राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय डगशाई में एन सी सी दिवस पर कार्यक्रम हुआ आयोजित

सोलन: राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय डगशाई में एन सी सी दिवस के अवसर पर एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता विद्यालय के प्रधानाचार्य कमल किशोर शर्मा ने की। वहीं विद्यालय के उप प्रधानाचार्य चंद्र देव ठाकुर ने बताया कि एन सी सी के इस कार्यक्रम में विद्यालय के 50 एन सी सी कैडेट्स ने भाग लिया। एन सी सी कैडेट्स के द्वारा एन सी सी पोस्टर भी तैयार किए गए थे। कार्यक्रम में एन सी सी कैडेट्स ने शपथ ली। और पोस्टर रैली का आयोजन भी किया गया। साथ ही एन सी सी गीत कैंडिडेट्स ने सुंदर गीत भी प्रस्तुत किया।

इसके बाद मार्च पास्ट का आयोजन भी किया गया था। वहीं विद्यालय की एन सी सी प्रमुख अंजना ठाकुर ने बताया कि कार्यक्रम के अंत में सभी कैडेट्स को रिफरेशमेंट में जूस और समोसे बांटे गए। वहीं इस अवसर पर स्टाफ वह अन्य गणमान्य लोग मौजूद रहे।

सुबाथू स्कूल ने मनाया वार्षिक समारोह…..

सोलन : सीनियर सेकंडरी स्कूल (ब्वॉयज) सुबाथू ने वीरवार को अपना वार्षिक समारोह मनाया। इस अवसर पर स्कूल प्रिंसिपल संजीव मोदगिल मुख्यातिथि रहे। मुख्यातिथि ने स्कूल के होनहार बच्चों को पुस्कार बांटे। जिनमें सोनू, हर्ष,पूजा, पंकज, कार्तिक शीतल, गजल, महिमा, कृतिका, प्रणव, सुहानी, मधु, चांदनी, पारस, प्रियांशी, अंजलि, हरीश, तुषार, हिमांशु,नीरज, वंश, केशव, पूर्ण, उज्जवल, निशान, अमन, अंकुश व भरत आदि अन्य बच्चों को पुरस्कृत किया। वहीं इस अवसर पर  उन्होंने बच्चों को नशे से दूर रहकर अपने जीवन के लक्ष्य को हासिल करने के लिए प्रेरित किया। वहीं स्कूल की वाइस प्रिंसिपल दीपांजली शर्मा ने स्कूल की वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत की और स्कूली गतिविधियों की जानकारी दी। इस अवसर स्कूली बच्चों ने रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम किया। यह जानकारी डॉ. कामेश्वर शर्मा ने दी।

त्रिलोकपुर में डिजिटल वित्तीय साक्षरता शिविर: एटीएम और पासवर्ड सुरक्षा के प्रति किया जागरूक

नाहन : आज हिमाचल प्रदेश राज्य सहकारी बैंक की त्रिलोकपुर शाखा ने NABARD के सहयोग से गांव त्रिलोकपुर में एक दिवसीय डिजिटल वित्तीय साक्षरता शिविर का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में बैंक के वरिष्ठ कर्मचारी हरीश कुमार शर्मा ने ग्रामीणों को अनावश्यक खर्चों को कम करके बचत करने के महत्व के बारे में जानकारी दी। उन्होंने भारत सरकार की योजनाओं जैसे प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना, प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना, और अटल पेंशन योजना की विस्तृत जानकारी दी। इसके अलावा, बैंक द्वारा चलाई जा रही विभिन्न बचत और ऋण योजनाओं, जैसे महिला सशक्तिकरण ऋण योजना, किसान क्रेडिट कार्ड, और हिम स्वरोजगार क्रेडिट कार्ड के लाभों को ग्रामीणों के समक्ष रखा गया। डिजिटल बैंकिंग को बढ़ावा देने के उद्देश्य से, शिविर में ग्रामीणों को एटीएम जानकारी और पासवर्ड को गोपनीय रखने की सख्त सलाह दी गई। साथ ही, मोबाइल बैंकिंग और अन्य डिजिटल सेवाओं के सुरक्षित उपयोग के उपाय भी साझा किए गए। कार्यक्रम में पंचायत प्रधान रजनी, सचिव हंसराज, वार्ड सदस्य सुरेश कुमार और भूपेंद्र, कंप्यूटर ऑपरेटर पूनम, सीमा शर्मा, और अन्य स्थानीय ग्रामीणों ने भाग लिया। इस पहल का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में वित्तीय साक्षरता को बढ़ावा देना और डिजिटल बैंकिंग के प्रति जागरूकता लाना था।

