Home » Uncategorized » शुभ संयोग में हरतालिका तीज पर सुहाग के लिए महिलाओं का निर्जला व्रत

शुभ संयोग में हरतालिका तीज पर सुहाग के लिए महिलाओं का निर्जला व्रत

Hartalika Teej 2024 Date Kab Ki Hai, Puja Vidhi, Shubh Muhurat Time, Samagri List, Mantra in Hindi LIVE: अखंड सौभाग्य और सुखी वैवाहिक जीवन के लिए सुहागिन महिलाएं निर्जला व्रत रखती हैं। हिंदू धर्म में हरतालिका तीज का विशेष महत्व है। साथ ही यह त्योहार यह व्रत भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि पर रखा जाता है। ग्रथों के अनुसार अनुसार मां पार्वती ने भगवान शिव को पति रूप में पाने के लिए इस दिन कठोर तप किया था। इस व्रत में सुहागिन महिलाएं निर्जला व्रत रखते हुए शिव-पार्वती की पूजा करती हैं। इस बार हरतालिका तीज का व्रत 6 सितंबर शुक्रवार के दिन रखा जाएगा। इस बार हरितालिका तीज पर कई शुभ योग बन रहे हैं। इस बार हरतालिका तीज पर हस्त नक्षत्र का बहुत ही शुभ संयोग बन रहा है। जो कि उस समय बना था जब माता पार्वती ने भगवान शिव के लिए व्रत रखा था। आइए जानते हैं तिथि, शुभ मुहूर्त और महत्व…

हरतालिका तीज का शुभ मुहूर्त

चर चौघड़िया मुहूर्त: सुबह में 05:47 बजे से 07:20 बजे तक

लाभ चौघड़िया मुहूर्त:सुबह में 7:20 बजे से 08:54 बजे तक

अमृत चौघड़िया मुहूर्त:सुबह में 8:54 बजे से 10:27 बजे तक

शुभ मुहूर्त: दोपहर में 12:00 बजे से 01:34 बजे तक

चर-सामान्य मुहूर्त: शाम में 04:40 बजे से 06:13 बजे तक

हरतालिका तीज 2024 पारण का मुहूर्त (Hartalika Teej 2024 Paran Muhurat )

भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी आज दोपहर 3 बजकर 1 मिनट से शुरू हो जाएंगे लेकिन आज शाम को प्रदोष काल में पूजा की जाएगी। इसलिए 7 सितंबर को सुबह सूर्योदय के बाद अपना व्रत खोल सकते हैं। बता दें कि कल यानी 7 सितंबर को सूर्योदय सुबह 6 बजकर 14 मिनट पर होगा।

हिंदू पंचांग के अनुसार, 5 सितंबर, गुरुवार को सुबह 12 बजकर 22 मिनट पर आरंभ चुकी है और 6 सितंबर को दोपहर में 3 बजकर 1 मिनट पर समाप्त होगा।

पूजा का शुभ मुहूर्त- सुबह 6 बजकर 2 मिनट से 8 बजकर 32 मिनट तक

कुल अवधि- 2 घंटे 31 मिनट का

शाम की पूजा का मुहूर्त- 5 बजकर 26 मिनट से 6 बजकर 36 मिनट तक

हरतालिका तीज पर सुहागिन महिलाएं करें इन चीजों का दान

मेहंदी, बिंदी, अबीर, सिंदूर, कुमकुम, कंघी, माहौर, चंदन, चूड़ी बिछिया, काजल, कुमकुम का दान करें।

हरतालिका तीज पर पिडुकिया प्रसाद भोलेनाथ और मां पार्वती को चढ़ाने की पुरानी परंपरा रही है। घर में मनाए जाने वाले इस पर्व में महिलाएं एक साथ मिलकर प्रसाद बनाती हैं। इसके अंदर खोआ, सूजी, नारियल और बेसन भरा जाता है। हरतालिका तीज पर महिलाएं मंडप सजाकर बालू से भगवान शिव और पार्वती जी की प्रतिमा बनाकर उनका गठबंधन करती हैं।

हरतालिका तीज आरती, पार्वती माता की आरती

जय पार्वती माता जय पार्वती माता
ब्रह्म सनातन देवी शुभ फल कदा दाता।

जय पार्वती माता जय पार्वती माता।
अरिकुल पद्मा विनासनी जय सेवक त्राता

जग जीवन जगदम्बा हरिहर गुण गाता।
जय पार्वती माता जय पार्वती माता।

सिंह को वाहन साजे कुंडल है साथा
देव वधु जहं गावत नृत्य कर ताथा।

जय पार्वती माता जय पार्वती माता।
सतयुग शील सुसुन्दर नाम सती कहलाता
हेमांचल घर जन्मी सखियन रंगराता।
जय पार्वती माता जय पार्वती माता।

शुम्भ निशुम्भ विदारे हेमांचल स्याता
सहस भुजा तनु धरिके चक्र लियो हाथा।

जय पार्वती माता जय पार्वती माता।
सृष्टि रूप तुही जननी शिव संग रंगराता

नंदी भृंगी बीन लाही सारा मदमाता।
जय पार्वती माता जय पार्वती माता।

देवन अरज करत हम चित को लाता
गावत दे दे ताली मन में रंगराता।

जय पार्वती माता जय पार्वती माता।
श्री प्रताप आरती मैया की जो कोई गाता

सदा सुखी रहता सुख संपति पाता।
जय पार्वती माता मैया जय पार्वती माता।

 

Leave a Comment

[adsforwp id="47"]