



लाइव हिमाचल/बद्दी: हिमाचल प्रदेश हाइकोर्ट ने शुक्रवार को बड़ा फैसला सुनाया. आईपीएस अधिकारी इल्मा अफरोज को बद्दी SP के रूप में ज्वॉइन करना होगा. हिमाचल सरकार 3 अधिकारियों का पैनल नहीं दे पाई. इस मामले में अगली सुनवाई 28 फरवरी को होगी. बता दें, हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने पुलिस अधीक्षक इल्मा अफरोज की बद्दी में तत्काल नियुक्ति और उनके कार्य को सुनिश्चित करने के निर्देश को लेकर दायर जनहित याचिका में गृह सचिव और डीजीपी को नोटिस जारी किया था. अदालत ने दोनों अफसरों से इस मामले में अपना स्पष्टीकरण पेश करने को कहा था।
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पिछले साल जनवरी महीने में आईपीएस अधिकारी इल्मा अफरोज को बद्दी का एसपी बनाया गया था। वो उस समय सुर्खियों में आई जब उन्होंने अवैध खनन करने वाले ट्रकों के चालान काटे थे। ये ट्रक बद्दी के दून विधानसभा से कांग्रेस विधायक राम कुमार चौधरी की पत्नी के थे। इस पर एसपी और विधायक के बीच ठन गई थी। दोनों ने एक दूसरे के कार्यक्रमों में जाने से दूरी बना ली थी। बाद में राम कुमार चौधरी ने आईपीएस अधिकारी इल्मा अफरोज पर जासूसी के आरोप लगाए थे और विधानसभा से प्रिवलेज मोशन दिलवाया था। 8 नवंबर को इल्मा अपना सारा सामान समेट कर छुट्टी पर चली गई। 16 दिसंबर को हिमाचल लौटी तो सरकार ने उन्हें बद्दी के बजाय शिमला में डीजीपी दफ्तर में तैनाती दी। इस मामले पर सुक्खू सरकार की काफी किरकिरी हुई थी। बाद में सरकार ने कहा था कि उन्हें ‘ऑउट ऑफ वे’ जाकर बद्दी का एसपी बनाया गया था। इस पूरे मामले में सुच्चा सिंह नाम के शख्स ने हाईकोर्ट में याचिका डाली थी और मांग की थी कि इल्मा को दोबारा बद्दी में तैनाती दी जाए। सरकार ने भी मामले जवाब दाखिल किया था कि सरकार ने इल्मा को खुद डीजीपी दफ्तर में तैनात नहीं किया था, बल्कि उन्होंने खुद ही चिट्टी लिखकर यह मांग की थी। इल्मा अफरोज उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले के कुंदरकी की रहने वाली है। 2017 में उन्होंने UPSC परीक्षा पास की। उन्होंने 217वीं रैंक हासिल की थी। अगस्त 2018 में वे IPS अफसर बनीं। उन्हें हिमाचल प्रदेश कैडर मिला। 16 महीने की कठिन ट्रेनिंग के बाद उन्होंने अपनी सेवा शुरू की। इल्मा जब 14 साल की थीं, तब उनके किसान पिता का कैंसर से निधन हो गया था। उनकी मां ने उन्हें और उनके 12 साल के भाई को पाला। इल्मा ने दिल्ली यूनिवर्सिटी के सेंट स्टीफंस कॉलेज से दर्शनशास्त्र में डिग्री ली। उन्हें ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी, इंग्लैंड में पढ़ने के लिए स्कॉलरशिप मिली। अपनी पढ़ाई के दौरान, इल्मा ने पेरिस के साइंसेज पो में एक्सचेंज स्टूडेंट के रूप में पढ़ाई की। बाद में, उन्होंने न्यूयॉर्क शहर के मैनहट्टन में एक स्वयंसेवा कार्यक्रम में भाग लिया।