पीयू में आए युवक की माैत: पोस्टमार्टम में बड़ा खुलासा, जानिए… आखिर हाॅस्टल नंबर-7 में उस रात हुआ क्या था

कुल्लू: हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले के बंजार क्षेत्र के युवक विकास की चंडीगढ़ में हुई मौत मामले में पुलिस ने 2 युवकों को गिरफ्तार किया है। जानकारी के अनुसार विकास चंडीगढ़ के पंजाब यूनिवर्सिटी के ब्वायज होस्टल में अपने दोस्तों के पास आया था, जहां नशे की ओवरडोज और दम घुटने के कारण उसकी मौत हो गई। चंडीगढ़ पुलिस ने इस मामले में विकास के 2 दोस्तों आर्यन और परीक्षित को गिरफ्तार किया है। आर्यन कुल्लू के बंजार का रहने वाला है, जबकि परीक्षित शिमला का निवासी है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक दोनों युवकों के खिलाफ गैर-इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया गया है।जांच में सामने आया कि विकास और उसके दोस्तों ने पहले शराब पी, फिर नशा किया। आर्यन के मोबाइल से कुछ वीडियो भी बरामद हुए हैं, जिसमें वह विकास की नाक को कंबल से दबाता हुआ दिखाई दे रहा है। यह वीडियो पुलिस के लिए अहम सुराग साबित हुआ और दोनों आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने बताया कि आरोपियों ने न तो विकास की तबीयत बिगड़ने के बाद अस्पताल जाने की कोशिश की और न ही पुलिस को सूचना दी। मंगलवार को जब विकास को होश नहीं आया तो उसे सैक्टर-16 के अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। चंडीगढ़ पुलिस अब इस मामले की गहराई से जांच कर रही है और आरोपियों से पूछताछ जारी है।

