उपायुक्त ने मेले के सफल आयोजन के लिए किया सभी का आभार व्यक्त…

सोलन : उपायुक्त सोलन एवं राज्य स्तरीय मां शूलिनी मेला समिति के अध्यक्ष मनमोहन शर्मा ने तीन दिवसीय मां शूलिनी मेले के सफल आयोजन के लिए सभी का आभार व्यक्त किया है। मनमोहन शर्मा ने कहा कि प्रदेश के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता तथा श्रम एवं रोज़गार मन्त्री डाॅ. कर्नल धनीराम … Read more

हिमाचल से 2024 लोकसभा चुनाव के लिए युवा नेता शशिकांत चुनाव सयोंजक हुए नियुक्त….

शिमला : कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव 2024 के लिए तैयारियां शुरु कर दी है।नेशनल यूथ कांग्रेस ने 24 जून को लोकसभा चुनाव में प्रचार-प्रसार के लिए युवा नेताओं की सूची जारी कर दी है। जिसमें हिमाचल से यूथ कांग्रेस प्रदेश सचिव, शशिकांत को पंजाब-हरियाणा की सिरसा व बठिंडा लोकसभा सीट के लिए राजन मदान के साथ चुनाव संयोजक नियुक्त किया है। नेशनल यूथ कांग्रेस ने शशिकांत को हाल ही में कर्नाटक की हिरियूर विधानसभा सीट पर चुनाव प्रभारी नियुक्त किया था, जहां कांग्रेस प्रत्याशी की भारी अंतर से जीत हुई थी तथा कर्नाटक में कांग्रेस बहुमत से सरकार बनाने में भी सफल रही थी। हिमाचल के युवा नेता की कार्यशैली और क्षमता से प्रभावित होकर नेशनल यूथ कांग्रेस ने उन्हें लोकसभा चुनाव में चुनाव संयोजक की जिम्मेदारी दी है। वह 2024 लोकसभा चुनाव के लिए पंजाब-हरियाणा लोकसभा की सिरसा व बठिंडा सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी के पक्ष में चुनाव प्रचार करेंगे।

दूध आधारित अर्थव्यवस्था की ओर बढ़ते कदम, दुग्ध प्रसंघ को 20 करोड़ की राशि स्वीकृत

शिमला : हिमाचल में दूध आधारित अर्थव्यवस्था विकसित करने के लिए मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व में वर्तमान सरकार ने एक नई योजना हिम-गंगा की घोषणा की है। इस योजना के तहत पशुपालकों को लागत आधारित दूध का सही मूल्य प्रदान किया जाएगा और दूध की खरीद, प्रसंस्करण और विपणन की व्यवस्था में गुणात्मक सुधार लाया जाएगा। राज्य सरकार द्वारा अपने पहले बजट में हिम-गंगा योजना के लिए 500 करोड़ रुपये व्यय प्रस्तावित है।

इस योजना के सफल क्रियान्वयन के लिए सरकार द्वारा योजना के प्रथम चरण (वर्ष 2023-24) के लिए हिमाचल प्रदेश दुग्ध प्रसंघ को 20 करोड़ रुपये की अनुदान राशि स्वीकृत की गई है। यह योजना दुग्ध उत्पादकों को उनके उत्पाद का बेहतर मूल्य प्रदान करने की परिकल्पना को साकार करने में अहम भूमिका निभाएगी। साथ ही ग्रामीण अर्थव्यवस्था में महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका को देखते हुए महिलाओं से जुड़ी दुग्ध उत्पादक सहकारी सभाओं की पहचान कर उन्हें भी संगठित किया जाएगा।

इस योजना के प्रथम चरण के अंतर्गत जिला कांगड़ा और हमीरपुर के पशुपालकों को लाभान्वित किया जाएगा। सके उपरान्त चरणबद्ध ढंग से इस योजना को अन्य जिलों में विस्तारित किया जाएगा। योजना के सफल क्रियान्वयन के लिए छह सदस्यीय समिति का गठन किया गया है। इस समिति द्वारा जिला कांगड़ा में 150 और जिला हमीरपुर में 50 दुग्ध आधारित समितियां गठित करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

