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Somvati Amavasya Ke Upay: घर में दिनभर होती है किचकिच, पति-पत्नी में रहती खटपट, सोमवती अमावस्या पर करें ये 3 उपाय

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इस साल 2024 की अंतिम सोमवती अमावस्या 30 दिसंबर को मनाई जाएगी. इस दिन पवित्र नदियों में लोग स्नान करते हैं. उसके बाद पितृ, देव और ऋषि ऋण से मुक्ति के लिए दान करते हैं. सोमवती अमावस्या का दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा एवं व्रत का भी है. वे पति-पत्नी जिनके बीच बनती नहीं है, हमेशा घर में घटपट होती है, इससे गृह क्लेश मचा रहता है, वे लोग सोमवती अमावस्या के दिन आसान उपायों से इसे दूर कर सकते हैं. शिव और माता पार्वती की कृपा से आपके दांपत्य जीवन में सुख और सौभाग्य बढ़ेगा. ज्योतिषाचार्य चक्रपाणि भट्ट से जानते हैं कि सोमवती अमावस्या पर गृह क्लेश दूर करने और दांपत्य जीवन को सुखमय बनाने के क्या उपाय हैं?

सोमवती अमावस्या 2024: सुखी वैवाहिक जीवन के उपाय
1. यदि पति-पत्नी के बीच खटपट रहती है तो वे दोनों साथ में सोमवती अमावस्या के दिन व्रत रखें. सुबह में स्नान करने के बाद माता पार्वती और भगवान शिव की विधि विधान से पूजा करें. भगवान शिव को बेलपत्र, भांग, धतूरा, अक्षत्, शहद, फूल, माला, गंगाजल आदि अर्पित करें. माता पार्वती को पीला सिंदूर, नया वस्त्र, फूल, माला, अक्षत् आदि चढ़ाएं. शिव और पार्वती की कृपा से आपको सुख और सौभाग्य की प्राप्ति होगी. दांपत्य जीवन सुखमय होगा.

2. वैवाहिक जीवन में खुशहाली लाने के लिए आप सोमवती अमावस्या के दिन व्रत रखकर शिव और शक्ति की पूजा करें. माता पार्वती को सुहाग सामग्री यानी 16 श्रृंगार की सामग्री और एक लाल चुनरी या साड़ी चढ़ाएं. देवी पार्वती के आशीर्वाद से आपका दांपत्य जीवन खुशहाल होगा.

3. सोमवती अमावस्या पर पूजा के समय पत्नी और पत्नी दोनों साथ में इस शिव मंत्र का जाप करें. शिव कृपा से आपका दांपत्य जीवन खुशहाल होगा.

ओम नम: संभवाय च मयो भवाय च नम: शंकराय च मयस्कराय च नम: शिवाय च शिवतराय च.

इसके अलावा आप चाहें तो मैरिड लाइफ में रिश्ते को मधुर और मजबूत बनाने के लिए कामदेव के इस मंत्र का जाप कर सकते हैं.

ओम कामदेवाय विद्महे, रति प्रियायै धीमहि, तन्नो अनंग प्रचोदयात्.

सोमवती अमावस्या मुहूर्त 2024
सोमवती अमावस्या तिथि का प्रारंभ: 30 दिसंबर, सोमवार, प्रात: 4 बजकर 1 मिनट से
सोमवती अमावस्या तिथि का समापन: 31 दिसंबर, मंगलवार, तड़के 3 बजकर 56 मिनट पर
स्नान-दान का उत्तम समय: प्रात: 05:24 बजे से प्रात: 06:19 बजे के बीच ब्रह्म मुहूर्त में
वृद्धि योग: प्रात:काल से रात 8 बजकर 32 मिनट तक

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