खत्म हुई हड़ताल, फिलहाल लागू नहीं होगा हिट एंड रन कानून, हुआ समझौता…ड्राइवरों से काम पर लौटने की अपील…

दिल्ली : मोटर चालकों से जुड़े ‘हिट-एंड-रन’ सड़क दुर्घटना मामलों के संबंध में नए दंड कानून में प्रावधान के खिलाफ ट्रक चालकों ने मंगलवार को लगातार दूसरे दिन देश के अलग-अलग राज्यों में विरोध- प्रदर्शन किया. महाराष्ट्र में प्रदर्शन की वजह से कुछ स्थानों पर ईंधन की कमी की आशंका पैदा हो गई. भारतीय दंड विधान की जगह लेने जा रही भारतीय न्याय संहिता में ऐसे चालकों के लिए 10 साल तक की सजा का प्रावधान है जो लापरवाही से गाड़ी चलाकर भीषण सड़क हादसे को अंजाम देने के बाद पुलिस या प्रशासन के किसी अफसर को दुर्घटना की सूचना दिए बगैर मौके से फरार हो जाते हैं. महाराष्ट्र के पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन के सचिव अकील अब्बास ने बताया कि छत्रपति संभाजीनगर में कुछ पेट्रोल पंपों पर काम पहले ही बंद हो चुका है. अधिकारियों ने बताया कि सोलापुर, कोल्हापुर, नागपुर और गोंदिया जिलों में भी ‘रास्ता रोको’ प्रदर्शन किया गया, वहीं नवी मुंबई और अन्य स्थानों पर स्थिति नियंत्रण में है.वहीं छत्तीसगढ़ के कई हिस्सों में यात्री बसों के चालकों ने ‘हिट-एंड-रन’ मामलों से संबंधित नए कानून को वापस लेने की मांग को लेकर काम बंद किया जिससे यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा. विरोध प्रदर्शन में ट्रक चालक भी शामिल थे जिससे सामान ढुलाई प्रभावित हुई. ट्रक चालकों की हड़ताल के कारण पेट्रोल-डीजल की आपूर्ति प्रभावित होने के भय से शहरों में पेट्रोल पंप के सामने लोगों की लंबी-लंबी कतारें लग गईं.

. सरकार और ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के बीच बनी
सहमती
देशभर में ट्रक ड्राइवरों की हड़ताल खत्म
• हिट एंड रन कानून नहीं होगा लागू

गृह सचिव अजय भल्ला ने ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन को
आश्वासन दिया है कि फिलहाल हिट एंड रन कानून को लागू
नहीं किया जाएगा। इस मामले में केंद्रीय गृह सचिव अजय
भल्ला ने कहा, “हमने आज अखिल भारतीय परिवहन कांग्रेस
के प्रतिनिधियों से चर्चा की। सरकार ये बताना चाहती है कि
नए कानून एवं प्रावधान अभी लागू नहीं हुए हैं, हम ये भी कहना चाहते हैं कि भारतीय न्याय संहिता की धारा 106 (2) लागू करने से पहले अखिल भारतीय परिवहन कांग्रेस से विचार विमर्श करने के बाद ही निर्णय लिया जाएगा।”

