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विश्व प्रसिद्ध पराशर और रिवालसर की पहाड़ियों पर आई दरारें, प्रशासन ने जारी किया संभावित खतरा

मंडी: हिमाचल प्रदेश में बारिश और तूफान से एक अनोखा तूफान का नजारा देखने को मिला है कि सेंचुरी के कुछ मानक में भारी नुकसान हुआ है। मंडी जिले के दो प्रसिद्ध धार्मिक स्थलों की इमारतों पर बड़े-बड़े चित्रांकन से एक-एक धन्नासेठ का खतरा बढ़ गया है। ये दो पर्वत हैं पराशर और रिवालसर के पास सरकीधार। बारिश के कारण भारी बारिश हुई है और टुकड़ों पर बड़े-बड़े टुकड़े पड़ गए हैं। पाराशर के लिए सड़क पर वाहन चलाना खतरनाक हो गया है। बॅट बाजार डा. मदन कुमार ने बताया कि पराशर और सरकीधार में जो अवशेष हैं, उनके लिए वन विभाग ने इस पर विस्तृत रिपोर्ट तैयार की है. विभाग की रिपोर्ट आने के बाद इस दिशा में प्रभावशाली कदम मूर्ति।

बता दें कि पराशर के पास पहले से ही काफी मात्रा में ‍इज्‍जिन हो रहा है और यहां पर बार-बार ‍आदिम के ‍ख्वाबों में ‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍ा‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍नन और इस ‍‍‍‍यों ‍यहां ‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍् ‍ दिएर ‍के कारण ‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍र इस बात को लेकर कंपनी ने यह भी दावा किया है कि यहां पर फिल्म को रोकना संभव नहीं है, क्योंकि इस मौसम की स्थिति ही कुछ ऐसी है। वहीं दूसरी तरफ सरकीधार में भी अब खतरे की घंटी बजने लगी है. यह दोनों ही स्थान धार्मिक दृष्टि से अति महत्वपूर्ण हैं।

बता दें कि पराशर में ऋषि पराशर की तपोस्थली और प्राचीन झील कहां है। जहां सरकीधार में पांडवों के निशान आज भी मौजूद हैं और यहां पर भी तीरंदाज झील पर उतरकर आज भी मौजूद हैं, इसलिए इन दोनों जगहों के साथ लाखों लोगों की आस्था जुड़ी हुई है। यहां पर रिवॉल्वर झील भी कभी मशहूर है। दोनों ही स्थानों पर बड़ी संख्या में देशी विदेशी सैलानी रहते हैं।

 

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