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हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश और बर्फबारी का अलर्ट, 6 जनवरी को मौसम में आएगा बदलाव…

लाइव हिमाचल/शिमला: हिमाचल प्रदेश के पहाड़ी क्षेत्रों में बर्फबारी से पहले मौसम में आए बदलाव से ठिठुरन बढ़ गई है। मैदानी क्षेत्रों में कोहरे ने कंपकंपी बढ़ा दी है। शुक्रवार से उच्च पर्वतीय जिलों किन्नौर, लाहौल-स्पीति सहित चंबा, मंडी, कुल्लू और कांगड़ा के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी के आसार हैं। 7 जनवरी तक पूरे प्रदेश में मौसम खराब बना रहने का पूर्वानुमान है। 6 जनवरी को भारी बारिश-बर्फबारी का अलर्ट जारी हुआ है। 8 जनवरी से मौसम साफ रहने की संभावना है। वीरवार को राजधानी शिमला समेत कई जिलों में हल्के बादल छाए रहने के साथ धूप खिली रही। उधर, जिला कुल्लू में दो हाईवे के बंद होने से लोगों की मुश्किलें कम नहीं हुई हैं। लाहौल घाटी में 120 के करीब संपर्क मार्ग बंद हैं। अटल टनल रोहतांग होकर अभी फोर बाई फोर वाहनों को ही जाने की अनुमति है और सैलानी भी इन्हीं वाहनों से सिस्सू और कोकसर पहुंच रहे हैं। वीरवार को कुल्लू के साथ लाहौल घाटी में सुबह के समय आसमान पर बादल छाए रहे। सोझा, जिभी के साथ मनाली, सोलंगनाला, अटल टनल के दोनों छोर सहित सिस्सू व कोकसर में शीतलहर का प्रकोप रहा। चंबा जिला के जनजातीय क्षेत्र पांगी के 14 मार्गों के बंद होने से लोगों को जरूरी कामों के लिए पैदल किलाड़ मुख्यालय पहुंचना पड़ रहा है। डलहौजी-खज्जियार वाया लक्कड़मंडी और चंबा-चुवाड़ी वाया जोत मार्ग से बर्फ हटा दी है और छोटे वाहनों के लिए यह मार्ग बहाल हो गए हैं, लेकिन फिसलन से आवाजाही यहां मुश्किल हो रही है। इसके अलावा भरमौर और तीसा क्षेत्र में सात ट्रांसफार्मर बंद होने से 35 गांव अंधेरे में डूबे हुए हैं। जनजातीय क्षेत्र भरमौर में 22 पेयजल योजनाएं ठप हैं।

क्षेत्र न्यूनतम तापमान (डिग्री सेल्सियस में)
ताबो -14.7
समदो -9.3
कुकुमसेरी -6.9
केलांग -6.2
कल्पा -2.0
मनाली 2.8
ऊना 3.2
मंडी 4.1
हमीरपुर 4.6
कांगड़ा 5.6
धर्मशाला 5.8
नाहन 6.6
शिमला 9.6

123 वर्षों में 44वीं सबसे अधिक बारिश हुई दिसंबर में दर्ज
हिमाचल प्रदेश में इस बार बीते 123 वर्षों में दिसंबर के दौरान 44वीं बार सबसे अधिक बारिश दर्ज हुई। दिसंबर 2024 के दौरान सामान्य से 27 फीसदी अधिक बादल बरसे। वर्ष 1929 में दिसंबर में सबसे ज्यादा 176 मिलीमीटर बारिश हुई थी। इस वर्ष दिसंबर में 48.2 मिलीमीटर बारिश हुई। लाहौल-स्पीति और सोलन जिला को छोड़कर प्रदेश के सभी जिलों में सामान्य से अधिक बारिश हुई। उधर, अक्तूबर से दिसंबर 2024 तक बीते 123 वर्षों में 41वीं बार सबसे कम बारिश हुई। 2024 में अक्तूबर से दिसंबर तक के पोस्ट मानसून सीजन में सामान्य से 41 फीसदी कम बारिश दर्ज हुई।

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