



शिमला: हिमाचल प्रदेश में पहली बार पंचायतें सौर परियोजनाओं से बिजली तैयार बेच सकेंगी। हरित पंचायतों में परिवर्तित करने की योजना के दूसरे चरण में हिम ऊर्जा ने राज्य की 13 और पंचायतों की जमीन का चयन कर लिया है। चंबा की करियां और भटियात, हमीरपुर की चलोह, कांगड़ा की हडोली, थला उरला, परगोड और बसंतपुर, शिमला की कीर्टी और शरोग, सोलन की भारती, दून, कंडोल और नवगांव के अलावा ऊना की देवली पंचायत शामिल है। अब सरकार से मंजूरी मिलने के बाद इन पंचायतों में सोलर प्लांट स्थापित करने लिए टेंडर आवंटित होंगे। योजना के पहले चरण में पायलट प्रोजेक्ट के आधार पर राज्य की 9 ग्रीन पंचायतों का कार्य अंतिम चरण में है। हिमाचल सरकार पंचायतों को हरित (ग्रीन) पंचायतों में परिवर्तित करने की ओर लगातार अग्रसर है। इस महत्वाकांक्षी योजना में प्रदेश के हर विधानसभा की एक पंचायत में 500 किलोवाट के सोलर प्लांट स्थापित होंगे। प्रत्येक सौर परियोजना के निर्माण के लिए दो करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। कार्यशील होने के बाद प्रत्येक परियोजना से प्रतिदिन लगभग 2,250 यूनिट विद्युत उत्पादन और 25 से 27 लाख रुपये की आय का अनुमान है। परियोजनाओं से उत्पन्न बिजली की खरीद राज्य विद्युत बोर्ड की ओर से की जाएगी। पंचायतें बिजली को बेचकर विकास कार्य में भी खर्च करेंगे। इसके साथ ही स्थानीय युवाओं को आय सृजन के नए अवसर भी उपलब्ध होंगे। सरकार के मुताबिक एक परियोजना से कमाई का 40 फीसदी पंचायत, 30 फीसदी हिम ऊर्जा, 20 फीसदी राज्य सरकार और 10 फीसदी हिस्सा स्थानीय पंचायत में विधवा, अनाथ और विकलांगों के कल्याण पर भी खर्च किया जाएगा।
इन पंचायतों में प्लांट लगाने का कार्य अंतिम चरण में