पिछले छह माह के दौरान लगभग 48 नई दुग्ध उत्पादक सहकारी समितियां गठित की गई हैं।हिमाचल में दुग्ध उत्पादन क्षेत्र में नए आयाम स्थापित करने और दुग्ध संबंधी अधोसंरचना के सुदृढ़ीकरण के लिए जिला कांगड़ा के डगवार में राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) के सहयोग से लगभग 250 करोड़ रुपये की लागत से एक अत्याधुनिक दुग्ध प्रसंस्करण संयंत्र स्थापित किया जाएगा। इसके संचालन से लेकर विपणन संबंधी गतिविधियां एनडीडीबी की सहायता से की जाएंगी। एनडीडीबी संयंत्र के संचालन और दुग्ध उत्पादों के विपणन के लिए अपने खर्च पर दो सलाहकार भी उपलब्ध करवाएगा।

लगभग तीन लाख लीटर प्रतिदिन की क्षमता वाले पूर्ण स्वचालित डगवार दुग्ध संयंत्र में उच्च गुणवत्तायुक्त दुग्ध उत्पाद भी तैयार किए जाएंगे। इस संयंत्र के स्थापित होने से जिला कांगड़ा, हमीरपुर, ऊना और चम्बा जिलों के दुग्ध उत्पादक लाभान्वित होंगे। इसके अतिरिक्त एनडीडीबी से 10 मीट्रिक टन प्रतिदिन क्षमता के पाऊडर संयंत्र स्थापित करने के साथ ही 11 संयंत्रों के उन्नयन के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार करने का आग्रह किया गया है।

ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि कांग्रेस पार्टी द्वारा अपने प्रतिज्ञा पत्र में किसानों से गाय का दूध 80 रुपये प्रति लीटर और भैंस का दूध 100 रुपये प्रति लीटर खरीदने के लिए किए गए वादे को पूरा करने के लिए प्रदेश सरकार संकल्पित है। हिमगंगा योजना के शुभारंभ से प्रदेश सरकार इस वादे को पूरा करने की ओर अग्रसर है।

“नशा निषेध दिवस” पर काजा पुलिस ने 3800 मीटर की ऊंचाई पर किया दौड़ का किया आयोजन

केलांग : अंतर्राष्ट्रीय नशा निषेध दिवस पर काजा पुलिस ने 3800 मीटर की ऊंचाई पर दौड़ प्रतियोगिता का आयोजन किया। प्रतियोगिता का आयोजन क्वांग ब्रिज से क्यूलिंग मार्ग तक किया गया। जिसमें लड़कों की श्रेणी में प्रथम स्थान कर्मा छेरिंग, दूसरा  नवांग सिंघे और तीसरा स्थान नोरबू बंगदुई ने हासिल किया। अतिरिक्त उपायुक्त राहुल जैन ने प्रशस्ति पत्र व नकद राशि देकर विजेताओं को सम्मानित किया। वहीं लड़कियों की श्रेणी में सोनम आंगमों ने पहला, वंशिका रोपा ने दूसरा व तेंजिन डोलकर ने तीसरा स्थान हासिल किया। वहीं टाशी योंगजोम को चौथा स्थान हासिल करने पर प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया गया। दौड़ प्रतियोगिता में 30 लड़कों व 11 लड़कियों ने हिस्सा लिया। इस मौके पर अतिरिक्त उपायुक्त राहुल जैन ने कहा कि हर साल 26 जून को अंतर्राष्ट्रीय नशा निषेध दिवस मनाया जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य नशा और इससे होने वाले प्रभाव के प्रति लोगों को जागरूक करना है। सबसे पहले 1989 में अंतरराष्ट्रीय नशा निषेध दिवस मनाया गया था।

संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा 7 सितंबर, 1987 को एक प्रस्ताव पारित किया गया, जिसमें कहा गया कि नशीली दवाओं के गैर कानूनी इस्तेमाल और अवैध तस्करी को रोकने के लिए हर साल अंतरराष्ट्रीय नशा निषेध दिवस मनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि हिमाचल में नशे की चपेट में युवा वर्ग जा रहा है जोकि चिंताजनक है।

हमें खेलों के प्रति अपने आप को शामिल करना होगा। इस साल की थीम “लोग पहले : कलंक और भेदभाव रोकें, रोकथाम को मजबूत करें” (People first: stop stigma and discrimination, strengthen prevention) करना है। साथ ही इस मौके पर सभी प्रतिभागियों को एक पेन और रिफ्रेशमेंट दी गई। इस अवसर पर एसडीएम हर्ष अमरेंद्र नेगी, डीएसपी रोहित मृगपुरी, तहसीलदार भूमिका जैन ,एसएचओ चुंग राम सहित कई गणमान्य मौजूद रहें।

 

