शिमला: मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने स्पष्ट किया है कि हिमाचल के लोगों से चूड़धार मंदिर जाने पर कोई शुल्क नहीं वसूला जाएगा। उन्होंने कहा कि बाहरी राज्यों से आने वाले पर्यटक अक्सर अपने साथ प्लास्टिक की बोतलें, चिप्स आदि के पैकेट छोड़ जाते हैं, जिससे पर्यावरण को नुकसान होता है। इसलिए ऐसे पर्यटकों से पर्यावरण संरक्षण शुल्क लिया जाएगा, लेकिन स्थानीय श्रद्धालुओं को इससे छूट दी गई है। उन्होंने इस संबंध में अधिकारियों को दिशा-निर्देश भी जारी कर दिए हैं। इसी दौरान मुख्यमंत्री शनिवार को दिल्ली दौरे पर थे, जहां उन्होंने कांग्रेस की प्रदेश प्रभारी रजनी पाटिल से प्रदेश कार्यकारिणी के विस्तार को लेकर चर्चा की। उन्होंने कई नाम सुझाए हैं जिन्हें जल्द पार्टी की कार्यकारिणी में शामिल किया जा सकता है। इससे पहले प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह ने भी रजनी पाटिल से इस विषय पर बातचीत की थी। सूत्रों के अनुसार, कांग्रेस की प्रदेश कार्यकारिणी का विस्तार शीघ्र ही किया जा सकता है। इस संदर्भ में हाईकमान से दोनों नेताओं की शुक्रवार को भी बातचीत हुई थी। वहीं, उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने भी कार्यकारिणी विस्तार को लेकर अपना फीडबैक नेतृत्व को सौंपा है।मुख्यमंत्री सुक्खू रविवार को नए हेलिकॉप्टर से शिमला लौटेंगे, और सोमवार व मंगलवार को प्रस्तावित कैबिनेट बैठकों में हिस्सा लेंगे। ये बैठकें दोपहर 12 बजे से शुरू होंगी।दिल्ली में पत्रकारों से बातचीत में सुक्खू ने कहा कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पर भाजपा के आरोप निराधार हैं और वह पार्टी की छवि धूमिल करने का प्रयास कर रही है। उन्होंने नेहरू युग से लेकर इंदिरा गांधी, राजीव गांधी और बेअंत सिंह तक के बलिदानों का उल्लेख करते हुए कहा कि भाजपा देश की एकता और बलिदान की भावना को अपमानित कर रही है। हालिया हत्याओं पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि निर्दोष पर्यटकों की हत्या अत्यंत निंदनीय है। उन्होंने कहा कि देश की सरकार जो भी कार्रवाई करेगी, कांग्रेस उसके साथ खड़ी रहेगी।
Day: May 4, 2025
प्रदेश के उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री के फेसबुक पोस्ट से कांग्रेस में फेरबदल की अटकलें हुई तेज
लाइव हिमाचल/शिमला: उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री द्वारा सोशल मीडिया पर ‘षड्यंत्र’ की संभावना के बारे में पोस्ट किए जाने से राज्य के राजनीतिक हलकों में हलचल मच गई है और लोग कांग्रेस में ‘बदलाव’ की उम्मीद कर रहे हैं। अग्निहोत्री द्वारा आज दोपहर फेसबुक पर पोस्ट किए जाने से राज्य के राजनीतिक हलकों में हलचल मच … Read more
सोलन शहर में वाहनों की 30 से अधिक स्पीड होने पर कटेगा चालान, डीसी सोलन ने जारी किए आदेश…
