इतिहास बेहतर भविष्य की है नींव : संजय अवस्थी

. रा.व.मा.पा. बथालंग के निर्माण कार्य पर व्यय किए जा रहे 3.51 करोड़ रुपए

सोलन: अर्की विधानसभा क्षेत्र के विधायक संजय अवस्थी ने कहा कि इतिहास बेहतर भविष्य की नींव है और छात्रों को इतिहास से सीख लेनी चाहिए। संजय अवस्थी आज सोलन ज़िला के अर्की उपण्डल के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय बथालंग के वार्षिक पारितोषिक वितरण समारोह को सम्बोधित कर रहे थे। संजय अवस्थी ने कहा कि भारत ने प्राचीन समय से ही विविध संस्कृतियों को समीप से देखा है और इनकी जानकारी सदैव बेहतर भविष्य के निर्माण में सहायक सिद्ध हुई है। उन्होंने कहा कि इतिहास से ली गई सीख बेहतर मार्ग प्रशस्त करती है। उन्होंने छात्रों से आग्रह किया कि अपनी संस्कृति और संस्कारों की जानकारी के साथ देश व प्रदेश के इतिहास को भी आत्मसात करें। उन्होंने कहा कि भारत विश्व में प्राचीन काल से ही अपने ज्ञान एवं मूल्य आधारित शिक्षा के लिए विख्यात रहा है। उन्होंने कहा कि छात्रों को अपने ज्ञान और मूल्यों को सदैव स्मरण रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि शिक्षा का वास्तविक उद्देश्य युवाओं का समग्र विकास सुनिश्चित बनाना है तथा इसके लिए युवा पीढ़ी को अपने रीती-रिवाजों, संस्कारों एवं संस्कृति की जानकारी देना आवश्यक है। विधायक ने कहा कि उचित शिक्षा तथा आहार, विहार, नियम एवं व्यवहारिक ज्ञान की पूर्ण जानकारी ही युवाओं को बेहतर धनोपार्जन के साथ-साथ जिम्मेदार नागरिक बनाएगी। इस दिशा में अध्यापकों एवं अभिभावकों को एकजुट प्रयास करना होगा। संजय अवस्थी ने कहा कि प्रदेश सरकार गुणवत्तायुक्त शिक्षा प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। शिक्षा के सुदृढ़ीकरण और गुणवत्तायुक्त शिक्षा प्रदान करने के लिए शिक्षा के क्षेत्र में 20 प्रतिशत बजट व्यय किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए प्रदेश सरकार गम्भीर प्रयास कर रही है। सतत् समग्र मूल्यांकन के तहत छात्रों का पूरे वर्ष का परिणाम ऑनलाईन किया जा रहा है। विद्यालयों में पुस्तकालय के आधुनिकीकरण एवं सुदृढ़ीकरण पर विशेष बल दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला बथालंग के निर्माण कार्य पर 3.51 करोड़ रुपए खर्च किए जा रहे है और यह कार्य शीघ्र पूरा कर लिया जाएगा। उन्होंने कार्यक्रम आयोजन समिति को 21 हजार रुपए तथा सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत करने वाले छात्रों को अपनी ऐच्छिक निधि से 2100 रुपए देने की घोषणा की। इसके अतिरिक्त महिला मंडल बथालंग और रूपे की बेड़ तथा युवक मण्डल बथालंग को 11000-11000 रुपए देने की घोषणा की। वहीं संजय अवस्थी ने इस अवसर पर विद्यालय के मेधावी छात्रों को सम्मानित भी किया। उन्होंने इस अवसर पर जन समस्याएं सुनीं तथा अधिकारियों को इनके शीघ्र निपटारे के निर्देश दिए। विद्यालय प्रबंधन समिति के अध्यक्ष मदन लाल शर्मा ने मुख्यातिथि का स्वागत किया तथा विद्यालय की मांगे प्रस्तुत की। राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला बथालंग की प्रधानाचार्य मोनिका गुप्ता ने विद्यालय का वार्षिक प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। ग्राम पंचायत प्लानिया के प्रधान यशवंत सिंह, ग्राम पंचायत प्लानिया के उप प्रधान गोपाल सिंह, ग्राम पंचायत दाउंटी के उप प्रधान हीरा सिंह कौंडल, ग्राम पंचायत प्लानिया के पूर्व प्रधान संजय वर्मा, कांग्रेस पार्टी के सतीश कश्यप, राज्य विद्युत बोर्ड के अधिशाषी अभियंता देवेंदर कौंडल, जल शक्ति विभाग के अधिशाषी अभियंता विवेक कटोच, खंड स्वास्थ्य अधिकारी अर्की डॉ. तारा चंद नेगी, लोक निर्माण विभाग के सहायक अभियंता बी.आर. कश्यप, राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला मांजू के प्रधानाचार्य पवन कुमार, पूर्व प्रधानाचार्य बथालंग स्कूल संजीव गुप्ता, विभिन्न पंचायतों के प्रतिनिधि, विभिन्न विभागों के अधिकारी, अध्यापक, अभिभावक, छात्र तथा अन्य गणमान्य व्यक्ति इस अवसर पर मौजूद थे।