आलू प्याज की बोरी और रेडीमेड कपड़ों के कार्टन चोरी करने वाले दो आरोपी गिरफ्तार…

सोलन : आलू प्याज के दामों में चढ़ी महंगाई नीचे उतरने का नाम नहीं ले रही है। इसका नतीजा यह निकला कि अब चोर दूसरे सामान के साथ व्यापारियों के आलू प्याज की बोरियों पर रात के अंधेरे में हाथ साफ करने लगे हैं। सोलन में ऐसी ही घटना पेश आई है। शिमला के रहने वाले दो सगे भाइयों ने आधीरात के बाद ओल्ड डीसी चौक के पास एक दुकान के बाहर रखी आलू व प्याज की दो बोरियों और माल रोड पर एक रेडीमेड गार्मेंट्स की दुकान के बाहर रखे कपड़ों के कार्टन पर हाथ साफ कर दिया। बद्द किस्मती से उनकी यह हरकत सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई और पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए दोनों चोरबंधुओं को शिमला की विक्ट्री टनल के पास से गिरफ्तार कर लिया। सोलन के एसपी गौरव सिंह के हवाले से मिली जानकारी के अनुसार 19 नवंबर को जौणाजी रोड निवासी आर्यन गुप्ता ने पुलिस थाना सोलन में आकर लिखित रिपोर्ट दर्ज करवाई कि उनकी माल रोड पर रेडीमेट कपड़ों की दुकान है। इन्होंने लुधियाना से रेडीमेड कपड़े मंगवाये थे। उक्त कपड़े का कार्टन लेबर 19नवंबर की रात को उनकी दुकान के बाहर छोड़ा था । जब वे प्रातः के समय अपन दुकान पर आये तो दुकान के बाहर रखा कपड़े का कार्टन नदारद था। जब वे आसपास के सीसीटीवी चैक कर रहे थे तो इसी दौरान ओल्ड डीसी चौक दुकानदार ने उन्हें बताया कि उसकी दुकान के बाहर रखी प्याज व आलू के दो बोरी भी चोरी हुई हैं। जब उन्होंने सीसीटीवी चैक किये तो पाया कि एक अल्टो कार एचपी-03सी- 9655 सपरून की तरफ से आई जो सन्नी साईड को जाने वाले रोड के पास खड़ी हुई जिसमें से एक युवक उतरा तथा दुकान के बाहर रखी प्याज व आलू की दो बोरी उठाकर आल्टो कार में डाली। उसके बाद आल्टो कार मालरोड पर आर्यन गुप्ता की दुकान के पास रूकी दुकान के बाहर रखे कपड़े के नग को उठाकर गाड़ी में डालकर आगे बढ़ गई। चोरी हुये सामान की कीमत लगभग 35508 रुपये आंकी गई है। इस दौरान पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए सीसीटीवी फुटेज के आधार पर उक्त गाड़ी की तलाश की गई। तलाश के दौरान उक्त चोरी में सलिप्त दो आरोपियों लक्कड़ बाजार शिमला निवासी 30 गौरव टांक व उसके भाई 31 वर्षीय धनपाल टांक को सदर सोलन की पुलिस टीम ने विक्ट्री टनल शिमला के पास से गिरफतार कर लिया।गिरफ्तार आरोपी पहले भी अपराधिक गतिविधियों में संलिप्त रहे हैं। जिनके विरूद्ध जिला शिमला के सदर थाने में चोरी के दो मामले दर्ज हैं। गिरफतार दोनों आरोपियों को आज न्यायालय में पेश किया जायेगा। मामले में जांच जारी है।

टिप्पर चालक की लापरवाही पड़ी भारी, टायर के नीचे कुचला गया डेढ़ साल का मासूम…..

सोलन: पुलिस थाना नालागढ़ के तहत गांव डाडी भोला के पास एक टिप्पर की चपेट में आने से डेढ़ वर्षीय बच्चे की मौत हो गई। मृतक बच्चे की पहचान कार्तिक पुत्र राजू निवासी गांव बदायूं बजुर्ग, डाकघर खुर्द, थाना सिरौली, तहसील आंवला व जिला बरेली (उत्तर प्रदेश) के रूप में की गई है। यह दर्दनाक हादसा तब हुआ जब बच्चा अपने परिवार के साथ सड़क पार कर रहा था और अचानक टिप्पर के पिछले टायर के नीचे आ गया। हादसे के तुरंत बाद बच्चे को अवस्था में नालागढ़ अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। पुलिस द्वारा की गई प्रारंभिक जांच में यह सामने आया है कि यह हादसा टिप्पर चालक की लापरवाही से हुआ। हादसे के बाद चालक के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है और पुलिस छानबीन कर रही है। एसपी अशोक वर्मा ने इस घटना की पुष्टि करते हुए कहा कि मामले की गहनता से जांच की जा रही है और दोषी चालक को कड़ी सजा दिलवाने के लिए सभी जरूरी कदम उठाए जाएंगे। इस घटना से इलाके में शोक की लहर दौड़ गई है और स्थानीय लोग सड़क सुरक्षा के मुद्दे पर गंभीर चिंता जता रहे हैं।

