



Kamada Ekadashi 2025: आज कामदा एकादशी का व्रत किया जायेगा। कहते हैं कामदा एकादशी का व्रत रखने से जातक की सभी इच्छाएं पूरी होती हैं। किसी भी एकादशी व्रत के दिन भगवान विष्णु की पूजा करने का विधान है। कुछ पुराणों के अनुसार कामदा एकादशी को उपवास करने से श्रेष्ठ संतान की प्राप्ति होती है। बता दूं कि एकादशी का व्रत नित्य और काम्य दोनों है। नित्य का मतलब है, जो व्रत गृहस्थ के लिये करना जरूरी हो और काम्य व्रत का मतलब है- जो किसी वांछित वस्तु की प्राप्ति के लिये किया जाये। यहां साफ-साफ समझ लेना चाहिए कि दोनों पक्षों की एकादशी पर व्रत केवल उनके लिये नित्य है, जो गृहस्थ नहीं है। गृहस्थों के लिये केवल शुक्ल पक्ष की एकादशी पर ही नित्य है, कृष्ण पक्ष में नहीं। इसके अलावा आज के दिन श्री विष्णु दोलोत्सव भी है। आज के दिन शाम के समय श्री विष्णु भगवान की पूजा करके उनकी मूर्ति को झुलाने की परंपरा है। विष्णु भगवान की पूजा के साथ ही कामदा एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा के साथ ही कौन-से विशेष उपाय करने से विभिन्न शुभ फलों की प्राप्ति होगी, आपके जीवन में चल रही सभी समस्याओं का समाधान मिलेगा, आपके बिजनेस की गति निरंतर बढ़ेगी। आईये अब चर्चा शुरू करते है आज किये जाने वाले उपायों की-
इस साल 2025 कामदा एकादशी का व्रत मंगलवार 8 अप्रैल को रखा जाएगा. इस दिन रवि योग और सर्वार्थ सिद्धि योग भी रहेगे. पूजा के लिए 8 अप्रैल को ब्रह्म मुहूर्त सुबह 04:32 से 5:18 तक रहेगा. वहीं अभिजीत मुहूर्त में सुबह 11:58 से 12:48 तक भी पूजा का शुभ मुहूर्त रहेगा. आप दोनों ही मुहूर्त में भगवान विष्णु की पूजा कर सकते हैं. व्रत का पारण 9 अप्रैल को सुबह 10:55 तक कर लें.
- कामदा एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा के साथ ही कौन-से विशेष उपाय करने से विभिन्न शुभ फलों की प्राप्ति होगी, आपके जीवन में चल रही सभी समस्याओं का समाधान मिलेगा, आपके बिजनेस की गति निरंतर बढ़ेगी। आईये अब चर्चा शुरू करते है आज किये जाने वाले उपायों की- अगर आप निरंतर रूप से आर्थिक उन्नति चाहते हैं तो आज कामदा एकादशी के दिन स्नान आदि से निवृत्त होकर, साफ कपड़े पहनकर, तुलसी के पौधे के सामने घी का दीपक जलाएं और ‘ऊँ नमो भगवते नारायणाय’ बोलते हुए 11 बार तुलसी के पौधे को प्रणाम करें। आज के दिन ऐसा करने से आपकी आर्थिक उन्नति की रफ्तार तेजी से बढ़ने लगेगी।
- अगर आपके बिजनेस का फ्लो धीमी गति से चल रहा है तो आज श्री विष्णु की पूजा के समय एक पीले रंग का कपड़ा लें। अब उसमें 2 हल्दी की गांठ, एक चांदी का सिक्का और एक पीले रंग की कौड़ी रखकर, उस कपड़े में गांठ लगाकर पोटली बना दें। अगर आप चांदी का सिक्का रखने में समर्थ नहीं है तो साधारण एक रूपये का सिक्का उस पोटली में रख दें। अब उस पोटली को भगवान का आशीर्वाद लेकर अपने धन रखने वाले स्थान पर रख लें। आज ऐसा करने से आपका व्यापार तेज गति से चलने लगेगा।
- अगर आपके दाम्पत्य जीवन से मधुरता कहीं गायब हो गई है या आपके रिश्ते की ऊष्मा कम हो गई है तो आज एक कच्चा, जटा वाला नारियल लेकर, उसे एक पीले कपड़े में लपेट लें। अब नारियल पर उस कपड़े को मौली की सहायता से बांध दें और श्री विष्णु मन्दिर में अर्पित कर दें। (((आज के दिन ऐसा करने से आपके दाम्पत्य जीवन में मधुरता बनी रहेगी और आपके रिश्ते की ऊष्मा फिर से बहाल होगी।
- अगर आपके मन पसंद विवाह में लंबे समय से दिक्कतें आ रही हैं तो आज स्नान आदि के बाद श्री विष्णु और मां लक्ष्मी की मूर्ती या फोटो के आगे बैठकर भगवान के इस मन्त्र का एक माला यानि यानि 108 बार जप करें। मन्त्र इस प्रकार है- “ऊं लक्ष्मी नारायणाय नमः” मंत्र जप के बाद हाथ जोड़कर श्री विष्णु और मां लक्ष्मी से अपने मन पसंद