लाइव हिमाचल/सोलन: सोलन सहित जिला के सभी शहरों में वाहनों की स्पीड लिमिट 30 किलोमीटर प्रति घंटा निर्धारित कर दी गई है। डीसी सोलन मनमोहन शर्मा ने इसको लेकर आदेश जारी कर दिए हैं। डीसी सोलन ने एसपी सोलन व एसपी बद्दी को स्पीड लिमिट से अधिक तेज चलने वाले वाहन चलको के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं. यहां पर विदित रहे कि नगर निगम सोलन दिस इस सोलन को शहर में स्पीड लिमिट 30 करने का एक प्रस्ताव भेजा था. सोलन माल रोड और शहर की सड़कों पर वाहनों की तेज रफ्तारी दुर्घटना का कारण बन रही थी। सोलन शहर के लोगों द्वारा भी डीसी सोलन को एक प्रस्ताव भेजा दिया था। यह आदेश पारित होने के बाद सोलन माल रोड पर ओवर स्पीड के साथ चलने वाले दोपहिया वाहन चलाने वालों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई करेगी। बता दे कि शहर के मॉल रोड़ और बाजारों में वाहन चालक खासकर दोपहिया वाहन चालक तेज रफ्तारी से सफर करते है जिस कारण कई बार लोगों को चोट लगने और बड़े हादसे होने का डर भी बना रहता है ऐसे में इसको लेकर नगर निगम सोलन ने जिला प्रशासन से आग्रह किया था कि स्पीड लिमिट निर्धारित की जाए। मजेदार बात यह है कि सोलन शहर के अलावा जिला न अन्य शहरों और बाजारों में स्पीड लिमिट 30 किलोमीटर प्रति घंटा तय की गई है और इसको लेकर आदेश जारी कर दिए गए है। डीसी सोलन मनमोहन शर्मा ने बताया कि जिला के सभी शहरों खासकर सोलन शहर में अब वाहनों की स्पीड लिमिट 30 किलोमीटर प्रति घण्टा तय की गई है। उन्होंने कहा कि इस कदम से शहर में बढ़ने वाली दुर्घटनाओं पर अंकुश लगेगा। उन्होंने कहा कि यदि कोई नियमों की अवहेलना करेगा उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
बेहतरीन कार्य करने वाले तहसीलदारों को डीसी ने दिया सम्मान…
लाइव हिमाचल/धर्मशाला : उपायुक्त हेमराज बैरवा ने तहसीलदार देहरा कर्मचंद कालिया, तहसीलदार नगरोटा अशोक कुमार तथा तहसीलदार नुरपुर राधिका सैणी को बेहतरीन राजस्व सेवाओं के लिए धर्मशाला में राजस्व अधिकारियों की बैठक के दौरान सम्मानित किया गया। उल्लेखनीय है कि तहसीलदार देहरा, नगरोटा तथा नुरपुर ने कार्यकाल के दौरान भू इंतकाल, लैंड पार्टिशन तथा राजस्व इंद्राज को दुरूस्त करने में बेहतरीन कार्य किया है इसके साथ ही राजस्व विभाग द्वारा भू संबंधी मामलों के निपटारे के निर्धारित लक्ष्यों को पारदर्शिता के साथ पूर्ण करने के लिए जिला प्रशासन द्वारा सम्मान दिया गया है। उपायुक्त हेमराज बैरवा ने कहा कि सभी राजस्व अधिकारियों की प्रगति की रिपोर्ट की नियमित तौर पर समीक्षा की जा रही है तथा बेहतरीन कार्य करने वालों को प्रशस्ति पत्र भी दिया जा रहा है ताकि राजस्व संबंधी कार्यों के त्वरित निपटान के लिए सभी अधिकारी प्रेरित हो सकें। उपायुक्त हेमराज बैरवा ने कहा कि राजस्व विभाग आम जनमानस के साथ जुड़ा है तथा सभी अधिकारियों को राजस्व विभाग के कार्यों में पारदर्शिता बरतने के निर्देश दिए गए हैं ताकि लोगों को बेहतरीन सेवाएं मिल सकें।
समाज में अंतिम पंक्ति में खड़े गरीब व्यक्ति तक सरकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाना प्रदेश सरकार का मुख्य उद्देश्य : पठानिया
