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चूड़धार में शिरगुल देवता के दर्शन को जाने वाले श्रद्धालुओं से अब वन विभाग वसूलेगा शुल्क…

लाइव हिमाचल/नाहन: जिला सिरमौर की सबसे ऊँची चोटी चूड़धार में स्थित शिरगुल देवता के दर्शन को जाने वाले श्रद्धालुओं से अब वन विभाग द्वारा शुल्क वसूलने की योजना बनाई गई है। यह शुल्क स्थानीय, हिमाचली और बाहरी राज्यों से आने वाले सभी श्रद्धालुओं पर समान रूप से लागू होगा। इस संदर्भ में नौहराधार में एक बैठक का आयोजन किया गया, जिसमें स्थानीय लोगों के साथ वन विभाग के कर्मी भी उपस्थित रहे। बैठक के दौरान विभाग ने प्रस्ताव रखा कि हिमाचल प्रदेश के श्रद्धालुओं से 20 रुपए, जबकि बाहरी राज्यों से आने वाले श्रद्धालुओं से 50 रुपए प्रति व्यक्ति शुल्क वसूला जाएगा। हालांकि इस प्रस्ताव का स्थानीय लोगों ने विरोध किया और सुझाव दिया कि हिमाचल के श्रद्धालुओं से केवल 10 रुपए, जबकि बाहरी राज्यों से आए श्रद्धालुओं से 20 रुपए प्रति व्यक्ति शुल्क लिया जाना चाहिए।

वन विभाग का कहना है कि इस शुल्क से प्राप्त राजस्व का उपयोग श्रद्धालुओं के लिए बुनियादी सुविधाओं को बेहतर करने में किया जाएगा। इनमें नौहराधार से चूड़धार तक शौचालय, डस्टबिन, वर्षाशालिका (रेन शेल्टर) और अन्य संरचनाएं शामिल होंगी। साथ ही, रास्ते में पार्क जैसे विश्राम स्थल भी विकसित किए जाएंगे। इसके अतिरिक्त, श्रद्धालुओं द्वारा निजी टेंट लाने की व्यवस्था को बंद किया जाएगा। इसके स्थान पर टेंडर प्रक्रिया के माध्यम से अधिकृत टेंट सेवा प्रदाताओं को अनुमति दी जाएगी, जो मार्ग में टेंट स्थापित कर श्रद्धालुओं को सुविधाएं उपलब्ध करवाएंगे। शुल्क वसूली की जिम्मेदारी चार स्थानीय युवकों को सौंपी जाएगी। इनमें से दो युवक निगाली नामक स्थान पर तथा दो तीसरी नामक स्थान पर तैनात रहेंगे, जहां वे प्रवेश शुल्क वसूली और एंट्री रजिस्ट्रेशन का कार्य संभालेंगे। वन विभाग का मानना है कि यह पहल चूड़धार यात्रा को व्यवस्थित, सुरक्षित और पर्यावरण के अनुकूल बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगी।

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