Accident : चंबा के चमेरा जलाशय में गिरी कार, 3 से 4 लोग लापता

चंबा : चंबा-भरमौर सड़क मार्ग पर एक बड़ा सड़क हादसा पेश आया है। हादसे में एक कार चमेरा जलाशय में जा गिरी। जिस कारण कार में सवार लोग लापता बताए जा रहे हैं। बताया जा रहा है कि हादसा खड़ामुख के समीप पेश आया है। मिली जानकारी के मुताबिक कार में तीन से चार लोग सवार थे। हादसा रविवार सुबह 4:30 बजे पेश आया है। जानकारी है कि ये सभी लोग कार में सवार होकर चंबा की तरफ जा रहे थे। कार जैसे ही खड़ामुख नामक स्थान पर पहुंची तो अचानक ही अनियंत्रित होकर चमेरा जलाशय में जा गिरी। घटना का पता उस समय लगा, जब यहां से गुजर रहे लोगों ने सड़क किनारे गाड़ी के टायर और कुछ दूरी पर नीचे गाड़ी की नंबर प्लेट देखी। लोगों ने इसकी सूचना पुलिस को दी।

बताया जा रहा है कि कार (HP 46-3503) को अभिषेक (22) पुत्र राज कुमार, निवासी गांव सुहागा, डाकघर उलांसा चला रहा था। उसके साथ कार में और कितने लोग सवार थे, इसके बारे में अभी तक पता नहीं चल पाया है। प्रारंभिक तौर पर कार में 3-4 लोगों के होने की सूचना है।

उधर, कार सवार लोगों की तलाश करने के लिए पुलिस ने एनडीआरएफ की टीम को भी बुलाया है। इसके अलावा स्थानीय लोगों ने चमेरा बांध प्रबंधन से बुद्धिल जलाशय के गेट खोलने की मांग की।

चंडीगढ़ मनाली NH : सड़क पर मलबा, वाहनों की लंबी कतारें… चंडीगढ़-मनाली हाइवे के जल्द खुलने के आसार कम

कुल्लू : भारी बारिश के चलते चंडीगढ़-मनाली नेशनल हाइवे अभी भी बंद है। चार मील और सात मील के पास मलबा हटाने का काम शुरू कर दिया गया है, लेकिन इसे बहाल होने में अभी समय लगेगा। बारिश हाइवे बहाली में बाधा बन रही है। हाइवे पर अभी बहुत ज्यादा मलबा पड़ा है। जिसे हटाने में काफी समय लग सकता है। प्रशासन और केएमसी कंपनी लगातार मलबा हटाने में जुटे हैं। लेकिन इतना ज्यादा मलबा हटाने में लंबा समय लग सकता है। पर्यटक प्रशासन से सड़क जल्द बहाल करने की गुहार लगा रहे हैं।

मंडी में भारी बारिश ने तबाही मचाई है। मंडी के कई इलाकों में बादल फटने से भारी नुकसान हुआ है। चार मील और सात मील के पास लैंडस्लाइड होने से चंडीगढ़-मनाली हाइवे पर लंबा जाम लग गया है। रविवार शाम से हाइवे बंद है, जिसके चलते लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

हिमाचल में मॉनसून ने मचाई तबाही
हिमाचल में मॉनसून को प्रवेश किए अभी केवल 72 ही घंटे हुए हैं। इन 72 घंटों में ही मॉनसून ने तबाही मचाना शुरू कर दिया है। पिछले 24 घंटों के अंदर ही प्रदेश में 3 लोगों की मौत हो चुकी है। कई सड़क मार्ग बंद है, घरों और वाहनों को नुकसान पहुंच चुका है। जिस वजह से हिमाचल प्रदेश में जनजीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त हो चुका है।

2.5 करोड़ का नुकसान
राज्य आपदा प्रबंधन की ओर से जारी आंकड़े के अनुसार पिछले 24 घंटों में प्रदेश में 2.5 करोड़ की संपत्ति का नुकसान दर्ज किया गया है। भीषण बारिश से 13 घरों को नुकसान पहुंचा है। तेज बारिश से 12 वाहनों को भी नुकसान पहुंचा है। पांच गौशाला और एक प्राइमरी स्कूल जमींदोज़ हो चुका है। सोलन के अर्की में बादल फटने से पांच बकरियों की मौत और 16 लापता है।

Haridwar Dubey Death: भाजपा के राज्यसभा सांसद हरिद्वार दुबे का 74 साल की उम्र में निधन, चल रहा था इलाज

दिल्ली : भारतीय जनता पार्टी से राज्यसभा सांसद हरिद्वार दुबे का 74 वर्ष की उम्र में निधन हो गया है। उनके बेटे प्रांशु दुबे ने बताया कि रविवार को वे बिल्कुल ठीक थे। अचानक से सीने में दर्द होने की शिकायत पर उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। वहां कुछ देर बाद ही सांसें थम गईं।

