



लाइव हिमाचल/चंबा: हिमाचल प्रदेश में हिमकेयर योजना का लाभ अब अस्पतालों में नहीं मिल रहा है. जयराम सरकार की इस चर्चित योजना को सुक्खू सरकार ने होल्ड कर दिया है. ऐसे में हिमकेयर कार्ड धारकों को निजी और सरकारी अस्पतालों में पांच लाख रुपये का मुफ्त इलाज नहीं मिल रहा है. ताजा मामले की वजह से यह योजना फिर से चर्चा में है. क्योंकि एक महिला मरीज को अपनी इलाज के लिए पैसे ना होने पर बालियां गिरवी रखनी पड़ी. मामला चंबा जिले का है. पूर्व सीएम जयराम ठाकुर ने भी इस पर सवाल उठाए हैं.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, चंबा मेडिकल कॉलेज में यह वाक्या पेश आया है. युवक कुलदी कुमार अपनी मां को पथरी का ऑपरेशन करवाने के लिए अस्पताल लाया था. 67 वर्षीय बुजुर्ग महिला लांबो देवी को डॉक्टरों ने ऑपरेशन के दौरान सामान उपलब्ध न होने के चलते बाजार से खरीद कर लाने के लिए कहा. इस दौरान युवक ने हिमकेयर कार्ड होने की बात भी कही. हालांकि, बात नहीं बनी. बाद में वह निजी दुकान पर सामान लेने पहुंचा तो 15 हजार रुपये बिल बना. इस दौरान युवक के पास इतने पैसे नहीं थे तो उसने जैसे तैसे उधार लेकर 6 हजार रुपये जुटाए और बाकी के पैसों की अदायगी तक अपनी मां की बालियों को दुकान पर गिरवी रखवा दिया. बाद में युवक ने पैसों का जुगाड़ दिया और फिर बिल अदाकर अपनी मां की बालियां वापस ली. कुलदीप कुमार ने बताया कि हिमकेयर योजना के तहत भी दवाइयां और उपकरण नहीं मिले. उधर, मेडिकल कॉलेज चंबा के मीडिया समन्वयक डॉ. मानिक सहगल ने बताया कि मामला ध्यान में लाया गया है और जांच के बाद ही कहा जा सकता है. पूर्व सीएम जयराम ठाकुर ने खबर को लेकर अपने सोशल मीडिया पेज पर लिखा कि 1500 रुपए हर महीने सम्मान निधि देने की गारंटी के नाम पर आई सुख की सरकार इलाज के लिए माताओं बहनों को गहने बेचने पर मजबूर कर रही है. व्यवस्था परिवर्तन का इससे क्रूर और संवेदनहीन चेहरा नहीं हो सकता है. सुक्खू सरकार को शर्म करनी चाहिए। दरअसल, जयराम सरकार में शुरू हुई इस योजना का बड़ी संख्या में लोगों को फायदा मिल रहा था. हालांकि, निजी सहित अन्य अस्पतालों को सरकार की तरफ से करोड़ों रुपये की अदायगी नहीं की गई है. सुक्खू सरकार ने तर्क दिया कि योजना में गड़बड़ झाला किया जा रहा है और ऐसे में सरकार इस योजना में संशोधन करेगी. योजना के तहत सरकारी और निजी अस्पतालों में 5 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज देने का प्रावधान है।