- विवाह की सफलता के लिये प्रार्थना करनी चाहिए।आज इस प्रकार मंत्र जप और प्रार्थना करने से आपके मन पसंद विवाह में आ रही परेशानियों का हल जल्द ही निकलेगा।
- अगर आपके पारिवारिक जीवन में परेशानियां चल रही हैं या आपके परिवार के सदस्यों के बीच अनबन चल रही है, जिसके चलते कोई एक-दूसरे से अच्छे से बात नहीं करता, तो आज श्री विष्णु की पूजा के समय दक्षिणावर्ती शंख में जल भरकर भगवान विष्णु को अर्पित करें। जल में थोड़ा-सा गंगाजल भी डाल दें, तो अच्छा होगा। पूजा के बाद शंख में भरे उस जल को परिवार के सब सदस्यों में प्रसाद के रूप में बांट दें। आज के दिन ऐसा करने से आपके परिवार के सदस्यों के बीच चल रही परेशानियां कम होंगी और सबके बीच मेलजोल बढ़ेगा।
- अपने दाम्पत्य जीवन को सुखमय बनाये रखने के लिए आज भगवान विष्णु की विधि-पूर्वक पूजा करने के बाद केले के वृक्ष में जल अर्पित करें और साथ ही घी का दीपक जलाएं। फिर दोनों हाथ जोड़कर, सिर झुकाकर वृक्ष को प्रणाम करें और घर वापस आ जायें। आज के दिन ऐसा करने से आपका दाम्पत्य जीवन सुखमय बना रहेगा और आपके रिश्ते में खुशियां ही खुशियां दस्तक देंगी।
- अगर आपको लंबे समय से अच्छी नौकरी नहीं मिल पा रही है या आपका प्रमोशन किसी कारण से अटका हुआ है, तो आज के दिन एक कच्चे मिट्टी के घड़े में गेहूं भरकर, उस पर ढक्कन लगाकर, घड़े को किसी सुपात्र ब्राह्मण को दान कर दें और अपनी बेहतरी के लिये उनके पैर छूकर आशीर्वाद लें। आज के दिन ऐसा करने से आपको जल्द ही अच्छी नौकरी मिलेगी और आपके प्रमोशन में आ रही परेशानी भी जल्द ही दूर होगी।
- अगर आप लंबे समय से कर्ज के बोझ से परेशान हैं तो आज के दिन स्नान आदि के बाद पीपल के वृक्ष पर 11 बार कच्चा सूत लपेटते हुए परिक्रमा करें। परिक्रमा पूरी होने के बाद पीपल की जड़ में जल अर्पित करें और हाथ जोड़कर कर्ज से जल्दी मुक्ति पाने के लिये प्रार्थना करें। आज के दिन ऐसा करने से जल्द ही आपके ऊपर से कर्ज का बोझ उतर जायेगा।
- अगर आप आज के दिन किसी शुभ कार्य के लिए घर से बाहर जाने वाले हैं, तो घर से निकलते समय हल्दी का तिलक लगाकर जायें, आपके सारे काम बनेंगे। लेकिन अगर आप कुछ दिनों बाद, किसी महत्वपूर्ण कार्य से बाहर जाने वाले हैं या किसी बिजनेस मीटिंग के लिये जाने वाले हैं तो आज एक सफेद सूत का लंबा-सा धागा लेकर, उसे हल्दी से रंग दें और श्री हरि के चरणों में लगाकर, उस धागे में सात गांठें बाधकर, अपने पास रख लें। अब जब भी आप अपने इम्पोर्टेंट काम के लिये बाहर जायें तो इस धागे को अपनी जेब में रख लें। आज के दिन ऐसा करने से आपका काम जरूर सफल होगा।
- अगर लाख कोशिशों के बाद भी आपकी आर्थिक स्थिति डामाडौल बनी हुई है और आपको धन लाभ नहीं हो पा रहा है, तो आज श्री विष्णु के निमित्त कामदा एकादशी का उपवास रखें और साथ ही पीले रंग के रेशमी कपड़े में सात हल्दी की गांठें बांधकर केले के पेड़ के नीचे रख आयें। आज के दिन ऐसा करने से आपकी आर्थिक समस्याओं का हल जल्द ही निकलेगा।
- अपने करियर की बेहतरी के लिये या अपने बिजनेस को एक नये मुकाम तक पहुंचाने के लिये आज एक पीपल का पत्ता लेकर, उस पर हल्दी से स्वास्तिक का चिन्ह बनाएं और भगवान के चरणों में ‘ऊँ नमो भगवते नारायणाय’ कहते हुए अर्पित कर दें। साथ ही किसी पीले रंग की मिठाई का भोग लगाएं। अगर मिठाई का भोग नहीं लगा सकते तो केले का फल चढ़ा दें। आज के दिन ऐसा करने से आपके करियर की अच्छी शुरुआत होगी और बिजनेस में आपको मनचाहा मुकाम हासिल होगा।