Gondia Bus Accident: गोंदिया में भीषण सड़क दुर्घटना, बस पलटने से 9 लोगों की मौत, 30 घायल

गोंदिया: महाराष्ट्र के गोंदिया जिले में शुक्रवार सुबह बड़ा हादसा हो गया। यहां के बिंद्रावन टोला गांव के पास राज्य परिवहन निगम की एक बस अनियंत्रित होकर पलट गई।हादसे में बस में सवाल 9 लोगों की मौत हो गई, जबकि 30 से अधिक लोग घायल हुए हैं। सभी लोगों को पास के जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है।बस से शवों को निकाल लिया गया है। मृतकों की संख्या बढ़ने की संभावना है।

डग्याली नाच और हाटी की नाटी ने गोवा में मचाया धमाल….

. अन्तर्राष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल में डग्याली नाच व हाटी की नाटी की धूम

लाइव हिमाचल/सोलन: आसरा संस्था जालग, पझौता के कलाकारों ने सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, भारत सरकार के सीबीसी चंडीगढ, के सौजन्य से गोवा के पणजी में 20 से 28 नवम्बर तक आयोजित 55 वें अन्तर्राष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल में सिरमौर के डग्याली नाच व हाटी की नाटी का मनमोहक प्रदर्शन कर फिल्म फेस्टिवल में देश विदेश से आए हजारों दर्शकों और फिल्म जगत की जानी मानी हस्तियों को हिमाचली पारंपरिक संस्कृति से रूबरू करवाया। ये जानकारी अन्तर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त कलाकार एवं वर्ल्ड रिकॉर्ड हॉल्डर डॉ जोगेन्द्र हाब्बी ने प्रेस को जारी बयान में दी। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के सीबीसी केन्द्र की चयन समिति द्वारा सिरमौर जिला के डग्याली नाच को विशेष रूप से फिल्म फेस्टिवल में प्रदर्शन के लिए चुना गया था। सीबीसी दिल्ली की गोपा बिसवास और चण्डीगढ केन्द्र के बलजीत सिंह के दिशानिर्देश व देखरेख में विभिन्न राज्यों से आए कलाकारों ने फिल्म फेस्टिवल में बहुरंगी भारत की संस्कृति को एक मंच पर प्रदर्शित कर अनेकता में एकता का संदेश दिया। फिल्म फेस्टिवल में आसरा के कलाकारों द्वारा डग्याली नाच के साथ सिरमौर के गिरिपार क्षेत्र की हाटी की नाटी अनेकों मंचों पर प्रदर्शित की गई जिसकी दर्शकों ने भरपूर प्रशंसा की। गौरतलब है कि पदमश्री विद्यानन्द सरैक व डा0 जोगेन्द्र हाब्बी द्वारा डग्याली नाच पर पिछले कई वर्षो से अध्ययन कार्य किया जा रहा है। इन दोनों शोधकर्ताओं के निर्देशन में उस्ताद बिस्मिल्लाह खान पुस्कार से सम्मानित कलाकार गोपाल हाब्बी द्वारा अन्य कलाकारों के सहयोग से हाब्बी मानसिंह कलाकेन्द्र जालग में मुखौटों तथा परिधानों का निर्माण भी हो रहा है। गोवा में डग्याली के मुखौटों और परिधानों को दर्शकों ने बहुत पसन्द किया और फिल्म फेस्टीवल के दौरान सेल्फी लेने के लिए दर्शक बेहद उत्सुक रहे। 