बता दें कि साल 2020 में वह राज्यसभा के सदस्य बने थे। इससे पहले वह यूपी की कल्याण सिंह की सरकार में वित्त राज्य मंत्री भी रहे थे। हरिद्वार दुबे संघ के पुराने प्रचारक थे। बीजेपी की सक्रिय राजनीति में आने से पहले वह सीतापुर, अयोध्या और शाहजहांपुर में आरएसएस के जिला प्रचारक रहे हैं।

बलिया जन्मस्थान तो आगरा कर्मस्थली 

मूल रूप से बलिया के रहने वाले हरिद्वार दुबे लंबे समय से आगरा की राजनीति में सक्रिय थे। वह वर्ष 1969 में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के संगठन मंत्री बन आगरा आए थे। तभी से यहां की राजनीति में जम गए। साल 1989 में आगरा छावनी से पहली बार चुनाव लड़ा और जीते। इसके बाद 1991 में भी जीते।

अचानक हार्ट में दर्द होने की शिकायत

बेटे प्रांशु दुबे ने बताया कि रविवार को वे बिल्कुल ठीक थे। अचानक हार्ट में दर्द होने की शिकायत पर उन्हें फोर्टिस अस्पताल में भर्ती कराया गया था। वहां कुछ देर बाद ही सांसें थम गईं। छावनी के दो बार के पूर्व विधायक और पूर्व राज्यमंत्री हरिद्वार दुबे 2020 में राज्यसभा सदस्य बने थे। वे कल्याण सिंह सरकार में वित्त राज्य मंत्री रहे थे। सीतापुर, अयोध्या और शाहजहांपुर में आरएसएस के जिला प्रचारक रहे हैं।

आगरा की राजनीति में लंबे समय से थे सक्रिय

मूल रूप से बलिया के निवासी हरद्वार दुबे लंबे समय से आगरा में राजनीति कर रहे हैं। वर्ष 1969 में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के संगठन मंत्री बन आगरा आए थे। तभी से यहां की राजनीति में सक्रिय रहे। 1983 में वे महानगर इकाई के मंत्री बने। इसके बाद महानगर अध्यक्ष बने। 1989 में छावनी से पहली बार चुनाव लड़ा और जीते। इसके बाद 1991 में भी जीते। उन्हें संस्थागत वित्त राज्यमंत्री बनाया गया।  2005 में वह खेरागढ़ विधानसभा से उपचुनाव लड़े, जिसमें हार का सामना करना पड़ा था। वर्ष 2011 में प्रदेश प्रवक्ता और 2013 में प्रदेश उपाध्यक्ष रहे।

परिवार में भाई भी भाजपा के नेता

हरद्वार दुबे के परिवार में पुत्र प्रांशु दुबे, पुत्रवधू उर्वशी, पुत्री डा कृत्या दुबे, दामाद डा शिवम और पौत्र दिव्यांश, पौत्री दिव्यांशी हैं। उनके भाई गामा दुबे भी वरिष्ठ भाजपा नेता हैं।

लोक परंपराओं, को आज भी समेटे हुए हैं ‘मां शूलिनी मेला’

. मां शूलिनी ने स्वीकारा मेला, प्राचीन पीठ्म से मंदिर     में हुई विराजमान

. तीन दिवसीय मां शूलिनी मेला संपन्न

सोलन : तीन दिवसीय राज्य स्तरीय ‘शूलिनी मेला’ में प्राचीन लोक संस्कृति की झलक देखने को मिली है। खास बात ये है कि इस बार मेले का निमंत्रण पत्र ही ‘नियूंदा’ था। स्थानीय भाषा का इस्तेमाल कर इसे क्राफ्ट किया गया था। “पालकी रा स्वागत” मुख्यमंत्री द्वारा “पराणी कचेहरी” पर शुक्रवार को किया गया था।

“दूजे व तीजे दिना रे पावणे” मनोरंजन से भरपूर थे। मेले में महाभारत काल की युद्ध शैली ‘ठोडो’ का जबरदस्त प्रदर्शन हुआ। बता दें कि महाभारत काल की युद्ध शैली को शिमला संसदीय क्षेत्र में आज भी जीवंत रखा गया है। शनिवार को नृत्य का मालरोड़ पर प्रदर्शन किया गया, इसे देखने के लिए हजूम उमड़ पड़ा था। इस नृत्य में न केवल विरोधी आक्रमण को झेलते हैं, बल्कि धनुष व बाण से जवाब भी देते हैं।

