



शिमला : हिमाचल प्रदेश प्रवक्ता संघ जिला सोलन इकाई ने सरकार एवं शिक्षा विभाग के द्वारा क्लस्टर सिस्टम के तहत कई जिलों में प्रधानचार्यों के द्वारा मनमानी निर्णय पर विरोध दर्ज किया है। प्रवक्ता संघ के जिला अध्यक्ष चंद्रदेव ठाकुर, जिला महासचिव भगत राम जगोता, वरिष्ठ उपाध्यक्ष भूपेंद्र कुमार शर्मा तथा रविंद्र कुमार वर्मा, कोषाध्यक्ष जगदीश कुमार ठाकुर, उपाध्यक्ष हेमंत कुमार शर्मा तथा सोहनलाल, संगठन मंत्री जय लाल जलपाईक, शोभा शर्मा, सचिव शोभा शर्मा,बीना वर्मा तथा समस्त जिला कार्यकारिणी के पदाधिकारी ने संयुक्त बयान जारी करते हुए कुछ जिलों में प्रधानाचार्यो के द्वारा प्रवक्ताओं को प्राइमरी की कक्षाओं में भेजने संबंधी समय सारणी बनाने का विरोध किया है। वहीं जिला अध्यक्ष चंद्रदेव ठाकुर ने कहना है कि प्रवक्ता संघ क्लस्टर सिस्टम के विरोध में नहीं है परंतु प्रवक्ताओं को निचली कक्षाओं में भेजना उन्हें तर्कसंगत नहीं लग रहा है। प्रवक्ताओं की नियुक्ति जमा एक एवं जमा दो कक्षाओं के लिए की गई है ना की निचली कक्षाओं के लिए। शिक्षा विभाग और सरकार को क्लस्टर सिस्टम को सही ढंग से लागू करने के लिए सभी शिक्षक संघो को विश्वास में लेकर ही निर्णय लिया जाना चाहिए। सरकार के द्वारा एवं विभाग के द्वारा जो आदेश किये जा रहे हैं उसमें विद्यालय प्रमुखों के द्वारा ऐसी समय सारणी तैयार की जा रही है जिसमें प्रवक्ताओं को उनकी कक्षाओं के साथ-साथ प्राथमिक कक्षाओं में भेजने की बात कहीं जा रही है जो तर्कसंगत एवं न्याय संगत नहीं है।
वहीं सरकार के द्वारा नई शिक्षा नीति लागू करने का प्रवक्ता संघ स्वागत करता है परंतु इसके लिए इसे सही ढंग से लागू करने की आवश्यकता है। प्रवक्ताओं को निचली कक्षाओं में भेजना उच्च शिक्षा के साथ खिलवाड़ करने जैसा है। वास्तव में प्रवक्ताओं की नियुक्ति जमा एक और जमा दो कक्षाओं के लिए होती है जिसका उन्हें विशेष अनुभव होता है। ऐसी स्थिति में उन्हें निचली कक्षा में भेजने का प्रयोग उच्च शिक्षा प्रणाली को पूरी तरह से प्रभावित कर सकता है। शिक्षा के क्षेत्र में नए-नए प्रयोग और बनी व्यवस्था को तोड़ने से हमारी शिक्षा प्रणाली प्रभावित हो सकती है क्योंकि हर वर्ग के शिक्षकों को लगाने से पहले उनके लिए अलग-अलग तरह के नियम बनाए जाते हैं और उन्हीं नियमों के तहत यह सभी अपना-अपना कार्य करते हैं। अतः सरकार और शिक्षा विभाग को नई शिक्षा नीति को लागू करने के लिए सभी संघों को विश्वास में लेकर ही निर्णय लिए जाने चाहिए।