55वें अन्तर्राष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल में आसरा के लोक कलाकारों में गोपाल हाब्बी, रामलाल वर्मा, चमनलाल, देवीराम, संदीप, आरती, हेमलता, अनुजा, सरोज आदि कलाकारों ने सुप्रसिद्ध सिरमौरी लोक गायक धर्मपाल ठाकुर व रामलाल वर्मा द्वारा गाए गीतों पर नृत्य कर दर्शकों की वाहवाही लूटी तथा विभिन्न मंचों पर डग्याली नाच, दीपक, परात, ठोडा, रिहाल्टी गी, रासा आदि नृत्यों का प्रदर्शन कर विभिन्न राज्यों से आए सांस्कृतिक दलों की प्रस्तुतियों के मध्य सिरमौरी हाटी संस्कृति को विशेष पहचान दिलाई।सोलन: आसरा संस्था जालग, पझौता के कलाकारों ने सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, भारत सरकार के सीबीसी चंडीगढ, के सौजन्य से गोवा के पणजी में 20 से 28 नवंबर तक आयोजित 55 वें अंतराष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल में सिरमौर के डग्याली नाच व हाटी की नाटी का मनमोहक प्रदर्शन कर फिल्म फेस्टिवल में देश विदेश से आए हजारों दर्शकों और फिल्म जगत की जानी मानी हस्तियों को हिमाचली पारंपरिक संस्कृति से रूबरू करवाया। ये जानकारी अंतराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त कलाकार एवं वर्ल्ड रिकॉर्ड हॉल्डर डॉ जोगेन्द्र हाब्बी ने प्रेस को जारी बयान में दी। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के सीबीसी केंद्र की चयन समिति द्वारा सिरमौर जिला के डग्याली नाच को विशेष रूप से फिल्म फेस्टिवल में प्रदर्शन के लिए चुना गया था। सीबीसी दिल्ली की गोपा बिसवास और चण्डीगढ केन्द्र के बलजीत सिंह के दिशानिर्देश व देखरेख में विभिन्न राज्यों से आए कलाकारों ने फिल्म फेस्टिवल में बहुरंगी भारत की संस्कृति को एक मंच पर प्रदर्शित कर अनेकता में एकता का संदेश दिया। फिल्म फेस्टिवल में आसरा के कलाकारों द्वारा डग्याली नाच के साथ सिरमौर के गिरिपार क्षेत्र की हाटी की नाटी अनेकों मंचों पर प्रदर्शित की गई जिसकी दर्शकों ने भरपूर प्रशंसा की। गौरतलब है कि पदमश्री विद्यानन्द सरैक व डा0 जोगेन्द्र हाब्बी द्वारा डग्याली नाच पर पिछले कई वर्षो से अध्ययन कार्य किया जा रहा है। इन दोनों शोधकर्ताओं के निर्देशन में उस्ताद बिस्मिल्लाह खान पुस्कार से सम्मानित कलाकार गोपाल हाब्बी द्वारा अन्य कलाकारों के सहयोग से हाब्बी मानसिंह कला केंद्र जालग में मुखौटों तथा परिधानों का निर्माण भी हो रहा है। गोवा में डग्याली के मुखौटों और परिधानों को दर्शकों ने बहुत पसन्द किया और फिल्म फेस्टीवल के दौरान सेल्फी लेने के लिए दर्शक बेहद उत्सुक रहे। 55वें अंतराष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल में आसरा के लोक कलाकारों में गोपाल हाब्बी, रामलाल वर्मा, चमनलाल, देवीराम, संदीप, आरती, हेमलता, अनुजा, सरोज आदि कलाकारों ने सुप्रसिद्ध सिरमौरी लोक गायक धर्मपाल ठाकुर व रामलाल वर्मा द्वारा गाए गीतों पर नृत्य कर दर्शकों की वाहवाही लूटी तथा विभिन्न मंचों पर डग्याली नाच, दीपक, परात, ठोडा, रिहाल्टी गी, रासा आदि नृत्यों का प्रदर्शन कर विभिन्न राज्यों से आए सांस्कृतिक दलों की प्रस्तुतियों के मध्य सिरमौरी हाटी संस्कृति को विशेष पहचान दिलाई।

