



शिमला : कांगड़ा जिला के फतेहपुर निवासी रोहित चौहान विदेश में पढ़ाई कर अपनी स्नातकोत्तर डिग्री (मास्टर इन कैनाबिस प्लांट) प्राप्त की। कई सालों तक शोध कार्य व इस क्षेत्र में नौकरी करने के बाद वर्ष 2020 में वापिस हिमाचल लौटे। मन में पहले से ठान रखा था कि हिमाचल में इसी क्षेत्र में काम करना है। हिमाचल में भांग की खेती को कानूनी मान्यता नहीं है। बावजूद इसके वह विदेश से लौटे और उद्योग स्थापित करने का निर्णय लिया। वर्ष 2021 में आर्युवेद विभाग से इसके लिए लाइसेंस प्राप्त कर अन्य औपचारिकताएं पूरी कर फतेहपुर में उद्योग स्थापित किया। कैनरमा नाम से अपनी कंपनी बनाई और उद्योग भी लगाया। इनकेयर लैब नाम से इनका उद्योग स्थापित है। अभी 10 लोग इनके साथ काम कर रहे हैं। इनकी कंपनी 10 तरह की दवाइयां जिनमें पेन रिलीफ बाम, पेन रिलीफ रोल आन, पेन रिलीफ मसाज आयल, त्रैलोक्य विजयवती सहित कुछ अन्य उत्पाद बनाते हैं। उनकी कंपनी 5 सालों में ही 1 करोड़ के वार्षिक टर्न ओवर कमाने वाली बन गई है। अमेजॉन, फ्लिपकार्ट में टॉप-5 कंपनियों में भी इनकी कंपनी शामिल हो चुकी है। उन्होंने बताया कि शुरुआत में काफी संघर्ष किया। अब उन्होंने युगांडा में 70 एकड़ जमीन ली है। वहां पर वह भांग की खेती कर रहे हैं। एक साल में इससे उन्होंने 90 लाख की कमाई की है। उनका कहना है कि हिमाचल में जो भांग होती है उसके औषधीय गुण ज्यादा है और अन्य देशों के मुकाबले अच्छी गुणवत्ता की है। सरकार यदि यहां पर इसे कानूनी मान्यता देती है तो हिमाचल के हजारों लोगों के लिए रोजगार का यह नया विकल्प होगा। वहीं, इसके जो उत्पाद तैयार हो रहे हैं उनकी कीमत भी घट जाएगी, क्योंकि जब माल सस्ता होगा तो कीमत कम होगी। उनकी कंपनी जो दर्द के लिए तेल बनाती है उसे क्रिकेटर सुरेश रैना भी खरीदते हैं। उन्होंने बताया कि स्टार्टअप इंडिया के तहत 20 लाख की ग्रांट भारत सरकार से मिली।