एसडीआरएफ के कांस्टेबल शशि पाल को चुना गया सर्वश्रेष्ठ प्रशिक्षु…

शिमला: हिमाचल प्रदेश राज्य आपदा मोचन बल के 30 जवानों ने नेहरू इंस्टीट्यूट ऑफ माउंटेनियरिंग, उत्तरकाशी में स्पेशल बेसिक माउंटेनियरिंग कोर्स सफलतापूर्वक पूरा किया। यह इंस्टीट्यूट रक्षा मंत्रालय के अधीन है। इसमें प्रशिक्षक भी भारतीय सेना के अधिकारी होते हैं। एसडीआरएफ की कांगड़ा और मंडी के 30 जवानों ने 28 दिवसीय गहन प्रशिक्षण के दौरान रॉक शिल्प, बर्फ शिल्प, बर्फ शिल्प, मैप रीडिंग, प्राथमिक चिकित्सा और आवश्यक उत्तरजीविता तकनीकों में अपने कौशल को निखारने बारे बताया गया। प्रशिक्षण के दौरान एसडीआरएफ जवानों ने उच्च ऊंचाई वाले इलाकों में वास्तविक दुनिया की चुनौतियों के लिए खुद को तैयार किया। एसडीआरएफ (राज्य आपदा मोचन बल) यह प्राकृतिक और मानव निर्मित आपदाओं में राहत और बचाव का काम करता है। एसडीआरएफ कांगड़ा कंपनी के कांस्टेबल शशि पाल को सर्वश्रेष्ठ प्रशिक्षु चुना गया। गुरुवार को शिविर के समापन अवसर पर हिमाचल प्रदेश एसडीआरएफ के पुलिस अधीक्षक अर्जित सेन ठाकुर विशेष तौर पर उपस्थित रहे।

अब हिमाचल प्रदेश में मकान बनाने के लिए मिलेंगे 4 लाख रुपए, महिलाएं फटाफट करा लें इस पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन….जानिए पूरी ख़बर बस एक क्लिक पर ?

Himachal Pradesh News: हिमाचल प्रदेश में विधवा महिलाओं को मकान बनाने के लिए चार लाख रुपये की आर्थिक मदद दी जाएगी. हिमाचल प्रदेश सरकार ऐसी विधवा महिलाओं की मकान बनाने में मदद करेगी, जो भवन एवं सन्निर्माण कामगार कल्याण बोर्ड में पंजीकृत हैं. भवन एवं सन्निर्माण कामगार कल्याण बोर्ड में पंजीकृत सभी पात्र महिलाओं को मकान बनाने के लिए चार लाख रुपए की वित्तीय सहायता मिलेगी. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि राज्य सरकार विधवाओं, दिव्यांग महिलाओं और एकल नारियों को उनके मकान बनाने के सपने को साकार करने के लिए वित्तीय मदद देने की पहल कर रही है. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि हिमाचल प्रदेश भवन एवं सन्निर्माण कामगार कल्याण बोर्ड, विवाह के लिए वित्तीय सहायता, मातृत्व लाभ, शिक्षा सहायता, चिकित्सा देखभाल, पेंशन, विकलांगता पेंशन, दाह संस्कार व्यय, आकस्मिक मृत्यु के लिए राहत, छात्रावास सुविधाएं और विधवा पेंशन सहित विभिन्न कल्याणकारी योजनाएं लागू कर रहा है. मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार सभी वर्गों के उत्थान के लिए प्रतिबद्धता के साथ काम कर रही है. मकान बनाने के लिए आर्थिक मदद में घर के लिए तीन लाख रुपए और रसोई, शौचालय और स्नानघर जैसी आवश्यक सुविधाओं के लिए एक लाख रुपए की अतिरिक्त मदद भी शामिल होगी. इसका फायदा उठाने के लिए महिलाओं को बोर्ड में पंजीकृत होना चाहिए. पिछले 12 महीनों में कम से कम 90 कार्य दिवस पूरे करने चाहिए और उनकी वार्षिक आय 2.50 लाख रुपए से कम होनी चाहिए. पात्र महिलाओं को जरूरी कागजों समेत श्रम अधिकारी के जरिए इस योजना के लिए आवेदन करना होगा. इसके लिए स्वीकृति मिलने के बाद वित्तीय मदद सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में ट्रांसफर कर दी जाएगी।

हिमाचल प्रदेश के 7 जिलों में बैंकों से कर्ज लेने से कतरा रहे हैं लोग, जानिए पूरी ख़बर?