जीडीसी जयनगर के रोड सेफ्टी क्लब ने छात्रों द्वारा सड़क सुरक्षा प्रथाओं को बढ़ावा देने के लिए कार्यक्रम किया आयोजित…..

सोलन: डिग्री कॉलेज जयनगर के रोड सेफ्टी क्लब ने 21 नवंबर से 28 नवम्बर 2024 तक छात्रों द्वारा सड़क सुरक्षा प्रथाओं को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर देने के लिए एक सप्ताह की कार्यक्रम श्रृंखला का सफलतापूर्वक आयोजन किया गया। इन गतिविधियों का उद्देश्य जागरूकता बढ़ाना, सामुदायिक भागीदारी को बढ़ावा देना और सड़क सुरक्षा की जिम्मेदारी की भावना उत्पन्न करना था। इस कार्यक्रम की शुरुआत 21 नवंबर को पोस्टर निर्माण प्रतियोगिता से हुई, जिसमें छात्रों ने सड़क सुरक्षा पर अपनी विचारों को रचनात्मक रूप से व्यक्त किया। इसके बाद 22 नवंबर को नारा लेखन प्रतियोगिता, और 23 प्रश्नोत्तरी नवंबर को एक दिलचस्प प्रश्नोतरी प्रतियोगिता आयोजित की गई, जिसमें प्रतिभागियों को सड़क सुरक्षा नियमों, संकेतों, कानूनों और प्रथाओं के बारे में ज्ञान का परीक्षण किया गया। 25 नवंबर को पुलिस पोस्ट मारली के हेड कांस्टेबल विवेकानंद का एक अतिथि व्याख्यान आयोजित किया गया। उन्होंने सड़क दुर्घटनाओं के सामान्य कारणों, सीटबेल्ट पहनने के महत्व और शराब के प्रभाव पर ड्राइविंग क्षमताओं के बारे में चर्चा की। उन्होंने कुछ केस स्टडी भी साझा कीं, जो ट्रैफिक नियमों का पालन करने और नशे से बचने की आवश्यकता को उजागर करती थीं। अगले दिन, 26 नवंबर को एक सामुदायिक जागरूकता रैली और “स्पॉट द वॉयलेशन” अभियान का आयोजन किया गया। इस रैली के दौरान छात्रों ने महत्वपूर्ण सुरक्षा संदेशों के साथ बैनर प्रदर्शित किए, छोटे ट्रैफिक उल्लंघनों को पहचाना और रिपोर्ट किया, और सुरक्षित सड़क प्रथाओं को बढ़ावा देने के लिए स्थानीय पैदल यात्रियों और ड्राइवरों के साथ बातचीत की। 27 नवंबर को, डॉ. प्रभुति शर्मा, लोहारघाट कम्युनिटी हेल्थ सेंटर प्रभारी, का एक अतिथि व्याख्यान हुआ, जिसमें उन्होंने सीपीआर (कार्डियोपल्मोनरी रीसमिटेशन) प्रक्रिया को प्रदर्शित किया और सड़क दुर्घटना पीड़ितों को मदद करने के लिए आवश्यक प्राथमिक चिकित्सा प्रथाओं को उजागर किया। इस कार्यक्रम की श्रृंखला का समापन 28 नवंबर को एक रील निर्माण प्रतियोगिता के साथ हुआ, जिसमें छात्रों को सड़क सुरक्षा थीम पर छोटे, प्रभावी वीडियो बनाने के लिए प्रेरित किया गया। अंतिम दिन, रोड सेफ्टी क्लब की संयोजक प्रोफेसर प्रगति कश्यप ने कार्यक्रम में उत्साही भागीदारी के लिए शिक्षकगण (प्रो चेरींग जांगमो, प्रो. कश्मीर सिंह और प्रो. जयंत शर्मा), स्टाफ और छात्रों को हार्दिक धन्यवाद दिया। प्रधानाचार्य डॉ. अंजना सूद ने भी छात्रों को संबोधित किया और उनकी सक्रिय भागीदारी और उत्कृष्ट योगदान की सराहना की, जो न केवल उनकी रचनात्मकता और ज्ञान को प्रदर्शित करता था। बल्कि उन्हें सड़क सुरक्षा उपायों के बारे में व्यावहारिक जानकारी प्राप्त करने में भी मदद मिली। इन विविध गतिविधियों ने एक परस्पर संवादात्मक मंच प्रदान किया, जो नागरिक जिम्मेदारी की भावना को बढ़ावा देता है और ट्रैफिक नियमों का पालन करने के महत्व के बारे में जागरूकता फैलाता है। इस पहल ने सैद्धांतिक ज्ञान और वास्तविक दुनिया की प्रथाओं के बीच की खाई को सफलतापूर्वक पाटा, जिससे छात्रों और समग्र समुदाय को सड़क सुरक्षा संस्कृति को बढ़ावा देने में लाभ हुआ।