पेट्रोल तथा डीजल की आपूर्ति के सम्बन्ध में आवश्यक आदेश जारी…

सोलन: ज़िला दण्डाधिलाकरी सोलन मनमोहन शर्मा ने सोलन ज़िला में पेट्रोल तथा डीजल की आपूर्ति के सम्बन्ध में आवश्यक आदेश जारी किए हैं। यह आदेश आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 के तहत जारी हिमाचल प्रदेश जमाखोरी एवं मुनाफा खोरी रोकथाम आदेश, 1977 के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए जारी किए गए हैं। इन आदेशों के अनुसार ज़िला सोलन में कार्यरत सभी पेट्रोल पंप ऑपरेटरों को आपात परिस्थिति के दृष्टिगत पेट्रोल और डीजल का न्यूनतम रिजर्व सुनिश्चित रखना होगा। 25 हजार लीटर से अधिक भण्डारण क्षमता वाले पेट्रोल पंप पर 03 हजार लीटर डीजल तथा 02 हजार लीटर पेट्रोल का न्यूनतम रिजर्व रखना आवश्यक है। 25 हजार लीटर से कम भण्डारण क्षमता वाले पेट्रोल पंप पर 02 हजार लीटर डीजल तथा एक हजार लीटर पेट्रोल का न्यूनतम रिजर्व रखना आवश्यक है। आदेशों में स्पष्ट किया गया है कि कोई भी पेट्रोल, डीजल डीलर एक समय में एक वाहन को 10 लीटर से अधिक ईंधन नहीं देगा। इससे अधिक ईंधन प्रदान करने के लिए सम्बन्धित उपमण्डलाधिकारी अथवा ज़िला खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति नियंत्रक की पूर्व अनुमति अनिवार्य होगी। किसी भी व्यक्ति को वाहन ईंधन टैंक के अतिरिक्त अन्य किसी भण्डारण पात्र में इंधन नहीं दिया जाएगा। इन आदेशों के अनुसार एम्बुलैंस, अग्निशमन वाहन, आवश्यक वस्तुएं लेकर जा रहे वाहन, सार्वजनिक परिवहन इत्यादि को प्राथमिकता दी जाएगी। किसी भी डीलर को इस अवधि में पेट्रोल तथा डीजल की जमाखोरी तथा काला बाजारी करने की अनुमति नहीं होगी।आदेशो के उल्लंघन पर उपरोक्त आदेश की धारा 03(1)(ई) के अनुरूप विधि सम्मत कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।

कार्यकारी सभापति डॉ. हंस राज की अगुवाई में चक्की मोड़ का किया निरीक्षण…

. लोक लेखा समिति ने सोलन में वर्षा के कारण हुए नुकसान का लिया जायज़ा

सोलन: हिमाचल प्रदेश विधानसभा की लोक लेखा समिति ने उपायुक्त सोलन को निर्देश दिए हैं कि गत वर्ष भारी वर्षा के कारण परवाणु-शिमला राष्ट्रीय राजमार्ग को सोलन ज़िला में हुए नुकसान के कारण क्षतिग्रस्त पारम्परिक सम्पर्क मार्गों को शीघ्र ठीक करवाएं और यह सुनिश्चित बनाएं कि क्षेत्र में पारम्परिक जल स्त्रोतों का दीर्घ अवधि तक उपयोग हो सके।समिति ने राष्ट्रीय उच्च मार्ग को हुई क्षति को जनहित में शीघ्र ठीक करने के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एन.एच.ए.आई) एवं अन्य विभागों की संयुक्त बैठक शीघ्र बुलाने के निर्देश भी दिए।

