आयु और सुख प्राप्त हो। इसलिए आज भी हनुमान जी को सिंदूर चढ़ाया जाता है। यानि त्रेता युग में भी सिंदूर का प्रचलन था। इसके साथ ही द्वापर युग में द्रौपदी के सिंदूर लगाने का वर्णन स्कंद पुराण में मिलता है। दुनिया की प्राचीन सभ्यताओं में से एक सिंधु घाटी की सभ्यता से भी कुछ ऐसे सबूत मिलते हैं जो बताते हैं कि सिंदूर लगाने की परंपरा तब भी थी। सिंधु घाटी सभ्यता से जुड़ी कुछ ऐसी मूर्तियां मिली हैं जिनमें महिलाओं की मांग में सिंदूर लगाने के साक्ष्य हैं। इस काल से जुड़ी देवियों की कुछ ऐसी मूर्तियां मिली हैं जिनके सिर के बीच में एक सीधी रेखा है और उस पर लाल रंग भरा गया है। पुरातत्वविदों का मानना है कि यह और कुछ नहीं बल्कि सिंदूर है।

पूजा में सिंदूर का महत्व

  • कई देवी-देवताओं की पूजा में सिंदूर अर्पित किया जाता है. खासकर हनुमान जी को सिंदूर बहुत प्रिय है और उन्हें चमेली के तेल के साथ सिंदूर चढ़ाया जाता है. ऐसा माना जाता है कि इससे वे प्रसन्न होते हैं और भक्तों की मनोकामनाएं पूरी करते हैं.
  • मां दुर्गा और माँ लक्ष्मी को भी सिंदूर चढ़ाया जाता है. सिंदूर को शक्ति और सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है, इसलिए देवियों को अर्पित करना शुभ माना जाता है.
  • गणेश जी को भी सिंदूर चढ़ाने की परंपरा है. हर शुभ काम को करने से पहले गणेश जी को सिंंदूर चढ़ाया जाता है.

आज भी क्यों इतना महत्वपूर्ण है सिंदूर?

आधुनिकता के इस युग में भी सिंदूर का महत्व कम नहीं हुआ है. यह केवल एक सांस्कृतिक पहचान नहीं, बल्कि नारी शक्ति, समर्पण और आस्था का प्रतीक है. स्त्रियां इसे अपने आत्मसम्मान और विश्वास के रूप में पहनती हैं. इसलिए सिंदूर लगाने की परंपरा महज एक सौंदर्य प्रसाधन नहीं, बल्कि देवी सती और देवी पार्वती से जुड़ी एक दिव्य कथा का प्रतीक है. यह परंपरा भारतीय संस्कृति में नारी शक्ति, प्रेम, और सौभाग्य की निरंतरता का प्रतीक बनकर आज भी जीवित है।

 

हाई अलर्ट पर हिमाचल, सीमाओं पर बढ़ाई गई चौकसी…

Sukhvinder Singh Sukhu On Operation Sindoor: भारतीय सेना के ऑपरेशन सिंदूर के बाद हिमाचल प्रदेश में भी अलर्ट जारी कर दिया गया है. राज्य की सीमाओं में चौकसी बढ़ा दी गई है. सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर भारतीय वायुसेना के हमले के बाद बुधवार को प्रस्तावित अपना बंजार दौरा रद्द कर दिया और प्रदेश सचिवालय में आपात बैठक बुलाकर प्रशासन को सतर्क रहने के आदेश जारी किए. मुख्यमंत्री ने कहा कि पाकिस्तान पर एयर स्ट्राइक के बाद सरकार पूरे हालात पर नजर बनाए हुए है. बॉर्डर एरिया में पुलिस को कड़ी नजर रखने के आदेश जारी किए है. उन्होंने कहा कि वीरभूमि हिमाचल के जवान देश की सुरक्षा में हमेशा आगे रहे हैं. कई जवान देश के लिए शहीद हुए हैं. पाक को उसकी नापाक हरकत के लिए सेना ने सबक सिखाया है. जिसके लिए सेना को बधाई है. केंद्र से सुरक्षा के लिए आ रहे आदेशों का सख्ती से पालन किया जा रहा है और किया जाएगा. सीमा में शिक्षण संस्थानों को बंद करने या खोलने को लेकर उपायुक्तों को स्थिति के आधार पर फैसला लेने के लिए अधिकृत किया गया है. मुख्यमंत्री एक्स पर जानकारी देते हुए कहा,  ”हमें भारतीय सेना की कार्रवाई पर गर्व है. सेना के तीनों अंगों ने दबाव बनाकर सटीक और सफल कार्रवाई की है. इसके लिए हम भारतीय सेना को बधाई देते हैं और उनके साथ मजबूती से खड़े हैं. हमारे प्रदेश ने पहले भी देश की एकता और अखंडता के लिए अपना बलिदान दिया है. देश के अधिकतम परमवीर चक्र हिमाचल के वीर सैनिकों और वीर सपूतों ने जीते हैं. साथ ही, हमने उच्च स्तरीय बैठक की है, जिसमें अधिकारियों को सतर्क और सजग रहने के निर्देश दिए हैं. विशेष रूप से सीमावर्ती ज़िलों में अधिकारियों को अतिरिक्त सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए हैं. मैं सभी पुलिस अधीक्षकों के संपर्क में हूँ. हम तकनीकी आधार पर इनपुट एकत्र कर रहे हैं और सोशल मीडिया के माध्यम से दुश्मन देश द्वारा किए जाने वाले भ्रामक प्रचार से कैसे निपटना है, इसके लिए भी हमने निर्देश दिए हैं।

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