



धर्मशाला : मधुमेह जैसी बीमारी, जो पूरे विश्व के लिए आज अभिशाप बन गई है जो आपको सिर्फ मधुमेह ही नहीं बल्कि और बीमारियों के संपर्क में भी लाती जा रही है. इससे समय रहते कैसे निपटा जाए कैसे बचा जाए यह सबके लिए बड़ा सवाल हो गया है. इसी कड़ी में जिला कांगड़ा के टांडा मेडिकल कॉलेज में एंडोक्राइनोलॉजी, डायबिटीज और मेटाबॉलिज्म विभाग 2021 से सफलतापूर्वक सेवाएं दे रहा है. यह विभाग न केवल मधुमेह, बल्कि विभिन्न हार्मोन-संबंधित विकारों का इलाज कर रहा है. यहां थायरॉयड, कैंसर, बच्चों में शारीरिक विकास से जुड़ी समस्याएं जैसे बच्चों का बढ़ती उम्र के साथ कद ना बढ़ाना, उम्र के हिसाब से जवान न दिख पाना, लड़कियों के समय से पहले पीरियड्स आना कुछ मामलों में उम्र अधिक होने पर पीरियड्स न आना, इन बीमारियों का इलाज इस विभाग में किया जाता है. वहीं महिलाओं और पुरुषों में प्रजनन विकार, मोटापा, हड्डी संबंधी बीमारियां, और ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के लिए हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी जैसी जटिल बीमारियों का इलाज किया जाता है.
क्या बोले विभाग के एच.ओ.डी
विभाग के HOD डॉ. विनय डोगरा बताते हैं कि विभाग में हार्मोन, अंतःस्रावी ग्रंथियों और उनके शारीरिक प्रभावों का अध्ययन करना विभाग के तहत आता हैं. विभाग में मधुमेह से संबंधित जटिलताओं, जैसे डायबिटिक फुट और न्यूरोपैथी का भी उपचार उपलब्ध है. किसी भी व्यक्ति को हार्मोन संबंधी परेशानी होती है तो वो टांडा मेडिकल कॉलेज में सुपर स्पेशलिस्ट ब्लॉक में ओपीडी सेवाएं सोमवार से शनिवार, ग्राउंड फ्लोर के कमरा नंबर 117 में प्रदान की जाती हैं. विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम हर प्रकार की समस्या का समाधान करने के लिए तत्पर है. आपको बता दें कि टांडा मेडिकल कॉलेज सिर्फ कांगड़ा के ही लोगों, नहीं बल्कि इसके साथ लगते चंबा हमीरपुर के लोगों को भी स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करता है. आईजीएमसी शिमला के बाद बात की जाए तो टांडा मेडिकल कॉलेज को सबसे बेहतरीन स्वास्थ्य संस्थान माना जाता हैं।