प्रदेश विधानसभा की लोक लेखा समिति ने आज यहां कार्यकारी सभापति एवं चम्बा ज़िला के चुराह के विधायक डॉ. हंसराज की अध्यक्षता में इस विषय पर उपायुक्त सोलन एन.एच.ए.आई एवं अन्य विभागों के साथ बैठक कर वस्तुस्थिति की जानकारी प्राप्त की और उचित दिशा-निर्देश जारी किए। बैठक में समिति के सदस्य एवं कांगड़ा ज़िला के शाहपुर के विधायक केवल सिंह पठानिया और सदस्य एवं कांगड़ा ज़िला के इंदोरा के विधायक मलेन्द्र राजन ने भी बहुमूल्य सुझाव प्रस्तुत किए। बैठक में सोलन ज़िला के कसौली के विधायक विनोद सुल्तानपुरी विशेष रूप से उपस्थित रहे।
समिति के कार्यकारी सभापति डॉ. हंस राज ने कहा कि गत वर्ष हिमाचल प्रदेश को आपदा के कारण काफी नुकसान उठाना पड़ा है। उन्होंने कहा कि आपदा को रोका नहीं जा सकता किंतु समय पर किए गए एहतियाती उपायों से कम किया जा सकता है। इसके लिए विभिन्न विभागों, स्वयं सेवी संस्थाओं और स्थानीय निवासियों के मध्य बेहतर तालमेल होना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के क्षेत्र विशेष की भौगोलिक परिस्थिति स्थानीय निवासी बेहतर जानते हैं। ऐसे में यह आवश्यक है कि राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण, निर्माण कार्य में स्थानीय भौगोलिक परिस्थितियों की जानकारी रखने वाले विशेषज्ञों की सहायता लें।
उन्होंने कहा कि सामरिक एवं आर्थिक दृष्टि से महत्वपूर्ण ऐसे निर्माण कार्यों में प्रदेश के वन, बागवानी एवं कृषि विभाग से समन्वय आवश्यक स्थापित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि निर्माण कार्यों में कृषि योग्य भूमि को सुरक्षित रखने एवं भू-संरक्षण सुनिश्चित बनाने के लिए इन विभागों का सहयोग आवश्यक है।
डॉ. हंस राज ने कहा कि यह मार्ग आर्थिक एवं पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण है और इसे सुचारू रखने में किसी प्रकार की कोताही नहीं होनी चाहिए। उन्होंने उपायुक्त को निर्देश दिए कि आपदा के कारण सोलन ज़िला में आवासों इत्यादि को हुए नुकसान का भौगोलिक दृष्टि से सर्वेक्षण किया जाए।
समिति के सदस्य एवं विधायक केवल सिंह पठानिया ने कहा कि आपदा के समय त्वरित राहत पहुंचाना महत्वपूर्ण है। उन्होंने ज़िला प्रशासन को निर्देश दिए कि प्रदेश सरकार द्वारा जारी 4500 करोड़ रुपए के राहत पैकेज के दृष्टिगत सोलन ज़िला में सभी पीड़ितों को समयबद्ध राहत प्रदान करें। उन्होंने कहा कि आमजन को समयबद्ध सहायता प्रदान करने और आपदा के प्रभावों को न्यून करने के लिए विभिन्न विभागों का आपसी समन्वय आवश्यक है। उन्होंने कहा कि भविष्य में आपदा के कारण जानो-माल को होनी वाली क्षति को कम करने के लिए निर्माण कार्यों में पहाड़ की भौगोलिक स्थिति के अनुरूप स्थापित नियमों का ध्यान रखा जाए।
समिति के सदस्य एवं विधायक मलेन्द्र राजन ने कहा कि गत वर्ष भारी वर्षा के कारण प्रदेश में आई आपदा जैसी परिस्थितियों से भविष्य में बचने के लिए शोध आवश्यक है।
उपायुक्त सोलन मनमोहन शर्मा ने अवगत करवाया कि गत वर्ष भारी वर्षा से सोलन ज़िला में लगभग 653 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ, 8439 व्यक्ति प्रभावित हुए, 377 घर पूरी तरह तथा 783 परिवारों के घर आंशिक क्षतिग्रस्त हुए। 17 लोग इस आपदा के कारण दुःखद मृत्यु को प्राप्त हुए। ज़िला प्रशासन द्वारा आपदा राहत मेनुअल तथा तदोपरांत विशेष राहत पैकेज के अनुरूप प्रभावितों को राहत राशि प्रदान की गई है। समिति ने तदोपरांत राष्ट्रीय राजमार्ग पर चक्की मोड़ के समीप हुए भारी नुकसान का जायज़ा लिया और एन.एच.ए.आई के अधिकारियों से भविष्य के बचाव की जानकारी प्राप्त की। उन्होंने निर्देश दिए कि ज़िला प्रशासन एवं एन.एच.ए.आई इस मार्ग को युद्ध स्तर पर ठीक करने के लिए कार्य करें। इस अवसर पर विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी, राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के वरिष्ठ अधिकारी और राष्ट्रीय राजमार्ग फोरलेन कार्य में संलग्न कम्पनी के अधिकारी मौजूद थे।

हिमाचल में पेट्रोल-डीजल की किल्लत, HRTC के 138 रूट बंद, जनता हुई परेशान…

शिमला : हिट एंड रन कानून के विरोध में ट्रक ड्राइवरों की हड़ताल से अब एचआरटीसी (HRTC) के सामने बड़ी चुनौती खड़ी हो गई है। प्रदेश में डीजल की कमी के कारण एचआरटीसी ने कम सवारियों वाले 138 रूट बंद करने का फैसला लिया है। एमडी एचआरटीसी रोहन चंद ठाकुर ने कहा कि ऊना में 24 हजार लीटर डीजल की सप्लाई हो गई है। सबसे ज्यादा दिक्कत, कांगड़ा जोन से पालमपुर, बैजनाथ, धर्मशाला, जसूर और चंबा, शिमला जोन से नाहन, पांवटा, मंडी व सुंदरनगर में है। जिसके लिए वैकल्पिक इंतजाम किए जा रहे हैं और तीन दिन का स्टॉक एचआरटीसी के पास रहता है, इसलिए एचआरटीसी की प्राथमिकता उन रूटों पर है, जहां ज्यादा सवारियां होती हैं। ऊना और नालागढ़ में व्यवस्था कुछ पटरी पर है। उन्होंने कहा कि डीजल की सप्लाई के लिए प्राइवेट पेट्रोल पंप ऑपरेटर से भी मदद लेने की योजना है। इसके लिए संबंधित जिलों के डीसी से आग्रह किया है। लंबे रूट की बसों के लिए दिल्ली में फिलिंग की अनुमति मिल गई है।

