



बैंकॉक: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिम्सटेक (बंगाल की खाड़ी बहुक्षेत्रीय तकनीकी आर्थिक सहयोग पहल) शिखर सम्मेलन में एक महत्वपूर्ण प्रस्ताव रखा। पीएम मोदी ने बिम्सटेक के सदस्य देशों को भारत के यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई) से जोड़ने का सुझाव दिया। इससे क्षेत्र में व्यापार, कारोबार और पर्यटन को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। पीएम मोदी ने बिम्सटेक चैंबर ऑफ कॉमर्स की स्थापना करने का भी प्रस्ताव दिया, जिससे सदस्य देशों के बीच व्यापारिक सहयोग और निवेश को बढ़ावा मिल सके। इसके अलावा, उन्होंने वार्षिक व्यापार शिखर सम्मेलन आयोजित करने का सुझाव दिया ताकि व्यापारिक नेताओं को एक मंच मिल सके।अपने संबोधन की शुरुआत में पीएम मोदी ने 28 मार्च को म्यांमार और थाईलैंड में आए विनाशकारी भूकंप में जान-माल के नुकसान पर संवेदना व्यक्त की। उन्होंने कहा कि भारत इस कठिन समय में अपने पड़ोसी देशों के साथ खड़ा है। साथ ही, पीएम मोदी ने आपदा प्रबंधन के लिए भारत में ‘बिम्सटेक उत्कृष्टता केंद्र’ की स्थापना का प्रस्ताव रखा। यह केंद्र आपदा तैयारी, राहत और पुनर्वास में सहयोग प्रदान करेगा। पीएम मोदी ने बिम्सटेक के महत्व पर जोर देते हुए कहा, “बिम्सटेक दक्षिण एशिया और दक्षिण-पूर्व एशिया को जोड़ने वाले सेतु के रूप में कार्य करता है। यह क्षेत्रीय संपर्क, सहयोग और समृद्धि के नए रास्ते खोलने के लिए एक प्रभावी मंच बन रहा है।” उन्होंने बिम्सटेक के दायरे और क्षमताओं को लगातार बढ़ाने की आवश्यकता पर बल दिया और गृह मंत्रियों के तंत्र को संस्थागत बनाने का स्वागत किया। पीएम मोदी ने भारत में इस पर पहली बैठक आयोजित करने की पेशकश भी की। पीएम मोदी ने कहा कि बिम्सटेक साइबर अपराध, साइबर सुरक्षा खतरों, आतंकवाद, नशीली दवाओं और मानव तस्करी के खिलाफ लड़ाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। उन्होंने यह भी कहा, “मुक्त, खुला, संरक्षित और सुरक्षित हिंद महासागर हमारी साझा प्राथमिकता है।” इसके अलावा, पीएम मोदी ने हाल ही में हस्ताक्षरित समुद्री परिवहन समझौते पर भी बात की, जिसमें कहा गया कि यह व्यापारिक नौवहन और माल परिवहन में सहयोग को मजबूत करेगा और क्षेत्रीय व्यापार को गति देगा। इस शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी के प्रस्तावों को सदस्य देशों ने सराहा और इससे बिम्सटेक के भविष्य के लिए नई संभावनाएं खुली हैं।