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जगजीत नगर सीसे स्कूल में 36 बच्चे, सरकार न करें डी-नोटिफाई

सोलन।हिमाचल प्रदेश सरकार ने प्रदेश में कम संख्या वाले 90 स्कूलों को डी-नोटिफाई करने का फरमान जारी किया है। 26 मई 2023 को जारी आदेश के अनुसार 15 से कम संख्या वाले मिडिल स्कूल, 20 से कम संख्या वाले हाई स्कूल और 25 से कम संख्या वाले सीनियर सेकंडरी स्कूल को बंद करने के आदेश जारी हुए हैं। यह सभी स्कूल पहली अप्रैल 2022 के बाद स्तरोन्नत हुए हैं। इसके तहत सोलन जिला की दून विधानसभा क्षेत्र का सीनियर सेकंडरी स्कूल जगजीत नगर भी शामिल है। इस स्कूल में वर्तमान में जमा एक व दो में 36 छात्र-छात्राएं शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। डी-नोटिफाई के लिए जो तिथि समर और विंटर क्लोजिंग स्कूलों के लिए अलग- अलग है, जो न्यायसंगत नहीं है। नोटिफिकेशन के अनुसार समर स्कूलों के लिए 31 मार्च 2023, जबकि समर स्कूलों के लिए 15 अप्रैल 2023 निर्धारित की गई। सीनियर सेकंडरी स्कूलों में प्रोविजनल एडमिशन पहली अप्रैल से शुरू होती है। ऐसे में अब जगजीत नगर सीसे स्कूल के 36 बच्चों का भविष्य अधर में है। अब प्रश्न यह है कि जब जमा एक व दो कक्षाओं के लिए एक परीक्षा तिथि, एक प्रैक्टिकल तिथि और एक साथ रिजल्ट आता है तो सीसे स्कूल की कट ऑफ डेट में भिन्नता क्यो?
एसएमसी ने स्कूल को डी-नोटिफाई न करने की मांग की
स्कूल प्रबंधन समिति ने सरकार से मांग की है कि इस स्कूल को डी-नोटिफाई न किया है। स्कूल प्रबंधन समिति सीसे जगजीत नगर की प्रधान ज्योति व सदस्य यशोधा ठाकुर, ललिता देवी, आशा देवी, रीता देवी, अंजू, रंजना, कमलेश कुमारी, प्रेम दत्त, ममता रानी व मीना का कहना है कि ग्रामीणों के प्रयास के बाद 26 जुलाई 2022 को हाई स्कूल जगजीत नगर को सीनियर सेकंडरी स्कूल का दर्जा मिला था। सितंबर 2022 में स्टाफ ने यहां ज्वाइन यिा। इसके बाद कक्षाएं शुरू हुई। फरवरी 2023 में जानकारी मिली कि इस स्कूल को बच्चों की कम संख्या के कारण डी-नोटिफाई किया जा रहा है। इस पर एसएमसी ने विशेष बैठक भी बुला कर इस मामले में चिंता जताई। स्कूल को मिड सैशन में स्तरोन्नत किया गया, जिसके कारण अभिभावकों ने यहां अपने बच्चों को नहीं भेजा। स्कूल में दसवीं कक्षा में 23 विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं, जिन्होंने इसी स्कूल में प्रवेश लिया। इस समय स्कूल में जमा एक में 23 और जमा दो में 13 बच्चे हैं।
इस स्कूल में दूर-दूर से बच्चे शिक्षा ग्रहण करने आते हैं। जगजीत नगर स्कूल में काटली बागी, धांधली, गुम्मु, शाशल आदि गांव की दूरी स्कूल से 5 किलोमीटर से ज्यादा है। बस व अन्यवाहन सुविधा न होने के बावजूद बच्चे यहां पैदल पढऩे के लिए आते हैं। गागुड़ी व जगजीत नगर पंचायत में यही स्कूल है, जो स्तरोन्नत हुआ था और ग्रामीणों की दशकों पुरानी मांग पूरी हुई थी। इस स्कूल में तीन पंचायतों के बच्चे एक साथ शिक्षा ग्रहण करते हैं। दूसरा सीसे स्कूल दूर होने के कारण कई बच्चों की शिक्षा पर मैट्रिक के बाद ही विराम लग जाता है। इस स्कूल में 137 स्टूडेंट शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। एसएमसी का कहना है कि जंगल का रास्ता होने के कारण अभिभावक अपनी बेटियों को दूर के स्कूल में भेजने से कतराते हैं। इसलिए सरकार अनुरोध है कि इस स्कूल को डी-नोटिफाई न किया जाए ताकि स्कूली बच्चों को घर-द्वार पर ही जमा दो तक की शिक्षा मिल सकें।

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