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जानिए कब पेश हुआ था भारत का पहला बजट, क्या थे इसके पीछे के कारण ?

India First Budget : केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण वित्त वर्ष 2025-26 के लिए आज देश का बजट पेश करेंगी। वित्त मंत्री रिकार्ड 8वीं बार बजट पेश कर रही है। इससे पहले मोरारजी देसाई ने ही सबसे अधिक बार बजट पेश किया था। क्या आप जानते है की भारत का पहला बजट कब और किसने पेश किया था ? ब्रिटिश शासन के दौरान शुरू हुई बजट प्रथा का पहला बजट आजादी से पहले ही पेश किया गया था। बता दें की भारत का पहला बजट दिल्ली में नहीं बल्कि लंदन में पेश हुआ था। ईस्ट इंडिया कंपनी के अर्थशास्त्री जेम्स विल्सन ने सबसे पहले ब्रिटिश क्राउन के सामने भारतीय बजट पेश किया था

क्यों पड़ी बजट की आवश्यकता?

1857 में ब्रिटिश सरकार के खिलाफ हुए विद्रोह के कारण उन्हें काफी नुकसान उठाना पड़ा था। विद्रोह को क्रूरता के साथ दबा दिया गया जिसकी निंदा पूरी दुनिया में हुई। विद्रोह के कारण हुए नुक्सान की भरपाई के लिए कर प्रणाली लागू करने के लिए भारत में रूपरेखा तैयार की गई। भारत का पहला बजट लंदन में 7 अप्रैल 1860 को पेश किया गया था। इस कर प्रणाली में कई बार संसोधन किए गए। वहीं विल्सन द्वारा प्रस्तावित कर प्रणाली की ब्रिटिश हाऊस ऑफ़ कॉमन्स में कड़ी आलोचना की गई। भारत में 1886 के दौरान एक नया और अलग आयकर अधिनियम पारित किया गया। इस नई कर प्रणाली पर चार्ल्स ट्रेवेलियन ने अपनी राय दी थी और इसकी आलोचना भी की थी। उन्होंने कहा था की भविष्य में ब्रिटिश साम्राज्य इस पर निर्भर करेगा की वर्तमान में भारत में कौन सा रास्ता अपनाया जा रहा है। स्वतंत्रता के बाद देश को एक मजबूत आर्थिक ढाँचे की आवश्यकता थी। आजादी के बाद देश का पहला बजट 26 नवंबर 1947 पेश हुआ। यह आजाद भारत के पहले वित्त मंत्री आर के शनमुखम चेट्टी ने लोगों के सामने रखा। यह बजट हाल ही में ब्रिटिश साम्राज्य से आजाद हुए और पकिस्तान से अलग हुए भारत की आर्थिक स्थिति में सुधार लाने और अर्थवयवस्था को मजबूत करने के इरादे से पेश किया गया था। भारत में बजट पेश करने की परंपरा की शुरुआत एक खास घटना से जुड़ी हुई है। 1857 में हुआ सैन्य विद्रोह ब्रिटिश साम्राज्य के लिए एक गंभीर चुनौती साबित हुआ था। इस विद्रोह ने अंग्रेजों के खिलाफ व्यापक असंतोष को जन्म दिया था और इसके परिणामस्वरूप ब्रिटिश शासन को भारी नुकसान उठाना पड़ा था। विद्रोह के बाद ब्रिटिश सरकार को यह एहसास हुआ कि उन्हें भारत में आर्थिक संकटों का सामना करने के लिए एक सुदृढ़ वित्तीय व्यवस्था की आवश्यकता है। इसके अलावा, विद्रोह के बाद भारतीय उपमहाद्वीप में सैन्य खर्च और प्रशासनिक खर्चे बहुत बढ़ गए थे। इन बढ़े हुए खर्चों की भरपाई के लिए ब्रिटिश क्राउन को एक नई कर व्यवस्था स्थापित करने की जरूरत महसूस हुई। इस उद्देश्य से, जेम्स विल्सन ने 7 अप्रैल 1860 को भारतीय बजट को ब्रिटिश क्राउन के समक्ष प्रस्तुत किया। यह भारत का पहला बजट था और इसके साथ ही भारतीय कर व्यवस्था की नींव रखी गई। जब भारत ने 15 अगस्त 1947 को ब्रिटिश शासन से स्वतंत्रता प्राप्त की, तो उसके बाद स्वतंत्र भारत का पहला बजट 26 नवंबर 1947 को पेश किया गया। इस बजट को स्वतंत्र भारत के पहले वित्त मंत्री सर आरके शानमुगम चेट्टी ने प्रस्तुत किया। यह बजट एक महत्वपूर्ण मोड़ था, क्योंकि यह विभाजन के समय हुए बड़े पैमाने पर दंगों और सामाजिक अस्थिरता के बावजूद पेश किया गया था। आधुनिक भारत के पहले बजट में खास ध्यान देश के पुनर्निर्माण और विकास पर केंद्रित किया गया था। इसके अलावा, नए देश के आर्थिक संरचनाओं को सुदृढ़ करने और औद्योगिकीकरण के लिए योजनाएं तैयार की गई थीं। इस बजट के द्वारा यह सुनिश्चित किया गया कि स्वतंत्र भारत की आर्थिक नीति को एक स्थिर और समृद्ध दिशा में लाया जाए। भारत के पहले बजट की शुरुआत जेम्स विल्सन द्वारा 7 अप्रैल 1860 को लंदन में की गई थी। इस बजट का मुख्य उद्देश्य ब्रिटिश शासन द्वारा भारत में किए गए भारी आर्थिक खर्चों की भरपाई के लिए एक मजबूत कर व्यवस्था स्थापित करना था। यह बजट भारतीय आर्थिक इतिहास में एक अहम कदम था। आजादी के बाद भारत का पहला बजट 1947 में पेश हुआ, जो विभाजन और सामाजिक अस्थिरता के बावजूद देश के आर्थिक विकास के लिए महत्वपूर्ण था।

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