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Makar Sankranti 2025: मकर संक्रांति आज, महाकुंभ में लगाई जा रही पहले अमृत स्नान की डुबकी, जानें इस दिन दान का महत्व

Makar Sankranti 2025: प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ 2025 का पहला शाही स्नान आज यानी 14 जनवरी को मकर संक्रांति के पावन अवसर पर है. यह स्नान श्रद्धालुओं के लिए एक विशेष महत्व रखता है, क्योंकि इस दिन सूर्य मकर राशि में प्रवेश करता है, जिससे गंगा नदी में स्नान का फल कई गुना बढ़ जाता है.

शाही स्नान का महत्व

महाकुंभ में शाही स्नान का अपना एक विशेष महत्व है. यह स्नान विभिन्न अखाड़ों के साधु-संतों द्वारा एक निश्चित समय पर किया जाता है. इस दौरान लाखों श्रद्धालु भी गंगा में डुबकी लगाते हैं, जिससे एक अद्भुत और दिव्य वातावरण बनता है. मान्यता है कि इस दिन शाही स्नान करने और दान करने से व्यक्ति के पाप नष्ट होते हैं और पुण्य की प्राप्ति होती है.

शाही स्नान और अखाड़े

कुंभ मेले के दौरान मकर संक्रांति पर शाही स्नान का आयोजन होता है, जिसमें विभिन्न अखाड़ों के साधु-संत एक निश्चित क्रम में पवित्र नदी में स्नान करते हैं. यह एक भव्य और दर्शनीय आयोजन होता है. इस बार, मकर संक्रांति के अवसर पर होने वाले शाही स्नान को लेकर श्रद्धालुओं में विशेष उत्सुकता है.

शाही स्नान का महत्व

महाकुंभ में शाही स्नान का एक विशेष क्रम होता है, जिसमें विभिन्न अखाड़ों को निर्धारित समय पर स्नान करने की अनुमति दी जाती है. यह परंपरा सदियों से चली आ रही है और इसका पालन बड़ी श्रद्धा और सम्मान के साथ किया जाता है. मान्यता है कि शाही स्नान करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है और सभी पाप धुल जाते हैं।

मकर संक्रांति पर पहला स्नान

इस बार, महानिर्वाणी और अटल अखाड़ा को सबसे पहले शाही स्नान करने का समय दिया गया है, जो सुबह 5:15 बजे से सुबह 7:55 बजे तक है. इसके बाद, निरंजनी और आनंद अखाड़ा को सुबह 6:05 बजे से सुबह 8:45 बजे तक का समय दिया गया है.

स्नान का शुभ मुहूर्त

मकर संक्रांति पर गंगा या संगम स्नान के लिए सर्वोत्तम समय महा पुण्य काल (सुबह 9:03 से 10:48) है. यदि इस समय स्नान संभव न हो सके तो पुण्य काल (शाम 5:46 तक) में स्नान किया जा सकता है।

मकर संक्रांति पर दान का महत्व

मकर संक्रांति के दिन दान-पुण्य का भी विशेष महत्व है. इस दिन तिल, गुड़, खिचड़ी, वस्त्र, और धन का दान करना शुभ माना जाता है. मान्यता है कि इस दिन दान करने से व्यक्ति के जीवन में सुख-समृद्धि आती है और पुण्य की प्राप्ति होती है. इस दिन गरीबों और जरूरतमंदों को दान करना विशेष फलदायी होता है.

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