Truck Driver Strike: हिमाचल में पेट्रोल टैंकरों को एस्कॉर्ट कर रिफाइनरी तक ले गई पुलिस, निजी स्कूल 2 दिन बंद ..

ऊना: हिट एंड रन मामले को लेकर केंद्र सरकार के कानूनी संशोधन के खिलाफ चल रही ट्रक ड्राइवरों की हड़ताल के बीच हिमाचल प्रदेश के ऊना जिला प्रशासन ने पेट्रोल और डीजल की सप्लाई सुचारु करने के लिए हस्तक्षेप किया है. इसके लिए पुलिस ने विशेष रास्ता निकाला और सीधे तौर पर पेट्रोल पंप संचालकों के साथ बैठक करते हुए उनकी अपनी गाड़ियों से पेट्रोल और डीजल पंप तक पहुंचाने को लेकर प्लान को जमीन पर उतारा. जिला ऊना के पेखुवेला में स्थित आइओसीएल टर्मिनल के बाहर चल रहे ट्रक चालकों के भारी विरोध प्रदर्शन के बावजूद पुलिस सुरक्षा में पेट्रोल और डीजल की सप्लाई के लिए टैंकर आइओसीएल टर्मिनल के कैंपस में दाखिल किए गए. मंगलवार सुबह से शुरू हुई यह कार्रवाई बाद दोपहर तक चली, जिसमें करीब 65 टैंकर आइओसीएल टर्मिनल में पहुंच गए, जिन्हें लोड करने के बाद भारी पुलिस सुरक्षा के 6बीच पेट्रोल पंप तक ले जाने को लेकर भी पूरा इंतजाम किया गया है. हालांकि, जिला प्रशासन की इस कार्रवाई के बावजूद ट्रक चालकों का विरोध प्रदर्शन टर्मिनल कैंपस के बाहर लगातार जारी रहा. दरअसल, जिला प्रशासन की पेट्रोल पंप संचालकों के साथ हुई अहम बैठक के बाद यह रास्ता निकाला गया कि खुद पेट्रोल पंप संचालकों की गाड़ियों से पंप हाउस तक ईंधन की सप्लाई की जाएगी. ट्रक चालक संघ के अध्यक्ष शिवकुमार ने कहा कि उनका संघर्ष लगातार जारी है.हालांकि, वह किसी प्रकार से किसी को भी टर्मिनल से इंधन ले जाने में किसी प्रकार की रोक-टोक नहीं कर रहे हैं. ट्रक चालकों का विरोध प्रदर्शन पहले की तरह शांतिपूर्वक जारी रहेगा.

डीसी राघव शर्मा ने कहा कि जिला प्रशासन ने हस्तक्षेप करते हुए ईंधन सप्लाई को रास्ता निकाला है, जिसके तहत करीब 65 टैंकर आइओसीएल टर्मिनल में दाखिल कर दिए गए हैं और यह सभी टैंकर लोड करने के बाद फिलिंग स्टेशन तक पहुंच जाएंगे, ताकि लोगों को पेट्रोल और डीजल की सप्लाई मुहैया करवाई जा सके. वहीं, हड़ताल के चलते पेट्रोल डीजल की सप्लाई प्रभावित हुई है और ऐसे में ऊना जिले में निजी स्कूलों में दो दिन की छुट्टी कर दी गई है.

रामलला की प्राण प्रतिष्ठा में शामिल होने का मंत्री विक्रमादित्य सिंह को मिला निमंत्रण, बोले- ‘धर्म-संस्कृति आखिरी दिन…

रामनगरी अयोध्या में 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होनी है. इस भव्य और दिव्य कार्यक्रम में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत खास मेहमान शामिल होंगे. देशभर के चंद ही ऐसे लोग हैं, जिन्हें प्राण प्रतिष्ठा में शामिल होने के लिए निमंत्रण मिला है. हिमाचल प्रदेश सरकार में लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह को भी विश्व हिंदू परिषद और मंदिर ट्रस्ट की ओर से कार्यक्रम में शामिल होने का निमंत्रण दिया गया है. विक्रमादित्य सिंह ने निमंत्रण के लिए विश्व हिंदू परिषद और मंदिर ट्रस्ट का आभार व्यक्त किया.

