Home » Uncategorized » प्रदेश में मानसून का कहर जारी, पुरे राज्य में मौसम विभाग ने किया 5 अगस्त तक भारी बारिश का अलर्ट

प्रदेश में मानसून का कहर जारी, पुरे राज्य में मौसम विभाग ने किया 5 अगस्त तक भारी बारिश का अलर्ट

शिमला: हिमाचल प्रदेश में मॉनसून की बारिश से लोगों की मुश्किलें बढ़ रही हैं। मौसम विभाग ने पांच अगस्त तक भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। अभी भी हिमाचल प्रदेश के कई भागों में बारिश लगातार जारी है। बरसात में जगह-जगह भूस्खलन व अचानक बाढ़ की घटनाओं से जनजीवन पर असर पड़ा है। राज्य में गुरुवार शाम तक एक नेशनल हाईवे सहित 301 सड़कें बाधित रहीं। 436 बिजली ट्रांसफार्मर व 254 जल आपूर्ति योजनाएं भी प्रभावित हैं। आपदाग्रस्त मंडी जिले में अभी भी सबसे अधिक 193 सड़कें ठप हैं। कुल्लू जिले में 134 और चंबा में 142 बिजली ट्रांसफार्मर बाधित हैं। कांगड़ा जिले के धर्मशाला व नूरपुर उपमंडल में 134 जल आपूर्ति योजनाएं प्रभावित हैं। प्रदेश में इस मानसून सीजन में 20 जून से 30 जुलाई तक 170 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है। 278 लोग घायल हुए हैं। 36 लोग अभी भी लापता हैं। इस दौरान 76 लोगों की सड़क हादसों में मौत हुई है। बादल फटने, भूस्खलन, बाढ़ से अब तक 1,687 कच्चे-पक्के घरों, दुकानों को क्षति हुई है। 1,226 गोशालाएं भी क्षतिग्रस्त हुई हैं। 1,404 पालतु पशुओं की मौत हुई है। नुकसान का कुल आंकड़ा 1,59,981.42 लाख रुपये पहुंच गया है। मौसम विभाग के अनुसार 1 अगस्त को शिमला, सोलन और सिरमौर में, 2 अगस्त को उना, बिलासपुर, शिमला, सोलन और सिरमौर में, 3 अगस्त को उना, बिलासपुर, हमीरपुर, चंबा, कांगड़ा, मंडी और सिरमौर में भारी बारिश का येलो अलर्ट रहेगा। 4 और 5 अगस्त को भी कई जिलों में अलर्ट जारी रहेगा। बीते 24 घंटों में चंबा जिले के चुआड़ी में सबसे ज्यादा 180 मिलीमीटर बारिश हुई। पालमपुर (कांगड़ा) में 160, कांगड़ा में 120, नादौन में 80, पंडोह में 60, संगड़ाह में 60, देहरा गोपीपुर में 50, और गोहर, पच्छाद, जोगेंद्रनगर में 40-40 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई। प्रशासन ने लोगों से सतर्क रहने और नदी-नालों से दूर रहने की अपील की है। किन्नौर में भी रुक-रुक कर बारिश हो रही है, जिसके चलते किन्नर कैलाश यात्रा बीते बुधवार को स्थगित रही। राज्य आपातकालीन संचालन केंद्र के अनुसार प्रदेश के 22 संवेदनशील स्थानों पर भूस्खलन की स्थिति की निगरानी की जा रही है। मंडी के पराशर, कोटरोपी, घोड़ा फार्म, घोड़ा फार्म-2, ग्रिफन पीक-1, पीक-3, पीक-4, पीक-5, पीक-6, पीक-8, पीक-9, पीक-10 और विश्वकर्मा मंदिर में खतरा कम पाया गया है। कांगड़ा के बलडुन नूरपुर, धर्मशाला और कॉलोनी कांगड़ा में भी स्थिति सामान्य है। सोलन के डक्षी में खतरा कम है। वहीं शिमला के जतोग, सोलन के डगशाई, मंडी के सनारली-2 और तत्तापानी में मध्यम खतरा दर्ज किया गया है। मंडी के संधोल में कोई खतरा नहीं पाया गया है।

Leave a Comment