



शिमला : आबकारी विभाग ने शिमला शहर और आसपास के क्षेत्रों में शराब ठेकों पर कड़ी कार्रवाई की है। विभाग ने कुफरी और संजौली यूनिट के 20 ठेकों को सील कर दिया है। इन ठेकों के मालिक को डिफाल्टर घोषित कर दिया है। इस कार्रवाई के बाद यूनिट मालिक को दोबारा से लाइसेंस लेना होगा। दोनों यूनिट में आबकारी और कराधान विभाग के करीब 91 लाख रुपए बकाया थे। दरअसल, ठेकेदार को शराब बेचने के एवज में महीने के हिसाब से लाइसेंस फीस जमा करवानी पड़ती है। कुफरी और संजौली यूनिट के मालिक ने अगस्त महीने की फीस जमा नहीं करवाई थी। यह फीस सात अक्तूबर तक जमा होनी थी, लेकिन फीस जमा नहीं हो पाई। यूनिट संचालक ने उस समय मानसून को फीस जमा न करवा पाने का कारण बताया था। विभाग ने यूनिट संचालक को अतिरिक्त समय दिया, लेकिन इस अवधि में भी फीस जमा नहीं हो पाई और अब सख्त कार्रवाई करते हुए सभी ठेकों को सील कर दिया गया है।
उधर,आबकारी एवं कराधान विभाग के साउथ जोन के एडिशनल कमीश्नर पंकज शर्मा ने बताया कि फीस जमा न करवाने की वजह से यह कार्रवाई हुई है। उन्होंने बताया कि हर महीने फीस जमा करवाने के लिए सात दिन की मोहलत दी जाती है, लेकिन यूनिट मालिक ने इस अवधि के दौरान लाइसेंस फीस नहीं चुकाई और इस वजह से उसे डिफाल्टर घोषित किया है। यूनिट मालिक को अब दोबारा से लाइसेंस लेना पड़ेगा। जब तक वह लाइसेंस नहीं लेगा शराब के ठेके नहीं खुलेंगे। उन्होंने अन्य शराब ठेकेदारों से भी आह्वान किया है कि वे तय लाइसेंस फीस का भुगतान निर्धारित समय अवधि में करें। उन्होंने कहा कि जो भी ठेकेदार भुगतान नहीं करेगा उसके खिलाफ विभाग आवश्यक कार्रवाई अमल में लाएगा।