



शिमला: आपदा के समय सोशल मीडिया पर किसी भी तरह की झूठी सूचना या अफवाह फैलाने वालों पर अब सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। पुलिस मुख्यालय ने सभी जिला पुलिस अधीक्षकों को विशेष दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इसमें ऐसी गतिविधियों पर तुरंत संज्ञान लेने और एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया गया है। इन निर्देशों का मुख्य उद्देश्य आपदा के दौरान लोगों के बीच भय, भ्रम और अराजकता फैलाने वाली गतिविधियों पर अंकुश लगाना है, जिससे राहत और बचाव कार्यों में कोई बाधा न आए। पुलिस महानिदेशक अशोक तिवारी ने बताया कि हाल ही में देखने में आया है कि कुछ असामाजिक तत्व आपदा की स्थिति का फायदा उठाकर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर गलत जानकारी और अफवाहें फैलाते हैं। ऐसी गतिविधियों से न केवल जनता में अनावश्यक डर फैलता है, बल्कि बचाव टीमों का ध्यान भी भटकता है। इससे वास्तविक पीड़ितों तक मदद पहुंचने में देरी हो सकती है। जारी किए गए दिशा-निर्देशों के अनुसार जिला पुलिस अधीक्षक अपने क्षेत्रों में सोशल मीडिया पर कड़ी निगरानी रखेंगे। किसी भी संदिग्ध पोस्ट, तस्वीर या वीडियो पर जिसमें अफवाह फैलाने या झूठी सूचना देने की आशंका हो तत्काल कार्रवाई की जाएगी। ऐसे मामलों में भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की जाएगी। इनमें लोक शांति भंग करने (धारा 153ए), 196 (2) अफवाह फैलाने (धारा 356) और झूठी सूचना फैलाने (धारा 505(1)बी) जैसी धाराएं शामिल हैं। इसके अतिरिक्त सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) अधिनियम के तहत भी कार्रवाई की जा सकती है। पुलिस मुख्यालय ने स्पष्ट किया है कि सोशल मीडिया उपयोगकर्ता भी इस बात का ध्यान रखें कि वे किसी भी अपुष्ट या संदिग्ध जानकारी को आगे साझा न करें। किसी भी जानकारी को साझा करने से पहले उसकी सत्यता की जांच अवश्य कर लें। पुलिस ने आम जनता से अपील की है कि वे किसी भी झूठी खबर या अफवाह की जानकारी तुरंत स्थानीय पुलिस, पुलिस कंट्रोल रूम 100 या साइबर हेल्पलाइन 1930 पर दें ताकि समय रहते उचित कार्रवाई की जा सके।