लाइव हिमाचल/शाहपुर : उपमुख्य सचेतक केवल पठानिया ने आज रैत स्थित वन विभाग के विश्राम गृह में जन समस्याएं सुनने के उपरांत जानकारी दी कि रैत विकास खंड की 61 पंचायतों में गत दो वर्षों के दौरान ग्रामीण विकास विभाग द्वारा लगभग 16 करोड़ रुपये की धनराशि विभिन्न विकास कार्यों पर व्यय की गई है।उन्होंने … Read more
अनुसूचित जनजातियों के लोगों के हितों की रक्षा आयोग दायित्व : डॉ. आशा लकड़ा
आयोग की सदस्य ने जनजातीय योजनाओं की कुल्लू में कई समीक्षा
लाइव हिमाचल/कुल्लू: राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग (NCST) की सदस्य डॉ. आशा लाकड़ा ने रविवार को जिला कुल्लू के अधिकारियों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की। बैठक में जिले में अनुसूचित जनजाति समुदाय के लिए संचालित विभिन्न कल्याणकारी और विकास योजनाओं की समीक्षा की गई। बचत भवन में आयोजित बैठक के दौरान डॉ. लाकड़ा ने जनजातीय लोगों के लिये चलाई प्रदेश और केंद्र सरकार की कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी भी अधिकारियों से प्राप्त की और योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग भारत के संविधान के अनुच्छेद 338A के तहत स्थापित किया गया है। आयोग मुख्य कार्य अनुसूचित जनजातियों के सामाजिक, आर्थिक, शैक्षिक हितों की रक्षा करना और उन्हें संविधान व कानूनों द्वारा प्राप्त अधिकारों की निगरानी करना है। उन्होंने कहा कि जनजातीय समुदाय की प्रगति के लिए समयबद्ध और पारदर्शी तरीके से योजनाओं को लागू करना आवश्यक है। डॉ. आशा ने ज़िला प्रशासन को सभी वर्गों के छात्रों के लिये समरस्ता होस्टल, अटेंडेंट होम और वर्किंग वीमेन होस्टल बनाने के लिये प्राकलन तैयार कर सरकार को भेजने के दिशा-निर्देश दिये। उन्होंने सीरड की सड़क कार्य तेज़ी लाकर समयबद्ध पूर्ण करने, कायसन मॉनेस्ट्री में बिजली ट्रांसफॉर्मर, पेयजल सुधार के निर्देश दिये। उन्होंने पांगी भवन के कार्य को भी जल्दी पूर्ण करने और खम्पा समुदाय के लोगों की समस्याओं के समाधान के बात कही। उन्होंने इस महत्वपूर्ण बैठक में चर्चा में आये सभी पहलुओं की एक्शन टेकन रिपोर्ट एक सप्ताह में आयोग को भेजने के निर्देश भी दिए। इससे पहले, डॉ. आशा लाकड़ा ने सर्किट हाउस कुल्लू में अनुसूचित जनजाति के विभिन्न प्रतिनिधिमंडलों और लोगों से मुलाकात की और उनकी समस्याओं तथा सुझावों को सुना। उन्होंने आश्वासन दिया कि जनजातीय समाज की हर उचित मांग को आयोग गंभीरता से लेगा और इनके समाधान के लिये आवश्यक कदम उठाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि आदिवासी लोगों की समस्याओं को जानने और उनके समाधान के आयोग खुद चलकर आया है। उन्होंने यहां लोगों का आश्वस्त किया कि लोगों की मांगों और समस्याओं के समाधान के जिला, प्रदेश और राष्ट्रीय स्तर पर सरकार के ध्यान में लाया जाता है। इस अवसर पर उपायुक्त कुल्लू, तोरुल एस. रवीश ने आयोग की सदस्य का कुल्लू आगमन पर स्वागत किया और केंद्र तथा प्रदेश सरकार की अनुसूचित जनजाति के लिये चलाई जा रही योजनाओं के लिये जारी दिशा-निर्देशों का ध्यान रखने की बात कही। इस बैठक में आयोग से अनुसंधान अधिकारी एच् आर मीणा, शोध अधिकारी राहुल, विधि परामर्शदाता राहुल यादव,परामर्शदाता जेपी सिंह, एडीसी अश्वनी कुमार, एएसपी संजीव चौहान, सहायक आयुक्त शशि पॉल नेगी सहित ज़िला के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
