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Anantnag Encounter: अधूरा रह गया सपना! नए घर पहुंचा शहीद आशीष धौंचक का पार्थिव शव

पानीपत : जम्मू एवं कश्मीर में आतंकियों से लोहा लेते हरियाणा के पानीपत जिले के मेजर आशीष धौंचक शहीद हो गए. शुक्रवार सुबह उनका पार्थिव शरीर उनके पैतृक गांव पहुंच गया है. जैसे ही पानीपत के सेक्टर-7 स्थित घर में उनकी पार्थिव देह पहुंची, मानों कोहराम मच गया. हजारों की संख्या में श्रद्धांजलि देने के लिए लोग मेजर के आवास पुहंचे हैं. प्रशासनिक अधिकारी और ग्रामीण यहां पहुंचे हुए हैं. सेक्टर 7 में लोगों ने तिरंगे में लिपटे मेजर का फूल बरसाए. ग्रामीणों का काफिला तिरंगे के साथ, वंदे मातरम जैसे नारों के साथ शहीद मेजर आशीष के पार्थिव शरीर के साथ चलता रहा. बता दें कि पानीपत के सेक्टर-7 में ही आशीष का परिवार किराये के मकान पर रहता है. पहले पार्थिव शरीर को यहां लाया गया है. फिर अब पार्थिव शरीर को उनके पैतृक गांव बिंझौल ले जाया जाएगा. यहीं पर उनका अंतिम संस्कार होगा.  मेजर आशीष के तीन बहनों के इकलौते भाई थे. उनकी दो साल की बेटी है और पत्नी है. फिलहाल, सेक्टर सात से अब उनके शव काे TDI सिटी स्थित शहीद के नए घर में लाया गया.यहीं पर अगले महीने शहीद को शिफ्ट होना था. ऐसे में शहीद मेजर आशीष का शव उनके सपनों के घर पहुंच गया है.

शाहिद मेजर आशीष के चाचा दिलावर सिंह ने बताया की कुछ दिन पहले ही उनकी बातचीत हुई थी. घर के बारे में हाल-चाल जाना था. सब के बारे में बात की थी. उन्होंने बताया कि अक्टूबर महीने में आशीष को घर आना था और किराए के मकान में अपने नए मकाम में शिफ्ट होना था. चाचा ने बताया, करीब डेढ़ महीना पहले आशीष घर पर भी आए थे.आशीष के दादा का कहना है कि हमें अपने बेटे पर गर्व है. उन्होंने बताया कि जब आशीष घर पर आता था तो सबसे मेलजोल रखता था. सब के साथ हंसी मजाक मिलना जुलना रहता था. वहीं, उन्होंने बताया कि आशीष खेलकूद में भी अच्छा था और काफी टैलेंटेड लड़का था. आशीष के पड़ोसी और ग्रामीण नरेंद्र ने बताया कि मोदी जी के पास बहुत अच्छा मौका है. उन्होंने कहा कि सारी जिंदगी बीत गई बदला लेते-लेते, लेकिन अब देश को ऐसा कुछ करना चाहिए कि पाकिस्तान को बिल्कुल धूल में ही मिला दिया जाए.

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