पिता वीरभद्र सिंह भी थे राम मंदिर निर्माण के समर्थक

हिमाचल प्रदेश सरकार में सबसे युवा मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि उनके पिता पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह हमेशा राम मंदिर आंदोलन के हक में रहे. उन्होंने कहा कि अपने जीवन के आखिरी वक्त में वीरभद्र सिंह ने राम मंदिर निर्माण के लिए दान भी किया. उन्होंने कहा कि यह उनके लिए राजनीति का नहीं, बल्कि धर्म का विषय है. वीरभद्र सिंह हमेशा से ही देव संस्कृति के उत्थान के लिए काम करते रहे. हिमाचल प्रदेश में धर्मांतरण का कानून भी वीरभद्र सिंह की सोच की वजह से ही लाया गया था. विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि हम हिंदू हैं. धर्म को आगे ले जाना और संस्कृति में विश्वास, यह हमारे संस्कार हैं. विक्रमादित्य ने कहा कि वह व्यवस्था के अनुरूप इस कार्यक्रम में शामिल होंगे. कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शामिल होना है. ऐसे में इसके लिए विशेष व्यवस्था भी रहेगी. उन्होंने कहा कि वे प्रभु श्री राम के दर्शन के लिए अयोध्या जरूर जाएंगे.

निमंत्रण कैसे-क्यों मिला?
विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि उन्हें कैसे और क्यों यह निमंत्रण मिला है, इस बारे में उन्हें जानकारी नहीं है. संभव है कि उनके पिता वीरभद्र सिंह का इतिहास देखते हुए उन्हें यह निमंत्रण मिला हो. विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि यह किसी भी सूरत में राजनीति का नहीं, बल्कि धर्म का विषय है. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने भी यह कहा है कि वह अपने पूरे मंत्रिमंडल के साथ अयोध्या राम लला के दर्शन के लिए जाएंगे.हिमाचल प्रदेश सरकार में लोक निर्माण मंत्री लगातार सोशल मीडिया पर ‘जय श्री राम’ का नारा लगाने के लिए चर्चा में बने रहते हैं. विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि यह आलोचना का नहीं, बल्कि अपनी आस्था का विषय है. उन्होंने कहा कि यह विषय पार्टी से बढ़कर है और इसमें उनकी धार्मिक आस्था है. विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि सरकार आती-जाती रहती है, लेकिन धर्म संस्कृति आखिरी दिन तक बनी रहनी चाहिए. इसी बात को लेकर वे निरंतर आगे चलेंगे. गौरतलब है कि जब भी विक्रमादित्य सिंह ‘जय श्री राम’ का नारा लगाते हैं, तो विरोधी उन्हें बीजेपी के साथ जोड़कर देखना शुरू कर देते हैं. इसी आलोचना पर विक्रमादित्य सिंह ने खुलकर यह बात कही है.

कुल्लू को मिली 198 करोड़ रुपये के विकास कार्यों की सौगात, CM सुक्खू ने किया शिलान्यास-उद्घाटन

कुल्लू: हिमाचल प्रदेश में जुलाई-अगस्त के महीने में आई आपदा की वजह से करीब 10 हजार करोड़ रुपये का नुकसान हुआ. हिमाचल प्रदेश में यह इतिहास की सबसे भयावह आपदा थी. सबसे ज्यादा प्रभावित इलाकों में जिला कुल्लू भी शामिल था. आपदा के करीब तीन महीने से ज्यादा का समय बीत जाने के बाद अब व्यवस्था पटरी पर लौट आई है. पहले की तरह हिमाचल प्रदेश में विकास कार्य भी अब गति पकड़ते हुए नजर आ रहे हैं. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने जिला कुल्लू के प्रवास के दौरान जिला के लिए 198 करोड़ रुपये की 13 विकास परियोजनाओं के लोकार्पण और शिलान्यास किए.