बूंद-बूंद पानी के लिए तरसेगा पाकिस्तान, भारत ने रोका चिनाब नदी का पानी…
लाइव हिमाचल/शिमला: 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव काफी बढ़ गया है। इस हमले में कई निर्दोष लोगों की जान गई, जिसके बाद भारत सरकार ने सख्त कदम उठाने शुरू कर दिए। इसी कड़ी में अब भारत ने सिंधु जल संधि को खत्म करने का फैसला लिया है और पाकिस्तान को जाने वाले पानी को रोक दिया है। इसे भारत की ‘वॉटर स्ट्राइक’ के तौर पर देखा जा रहा है। आपको बता दें कि भारत और पाकिस्तान के बीच साल 1960 में एक समझौता हुआ था, जिसे सिंधु जल संधि कहा जाता है। इस संधि के तहत भारत को रावी, ब्यास और सतलुज नदियों का पानी इस्तेमाल करने का अधिकार मिला था, जबकि पाकिस्तान को सिंधु, चिनाब और झेलम नदियों का जल प्रयोग करने की इजाजत दी गई थी। ये संधि दोनों देशों के बीच लंबे समय से चली आ रही थी और इसे अब तक निभाया जा रहा था। दरअसल, अब भारत ने इस संधि को रद्द करते हुए सबसे पहले चिनाब नदी पर बने बगलिहार डैम से पाकिस्तान की तरफ बहने वाले पानी को रोक दिया है। यह डैम जम्मू के रामबन जिले में स्थित है। यहां से भारत यह तय करता है कि कितनी मात्रा में और किस समय पर पानी छोड़ा जाए। अब भारत इस पानी के बहाव को अपने हिसाब से नियंत्रित करेगा और पाकिस्तान को बिना बताए जल प्रवाह को कम कर सकता है। भारत यहीं नहीं रुका है। अगला कदम झेलम नदी की दिशा में बढ़ाया जा रहा है। जानकारी के अनुसार, भारत अब उत्तर कश्मीर में स्थित किशनगंगा डैम से झेलम नदी के पानी को भी रोकने की योजना बना रहा है। पाकिस्तान पहले ही इस बांध का विरोध कर चुका है और विश्व बैंक से शिकायत भी कर चुका है। लेकिन अब भारत अपने जल संसाधनों को राष्ट्रीय सुरक्षा के नजरिए से देख रहा है। पाकिस्तान की खेती और पीने के पानी की जरूरतें इन नदियों पर बहुत ज्यादा निर्भर हैं। अगर भारत ने सिंधु, चिनाब और झेलम नदियों का पानी रोकना शुरू कर दिया, तो पाकिस्तान में भयंकर जल संकट आ सकता है। इससे उसकी अर्थव्यवस्था, कृषि और लोगों की रोज़मर्रा की ज़िंदगी पर गहरा असर पड़ेगा। भारत का यह कदम यह दर्शाता है कि अब वो आतंकवाद को बढ़ावा देने वाले देश के साथ कोई नरमी नहीं बरतेगा। अब बातचीत तभी होगी जब पाकिस्तान आतंकवाद पर लगाम लगाएगा। भारत ने दिखा दिया है कि अब सिर्फ ज़ुबानी नहीं, बल्कि ठोस कार्रवाई करके जवाब दिया जाएगा – फिर चाहे वो सीमा पर हो या पानी के जरिये।भारत ने अपने जल अधिकारों का इस्तेमाल कर यह साबित कर दिया है कि अब कोई भी आतंकी हमला अनदेखा नहीं किया जाएगा। जल जैसी बड़ी शक्ति का इस्तेमाल अब केवल दोस्ती की शर्त पर होगा। अगर पड़ोसी देश दुश्मनी करेगा, तो भारत अब हर मोर्चे पर मजबूती से जवाब देगा।
कुदरत का कहर, 60 भेड़-बकरियाें के साथ नाले में बह गया भेड़पालक…