शिमला: हिमाचल प्रदेश के सात जिलों के लोग बैंकों से कर्ज लेने से कतरा रहे हैं। इन जिलों में लोगों का 50 से 60 फीसदी पैसा बैंकों में जमा रह जाता है। वे उसका इस्तेमाल स्वरोजगार, कारोबार, सुविधाएं और संसाधन जुटाने में भी नहीं कर रहे हैं। सरकार भी कम ऋण जमा अनुपात से चिंतित है। मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना ने कम सीडी अनुपात के कारणों की पहचान करने के निर्देश जारी किए हैं। इसके लिए जिला स्तर पर विशेष सब कमेटियां गठित करने को कहा है। बैंकर्स समिति को प्रति माह सीडी रेशो की समीक्षा करने के निर्देश भी दिए गए हैं। वित्त विभाग के अधिकारियों ने बताया कि कम अनुपात यह संकेत देता है कि बैंक अपने ढांचे का पूरा उपयोग नहीं कर पा रहे हैं। ऐसे में बैंकों से और अधिक सक्रियता दिखाने की अपेक्षा है। सरकार की चिंता की वजह यह भी है कि उसकी स्वरोजगार से जुड़ी कई योजनाएं ऋण आधारित हैं।

सामर्थ्य कार्यक्रम के व्यापक लाभ के लिए पात्रता शर्तों में बदलाव

ऊना: ऊना जिला प्रशासन ने अपनी खास पहल सामर्थ्य कार्यक्रम को और अधिक प्रभावी बनाने और इसके लाभ को अधिक लोगों तक पहुंचाने के लिए पात्रता शर्तों में बदलाव किया है। इन बदलावों के तहत आय सीमा और अन्य शर्तों को लोगों के अधिक लाभ की दृष्टि से संशोधित किया गया है। अब, इस कार्यक्रम का लाभ प्राप्त करने के लिए पारिवारिक आय सीमा को 50 हजार से बढ़ाकर 60 हजार रुपये कर दिया गया है। इसके अलावा, पहले प्रार्थी के पिता के निधन अथवा 70 फीसदी दिव्यांग होने पर कार्यक्रम का लाभ प्राप्त किया जा सकता था। दिवयांगता की शर्त को अब 70 से घटा कर 60 फीसदी कर दिया गया है। उपायुक्त जतिन लाल ने बताया कि जिला प्रशासन ऊना ने सामर्थ्य कार्यक्रम से युवाओं, महिलाओं और समाज के विभिन्न वर्गों को सशक्त बनाने तथा सामुदायिक विकास को बढ़ावा देने का उद्देश्य रखा है। इस कार्यक्रम के तहत गरीब परिवारों के बच्चों को उच्च शिक्षा, प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी और अन्य जरूरी मामलों में आर्थिक सहायता दी जाती है। इसके साथ ही इसमें महिलाओं को आत्मरक्षा के प्रशिक्षण भी दिए जाते हैं। अब तक, जिले में गरीब परिवारों के 35 बच्चों को इस कार्यक्रम के तहत आर्थिक सहायता दी जा चुकी है, जिनमें 34 लड़कियां और एक लड़का शामिल है, जिसे आर्मी टेस्ट की तैयारी के लिए मदद प्रदान की गई है। पहले, कार्यक्रम के लाभ के लिए पात्रता की शर्तें थीं कि लाभार्थी के सिर से पिता का साया उठ गया हो अथवा पिता 70 प्रतिशत से अधिक शारीरिक रूप से अक्षम हों, और परिवार की वार्षिक आय 50 हजार रुपये से अधिक न हो। अब इन शर्तों में बदलाव करते हुए पारिवारिक आय सीमा को 60 हजार रुपये तक बढ़ा दिया गया है और पिता के निधन पर तो प्रार्थी लाभ के लिए पात्र है ही पर साथ ही दिव्यांगता के मामलों में दिव्यांग प्रतिशतता की शर्त को 70 से घटाकर 60 प्रतिशत किया गया है, ताकि अधिक लोग इस कार्यक्रम का लाभ उठा सकें।