



Chaitra Navratri 2025, Durga Ashtami Puja Vidhi, Shubh Muhurat: चैत्र नवरात्रि के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को दुर्गा अष्टमी और महाष्टमी के नाम से जाना जाता है। नवरात्रि के आठवें दिन मां दुर्गा के आठवें स्वरूप मां महागौरी की पूजा-अर्चना करने का विधान है। इसके साथ ही इस दिन कन्या पूजन करने से कई गुना अधिक फलों की प्राप्ति होती है। इस साल महाष्टमी के दिन सर्वार्थसिद्धि, लक्ष्मी नारायण, पंचग्रही जैसे कई राजयोगों का निर्माण हो रहा है, जिससे इस अवधि में मां दुर्गा की पूजा करने से शुभ फलों की प्राप्ति हो सकती है। आइए जानते हैं महाष्टमी का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, मंत्र, कथा…
प्रातः पूजा मुहूर्त: सुबह 04:35 से 06:07 तक।
अभिजीत मुहूर्त: दोपहर 11:59 से 12:49 तक।
विजय मुहूर्त: दोपहर 02:30 से 03:20 तक।
संध्या पूजा मुहूर्त: शाम 06:40 पी एम से 07:50 तक।
देवी भागवत पुराण के अनुसार, देवी सती ने पार्वती रूप में भगवान शिव को पति रूप में प्राप्त करने के लिए कठोर तपस्या की थी। एक बार भगवान भोलेनाथ ने पार्वती जी को देखकर कुछ कह दिया जिससे देवी का मन आहत हो गया और पार्वती जी तपस्या में लीन हो गईं। इस प्रकार वर्षों तक कठोर तपस्या करने के बाद जब पार्वती नहीं आईं तो उनको खोजते हुवे भगवान शिव उनके पास पहुंचे। वहां पहुंचकर मां पार्वती को देखकर भगवान शिव आश्चर्यचकित रह गए। पार्वती जी का रंग अत्यंत ओझ पूर्ण था, उनकी छटा चांदनी के समान श्वेत, कुंध के फूल के समान धवल दिखाई पड़ रही थी, उनके वस्त्र और आभूषण से प्रसन्न हो कर भगवान शिव ने देवी उमा को गौर वर्ण का वरदान दिया।
महाअष्टमी पर सुबह जल्दी उठकर सभी कामों से निवृत्त होकर स्नान कर लें। इसके बाद साफ-सुथरे वस्त्र धारण करके मां दुर्गा का मनन करें। अब सबसे पहले कलश की पूजा करें। फिर माता मां दुर्गा की पूजा आरंभ करें। सबसे पहले जल से आचमन करें। इसके बाद पीले रंग के फूल, माला, सिंदूर, कुमकुम, अक्षत चढ़ा दें। इसके साथ ही नारियल भी चढ़ाएं, साथ ही मां को गुलाबी रंग की मिठाई का भोग लगाएं। अगर वो नहीं है, तो अपने अनुसार भोग लगा सकते हैं। इसके बाद घी का दीपक और धूप जलाकर दुर्गा चालीसा, महागौरी मंत्र, स्तुति, ध्यान मंत्र, स्तोत्र आदि का पाठ कर लें और अंत में मां अम्बे और महागौरी जी की आरती कर लें और भूल चूक के लिए माफी मांग लें।
कन्या पूजन के दौरान कन्याओं की पूजा करने के साथ में भोजन कराने के बाद अंत में अपनी योग्यता अनुसार कुछ ना कुछ भेंट दें। आप चाहे तो मां दुर्गा से संबंधित इन चीजों को गिफ्ट में दे सकते हैं।
बिंदी, लाल रंग की चुनरी, पेंसिल, कॉपी, पेंसिल बॉक्स
चूड़ी, पायल, धार्मिक पुस्तकें, अपनी योग्यता के अनुसार धन।
दुर्गा अष्टमी के मौके पर कन्या पूजन करना बहुत शुभ माना जाता है। अगर आज आप कन्या पूजन कर रहे हैं तो जान लें कन्या पूजन का शुभ मुहूर्त, पूजा मुहूर्त सहित अन्य जानकारी दुर्गा अष्टमी के मौके पर कन्या पूजन करना बहुत शुभ माना जाता है। अगर आज आप कन्या पूजन कर रहे हैं तो जान लें कन्या पूजन का शुभ मुहूर्त, पूजा मुहूर्त सहित अन्य जानकारीदुर्गा अष्टमी के मौके पर कन्या पूजन करना बहुत शुभ माना जाता है। अगर आज आप कन्या पूजन कर रहे हैं तो जान लें कन्या पूजन का शुभ मुहूर्त, पूजा मुहूर्त सहित अन्य जानकारी दुर्गा अष्टमी के मौके पर कन्या पूजन करना बहुत शुभ माना जाता है।