मुख्यमंत्री ने 20 करोड़ रुपये से की लागत से निर्मित सब्जी मंडी बंदरोल और 9.07 करोड़ रुपये से रायसन में ब्यास नदी पर बने डबल लेन पुल का लोकार्पण किया. उन्होंने नेहरू कुंड (बाहांग) में ब्यास नदी पर बुरवा और शनाग सम्पर्क मार्ग को जोड़ने वाले 6.44 करोड़ रुपये से बने स्टील ट्रस ब्रिज, जगतसुख नाला पर 4.07 करोड़ रुपये और चक्की नाला पर 3.37 करोड़ रुपये से बने आरसीसीटी-बीम पुलों, पतलीकूहल में 20 लाख रुपये से बने विवेकानन्द पुस्तकालय, मनाली में 7.83 करोड़ रुपये से बनी इको-फ्रेंडली मार्केट मढ़ी, सोलंगनाला में 54 लाख रुपये से तैयार वे-साइड सुविधाएं और सजला में 29 लाख रुपये की लागत से निर्मित आयुर्वेदिक स्वास्थ्य केन्द्र भवन का उद्घाटन किया.

आपदा में सरकार ने किया बेहतरीन काम- सीएम सुक्खू 

इस दौरान सीएम सुक्खू ने कहा कि सरकार जन सेवा के लिए पूरी तरह समर्पित है. यह प्रतिबद्धता सरकार की ओर से आपदा प्रभावितों की सहायता के लिए लाए गए 4 हजार 500 करोड़ रुपये के विशेष राहत पैकेज से स्पष्ट झलकती है. इस राहत पैकेज के तहत पूरी तरह से क्षतिग्रस्त मकानों के लिए मुआवजा 1.30 लाख रुपये से साढ़े पांच गुना बढ़ाकर 7 लाख रुपये किया गया है. कच्चे मकानों को आंशिक क्षति के मामले में मुआवजा 25 गुना बढ़ाकर एक लाख रुपये किया गया है. इसी तरह क्के मकानों के लिए मुआवजा 15.5 गुना बढ़ाया गया है.

पर्यटन कारोबार में फिर आई तेजी

सुक्खू ने कहा कि आपदा के दौरान वह तीन दिन तक खुद कुल्लू में रहे. 48 घंटे में ही आवश्यक सेवाएं अस्थाई रूप से बहाल की गईं. उन्होंने कहा कि पर्यटन क्षेत्र पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने के बावजूद मुख्य पर्यटक स्थलों में प्रदेश सरकार के सकारात्मक प्रयासों से पर्यटकों की संख्या में बढ़ोतरी दर्ज की गई है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार पर्यटकों को हर प्रकार की सुविधा दे रही है. मुख्यमंत्री ने कहा कि बड़ी संख्या में क्रिसमस और नए साल के मौके पर भी पर्यटक हिमाचल पहुंचे. आने वाले दिनों में भी इसी तरह पर्यटकों की आमद की उम्मीद है. हिमाचल प्रदेश सभी पर्यटकों का दिल खोलकर स्वागत कर रहा है.

हिमाचल में पर्यटकों की भारी संख्या पर CM सुक्खू ने जताई खुशी, बोले- ‘सरकार की तरफ से हर संभव..’

शिमला: हिमाचल में नए साल का जश्न मनाने के लिए बड़ी संख्या में सैलानी उमड़े. बाढ़ के बाद पर्यटकों के हिमाचल की ओर रुख करने पर हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने खुशी जताई. सरकार की तरफ से हरसंभव प्रयास किए गए है. मुझे खुशी है कि शिमला विंटर कार्निवल शुरू हो गया है जो 4 जनवरी तक चलेगा. 2 जनवरी मंगलवार से मनाली विंटर कार्निवल भी शुरू होगा. बाढ़ के बाद पर्यटक एक बार फिर हिमाचल की ओर रुख करने लगे हैं.

हिमाचल पहुंचे करीब 5 लाख पर्यटक
आपको बता दें कि इस बार नए साल का जश्न मनाने के लिए हिमाचल के पर्यटन स्थलों पर हरियाणा, दिल्ली, पंजाब, चंडीगढ़ व अन्य राज्यों से बड़ी संख्या में पर्यटक नई साल का जश्न मनाने पहुंचे. पर्यटकों ने रविवार रात को 31 दिसंबर को देर रात तक जश्न मनाया. शिमला, मनाली. चायल, कसौली, धर्मशाला और डलहौजी के होटल सैलानियों से भरे दिखाई दिए. पर्यटकों ने होटलों में एडवांस बुकिंग कर रखी थी.

