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रोहड़ू में 39 साल बाद भूंडा महायज्ञ, ढोल-नगाड़ों के साथ पहुंचा जल…

लाइव हिमाचल/शिमला: हिमाचल प्रदेश के जिला शिमला के रोहड़ू क्षेत्र के तहत आने वाली स्पैल वैली स्थित दलगांव में देवता बकरालू महाराज के मंदिर में 39 साल बाद होने जा रहे भुंडा महायज्ञ की तैयारियां अब अंतिम चरण में पहुंच गई है।मंदिर के आसपास लोगों की चहल-पहल खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। बकरालू महाराज के अधीन 11 गांव आते है। जो इस अनुष्ठान कार्यक्रम के मेजबान बनने भी जा रहे है। लोग दो साल पहले ही इस महायज्ञ की तैयारी कर रहे है और अधिकतर लोगों में नए मकान बना लिए है। बिस्तरो को विशेष प्रबंध कर दिया है। शादी की तरह घरो को सजाने के लिए भोजन यवस्था के लिए चंडीगढ़ से लेकर लगभग टैंट हाउस बुक कर दिए है। इस तरह का आंकलन लेने के बाद इस महायज्ञ को सफलता से संपन्न करने में 100 करोड़ रुपए से अधिक खर्च आ रहा है।धार्मिक अनुष्ठान को लेकर किसी न किसी काम में जुटे हुए हैं। वहीं दो से पांच जनवरी तक चलने वाले इस आयोजन में हवन के लिए कई लोग समिधा (हवन की लकड़ी) एकत्र कर रहे हैं। मंदिर परिसर में प्राचीन वाद्य यंत्र नगाड़ों को धूप में सुखाने के लिए रखा गया है। यहीं पर समारोह के लिए टेंट भी लग रहे हैं और कुछ लोग यहां- वहां चहल-कदमी करते हुए आपस में कामकाज को लेकर बातचीत कर रहे हैं। इस आयोजन में आसपास के करीबन एक लाख लोगों के शामिल होने की संभावना है। अनुष्ठान की भव्यता व धार्मिक महत्व का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि समारोह के सफल आयोजन के लिए मंदिर कमेटी ने करीबन डेढ़ करोड़ से अधिक धनराशि खर्च होने का अनुमान लगाया है, प्रत्येक परिवार को भी पांच- छह लाख रुपए लगाने पड़ रहे हैं। भूंडा महायज्ञ की असली रस्में दो जनवरी से शुरू होंगी। दो जनवरी को यहां मेहमानों और देवताओं का स्वागत होगा। तीन जनवरी को देवता के मंदिर में शिखा पूजन मंदिर की छत पर पूजा-अर्चना के साथ होगा। चार जनवरी को मुख्य रस्म रस्सी पर आदमी को बांध पर खाई पार करवाई जाएगी। इसको स्थानीय भाषा में बेडा कहा जाता है। पांच जनवरी को देवताओं की विदाई का कार्यक्रम उच्छड़ पाछड़ रहेगा। रामपुर तहसील के दलोग, शरण जरासी सहित पूरी नरैण पंचायत के लोग भी इस अनुष्ठान के मेजबान माने जाते हैं। विधायक मोहन लाल ब्राक्टा ने मंदिर में पहुंच कर तैयारियों का जायजा लिया। इस दौरान उन्होंने मंदिर कमेटी से भी यातायात व्यवस्था, कानून व्यवस्था को लेकर चर्चा की। देवता बकरालू के मोतमीन रधुनाथ झामटा ने कहा मंदिर की ओर से इस अनुष्ठान की सभी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। उन्होंने कहा यहां पर देवता मोहरिश, देवता बौंद्रा, देवता महेश्वर मुख्य रूप से शामिल होगे। उन्होंने कहा अब इसको सफल बनाने के लिए मेहमानों के सहयोग की जरूरत रहेगी। अनुष्ठान में हर दिन हजारों लोगों के पहुंचने का अनुमान है।

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