



Uttarkashi flash floods: उत्तरकाशी के धराली और हर्षिल में बादल फटने के बाद आए सैलाब से प्रभावित क्षेत्रों में सेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और अन्य एजेंसियों का रेस्क्यू ऑपरेशन लगातार जारी है। फंसे हुए लोगों को निकालने के लिए हेलीकॉप्टर तैनात किए गए हैं और उन्हें मातली हेलीपैड पर लाकर सुरक्षित यात्रा की व्यवस्था की जा रही है।
मुख्यमंत्री की निगरानी में बचाव कार्य
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी स्वयं राहत एवं बचाव कार्यों पर नजर रख रहे हैं। उन्होंने अधिकारियों को सड़क, बिजली, संचार और खाद्य आपूर्ति को जल्द से जल्द बहाल करने के निर्देश दिए। सीएम ने आश्वासन दिया कि सभी प्रभावित लोगों को सुरक्षित निकालने और सामान्य स्थिति बहाल करने में कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी। वहीं उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा कि उत्तरकाशी में आज प्रातः काल धराली में चल रहे राहत एवं बचाव कार्यों की समीक्षा की। हेली सेवा, MI 17 और चिनूक हेलीकॉप्टरों की मदद से सुबह से ही युद्ध स्तर पर रेस्क्यू अभियान चलाकर लोगों को सुरक्षित वापस लाया जा रहा है।आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के मार्गदर्शन में केंद्र सरकार से पूर्ण सहयोग प्राप्त हो रहा है। इस दौरान अधिकारियों से सड़क, संचार और बिजली की बहाली के साथ-साथ खाद्यान्न आपूर्ति पर उन्हें आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। हम शीघ्र से शीघ्र सभी प्रभावितों को सुरक्षित निकालने और सामान्य जनजीवन को बहाल करने का प्रयास कर रहे हैं।
वायुसेना की बड़ी भूमिका
भारतीय वायुसेना के शिनुक और Mi-17V5 हेलीकॉप्टर, साथ ही C-295 और AN-32 परिवहन विमान युद्धस्तर पर राहत कार्य में लगे हैं। सड़क संपर्क टूटने के बाद वायुसेना ने 130 NDRF/SDRF/IA कर्मियों को तैनात किया और करीब 20 टन राहत सामग्री हवाई मार्ग से पहुंचाई।
लापता सैन्यकर्मियों की तलाश
आपदा के बाद नजदीकी गांवों और सेना के शिविरों में शरण लेने वाले लोगों को हेलीकॉप्टरों के जरिए बाहर निकाला जा रहा है। खोज अभियान में एनडीआरएफ के 69 बचावकर्मी, दो खोजी कुत्ते और पशु-चिकित्सकों की टीम शामिल है। सेना के अनुसार, एक जूनियर कमीशन ऑफिसर समेत 9 सैन्यकर्मी और 50 से अधिक लोग अब भी लापता हैं।लगातार भारी बारिश के कारण कई सड़कें क्षतिग्रस्त या भूस्खलन के मलबे से अवरुद्ध हो गई हैं, जिससे राहत कार्य में मुश्किलें आ रही हैं। इसके बावजूद टीमें कठिन परिस्थितियों में वायुसेना की मदद से प्रभावित इलाकों तक पहुंच रही हैं।
हवाई मार्ग से पहुंचाए जा रहे उपकरण
आधुनिक उपकरणों को एयर रूट से धराली तक पहुंचाने के प्रयास तेज कर दिए गए हैं, ताकि मलबे में दबे लोगों की तलाश में तेजी लाई जा सके। सेना और अन्य एजेंसियां मिलकर मानवीय सहायता और आपदा राहत (HADR) अभियान को पूरी ताकत से आगे बढ़ा रही हैं।