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पंचायतों से अपने खाते में जमा कराए 42 लाख, डाटा एंट्री ऑपरेटर निलंबित

हमीरपुर : जिला पंचायती राज विभाग हमीरपुर ने 42 लाख रुपये का गबन करने पर एक डाटा एंट्री ऑपरेटर को निलंबित कर दिया है। कर्मचारी ने 15वें वित्त आयोग के तहत विभिन्न पंचायतों में विकास कार्यों के लिए आए 42 लाख रुपये के बजट को अपने बैंक खाते में ट्रांसफर कर लिया था। इस बात का खुलासा पंचायतों के ऑडिट में हुआ है। अब जिला पंचायत अधिकारी ने पुलिस थाना हमीरपुर में मामला दर्ज करवाया है। जानकारी के अनुसार जिला पंचायती राज विभाग में कर्मचारी में डाटा एंट्री ऑपरेटर के पद पर तैनात एक कर्मचारी ने विभिन्न पंचायतों में विकास कार्यों के लिए आए लगभग 42 लाख रुपये अपने बैंक खाते में ट्रांसफर कर लिए थे। ऑडिट टीमों के माध्यम से किए गए पंचायतों के ऑडिट के दौरान इस घोटाले का खुलासा हुआ। उधर, आरोपी कर्मी ने मामला उजागर होने के बाद 32 लाख रुपये विभाग के पास जमा भी करवा दिए हैं। हालांकि अभी भी नौ लाख से ज्यादा की अदायगी होना बाकी है। 15वें वित्त आयोग के माध्यम से जिला परिषद के पास आया हुआ बजट पंचायतों को आवंटित किया गया था। मगर कई ऐसी पंचायतों को रुपए डाल दिए गए, जिनके लिए बजट आया ही नहीं था। बाद में जब इस बात का पता चला कि इन पंचायतों से लाखों रुपये कर्मचारी ने अपने बैंक खाते में ट्रांसफर करवा लिए। कर्मचारी ने 42 लाख के करीब रुपये अपने निजी खाते में ट्रांसफर करवाए लिए। हाल ही में पंचायतों का ऑडिट शुरू हुआ था। ऑडिट टीम ने जब पंचायतों का ऑडिट किया तो रुपयों के लेनदेन को लेकर अनियमितताएं सामने आई। ऑडिट टीम ने लाखों रुपयों की हेराफेरी की रिपोर्ट जिला पंचायत अधिकारी को सौंपी। इसके बाद मामला उजागर हुआ। जिला पंचायत अधिकारी शशिबाला ने कहा कि जिला परिषद कार्यालय के डाटा एंट्री ऑपरेटर कर्मचारी ने अपने बैंक खाते में लाखों रुपये डलवाए हैं। जांच में इसके पुख्ता प्रमाण भी मिले। कर्मचारी को सस्पेंड कर दिया गया है और विभागीय जांच की जा रही है। पुलिस को भी मामले की शिकायत सौंपी गई है। पुलिस अधीक्षक हमीरपुर पदम चंद ने कहा कि सदर थाना हमीरपुर में शनिवार को मामला दर्ज कर लिया गया। फिलहाल अभी छानबीन जारी है।

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