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दिसंबर में आठ साल बाद रिकॉर्ड सबसे कम बरसे बादल, सिर्फ 5.8 मिलीमीटर बारिश की गई दर्ज…

शिमला : हिमाचल प्रदेश में आठ साल बाद दिसंबर के दौरान सबसे कम बारिश रिकॉर्ड हुई। एक से 31 दिसंबर 2023 तक प्रदेश में सामान्य से 85 फीसदी कम बारिश हुई। दिसंबर 2023 में सिर्फ 5.8 मिलीमीटर बारिश हुई। जबकि इस अवधि में 38.1 मिलीमीटर बारिश को सामान्य माना गया है। इससे पहले दिसंबर 2016 में 3 मिलीमीटर ही बादल बरसे थे। वर्ष 2004 से 2023 तक सिर्फ तीन बार 2010, 2017 और 2019 में ही दिसंबर में सामान्य से अधिक बारिश हुई है। अन्य सभी वर्षों में सामान्य से कम बारिश ही दर्ज हुई। उधर, अक्तूबर से दिसंबर 2023 तक प्रदेश में सामान्य से 45 फीसदी कम बारिश हुई। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के निदेशक सुरेंद्र पॉल के अनुसार ग्लोबल वार्मिंग इसका कारण रहा है। अक्तूबर से दिसंबर तक पश्चिमी विक्षोभ का प्रदेश में प्रवेश तो कई बार हुआ लेकिन प्रदेश में पहुंचते ही यह कमजोर हो गया। इस कारण बारिश में कमी रही। दिसंबर 2023 में किन्नौर में सामान्य से 99, सिरमौर में 96 फीसदी कम बारिश हुई। बिलासपुर में सामान्य से 58, चंबा में 78, हमीरपुर में 90, कांगड़ा में 82, कुल्लू में 87, लाहौल-स्पीति में 84, मंडी में 88, शिमला-सोलन में 84 और ऊना में 64 फीसदी कम बारिश हुई। उधर, मानसून सीजन समाप्त होने के बाद अक्तूबर 2023 के दौरान प्रदेश में सामान्य से नौ फीसदी अधिक बादल बरसे। प्रदेश में 27.3 मिलीमीटर बारिश हुई, इस अवधि में 25.1 मिलीमीटर बारिश को सामान्य माना गया है। नवंबर 2023 में सामान्य से 38 फीसदी कम बारिश हुई। अक्तूबर से दिसंबर तक प्रदेश में 45.2 मिलीमीटर बादल बरसे। इस अवधि में 82.9 मिलीमीटर बारिश को सामान्य माना गया है।

शिमला में लगातार तीसरे साल दिसंबर में नहीं हुई बर्फबारी
राजधानी शिमला में लगातार तीसरे साल दिसंबर के दौरान बर्फबारी नहीं हुई। शिमला में दिसंबर के दौरान साल 2020 में हल्की बर्फबारी हुई थी। इससे पहले वर्ष 2018 के दिसंबर में बर्फबारी हुई थी। बीते कुछ वर्षों से कंक्रीट के जंगल यानी बढ़ रहे शहरी क्षेत्रों से बर्फबारी ने शिमला से अपना रास्ता बदल लिया है। विश्व विख्यात पर्यटन स्थलों शिमला और मनाली में साल-दर-साल बर्फबारी का बदलता चक्र इस ओर साफ इशारा कर रहा है। दोनों पर्यटन नगरियों से नवंबर और दिसंबर में बर्फबारी का नाता टूट सा गया है। 80 और 90 के दशक तक शिमला नवंबर और दिसंबर में ही बर्फबारी से लकदक हो जाता था।

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