



गर्मी के मौसम में आम एक ऐसा फल है जो हर किसी को पसंद होता है. यह फल ऐसा है जिसे कई तरह से खाया जा सकता है, इसीलिए इसे फलों का राजा कहा जाता है. आम में स्वाद के साथ-साथ गुण भी होते हैं. क्या आप जानते हैं कि भारत में कितने तरह के आम बहुत फेमस हैं और इन्हें कैसे पहचाना जा सकता है. आइए जानते हैं कैसे…
तोतापुरी
इंडियन एक्सप्रेस में छपी खबर के मुताबिक, यह हरे रंग का होता है और तोते की चोंच जैसा दिखता है. कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में उगाया जाने वाला यह आम अन्य किस्मों जितना मोटा नहीं होता है. हालांकि, यह अचार और सलाद के लिए सबसे अच्छा है. कैसे करें पहचान: पके आम हरे रंग के होते हैं और तोते की चोंच जैसे होते हैं.
अल्फांसो आम
मुख्य रूप से महाराष्ट्र में पकने वाला यह आम अब गुजरात और कर्नाटक के कुछ हिस्सों में भी उगता है. हाफस विदेशों में निर्यात किया जाने वाला सबसे महंगा आम है. केसरिया रंग हाफस की पहचान हैं.
केसर
सबसे महंगे आमों में से एक, केसर के गूदे का रंग केसरिया होता है. यह आम अहमदाबाद और गुजरात में उगाया जाता है. जूनागढ़ के नवाब ने सबसे पहले इस आम की खेती 1931 में की थी और 1934 में इसे केसर नाम मिला. इस आम का रंग केसर (तेजानो) से काफी मिलता-जुलता है और यही इसकी सबसे बड़ी खासियत है.
लंगड़ा आम
लंगडो आम एक प्रसिद्ध प्रजाति है जो वाराणसी और उत्तर प्रदेश में पाई जाती है. क्या आप जानते हैं लंगड़ा नाम कैसे पड़ा? सबसे पहले यह आम बिना पैरों वाले आदमी के खेत में उगा था इसलिए इसका नाम लंगड़ा पड़ा. यह आम जुलाई से अगस्त में पकता है. यह आकार में अंडाकार और पकने पर भी हरे रंग का होता है.
रत्नागिरी
प्रसिद्ध रत्नागिरी आम महाराष्ट्र के रत्नागिरी, देवगढ़, रायगढ़ और कोंकण में उगते हैं. दिलचस्प बात यह है कि प्रत्येक आम का वजन 150 से 300 ग्राम के बीच होता है. इन आमों के टॉप पर एक लाल पट्टी होती है.
सिंधुरा
यह आम चबाने योग्य और थोड़ा खट्टा होता है. इस आम की खुशबू काफी देर तक मुंह में रहती है. शेक बनाने के लिए यह सबसे अच्छा आम है. आम का गूदा बहुत पीले रंग का होता है. यह आम दूसरों से अलग दिखता है. बाहर का रंग लाल और अंदर का गूदा पीला होता है.
बंगनपल्ली
आकार में अल्फांसो से भी बड़ा यह आम कुन्नूर, आंध्र प्रदेश में उगता है. इस अंडाकार आकार के आम का छिलका बहुत कोमल होता है और इसकी लंबाई 14 सेमी तक होती है. यह आम हल्के पीले रंग का होता है और ऊपर कुछ धब्बे होते हैं.
चोसा
चोसा आम बिहार और उत्तर भारत में बहुत लोकप्रिय है. 16वीं शताब्दी में शेरशाह सूरी ने इस आम को अपने क्षेत्र में उगाना शुरू किया. इस आम का नाम बिहार के एक शहर के नाम पर रखा गया है. इसका स्वाद बहुत मीठा होता है और छिलके का रंग चमकीला पीला होता है. इस आम का पीला-सुनहरा रंग ही इसकी पहचान है.
मालदा
बिहार में मालदा को आम का राजा कहा जाता है. आम का प्रयोग खासतौर पर चटनी बनाने में किया जाता है. यह आम स्वाद में खट्टा-मीठा होता है. गूदेदार और स्वादिष्ट. इस आम का छिलका अन्य आमों की तुलना में अधिक मोटा होता है. इसकी मीठी खुशबू आती है.