लाइव हिमाचल/चंबा: हिमाचल के चम्बा स्थित भटियात की रायपुर पंचायत में कुदरत का रौद्र रूप देखने को मिला, जहां भारी बारिश की वजह से एक भेड़ पालक और 60 भेड़ों की जान ले ली. जानकारी के अनुसार बारिश से बलोह नाले में आई बाढ़ में एक भेड़पालक बकरियों के साथ नाले में बह गया, जिससे उसकी मौत हो गई. चुवाड़ी-फगोट संपर्क मार्ग के मध्य चेली नामक स्थान के साथ लगते बलोह नाले के ऊपरी क्षेत्र में हुई बारिश के कारण बाढ़ आ गई. जिसकी चपेट में भेड़ बकरियों के साथ अमरो (70) पुत्र फिनू राम निवासी गांव चेली डाकघर रायपुर भी आ गया. नाले में आए पानी में लगभग 60 भेड़ बकरियां भी बह गईं. रायपुर पंचायत के प्रधान राजमल सहित पुलिस व प्रशासन ने रविवार को मौके स्थल पर पहुंच कर हादसे के जायजा लिया. ग्रामीणों व परिजनों की उपस्थिति में शव की भी तलाश करके आगामी कार्यवाही अमल में लाई का रही है. मृतक के परिजनों को प्रशासन की ओर से 25000 रुपये की फौरी राहत प्रदान की गई. मामले में आगे की जा रही है. हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंघ सुक्खू ने इस घटना पर दुःख व्यक्त किया है. उन्होंने कहा कि चंबा जिले की तहसील चुवाड़ी के अंतर्गत बलोह गांव के पास बीती रात बादल फटने की घटना में एक व्यक्ति के निधन का समाचार अत्यंत दु:खद है. प्रभावित परिवार को ₹25,000 की अंतरिम राहत राशि प्रदान की गई है. इस दुर्घटना में भेड़-बकरियों की क्षति का आकलन करने के निर्देश दिए गए हैं।
अढ़ाई वर्ष में राज्य सरकार पर भ्रष्टाचार का एक भी आरोप नहींः मुख्यमंत्री
. हिमाचल को पानी पर अपना हक मिलना चाहिएः ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू
लाइव हिमाचल/शिमला: मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि हिमाचल प्रदेश के लोगों को पानी पर अपना हक मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि पानी हिमाचल प्रदेश की बहुमूल्य प्राकृतिक संपदा है। उन्होंने कहा कि राज्य 12,000 मेगावाट बिजली पैदा करता है, फिर भी हिमाचल को इससे क्या मिला? एसजेवीएनएल 6,700 करोड़ रुपये की कंपनी बन गई है, लेकिन हमें पूछना चाहिए कि हिमाचल को क्या मिला? मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब और हरियाणा पानी को लेकर लड़ रहे हैं, लेकिन पानी हिमाचल से बह रहा है। बदले में हमें क्या मिल रहा है? मुख्यमंत्री ने यह बात न्यू शिमला के सेक्टर-5 में 18 करोड़ रुपये की लागत से बनी पार्किंग के उद्घाटन अवसर पर कही। उन्होंने कहा कि तीन मंजिला इस पार्किंग में 50 से अधिक वाहन खड़े हो सकते हैं, जिससे क्षेत्र के निवासियों को काफी लाभ मिलेगा।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने 1.5 करोड़ रुपये की लागत से नई पार्किंग सुविधा की घोषणा भी की। उन्होंने कहा कि न्यू शिमला में एक और पार्किंग सुविधा के निर्माण, सामुदायिक केंद्र और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) की स्थापना के लिए 50 लाख रुपये की राशि मंजूर की गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस क्षेत्र से उनका व्यक्तिगत जुड़ाव है। उन्होंने कहा कि उनकी बहन यहीं रहती हैं, उनका बचपन इसी इलाके में बीता है और उनकी राजनीतिक यात्रा भी यहीं से शुरू हुई। उन्होंने कहा कि आज जहां सेक्टर 5 है, वहां पैदल चलने के लिए रास्ते हुआ करते थे। उन्होंने कहा कि समय के साथ इस इलाके में काफी विकास हुआ है। ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने वर्तमान सरकार को विरासत में मिली वित्तीय चुनौतियों के संदर्भ में कहा कि जब कांग्रेस सरकार सत्ता में आई, तो राज्य सरकार पर 75,000 करोड़ रुपये का कर्ज था और सरकारी कर्मचारियों कीे 10,000 करोड़ रुपये की देनदारियां बकाया थीं। उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था को स्थिर करने के लिए राज्य सरकार को कुछ कड़े फैसले लेने पड़े। राज्य सरकार ने ईमानदार और पारदर्शी प्रयासों से पिछले अढ़ाई वर्ष में 2,500 करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व अर्जित किया है। इसके परिणामस्वरूप राज्य सरकार पर भ्रष्टाचार का एक भी आरोप नहीं लगा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ग्रामीण विकास सुनिश्चित कर रही है। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक खेती के माध्यम से उगाए गए मक्का, गेहूं और जौ सहित पशुपालकों को दूध पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) प्रदान किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हिमाचल ने 1.36 लाख कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) लागू की है, जबकि पंजाब ने अब तक इसे लागू नहीं किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में महत्त्वपूर्ण सुधारों के सकारात्मक परिणाम मिलने लगे हैं। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद पहली बार कसुम्पटी विधानसभा क्षेत्र को राज्य मंत्रिमंडल में प्रतिनिधित्व दिया गया है। उन्होंने क्षेत्र के मुद्दों को सक्रियता से उठाने के लिए ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह की सराहना की। उन्होंने 250 करोड़ रुपये की लागत से विकासनगर में एक बहुउद्देश्यीय परिसर के निर्माण की घोषणा की। उन्होंने कहा कि इस भवन में पार्किंग की सुविधा सहित विभिन्न सरकारी कार्यालय होंगे। अनिरुद्ध सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री शिमला शहर की समस्याओं से अच्छी तरह अवगत हैं और उन्हें हल करने की दिशा में लगातार काम कर रहे हैं। उन्होंने खराब मौसम के बावजूद कार्यक्रम की सफलता सुनिश्चित करने के लिए शिमला नगर निगम के पार्षदों के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने मुख्यमंत्री से न्यू शिमला में पार्किंग की समस्या का समाधान करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि कसुम्पटी विधानसभा क्षेत्र में वर्तमान में 250 करोड़ रुपये के विकास कार्य किए जा रहे हैं। अनिरुद्ध सिंह ने कहा कि न्यू शिमला में एक आधुनिक पुस्तकालय भी बनाया जाएगा और हिमाचल को हरित ऊर्जा राज्य बनाने के मुख्यमंत्री की दूरदर्शिता की सराहना की। स्थानीय पार्षद आर.आर. वर्मा ने मुख्यमंत्री का स्वागत किया और नई पार्किंग सुविधा के लिए आभार व्यक्त किया। तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी, नगर निगम शिमला के महापौर सुरेंद्र चौहान, उप-महापौर उमा कौशल, हिमुडा के उपाध्यक्ष यशवंत छाजटा, एपीएमसी के अध्यक्ष देव आनंद वर्मा, पार्षद और अन्य गणमान्य भी इस अवसर पर मौजूद थे।
