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10 जुलाई से पहले होगा नगर निगम सोलन में मेयर का चुनाव, कांग्रेस-भाजपा की रणनीति को झटका….

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सोलन: नगर निगम सोलन में मेयर का चुनाव 10 जुलाई से पूर्व होगा। राज्य स्तरीय शूलिनी मेले के बाद चुनाव की घोषणा होगी। इससे कांग्रेस व भाजपा की रणनीति को जबरदस्त झटका लगा है। माना जा रहा है कि नगर निगम के 3 वार्डों के उपचुनाव के बाद ही फुल हाऊस में मेयर का चुनाव होगा लेकिन एम.सी. एक्ट के अनुसार मेयर का पद एक महीने से अधिक समय के लिए रिक्त नहीं रह सकता। इससे पूर्व ही मेयर का चुनाव करना होगा। शहरी विकास विभाग के प्रधान सचिव ने मेयर सहित पूर्व मेयर की पार्षद की सदस्यता को 10 जून को अयोग्य करार दिया था। इस आदेश को 10 जुलाई को एक महीना पूरा हो जाएगा। प्रशासन के पास मेयर का चुनाव करवाने के अलावा अब कोई विकल्प नहीं बचा है।

कांग्रेस की इसलिए बढ़ गई हैं चिंताएं
वहीं कांग्रेस की चिंताएं एक बार फिर बढ़ गई हैं क्योंकि नगर निगम में वर्तमान में पार्षदों की संख्या 17 में से केवल 14 है। इसमें कांग्रेस के 7 पार्षद हैं और विधायक की वोट के साथ कांग्रेस बहुमत के 8 के आंकड़े को आसानी से पार कर रही है लेकिन यह इतना आसान नहीं है। इसमें कांग्रेस के 2 पार्षद वे भी हैं जिनके खिलाफ कांग्रेस ने दल-बदल कानून के तहत नगर निगम आयुक्त को शिकायत की थी। अब कांग्रेस को नगर निगम में अपना मेयर बनाने के लिए इन 2 पार्षदों के समर्थन की जरूरत पड़ गई है।

भाजपा के लिए भी राह आसान नहीं
दूसरी ओर भाजपा में भी मेयर के लिए सहमति बनने की राह आसान नहीं है लेकिन भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डाॅ. राजीव बिंदल अपने पार्षदों को एकजुटता की घुट्टी पिला सकते हैं। निर्दलीय पार्षद के समर्थन से भाजपा की संख्या 7 है। यदि भाजपा कांग्रेस के 1 या 2 पार्षदों में सेंध लगाने में कामयाब रही तो मेयर पर भी कब्जा कर सकती है। नगर निगम में वार्ड नम्बर 5, वार्ड नम्बर 8 व वार्ड नम्बर 12 में उपचुनाव होना है। इसकी डेट अभी फाइनल नहीं हुई है। जब तक यह चुनाव होगा तब तक सोलन को नया मेयर मिल जाएगा।

एमसी एक्ट में है प्रावधान : एकता 
नगर निगम आयुक्त एकता काप्टा ने बताया कि मेयर का चुनाव 10 जुलाई से पहले होगा। राज्य स्तरीय शूलिनी मेले के बाद कभी भी चुनाव की घोषणा हो सकती है। एमसी एक्ट में स्पष्ट है कि मेयर का पद एक महीने ज्यादा समय तक खाली नहीं रह सकता। 10 जून को मेयर सहित पूर्व मेयर की पार्षद की सदस्यता को अयोग्य करने के आदेश जारी हुए थे। इस आदेश को जारी हुए 10 जुलाई को एक महीना हो जाएगा, इससे पूर्व ही चुनाव करवाना पड़ेगा।

व्हिप से भी नहीं रुकेगी क्रॉस वोटिंग 
नगर निगम में मेयर व डिप्टी मेयर के चुनाव में व्हिप जारी होने के बाद भी क्रॉस वोट पर अंकुश लगना संभव नहीं है। 7 दिसम्बर 2023 को मेयर व डिप्टी मेयर के चुनाव में कांग्रेस की ओर से क्रॉस वोटिंग हुई थी। कांग्रेस ने 4 पार्षदों की शिकायत भी की थी जिसमें से 2 के खिलाफ ही दल-बदल कानून के तहत कार्रवाई की गई जबकि 2 सबूतों के अभाव में बच गए। जिन 2 के खिलाफ कार्रवाई हुई उसमें से एक ने मेयर का चुनाव लड़ा जबकि दूसरे ने उनका नाम प्रस्तावित किया था। सबूत थे, कार्रवाई हुई जबकि 2 के खिलाफ ऐसा कोई सबूत नहीं था। डिप्टी मेयर के चुनाव में भाजपा प्रत्याशी को कांग्रेस के 5 में से एक पार्षद ने वोट किया था जिसका आज तक पता नहीं चला।

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