



शिमला : हिमाचल प्रदेश की सुक्खू सरकार गंभीर आर्थिक संकट का रोना रो रही है. लेकिन सीएम सुक्खू के करीबियों की सैलरी में इजाफा हो रहा है. प्रदेश सरकार ने हिमाचल बिल्डिंग एंड अदर कंस्ट्रक्शन वर्कर वेलफेयर बोर्ड के चेयरमैन कांग्रेस नेता नरदेव सिंह कंवर के वेतन में भारी इजाफा किया है. ऐसे में प्रदेश सरकार की मंशा पर सवाल उठ रहे हैं. जानकारी के अनुसार, हिमाचल प्रदेश की विधानसभा के मॉनसून सत्र में सीएम ने गंभीर आर्थिक संकट का जिक्र किया और फिर बाद में एक नोटिफिकेश सामने आई. इस नोटिफिकेशन पर 30 जुलाई 2024 की तारीख अंकित है. नोटिफिकेशन के अनुसार, हिमाचल बिल्डिंग एंड अदर कंस्ट्रक्शन वर्कर वेलफेयर बोर्ड के चेयरमैन कांग्रेस नेता नरदेव सिंह कंवर के वेतन को 30 हजार रुपये से 1 लाख 30 हजार रुपये कर दिया गया है. इस वेतन के अलावा, उन्हें भत्ते और अलग से सुविधाएं भी मिलेंगी. लेबर और इम्पॉलमैंट विभाग के सचिव प्रियंका बासू की तरफ से नोटिफिकेशन जारी की गई है. हिमाचल प्रदेश पर 86 हजार करोड़ रुपये का कर्ज है. ऐसे में मॉनसून सत्र के दौरान सीएम सुक्खू ने ऐलान किया था कि मुख्य सचिव और मंत्रीमंडल 2 महीने की सैलरी विलंब के साथ लेंगे. यानी यह सैलरी इन्हें बाद में दी जाएगी. इस मामले में भी सरकार की खासी किरकिरी हुई थी. अब ताजा नोटिफिकेशन आने पर भी सरकार को आलोचना का सामना करना पड़ रहा है. आरोप लग रहे हैं कि जानबूझकर बैक डेट से अधिसूचना जारी की गई है.
सलाहाकारों की फौज
सीएम सुक्खू की ओर से सलाहाकारों की फौज को तैनाती देने पर भी सवाल उठ रहे हैं. आईटी एडवाइजर से लेकर मीडिया सलाहाकार लगाए गए हैं. चंडीगढ़ में भी तैनाती की गई थी. हाल ही में आईटी सलाहाकार गोकुल बुटैल ने ढाई लाख रुपये की सैलरी छोड़ने का ऐलान किया था और कहा है कि वह महज 1 रुपये सैलरी लेंगे. इस पर उनकी जरूर तारीफ की गई थी. गौरतलब है कि सुक्खू सरकार बीते दो साल में 15 हजार करोड़ रुपये से अधिक का कर्ज ले चुकी है।