नेहरू युवा केंद्र सोलन NYKS की ओर से सोलन आईटीआई में एक दिवसीय प्रदर्शनी आयोजित….

सोलन: सोलन मैं नेहरू युवा केंद्र सोलन NYKS की ओर से सोलन की आईआईटी मैं एक दिन की प्रदर्शनी लगाई गई है। जिसका उद्घाटन डीसी सोलन ने किया, मंगलम रूरल मार्ट ओर साथ रूरल हॉट दोनों ने मिल कर भाग लिए स्टाल की बुकिंग सुनीता ठाकुर चेयरपर्सन शेड्स कॉलेज ने की थी उन के सहयोग … Read more

सोलन: शमरोड़ स्कूल के 170 छात्रों को कुमार चैरिटेबल ट्रस्ट ने प्रदान किए ब्लेजर

सोलन: ठंड के मौसम में स्कूली बच्चों को पढ़ाई के दौरान किसी तरह की दिक्कत का सामानना करना पड़े इस आशय से कुमार चैरिटेबल ट्रस्ट सोलन द्वारा राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला शमरोड़ के 170 छात्रों को ब्लेजर प्रदान किए गए। इससे बच्चे ठंड में भी अच्छे ढंग से पढ़ाई कर सकेंगे। स्कूल प्रिंसिपल पूनम काल्टा ने कहा कि विद्यालय परिवार एवं विद्यालय प्रबंधन समिति के सदस्य इस सराहनीय प्रयास के लिए कुमार चैरिटेबल ट्रस्ट के पदाधिकारियों का आभार व्यक्त करते हैं। बता दें कि कुमार चैरिटेबल ट्रस्ट इससे पहले स्कूल के सभी छात्रों को ट्रैक सूट, कंप्यूटर, एक्वागार्ड भी दे चुके हैं, जबकि ट्रस्ट द्वारा स्कूल प्रांगण में टाइल्स भी लगाई गई हैं।

भोटा अस्पताल विवाद : सीएम सुक्खू ने बुलाई आपात बैठक, भूमि हस्तांतरण के लिए ऑर्डिनेंस लाएगी सरकार

हमीरपुर: डेरा राधा स्वामी चैरिटेबल अस्पताल भोटा के बंद होने की घोषणा के बाद उपजे विवाद को सुलझाने के लिए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने रविवार, 1 दिसंबर को दोपहर 2 बजे शिमला स्थित अपने आधिकारिक आवास ओक ओवर में उच्च स्तरीय बैठक बुलाने का निर्णय लिया है। फिलहाल दिल्ली में मौजूद सीएम सुक्खू, मामले की गंभीरता को देखते हुए तुरंत समाधान के प्रयास में जुट गए हैं।