शिमला आने वाली सभी ट्रेनें रही फुल

शिमला में तीन दिनों में अन्य राज्यों के करीब 42,834 वाहनों की और कुल्लू और मनाली में 30,147 पर्यटक वाहनों की एंट्री हुई. इसके अलावा ट्रेनों और वोल्वो बसों से भी पर्यटक हिमाचल पहुंचे. शिमला आने वाली सभी ट्रेनें फुल दिखाई दिए. अटल टनल रोहतांग से रविवार को सुबह से शाम तक करीब 11,850 गाड़ियां गुजरी.

आपदा के बाद पर्यटकों की संख्या हुई थी कम
आपको बता दें कि साल 2023 में हिमाचल ने भारी प्राकृतिक आपदाओं का दौर देखा. प्रदेश में 90 फीसदी से ज्यादा होटल खाली पड़े दिखाई दिए. आपदा के समय प्रदेश को भारी जान-माल का नुकसान हुआ है. आपदा में बड़ी संख्या में लोगों की मौत भी हुई थी. ऐसे में आपदा का सामना कर रहे हिमाचल में आने से सैलानी डरने लगे. लेकिन अब एक बार पर्यटकों ने हिमाचल का रुख किया है. नए साल का स्वागत करने के लिए बड़ी संख्या में पर्यटक हिमाचल पहुंचे.

हिमाचल के पेट्रोल-डीजल भरवाने के लिए वाहनों की लगीं कतारें, पुलिस के पहरे में कई पेट्रोल पंप…

शिमला: हिट एंड रन मामलों को लेकर मोटर वाहन अधिनियम में किए गए संशोधन के खिलाफ हिमाचल में ट्रक ऑपरेटर हड़ताल पर है। दूसरे दिन भी 30 हजार ट्रकों के पहिये थमे हुए हैं। इससे पेट्रोल-डीजल की आपूर्ति प्रभावित हुई है। बिलासपुर जिले भर के पेट्रोल पंपों पर मंगलवार सुबह से वाहनों की लंबी कतारें लगी रहीं। वहीं, कुछ पेट्रोल पंपों पर तो तेल खत्म हो चुका है। पंप मालिकों ने पंप के बाहर रस्सी बांधकर इन्हें बंद कर दिया हैं। वहीं जिन पंपों पर अधिक भीड़ है वहां पर व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस के जवान भी तैनात किए गए हैं। पिछले करीब तीन दिन से पेट्रोल पंप पर तेल की आपूर्ति नहीं हुई है। पेट्रोल पंपों पर करीब एक से दो दिन का पेट्रोल शेष बचा हुआ है। यदि प्रदर्शन ऐसे ही चलता रहा तो दो दिनों बाद लोगों को भारी समस्याओं का सामना करना पड़ेगा। निजी बस चालकों की हड़ताल दूसरे दिन भी जारी है। इससे परिवहन निगम की बसों पर अधिक दबाव है। ग्रामीण क्षेत्रों से निजी बसों में सफर करने वाले लोगों सहित स्कूली बच्चों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। वहीं, शाम के समय बच्चों के लिए अधिक समस्या होगी। जिले की सभी परिवहन सभाएं भी इसका विरोध कर रही हैं और सभी ने ट्रकों को खड़ा कर दिया है।

सोलन में सिर्फ 200 रुपये का दिया जा रहा पेट्रोल 
सोलन के सभी पेट्रोल और डीजल पंपों पर सुबह से ही लंबी लाइनें लगी हैं। वाहन चालकों को 200 रुपये का पेट्रोल हो दिया जा रहा है। कई पेट्रोल पंप खाली हो गए हैं। शाम तक 70 फीसदी पंप खाली हो जाएंगे।

उधर, धर्मशाला में पेट्रोल पंप पर तेल भरवाने के लिए बड़ी संख्या में वाहन पहुंचे। सोमवार देर शाम पेट्रोल पंप पर तेल खत्म हो गया था। सुबह फिलिंग स्टेशन पर तेल लेकर पहुंची गाड़ी के बाद पेट्रोल-डीजल भरने का कार्य फिर से शुरू हुआ। प्रदेश भर में ट्रक ऑपरेटरों की हड़ताल के कारण डीजल-पेट्रोल की आपूर्ति प्रभावित हो रही है। चंबा जिले में भी यही हाल रहा।

