



लाइव हिमाचल/शिमला: शिमला हिमाचल प्रदेश में लगातार जारी बारिश के जगह-जगह भूस्खलन से कई इलाकों में सड़कें, बिजली व पेयजल आपूर्ति ठप है। कीरतपुर-मनाली फोरलेन एक बार फिर प्राकृतिक आपदा की चपेट में आता दिख रहा है। मंडी से कुल्लू की ओर जा रही फोरलेन सड़क कैंची मोड़ से कुछ आगे मगर नाले के पास दोबारा धंसने लगी है। यह वही स्थान है, जहां वर्ष 2023 में भारी भूस्खलन से सड़क का बड़ा हिस्सा बह गया था। तब लाखों खर्च कर मरम्मत की गई थी, लेकिन इस बार भी स्थिति फिर उसी मोड़ पर पहुंच गई है, जहां से रास्ता खत्म होने का डर सताने लगा है। मंडी की एसपी साक्षी वर्मा ने बताया कि पंडोह बांध के पास भूस्खलन के बाद चंडीगढ़-मनाली राष्ट्रीय राजमार्ग अवरुद्ध हो गया है। माना जा रहा है कि कल रात से लगातार हो रही बारिश के कारण भूस्खलन हुआ है। अधिकारी मौके पर हैं और मलबा हटाने और यातायात बहाल करने के लिए काम कर रहे हैं। बीते कुछ दिनों की भारी वर्षा से मगर नाले में उफान आया और उसका मलबा सीधे फोरलेन पर आ गिरा। अस्थायी रूप से मार्ग बंद हुआ, लेकिन इससे नीचे की नींव और अधिक कमजोर हो गई। अब सड़क पर दरारें पड़नी शुरू हो गई हैं और सतह बैठती जा रही है। इससे 500 मीटर पहले कैंची मोड़ फोरलेन पर पहले ही डबल लेन का हिस्सा टूट चुका है।
ऐसे में पूरा क्षेत्र खतरे के मुहाने पर खड़ा है।
स्थिति की गंभीरता इसी से समझी जा सकती है कि इसी स्थान से हटोण गांव को जोड़ने वाला संपर्क रोड भी धीरे-धीरे धंस रहा है। ग्रामीणों में दहशत और प्रशासन के प्रति गहरी नाराज़गी है। हरदेव शर्मा स्थानीय निवासी कहते है कि हर साल यही होता है, सड़क कभी भी बैठ सकती है। अफसर बस जेसीबी लगाते हैं, लेकिन समाधान कोई नहीं देता। इधर, कैंची मोड़ से महज 100 मीटर पीछे फोरलेन सुरंग का निर्माण कार्य जारी है। भूगर्भीय विशेषज्ञ पहले ही चेतावनी दे चुके हैं कि यह इलाका भू-संवेदनशील है। यहां की पहाड़ियां कच्ची मिट्टी और कमजोर चट्टानों से बनी हैं, जो अधिक वर्षा में आसानी से दरकने लगती हैं। एक ओर पहाड़ों से मलबा गिरता है, तो दूसरी ओर सड़कें अंदर से बैठने लगती हैं। ऐसे में यदि समय रहते समाधान नहीं खोजा गया तो मंडी-कुल्लू की लाइफलाइन एक बार फिर पूरी तरह टूट सकती है। फिलहाल पंडोह पुलिस मौके पर तैनात है और एहतियातन यातायात को सुरक्षित ढंग से निकाला जा रहा है।