अस्पताल के बंद होने से लोग नाराज़

डेरा राधा स्वामी चैरिटेबल अस्पताल भोटा वर्षों से क्षेत्रीय लोगों को सस्ता और मुफ्त इलाज प्रदान कर रहा है। दवाइयां भी बेहद कम कीमत पर या निशुल्क दी जाती हैं। लेकिन 1 दिसंबर से अस्पताल को बंद करने की घोषणा के बाद लोगों में रोष फैल गया है। इसके विरोध में चक्का जाम और धरना-प्रदर्शन किए जा रहे हैं।

भूमि हस्तांतरण पर सरकार लाएगी ऑर्डिनेंस

अस्पताल की भूमि को डेरा राधा स्वामी सत्संग ब्यास की सिस्टर ऑर्गेनाइजेशन को हस्तांतरित करने के लिए कानूनी अड़चनों को दूर करने का प्रयास किया जा रहा है। इसके लिए सरकार हिमाचल प्रदेश भूमि जोत सीमा अधिनियम, 1972 की धारा 118 के तहत छूट प्रदान करने के लिए विधानसभा के शीतकालीन सत्र में एक ऑर्डिनेंस लाने की तैयारी कर रही है।

अस्पताल की सेवाएं और विवाद की वजह

डेरा राधा स्वामी सत्संग ब्यास द्वारा संचालित यह चैरिटेबल अस्पताल मुफ्त और सस्ता इलाज प्रदान करता है। हालांकि, उपकरण खरीदने पर लगने वाले जीएसटी जैसे वित्तीय दबाव और भूमि हस्तांतरण में आ रही अड़चनों के चलते डेरा इसे अपनी सिस्टर ऑर्गेनाइजेशन को सौंपना चाहती है।

सरकार कानूनी राय लेकर विवाद का समाधान निकालने के प्रयास में है। मुख्यमंत्री की इस बैठक में अस्पताल के संचालन और भूमि हस्तांतरण के मुद्दों पर चर्चा होगी। इससे हजारों मरीजों को राहत मिलने की उम्मीद है।

सिरमौर दुग्ध प्रसंस्करण संयंत्र केंद्र कि जल्द होगी 20 हजार लीटर कैपेसिटी

सरकार द्वारा दूध के खरीद रेट बढ़ाए जाने के बाद सिरमौर में आ रही है श्वेत क्रांति

शिमला: प्रदेश सरकार द्वारा दूध खरीद के रेट बढ़ाए जाने के बाद सिरमौर में आ रही है श्वेत क्रांतिप्रदेश सरकार की हिमगंगा योजना में अब जिला सिरमौर भी अगले पायदान में कदम रखने जा रहा है। जिला सिरमौर के नाहन कांशी वाला स्थित दुग्ध प्रसंस्करण संयंत्र को जल्द ही विस्तार दे दिया जाएगा।मौजूदा समय जहां इस संयंत्र की दुग्ध कैपेसिटी 5000 लीटर की है वही जल्द इसको 20000 लीटर कैपेसिटी के अनुरूप बना दिया जाएगा।बड़ी बात तो यह है कि संयंत्र की क्षमता बढ़ाने को लेकर लोक निर्माण विभाग को निर्माण के साथ तकनीकी विशेषज्ञों ने साइट का निरीक्षण भी कर लिया है।

बहुत जल्द इसका निर्माण कार्य भी शुरू किए जाने की उम्मीद है।विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार संयंत्र की क्षमता को बढाई जाने का कार्य हिमगंगा योजना के तहत किया जाएगा।बताना जरूरी है कि प्रदेश सरकार के द्वारा दूध के रेट बढ़ाए जाने के बाद किसानों कि दुग्ध उत्पादन में रुचि भी बढ़ गई है।

इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जहां जिला में मिल्क फेड के द्वारा दूध की कुल कलेक्शन 3000 लीटर के आसपास रहती थी वहीं अब कलेक्शन का आंकड़ा 5000 लीटर प्रति दिन से ऊपर जा चुका है।

बड़ी बात तो यह है कि जहां पहले किसानों को भैंस के दूध की कीमत 40 से 45 रुपए ही मिल पाती थी वहीं अब उन्हें अच्छी गुणवत्ता वाले दूध की कीमत 70 से 75 रुपए प्रति किलो मिल रही है।

