



शिमला: कांस्टेबल को नौकरी से बर्खास्त करने के मामले को लेकर हिमाचल प्रदेश पुलिस के पूर्व डीजीपी संजय कुंडू समेत 10 पुलिस अधिकारियों पर एक शिमला के सदर पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज की गई है। यह कार्रवाई आईजी साऊथ रेंज के निर्देश पर की गई है। आरोपियों के खिलाफ अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति अधिनियम, 1989 की धारा 3 (1) (पी) के तहत मामला दर्ज किया गया है। बर्खास्त कांस्टेबल धर्म सुख नेगी की पत्नी मीना नेगी निवासी किन्नौर ने दर्ज करवाई एफआईआर में आरोप लगाया है कि उनके पति को उच्च पदस्थ पुलिस अधिकारियों द्वारा झूठे आरोप लगाकर नौकरी से बर्खास्त किया गया और उन्हें मानसिक, सामाजिक और आर्थिक रूप से प्रताड़ित किया गया। यह मामला पूर्व भाजपा सरकार के कार्यकाल से जुड़ा हुआ है। मीना नेगी ने नवम्बर, 2023 में मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव और गृह सचिव को शिकायत पत्र देकर इस उत्पीड़न की जानकारी दी थी। मीना नेगी ने शिकायत में कहा कि उनके पति को मनगढ़ंत आरोपों के आधार पर विभागीय जांच के बाद 9 जुलाई 2020 को सेवा से हटाया गया था, जबकि उनकी सेवा अवधि में 8 वर्ष शेष थे। इसके अलावा उनके पति को आबंटित सरकारी आवास का बकाया किराया वसूलने और उनकी ग्रैच्युटी और अन्य सेवानिवृत्ति लाभों को भी रोक दिया गया है, जिससे उनका परिवार गंभीर आर्थिक तंगी का सामना कर रहा है। शिकायतकर्ता ने यह भी आरोप लगाया है कि उनके पति के सरकारी आवास को खाली करने के लिए लगातार नोटिस भेजे गए, जिससे उनका परिवार सामाजिक तौर पर अपमानित हुआ। मीना नेगी की शिकायत के आधार पूर्व डीजीपी संजय कुंडू, पूर्व आईपीएस अधिकारी हिमांशु मिश्रा, अरविंद शारदा, आईपीएस अधिकारी शालिनी अग्निहोत्री, अंजुम आरा खान, भगत सिंह ठाकुर, दिवाकर दत्त शर्मा, पंकज शर्मा और मीनाक्षी समेत डीएसपी बलदेव शर्मा के खिलाफ जांच शुरू कर दी गई है।