



शिमला: शिमला हिमाचल प्रदेश की राजधानी और पर्यटन का प्रमुख केंद्र, इन दिनों पर्यटकों की भारी भीड़ से गुलजार हो रहा है. मानसून से उत्पन्न प्राकृतिक आपदा के नुकसान से उबरते हुए शहर में सैलानियों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है.राज्य सरकार के प्रयासों और बेहतर बुनियादी ढांचे के कारण न केवल देश के विभिन्न राज्यों से बल्कि विदेशों से भी पर्यटक पहुंच रहे हैं, जिससे पर्यटन कारोबारियों के चेहरे पर मुस्कान लौट आई है.
आपदा से हुए नुकसान की भरपाई के आसार
पिछले साल मानसून के दौरान भारी बारिश, भूस्खलन और बाढ़ ने हिमाचल प्रदेश को करीब 9,000 करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचाया था. जिसमें शिमला और आसपास के क्षेत्र भी प्रभावित हुए थे. हालांकि, 2024 में पर्यटकों की संख्या 1.80 करोड़ तक पहुंच गई, जो कोविड पूर्व स्तर से अधिक है. 2025 में भी यह रिकवरी जारी है। अप्रैल 2025 तक राज्य में 44.67 लाख पर्यटक पहुंच चुके हैं, जो पिछले वर्ष की तुलना में 13% अधिक है. शिमला जैसे हिल स्टेशनों पर इंफ्रास्ट्रक्चर सुधार, जैसे नए होटल और होमस्टे (कुल 9,843 रजिस्टर्ड होटल, जिनमें शिमला में 623 शामिल), ने पर्यटन को गति दी है. पर्यटन विभाग के अनुसार, आपदा प्रभावित क्षेत्रों में पुनर्निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है, जिससे सैलानियों का विश्वास बहाल हो रहा है.
विदेशी मेहमानों की आमद से राज्य सरकार की आय में इजाफा
विदेशी पर्यटकों की संख्या में भी तेजी आई है. 2024 में हिमाचल में 82,765 विदेशी पर्यटक आए, जो 2023 के 62,806 से 32% अधिक था. शिमला इस सूची में सबसे आगे है, जहां 27,034 विदेशी पर्यटक पहुंचे। यूके, यूएस और यूरोपीय देशों से आने वाले ये पर्यटक शिमला की ब्रिटिश वास्तुकला, मॉल रोड और ऐतिहासिक आकर्षणों की ओर आकर्षित हो रहे हैं. शरद ऋतु (अक्टूबर-नवंबर) में यह संख्या चरम पर पहुंच जाती है, क्योंकि यहां का मौसम सुहावना रहता है. राज्य सरकार की आय में यह वृद्धि महत्वपूर्ण है, क्योंकि पर्यटन राज्य जीडीपी का 7-8% योगदान देता है. आगामी शिमला समर फेस्टिवल (जून 2025) जैसे आयोजनों से यह गति और तेज होने की उम्मीद है। पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, महाराष्ट्र, गुजरात और दिल्ली जैसे राज्यों से परिवार और स्कूल बच्चों के साथ पर्यटक शिमला की ओर रुख कर रहे हैं. गर्मियों में मैदानी इलाकों की तपिश से बचने के लिए यह पसंदीदा डेस्टिनेशन बन गया है। कुल्लू-मनाली और धर्मशाला जैसे आसपास के क्षेत्र भी फायदा उठा रहे हैं. स्थानीय होटलियरों और टैक्सी ऑपरेटरों का कहना है कि बुकिंग 56% तक पहुंच गई है, जो आपदा के बाद की सबसे अच्छी स्थिति है. एक होटल मालिक ने बताया कि विदेशी पर्यटकों की वापसी से रेस्तरां, ट्रांसपोर्ट और लोकल बाजारों को फायदा हो रहा है. हालांकि, ओवरटूरिज्म की चुनौती बनी हुई है, जिसके लिए जल प्रबंधन और ट्रैफिक कंट्रोल पर काम चल रहा है।