गाय के दूध की बात की जाए तो पहले इसका रेट 28 से 30 रुपए प्रति लीटर था जबकि अब इसकी कीमत 45 से ₹50 प्रति लीटर किसानों को मिल रही है।समय पर हो रहे दुग्ध के भुगतान और बड़े हुए रैटों के चलते जिला के किसान दुग्ध उत्पादन में बढ़ चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं। इसके साथ-साथ मिल्क फैट जिला सिरमौर के द्वारा बच्चों में कोल्ड ड्रिंक की जगह दूध के महत्व को बताते हुए जागरूकता अभियान भी चलाए जा रहे हैं। मिल्क डे पर मिल्क फेड के तकनीकी अधीक्षक देवांश जायसवाल की अध्यक्षता में अलग-अलग स्कूलों के 30 छात्र-छात्राओं में श्वेत क्रांति पर पेंटिंग और क्विज कंपटीशन आयोजित किया गया था।

आयोजित कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य बच्चों को दूध और उसके उत्पादों के महत्व से रूबरू कराना था।बरहाल अब यदि जिला सिरमौर के मुख्य दुग्ध परम संस्करण संयंत्र की कैपेसिटी 20000 लीटर की हो जाती है तो निश्चित ही यह जिला के किसानों के लिए वरदान साबित होगा।

दूध कैपेसिटी के बढ़ जाने के बाद इस संयंत्र में दूध के अलावा दूध से बनाए जाने वाले अन्य उत्पादों का भी उत्पादन शुरू किए जाने की योजना बनाई गई है। जिसके बाद देश और प्रदेश के लोग सिरमौर में बनी हुई खीर ,मक्खन घी सहित फ्लेवरेट दूध का स्वाद भी चख पाएंगे।खबर की पुष्टि जिला सिरमौर मिल्क फैड तकनीकी अधीक्षक देवांश जायसवाल के द्वारा की गई है।

हिमाचल में मौसम का अलर्ट : पांच दिन तक यहाँ बारिश-बर्फबारी की चेतावनी

आज रात से बदलेगा मौसम, पांच जिलों में बारिश-बर्फबारी के आसार, ताबो का पारा -11.1°C तक गिरा

शिमला: हिमाचल प्रदेश में आज रात से मौसम करवट ले सकता है। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने राज्य के पांच जिलों में अगले पांच दिन तक बारिश और बर्फबारी का पूर्वानुमान जताया है। उधर, ऊंचाई वाले क्षेत्रों में शीतलहर का प्रकोप बढ़ता जा रहा है। ताबो का न्यूनतम तापमान -11.1 डिग्री सेल्सियस तक गिर गया है, जो इस सर्दी के मौसम में अब तक का सबसे कम तापमान है।

बारिश-बर्फबारी की संभावना

पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता के चलते 29 नवंबर से 3 दिसंबर तक चंबा, कुल्लू, लाहौल-स्पीति, कांगड़ा और किन्नौर के ऊपरी क्षेत्रों में बर्फबारी और बारिश हो सकती है। अन्य जिलों में मौसम साफ रहने की संभावना है। 4 दिसंबर से पूरे प्रदेश में सामान्य मौसम की वापसी के आसार हैं।

न्यूनतम तापमान में गिरावट

प्रदेश के कई इलाकों में न्यूनतम तापमान 10 डिग्री से नीचे दर्ज किया गया है।

  • ताबो: -11.1°C (सबसे ठंडा स्थान)
  • कुकुमसेरी: -5.8°C
  • केलांग: -3.0°C
  • समदो: -3.4°C
  • शिमला: 7.4°C

अधिकतम तापमान

गुरुवार को हिमाचल के कई मैदानी क्षेत्रों में अधिकतम तापमान 25°C के आसपास दर्ज किया गया।

  • ऊना: 25.6°C
  • बिलासपुर: 24.5°C
  • कांगड़ा: 23.8°C
  • सोलन: 22.5°C
  • शिमला: 15.8°C