पेट्रोल पंपों पर गाड़ियों की लाइनें, शहर में जाम
शिमला के पेट्रोल पंपों पर भी गाड़ियों की कतारें लग गईं। तेल भरने के लिए लोगों को एक घंटे तक लाइन में लगना पड़ा। इससे शहर की सड़कों पर जाम की समस्या हो गई। वहीं, कई लोग बोतलों में भरकर पेट्रोल-डीजल ले गए।

DGP पद से हटाए गए संजय कुंडू, सरकार ने लगाया आयुष विभाग का प्रधान सचिव, CM सुक्खू ने दी प्रतिक्रिया

शिमला : हिमाचल सरकार ने पुलिस महानिदेशक (DGP) संजय कुंडू को पद से हटा दिया है। सरकार ने IPS अधिकारी कुंडू को आयुष विभाग का प्रधान सचिव लगाया है। सरकार के इस फैसले के बाद अब अमनदीप गर्ग आयुष विभाग के पदभार से मुक्त हो जाएंगे। दरअसल हिमाचल हाईकोर्ट ने बीते 26 दिसंबर को कारोबारी निशांत शर्मा मामले की सुनवाई के दौरान संजय कुंडू को DGP पद से हटाने के आदेश दिए थे। कार्मिक विभाग ने आज आदेश जारी कर दिए हैं। वहीं, मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने  कुंडू को पद से हटाने पर मनाली में कहा कि सरकार ने उन्हें पदोन्नत कर आयुष विभाग का प्रधान सचिव लगाया है। पत्रकारों के सवाल पर उन्होंने कहा कि कुंडू को लेकर एक शिकायत थी।  सरकार ने उच्च न्यायालय के आदेशों का पालन किया है। संजय कुंडू ने 35 साल तक प्रदेश की सेवा की है। उनकी छवि स्वच्छ है। निष्पक्ष जांच हो, इसको देखते हुए संजय को डीजीपी के पद से हटाकर प्रधान सचिव लगाया गया है। 

यहां जाने पूरा मामला

बता दें प्रदेश हाईकोर्ट ने 27 दिसंबर को डीजीपी संजय कुंडू और कांगड़ा की एसपी शालिनी अग्निहोत्री को पदों से हटाने के आदेश दिए थे। मुख्य न्यायाधीश एमएस रामचंद्र राव और न्यायाधीश ज्योत्सना रिवाल दुआ की खंडपीठ ने गृह सचिव को इसके बारे में शीघ्र ही जरूरी कदम उठाने के आदेश जारी किए। हाईकोर्ट ने उच्च अधिकारियों को ऐसे पदों पर नियुक्त करने के आदेश दिए, जहां से दोनों को मामले में दर्ज प्राथमिकी की जांच प्रभावित करने का अवसर न मिले।  पालमपुर के कारोबारी निशांत कुमार शर्मा की सुरक्षा से जुड़े मामले पर सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने आदेश जारी किए। मामले में प्रार्थी निशांत ने अपने और परिवार की सुरक्षा के खतरे के संबंध में कोर्ट को ईमेल के माध्यम से अवगत करवाया था। ईमेल को आपराधिक रिट याचिका में तबदील करते हुए हाईकोर्ट ने अंतरिम आदेश पारित कर एसपी शिमला और एसपी कांगड़ा को प्रार्थी को उचित सुरक्षा मुहैया करवाने के आदेश दिए थे। पिछली सुनवाई के दौरान एसपी कांगड़ा ने बताया था कि प्रार्थी की शिकायत पर दर्ज प्राथमिकी में लगाए आरोपों की जांच अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक कांगड़ा को सौंपी जा चुकी है।

इसमें एसपी शिमला ने ऊंचे लोगों की संलिप्तता का अंदेशा जताया था। शिमला के एसपी की जांच में प्रथमदृष्टया पाया कि डीजीपी कारोबारी की ओर से बताए गए एक रसूखदार व्यक्ति के संपर्क में रहे। जांच में यह भी पाया कि डीजीपी ने 27 अक्तूबर को निशांत कुमार शर्मा को 15 मिस्ड कॉल कीं। यह बात भी सामने आई कि डीजीपी ने कारोबारी पर निगरानी रखी।