Home » ताजा खबरें » अपनी मांगों को लेकर 27 जून को सामूहिक अवकाश पर रहेंगे जिला परिषद कर्मचारी

अपनी मांगों को लेकर 27 जून को सामूहिक अवकाश पर रहेंगे जिला परिषद कर्मचारी

शिमला-25 जून : अपनी मांगों को लेकर जिला परिषद कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने का निर्णय लिया है। जिला परिषद कर्मचारी एवं अधिकारी 27 जून को सामूहिक अवकाश पर रहेंगे। यह जानकारी जिला परिषद कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष हेमंत घई ने दी।
उन्होंने बताया कि कर्मचारी संघ पिछले कई सालों से अपनी मांगों को सरकार के समक्ष रख रहा है लेकिन सरकार के आश्वासन के बाद भी उनकी मांगें पूरी नहीं हो पा रही हैं। उन्होंने कहा कि
पिछले वर्ष 27 जून को पूरे राज्य में जिला परिषद कर्मचारी एवं अधिकारी महासंघ ने पेन डाउन हड़ताल की शुरुआत की थी जो कि 8 जुलाई तक चली। सरकार के आश्वासन के बाद हड़ताल को वापिस लिया था लेकिन एक वर्ष होने के उपरांत भी हमारी आज तक एक मांग को भी पूरा नहीं किया। पेन डाउन हड़ताल के दौरान भी मुख्यामंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने हमारी पेन डाउन हड़ताल का सर्मथन किया था। सरकार बनने के उपरांत राज्य और जिला स्तर की कार्यकारिणी पिछले 5 महीनो से मिल रही है और मुख्यमंत्री जी ने विभाग में विलय के लिए समय माँगा था लेकिन 6th पे कमीशन व अन्य वितीय लाभ देने के लिए वित्त विभाग और पंचायती राज विभाग को आदेश दिए थे लेकिन 6th पे कमीशन की फाइल को दोनों विभाग द्वारा आपतिया लगा कर घुमाया जा रहा है जिसके कारण जिला परिषद कर्मचारी एवं अधिकारीयो रोष प्रकट करने के लिए एक दिन सामूहिक अवकाश लेने का निर्णय लेना पड़ा। इसके साथ ही जिला परिषद कर्मचारी एवं अधिकारीयो का NPS भी काटना बंद नहीं किया है और न ही OPS के लिए नोटिफिकेशन जारी हो रही है। जिला परिषद के अंतर्गत 1205 तकनीकी सहायक कार्य कर रहे जिमसे 500 के करीब तकनीकी सहायको को मनरेगा के अंतर्गत वेतन दिया जाता है जोकि कभी भी समय पर नहीं मिलता और न ही आज इन कर्मचारियों को NPS काटा गया और न ही अन्य वितीय लाभ और मेडिकल की सुविधाए दी जा रही है और इन कर्मचारियों का शोषण सरकार द्वारा किया जा रहा है। जिला परिषद कर्मचारी एवं अधिकारी महासंघ की मुख्य मांग है कि जब तक हमें पंचायती राज या ग्रामीण विकास विभाग में मर्ज नहीं किया जाता तब तक हमारी समस्याओं का समाधान नहीं हो सकता। जिला परिषद कर्मचारी एवं अधिकारीयो को हर बार सरकार की सुविधाओ के लिए संघर्ष करना पड़ता है।

Leave a Comment

[democracy id="1"]