



नोएडा : पत्नी की मौत के बाद एक सेवानिवृत्त फौजी घर बसाने की कोशिश में दो बार नाकाम साबित होकर अपनी खून-पसीने की कमाई से हाथ धो बैठा। निर्माणाधीन नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के प्रथम चरण के भूमि अधिग्रहण में विस्थापित रोही गांव के रिटायर्ड फौजी राजकुमार सिंह ने बताया कि पत्नी माया देवी की वर्ष 2010 में ऑपरेशन के बाद संक्रमण की वजह से मौत हो गई थी। राजकुमार की शादीशुदा चार बेटियां हैं।
वैवाहिक जीवन की पुनः शुरुआत की
वहीं, अकेलेपन की वजह से उन्होंने वर्ष 2013 में दोबारा अपनी गृहस्थी बसाना चाहा। डुढ़ेरा गांव के परिचित के माध्यम से अलीगढ़ के कारह शादीपुर गांव की उमेश से शादी कर वैवाहिक जीवन की पुनः शुरुआत की। शादी के एक वर्ष बाद पत्नी उमेश घर से एक लाख रुपये की नकदी व करीब चार लाख रुपये कीमत के सोने के आभूषण लेकर फरार हो गई। पीड़ित फौजी ने कोतवाली में शिकायत कर पत्नी के विरुद्ध रिपोर्ट दर्ज कराई थी, लेकिन नकदी व आभूषण ही वापस मिले।
सामान खरीदने के लिए दिए थे 30 हजार रुपये
चांचली के सुभाष ने एक बार फिर रिटायर्ड फौजी को घर बसाने के सपने दिखाने शुरू कर दिए। बीते 12 जुलाई को सुभाष अपने साथ मथुरा के सुरीर गांव की प्रिया, उसकी मां सती, बहन हेमा व कान्हा को लेकर रिटायर्ड फौजी के घर पहुंचा व प्रिया से शादी की बात पक्की करा दी। शादी तय होने पर कपड़ा व सामान खरीदने के लिए 30 हजार रुपये लेकर सभी चले गए। इसके बाद प्रिया ने फोन कर सामान खरीदने के लिए 80 हजार रुपये और ले लिए। 16 जुलाई को प्रिया, उसकी मां सती, बहन हेमा व कान्हा दोबारा उनके घर पहुंचे। 17 जुलाई को दोनों की शादी करवा दी गई। उसके बाद राजकुमार व प्रिया का वैवाहिक जीवन ठीक से चलने लगा। 16 अगस्त को कान्हा, सती व हेमा प्रिया से मिलने के लिए रोही पहुंचे।