



लाइव हिमाचल/शिमला: हिमाचल सरकार हिमायली क्षेत्र में आपदाओं के जोखिम को कम करने और बचाव पर फ्रेंच डेवलपमेंट एजेंसी (एएफडी) के साथ काम करेगी। हिमाचल सरकार ने एएफडी के साथ 886.26 करोड़ रुपये की परियोजना के सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए। इसके तहत हिमालय आपदा जोखिम न्यूनीकरण केंद्र की स्थापना होगी। यह केंद्र ग्लेशियर पिघलने से बाढ़ के लिए अर्ली वार्निंग सिस्टम लगाने, निगरानी, भूस्खलन और कृषि-बागवानी के संबंध में सही जानकारी देगा। जंगलों की आग को नियंत्रित करने और उसे लगने से रोकने के लिए भी वैज्ञानिक रणनीति लागू होगी। इस परियोजना के तहत प्राकृतिक खतरों के लिए प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली विकसित करने, बाढ़ पूर्वानुमान क्षमताओं को बढ़ाने, विभागों को आपदा से निपटने को तैयार करने, प्रशिक्षण और हेलीपैड के अलावा अन्य आवश्यक आधारभूत ढांचा को तैयार किया जाएगा। सहमति पत्र मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना की उपस्थिति में हिमाचल प्रदेश सरकार की ओर से अतिरिक्त सचिव और परियोजना निदेशक पीएमयू निशांत ठाकुर और एएफडी की ओर से इंडिया कैमिले सीवरेक के उप-निदेशक ने हस्ताक्षर किए। अतिरिक्त मुख्य सचिव (राजस्व) ओंकार चंद शर्मा, रेजिलियंस डीआरआर सेक्टर पोर्टफोलियो मैनेजर अंशुला मेनन भी उपस्थित रहे।
तीन मुख्य क्षेत्रों पर केंद्रित है ये परियोजना
मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना ने बताया कि एचपी-डीआरआरपी राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की प्रमुख पहलों में से एक है जिसका उद्देश्य प्राकृतिक आपदा के प्रति राज्य की संवेदनशीलता को कम करना है। अतिरिक्त मुख्य सचिव राजस्व ओंकार चंद शर्मा ने बताया कि इस परियोजना के तहत विभिन्न विभागों को मजबूत किया जाएगा, ताकि आपदा के विभिन्न चरणों में कुशलता और प्रभावी ढंग से काम करने के लिए तैयार हो सकें। यह परियोजना तीन मुख्य क्षेत्रों पर केंद्रित है।