



लाइव हिमाचल/सोलन:गेमिंग एप में करोड़ों रुपये जीतने के लालच में एक शख्स ने 30 लाख रुपये की रकम लुटा दी। इस एप में पहले शिकायतकर्ता ने डेढ़ लाख रुपये जीते। इसके बाद वह साइबर ठगों के जाल में फंसते गए और लाखों की रकम गंवा बैठे। इसके बाद उन्हें अपने साथ हुई ठगी का अहसास हुआ और उन्होंने मामले की सूचना साइबर क्राइम को दी। मामला सोलन जिले के औद्योगिक क्षेत्र का है।साइबर क्राइम ने इस संबंध में केस दर्ज करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है और इसके साथ ही गेमिंग एप के नाम पर होने वाली ठगी में इस्तेमाल किए गए बैंक खातों को ब्लॉक करवाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। साइबर क्राइम के मुताबिक शिकायतकर्ता को करीब छह महीने पहले ही गेमिंग एप के बारे में जानकारी मिली। पहले उन्होंने इसमें कुछ राशि डाली। इसके एवज में वह करीब डेढ़ लाख रुपये जीत गए, लेकिन इसके बाद करोड़ों कमाने के लालच में वह लगातार एप पर पैसे डालते रहे और लाखों रुपये गंवा गए।प्रारंभिक जांच में पता चला है कि शिकायतकर्ता ने गेमिंग एप में करीब 135 ट्रांजेक्शन के जरिये यह 30 लाख रुपये की रकम को डाला है। इतनी बड़ी रकम लुटाने के बाद शिकायतकर्ता को होश आया और उन्होंने 1930 पर कॉल करके शिकायत दर्ज करवाई। साइबर क्राइम के मुताबिक इस मामले के तार दूसरे देशों से जुड़े हो सकते हैं। गेमिंग एप के नाम पर कई चाइनीज एप चल रहे हैं जो कि लोगों को लाखों कमाने के चक्कर में अपने जाल में फंसाते हैं और इसके बाद धीर-धीरे अपने जाल में फंसाकर लाखों की रकम को उड़ा लेते हैं।साइबर क्राइम के मुताबिक ठगी का अहसास होते ही फौरन इसकी शिकायत 1930 पर करें। जितना जल्दी आप शिकायत करेंगे आपके पैसे रिकवर होने की भी उतनी ही उम्मीद है। हाल ही में सिरमौर में एक डॉक्टर से हुई 2.70 करोड़ रुपये की शिकायत में भी पुलिस ने करीब 40,00000 रुपये की रिकवरी कर ली है और अभी लेयर चार और पांच के खातों की जांच की जा रही है। इससे उम्मीद है कि और भी रकम रिकवर कर ली जाएगी। साइबर क्राइम में हर रोज 400 से अधिक शिकायतें आ रही हैं।साइबर क्राइम के एक्सपर्ट और डीआईजी मोहित चावला ने बात करने पर बताया कि गेमिंग एप के नाम पर लाखों की ठगी का मामला सामने आया है। उन्होंने लोगों से अपील की है कि इस तरह के गेमिंग एप से सतर्क रहें और सिर्फ वैरिफाइड एप पर ही विश्वास करें। इस तरह के गेमिंग एप डाउनलोड करते समय यह ध्यान रखें कि यह प्रोटेक्टिड एप हैं या नहीं। किसी भी एप को डाउनलोड करते समय उसकी टर्म एंड कंडीशन व पॉलिसी डिसक्लोजर को अनिवार्य रूप से पढ़ लें। अगर टर्म एंड कंडीशन काफी लंबी हैं तो इसके कॉपी करके एआई पर इसके कॉपी करके इसकी सारांश को ध्यान से पढ़ें।