



नाहन : हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले में एक ब्राह्मण युवती के अनुसूचित जाति के युवक से भाग कर शादी करने पर बवाल हुआ है. जिले के राजगढ़ का यह मामला है और शुक्रवार को लोगों ने थाने का घेराव कर दिया. इससे पुलिस के हाथ पांव फूल गए और अतिरिक्त पुलिस फोर्स मौके पर लगानी पड़ी. थाने में देव भूमि संर्घष समिति के अध्यक्ष रूमित ठाकुर ने परिजन और ग्रामीणों के साथ धरना दिया. शुक्रवार देर रात तक ग्रामीण थाने में ही बैठे हुए थे। दरअसल, सिरमौर जिले के राजगढ़ के टिक्कर गांव का यह मामला है. यहां से 26 मार्च को एक ब्राह्मण परिवार की बेटी घर से कोचिंग सेंटर के लिए निकली थी. इसस दौरान बेटी घर नहीं पहुंची तो परिवार को पता चला कि उसने किसी युवक से शादी कर ली है और नाहन में है. इस पर पुलिस के पास परिजन पहुंचे. बता दें कि पुलिस थाना राजगढ़ में लड़की की गुमशुदगी का केस दर्ज करवाया गया है. शुक्रवार को परिवार जब थाने पहुंचा तो हंगामा हो गया. देवभूमि क्षत्रिय संगठन सवर्ण मोर्चा के अध्यक्ष रूमित सिंह ठाकुर और बड़ी संख्या में स्थानीय लोग थाने पहुंचे और थाने में धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया. इस दौरान थाने के अधिकारी रविंद्र सिंह ने बताया कि युवती ने अपनी मर्जी से शादी कर ली है और उसने पंडित की तरफ से मैरिज सर्टिफिकेट भी पुलिस के पास जमा करवाया है. पुलिस अफसर ने बताया कि युवती ने परिवार से जान का खतरा बताय है और नाहन थाने में एप्लीकेशन भी दी है. उन्हें मेल के जरिये जानकारी मिली है. रूमित ठाकुर ने इस दौरान पुलिस अफसर से जमकर बहसबाजी भी की और कहा कि मैरिज का सर्टिफिकेट फर्जी है. ऐसे कई सर्टिफिकेट वह बनाकर दे सकते हैं. उन्होंने कहा कि पुलिस बेटी की थाने में लाए और परिजनों के सामने पेश करे और यदि बेटी पिता के सामने कहेगी कि वह उनके साथ रहना नहीं चाहती है और शादी कर ली है तो वह चुपचाप चले जाएंगे. उन्होंने कहा कि बेटी को अपने ही पिता से जान का खतरा कैसे हो सकता है। लगातार बहसबाजी और धरना प्रदर्शन के दौरान युवती के पिता का थाने में ही बेहोश हो गए, जिन्हें बाद में अस्पताल में भर्ती किया गया. उधर, घटना के दौरान बवाल और तनाव की आशंका के चलते नाहन से अतिरिक्त पुलिस जवान और क्यूआरटी की तैनाती भी राजगढ़ में की गई. रूमित ठाकुर ने आरोप लगाया कि सरकार की ओर से हाल ही में इंटरकास्ट मैरिज करने वालों को 2 लाख रुपये देने का ऐलान करने के चलते युवक युवती को भगाकर ले गया है. जबकि, युवती की मानसिक स्थिति भी ठीक नहीं है. इससे पहले, अंतरजातीय विवाह में 50 हजार रुपये की आर्थिक सहायता मिलती थी. उधर, लड़की के पिता ने भी पुलिस प्रशासन से मांग की कि बेटी को पुलिस थाने में लाया जाए. हालांकि, पुलिस ने युवती को थाने में लाने से इंकार कर दिया है।