आंबेडकर समानता लाना चाहते थे, लेकिन कांग्रेस ने वोट बैंक का वायरस फैलाया : नंदा
• पूरे प्रदेश में भाजपा के 2000 से अधिक कार्यकर्ताओं ने 10000 से अधिक घरों में संपर्क किया।
लाइव हिमाचल/शिमला : भाजपा प्रदेश मीडिया प्रभारी कर्ण नंदा ने बैनमोर वार्ड में डॉ भीमराव अंबेडकर सम्मान अभियान के अंतर्गत संपर्क अभियान में भाग लिया। उनके साथ प्रदेश कोषाध्यक्ष कमल सूद, पूर्व पार्षद अनूप वैद्य, राजेश शर्मा उपस्थित रहे। इस दौरान वार्ड में भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा 24 घरों में संपर्क किया है। मीडिया से बातचीत करते हुए कर्ण नंदा ने बताया कि पूरे प्रदेश भर में भीमराव अंबेडकर सम्मान संपर्क अभियान चल रहा है, जिसके अंतर्गत नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने मंडी, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ राजीव बिंदल ने नाहन, प्रदेश संगठन महामंत्री सिद्धार्थन ने शिमला ग्रामीण, डॉ राजीव भारद्वाज नूरपुर, सुरेश कश्यप ने पच्छाद, विपिन परमार सुलह, त्रिलोक जमवाल बिलासपुर, रणधीर शर्मा नैना देवी, सतपाल सत्ती ऊना, राकेश जमवाल ने सुंदरनगर एवं प्रदेश महामंत्री बिहारी लाल शर्मा ने रोहड़ू में इस कार्यक्रम में भाग लिया। पूरे प्रदेश में भाजपा के 2000 से अधिक कार्यकर्ताओं ने 10000 से अधिक घरों में संपर्क किया। नंदा ने कहा कांग्रेस ने डा. भीमराव आंबेडकर का हमेशा अपमान किया। आंबेडकर संविधान के संरक्षक रहे, जबकि कांग्रेस संविधान की भक्षक बन गई। आंबेडकर समानता लाना चाहते थे, लेकिन कांग्रेस ने वोट बैंक का वायरस फैलाया। नंदा ने कहा कि कांग्रेस पार्टी, जो अब पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय मनमोहन सिंह के निधन के बाद उनके लिए स्मारक बनाने की मांग कर रही है, उसे यह आत्ममंथन करना चाहिए कि भारत के सबसे प्रगतिशील प्रधानमंत्रियों में से एक, स्वर्गीय पी.वी. नरसिम्हा राव के साथ उनके निधन के बाद कैसा व्यवहार किया गया था। उनके पार्थिव शरीर को कांग्रेस मुख्यालय में प्रोटोकॉल के तहत निर्धारित आधिकारिक स्थान देने से इनकार कर दिया गया था। वरिष्ठ कांग्रेस नेता मारिट अल्वा ने भी इस अनुचित व्यवहार पर आपत्ति जताई थी। स्वर्गीय पी.वी. नरसिम्हा राव का किया गया अनादर कांग्रेस की अवसरवादी राजनीति का प्रतिबिंब है। उन्हें यह याद रखना चाहिए कि किसने बाबासाहेब अंबेडकर को दिल्ली में दाह संस्कार का सम्मान देने से इनकार किया था और किसने उनके निधन के बाद राजधानी में उनके स्मारक के निर्माण में अड़चनें पैदा की थीं। यह भी याद रखने योग्य है कि जिन्होंने स्वयं को भारत रत्न से सम्मानित किया, वे बाबासाहेब के साथ अन्याय करने से नहीं चूके। कांग्रेस, जिसने सत्ता के लिए बार-बार संविधान के मूल भाव को तोड़ा है, उसे बाबासाहेब अंबेडकर की विरासत पर बोलने का नैतिक अधिकार नहीं है।