



दिल्ली: संसद का मानसून सत्र अपने चरम पर है और राजनीतिक पारा हर दिन चढ़ता जा रहा है। 21 जुलाई से शुरू हुआ यह सत्र 21 अगस्त तक चलेगा, लेकिन पहले ही सप्ताह से सत्र का माहौल काफी गरम है। आज भी संसद में हंगामे के आसार जताए जा रहे हैं, खासकर मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) को लेकर।
लोकसभा की कार्यवाही दोपहर 2 बजे तक स्थगित
सदन में हंगामे के बीच आज लोकसभा की कार्यवाही दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। राज्यसभा की कार्यवाही जैसे ही शुरू हुई सदन में विपक्ष ने जोरदार हंगामा शुरू कर दिया। जिसकी वजह से राज्यसभा की कार्यवाही कल तक के लिए स्थगित कर दी गई। SIR यानी Special Intensive Revision प्रक्रिया पर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा। विपक्ष का आरोप है कि निर्वाचन आयोग की यह कवायद सत्ताधारी गठबंधन को फायदा पहुंचाने के लिए की जा रही है। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने इस प्रक्रिया को “वोट चोरी की साजिश” करार देते हुए चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाए हैं। विपक्षी गठबंधन ‘INDIA’ इस मुद्दे पर एकजुट दिख रहा है और संसद में इसका विरोध लगातार तेज हो रहा है। वहीं, सरकार का फोकस आज लोकसभा में एक अहम खेल विधेयक को पारित कराने पर है। ऐसे संकेत मिले हैं कि यह विधेयक भारतीय खेल प्रशासन में पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ाने के उद्देश्य से लाया गया है। सरकार का कहना है कि लोकतंत्र में सुधार और विकास के लिए ऐसे कदम जरूरी हैं, जबकि विपक्ष का आरोप है कि सरकार ध्यान भटकाने की कोशिश कर रही है।
राज्यसभा में मणिपुर और एसएससी का मुद्दा गूंजेगा
राज्यसभा में आज मणिपुर में राष्ट्रपति शासन की अवधि छह महीने बढ़ाने का प्रस्ताव गृह मंत्री अमित शाह द्वारा प्रस्तुत किया जाएगा। साथ ही, आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने SSC फेज-13 परीक्षा में अनियमितताओं को लेकर नियम 267 के तहत कार्य स्थगन प्रस्ताव दिया है। वहीं 7 अगस्त को होने वाली ‘INDIA’ ब्लॉक की बैठक में उद्धव ठाकरे की भागीदारी से विपक्ष को और मजबूती मिलने की उम्मीद है। संजय राउत ने बताया कि ठाकरे 6 अगस्त को दिल्ली पहुंचेंगे और बैठक में हिस्सा लेने के साथ-साथ संसद में पार्टी के नए दफ्तर का दौरा भी करेंगे। इस मानसून सत्र में विपक्ष ने केंद्र सरकार को आतंकवादी घटनाओं, बिहार के SIR विवाद, भारत-पाक संघर्ष विराम, और हाल ही में सामने आए ऑपरेशन सिंदूर को लेकर घेरने की कोशिश की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इन सवालों का जवाब लोकसभा में दिया, लेकिन बहस की तीव्रता कम नहीं हुई है।