हिमाचल प्रदेश में आयुष्मान योजना के तहत 70 साल या इससे ज्यादा उम्र के सभी वरिष्ठ नागरिकों के लिए मुफ्त इलाज, सरकार ने अधिसूचना जारी की

हिमाचल प्रदेश के 70 साल और उससे अधिक उम्र के सभी वरिष्ठ नागरिकों के लिए एक बड़ी राहत की खबर है। अब उन्हें आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत पांच लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज मिलेगा। यह कदम बुजुर्गों के स्वास्थ्य को प्राथमिकता देते हुए उनकी आर्थिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है। सरकार ने इस निर्णय को अमल में लाने के लिए अधिसूचना जारी कर दी है और जल्द ही वरिष्ठ नागरिकों के लिए आयुष्मान कार्ड बनाए जाएंगे।

आयुष्मान कार्ड के जरिए मुफ्त इलाज की सुविधा

इन आयुष्मान कार्ड्स के माध्यम से बुजुर्गों को देशभर के चिह्नित सरकारी या निजी अस्पतालों में नि:शुल्क इलाज का लाभ मिलेगा। इस योजना का मुख्य उद्देश्य वरिष्ठ नागरिकों को सस्ती और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करना है, ताकि वे बेहतर इलाज प्राप्त कर सकें और उनकी जीवनशैली में सुधार हो सके।


अधिसूचना और योजना का कार्यान्वयन

स्वास्थ्य सचिव एम. सुधा देवी ने बताया कि कैबिनेट के निर्णय के बाद 70 साल या उससे अधिक आयु के सभी वरिष्ठ नागरिकों को इस योजना में शामिल करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। राज्य में पहले से ही दो लाख आयुष्मान कार्ड धारक हैं। इसके अलावा, जो लोग इस योजना से बाहर हैं, उनके लिए स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए हिमकेयर योजना भी चलाई जा रही है।


मुफ्त इलाज मिलने वाली बीमारियाँ

आयुष्मान कार्ड के माध्यम से बुजुर्गों को कई गंभीर बीमारियों का मुफ्त इलाज मिलेगा, जिनमें शामिल हैं:

  • कैंसर
  • गुर्दा रोग
  • हृदय रोग
  • डेंगू, चिकनगुनिया, मलेरिया
  • डायलिसिस
  • घुटना और कूल्हा प्रत्यारोपण
  • मोतियाबिंद जैसी बीमारियाँ

यह योजना बुजुर्गों के लिए एक जीवनदायिनी साबित हो सकती है, क्योंकि इन बीमारियों का इलाज महंगा होता है और आयुष्मान कार्ड के जरिए उन्हें मुफ्त में इलाज मिलेगा।

आयुष्मान कार्ड बनवाने के लिए कुछ आवश्यक दस्तावेज़ और प्रक्रियाएं हैं:

आवश्यक दस्तावेज़:

  • समग्र परिवार आईडी
  • पहचान पत्र (आधार कार्ड, पैन कार्ड, वोटर आईडी आदि)

कार्ड बनाने के स्थान:

  • कॉमन सर्विस सेंटर (CSC), लोक सेवा केंद्र, या यूटीआई-आईटीएसएल केंद्र
  • ग्राम रोजगार सहायक और वार्ड इंचार्ज के सहयोग से
  • अस्पताल में भर्ती होने पर आयुष्मान मित्र के माध्यम से

यह प्रक्रिया सरल और सुलभ है, जिससे वरिष्ठ नागरिक आसानी से आयुष्मान कार्ड प्राप्त कर सकेंगे और इसका लाभ उठा सकेंगे।


यह योजना हिमाचल प्रदेश के वरिष्ठ नागरिकों के लिए एक वरदान साबित होगी। आयुष्मान भारत योजना के तहत मुफ्त इलाज की सुविधा न केवल स्वास्थ्य सेवाओं को सुलभ बनाएगी, बल्कि बुजुर्गों को उच्च गुणवत्ता वाली चिकित्सा देखभाल भी प्रदान करेगी। सरकार द्वारा जारी की गई अधिसूचना और जल्द ही कार्डों के निर्माण की प्रक्रिया से यह योजना अधिक प्रभावी और सफल होगी।