- अगर आपकी लाडली के, यानि आपकी कन्या के विवाह में किसी प्रकार की समस्या आ रही है तो आज बेसन को देशी घी में भूनकर, उसमें पिसी हुई शक्कर मिलाकर, साथ ही हो सके तो उसमें थोड़ा-सा केसर डालकर पूरे 21 लड्डू बनाएं। अगर आप घर पर लड्डू बनाने में समर्थ नहीं है तो बाजार से बेसन के लड्डू खरीदकर ले आयें। अब किसी विष्णु मन्दिर में जाकर या घर पर ही भगवान श्री विष्णु की मूर्ति के चरणों में एक-एक करके वो लड्डू चढ़ाएं। लड्डू चढ़ाते समय श्री विष्णु के मंत्र का जप करना न भूलें। एक लड्डू चढ़ाएं और मंत्र बोलें- ‘ऊँ नमो भगवते नारायणाय’ इसी प्रकार मंत्र बोलते हुए सारे लड्डू भगवान को चढ़ाएं और कपूर से भगवान की आरती करें।
- आज के दिन ऐसा करने से आपकी कन्या के विवाह में आ रही परेशानियों का हल जल्द ही निकलेगा। तो ये सारी चर्चा थी आज सर्वार्थ सिद्धि योग, अश्लेषा नक्षत्र और कामदा
- एकादशी व्रत के बारे में आज कामदा एकादशी के दिन भगवान विष्णु के निमित्त कौन से विशेष उपाय करने से आपके जीवन में चल रही समस्त समस्याओं का समाधान निकलेगा हमने इसकी भी चर्चा की है। उम्मीद है आप इस चर्चा का उचित फायदा उठायेंगे।
कामदा एकादशी व्रत का महत्व (Kamada Ekadashi Significance)
धार्मिक मान्यता है कि, कामदा एकादशी के व्रत से पाप कर्मों का नाश होता है. इस व्रत के प्रभाव से जाने-अनजाने में किए पाप भी खत्म हो जाते हैं और मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. साथ ही कामदा एकादशी के व्रत से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है, वाजपेय यज्ञ के समान पुण्य मिलता है, परिवार में सुख-समृद्धि रहती है, पारिवारिक समस्याएं दूर होती हैं, पिशाचत्व आदि दोषों का नाश होता है. कामदा एकादशी व्रत के अनेकों लाभ हैं. कामदा एकादशी की व्रत कथा में भी इसकी महिमा का वर्णन किया गया है.
कामदा एकादशी व्रत कथा (Kamada Ekadashi Vrat Katha in Hindi)
युधिष्ठर के पूछने पर भगवान श्रीकृष्ण ने उन्हें चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की कामदा एकादशी व्रत के महत्व के बारे में बताया था. कथा के अनुसार- भोगीपुर राज्य पर राजा पुंडरीक राज करता था. उसके राज्य धन और ऐश्वर्य की कोई कमी नहीं थी. भोगीपुर में ललित और ललिता नाम के युवक और युवती भी रहते थे और दोनों एक-दूसरे प्रेम करते थे. ललित एक गायक था. एक बार वह राजा पुंडरिक की सभा में गायन कर रहा था, तभी ललिता को देख उसका ध्यान भटका और उसके सुर-ताल बिगड़ गए. राजा पुंडरीक को इससे गुस्सा आ गया और उसने क्रोध में आकर ललित को राक्षस बनने का श्राप दे दिया. श्राप के प्रभाव से ललित राक्षस बन गया और उसका शरीर 8 योजन में फैल गया. श्राप के कारण ललित का जीवन कष्टपूर्ण हो गया. उधर ललिता भी दुखी रहने लगी. एक दिन ललिता घूमते-घूमते विंध्याचल पर्वत पर पहुंच गई. वहीं श्रृंगी ऋषि का आश्रम था. वह आश्रम के भीतर गई और श्रृंगी ऋषि को प्रणाम किया।
श्रृंगी ऋषि ने बताया उपाय
श्रृंगी ऋषि ने जब ललिता से आने का कारण पूछा तो उसने रो-रोकर अपने मन की पीड़ा बताई. श्रृंगी ऋषि ने ललिता को चैत्र शुक्ल की कामदा एकादशी का व्रत करने और भगवान विष्णु की पूजा करने को कहा. ऋषि ने कहा किस व्रत का पारण करने के बाद इस व्रत का पुण्य ललित को दान कर दो. पुण्य के प्रभाव से उसे राक्षस योनि से मुक्ति मिल जाएगी. ललिता ने ऐसा ही किया. उसने विधि-विधान से व्रत रखकर विष्णु जी की पूजा की और पारण के बाद पुण्यफल ललित को दान कर दिया. विष्णुजी कृपा से ललित को राक्षस योनि से मुक्ति मिल गई. इस तरह से ललित और ललिता दोनों प्रेमपूर्वक रहने लगे और मृत्यु के बाद उन्हें स्वर्ग लोक स्थान प्राप्त हुआ।