ठोड़ो नृत्य में थककर बाहर होने वाले को हारा माना जाता है। अहम बात ये है कि सतयुग से चल रही इस युद्धशैली को प्रशासन द्वारा भी जीवंत रखने के उद्देश्य से आयोजन किया जाता है। उल्लेखनीय है कि खेल में प्रयोग होने वाले तीर विशेष तरह की लकड़ी से बनते हैं। खिलाड़ी ढांगरू, सितारा व चमड़े के जूते पहनते हैं। महिलाओं की रस्साकशी प्रतियोगिता भी काफी आकर्षक थी।

बता दें कि इस बार मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने मेले का दर्जा राष्ट्रीय स्तरीय करने का भी ऐलान किया है। मेले की दूसरी सांस्कृतिक संध्या में नाटी किंग कुलदीप शर्मा ने पहाड़ी संस्कृति से दर्शकों का खूब मनोरंजन किया।

इसमें कोई दोराय नहीं है कि शूलिनी मेला परंपराओं, लोक नाट्य सहित विभिन्न विधाओं को आमजन तक पहुंचाने में कारगर भूमिका निभा रहा है। शूलिनी मेले की प्रथम सांस्कृतिक संध्या मशहूर पंजाबी सिंगर जस्सी गिल के नाम रही थी। मेले के अंतिम दिन के सूबे के राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल बतौर मुख्य अतिथि मौजूद रहे। l

अपनी मांगों को लेकर 27 जून को सामूहिक अवकाश पर रहेंगे जिला परिषद कर्मचारी

शिमला-25 जून : अपनी मांगों को लेकर जिला परिषद कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने का निर्णय लिया है। जिला परिषद कर्मचारी एवं अधिकारी 27 जून को सामूहिक अवकाश पर रहेंगे। यह जानकारी जिला परिषद कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष हेमंत घई ने दी।
उन्होंने बताया कि कर्मचारी संघ पिछले कई सालों से अपनी मांगों को सरकार के समक्ष रख रहा है लेकिन सरकार के आश्वासन के बाद भी उनकी मांगें पूरी नहीं हो पा रही हैं। उन्होंने कहा कि
पिछले वर्ष 27 जून को पूरे राज्य में जिला परिषद कर्मचारी एवं अधिकारी महासंघ ने पेन डाउन हड़ताल की शुरुआत की थी जो कि 8 जुलाई तक चली। सरकार के आश्वासन के बाद हड़ताल को वापिस लिया था लेकिन एक वर्ष होने के उपरांत भी हमारी आज तक एक मांग को भी पूरा नहीं किया। पेन डाउन हड़ताल के दौरान भी मुख्यामंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने हमारी पेन डाउन हड़ताल का सर्मथन किया था। सरकार बनने के उपरांत राज्य और जिला स्तर की कार्यकारिणी पिछले 5 महीनो से मिल रही है और मुख्यमंत्री जी ने विभाग में विलय के लिए समय माँगा था लेकिन 6th पे कमीशन व अन्य वितीय लाभ देने के लिए वित्त विभाग और पंचायती राज विभाग को आदेश दिए थे लेकिन 6th पे कमीशन की फाइल को दोनों विभाग द्वारा आपतिया लगा कर घुमाया जा रहा है जिसके कारण जिला परिषद कर्मचारी एवं अधिकारीयो रोष प्रकट करने के लिए एक दिन सामूहिक अवकाश लेने का निर्णय लेना पड़ा। इसके साथ ही जिला परिषद कर्मचारी एवं अधिकारीयो का NPS भी काटना बंद नहीं किया है और न ही OPS के लिए नोटिफिकेशन जारी हो रही है। जिला परिषद के अंतर्गत 1205 तकनीकी सहायक कार्य कर रहे जिमसे 500 के करीब तकनीकी सहायको को मनरेगा के अंतर्गत वेतन दिया जाता है जोकि कभी भी समय पर नहीं मिलता और न ही आज इन कर्मचारियों को NPS काटा गया और न ही अन्य वितीय लाभ और मेडिकल की सुविधाए दी जा रही है और इन कर्मचारियों का शोषण सरकार द्वारा किया जा रहा है। जिला परिषद कर्मचारी एवं अधिकारी महासंघ की मुख्य मांग है कि जब तक हमें पंचायती राज या ग्रामीण विकास विभाग में मर्ज नहीं किया जाता तब तक हमारी समस्याओं का समाधान नहीं हो सकता। जिला परिषद कर्मचारी एवं अधिकारीयो को हर बार सरकार की सुविधाओ के लिए संघर्ष करना पड़ता है।