कारगिल विजय दिवस : पूर्व सैनिक संघ धर्मपुर ने शहीद सिकंदर सिंह को भावभीनी श्रद्धांजलि की अर्पित…

सोलन : कारगिल विजय दिवस की 24वीं वर्षगांठ के अवसर पर शहीद सिकन्दर सिंह को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। जिसमे पूर्व सैनिक संघ धर्मपुर व सोलन से आए सैनिकों ने भी शहीद सिकंदर सिंह की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें कृतज्ञ प्रदेशवासियों की ओर से श्रद्धांजलि अर्पित की। वहीं इस अवसर पर पंचायत बोहली व पंचायत समिति अध्यक्ष भीम सिंह, राकेश कुमार प्रधान, व पंचायत सदस्य कमलेश कुमार , सुभाष, मति चंपा देवी व शहीद परिवार के सदस्य माता निर्मला देवी, अन्य सदस्यों सहित आसपास के गांव के लोगों ने भी शहीद सिकन्दर सिंह को श्रद्धांजलि अर्पित की। सभी उपस्थित लोगों ने 2 मिनट का मोन रखा व भारत माता की जय व शहीद सिकन्दर सिंह अमर रहे के नारे लगाए।सोलन : कारगिल विजय दिवस की 24वीं वर्षगांठ के अवसर पर शहीद सिकन्दर सिंह को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। जिसमे पूर्व सैनिक संघ धर्मपुर व सोलन से आए सैनिकों ने भी शहीद सिकंदर सिंह की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें कृतज्ञ प्रदेशवासियों की ओर से श्रद्धांजलि अर्पित की।

 

वहीं इस अवसर पर पंचायत समिति अध्यक्ष भीम सिंह, प्रधान ग्राम पंचायत बोहली राकेश कुमार व पंचायत सदस्य कमलेश कुमार , सुभाष, मति चंपा देवी व शहीद परिवार के सदस्य माता निर्मला देवी, अन्य सदस्यों सहित आसपास के गांव के लोगों ने भी शहीद सिकन्दर सिंह को श्रद्धांजलि अर्पित की। सभी उपस्थित लोगों ने 2 मिनट का मोन रखा व भारत माता की जय व शहीद सिकन्दर सिंह अमर रहे के नारे लगाए।

संकट काल में सुरक्षा एवं अविलम्ब राहत पहुंचाना प्रदेश सरकार का उद्देश्य : संजय अवस्थी

. सोलन ज़िला में अभी तक लगभग 414 करोड़ रुपये का नुकसान सोलन : मुख्य संसदीय सचिव (स्वास्थ एवं परिवार कल्याण, लोक निर्माण तथा सूचना एवं जन सम्पर्क विभाग) संजय अवस्थी ने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने मंत्रिमण्डल के अपने सहयोगियों, प्रदेश के कर्मठ अधिकारियों एवं कर्मचारियों तथा जन-जन के सहयोग से इस … Read more

बड़ी खबर : राज्य सभा में पारित हुआ हाटी जनजातीय संशोधन बिल, सिरमौर से शिमला तक जश्न…

संगड़ाह : सिरमौर जिला के गिरिपार (Giripar) क्षेत्र के लोगों के लिए अच्छी खबर आई है। बुधवार को चर्चा के बाद राज्यसभा में गिरिपार क्षेत्र का हाटी समुदाय जनजातीय संशोधन बिल (ST amendment Bill of Haati) पारित हो गया है। लोकसभा में यह बिल 16 दिसंबर को पारित हो गया था। खबर के बाद गिरिपार क्षेत्र में हर्ष का माहौल है। लोगों ने जश्न मनाना शुरू कर दिया है। ऐतिहासिक फैसले के लिए केंद्र की नरेंद्र मोदी (PM Narender Modi) सरकार और राज्यसभा के सांसद और जनजातीय कार्य मंत्री अर्जुन मुंडा का आभार प्रकट किया है। मंगलवार को छत्तीसगढ़ के 12 समुदायों का एसटी संशोधन बिल (ST amendment bill) पास करने के बाद हिमाचल प्रदेश के गिरिपार क्षेत्र के लोगों की उम्मीदें अधिक बलवान हो गई थी। उन्हें पूरी उम्मीद थी कि बुधवार को उनका संशोधन बिल भी पास होगा। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी हाटी समुदाय जनजातीय संशोधन बिल का समर्थन किया था।

दोपहर 2:00 बजे के बाद हाटी समुदाय को हिमाचल प्रदेश की अनुसूचित जनजाति सूची में शामिल करने के बिल पर चर्चा शुरू हुई। हिमाचल के राज्यसभा सांसद प्रोफेसर सिकंदर कुमार ने हाटी समुदाय के बारे में जानकारी के साथ-साथ 50 वर्ष के शांतिपूर्ण संघर्ष के बारे में विस्तार से सदन को अवगत कराया। उसके बाद अन्य सांसदों ने भी इसका समर्थन किया। ध्वनिमत से मेजों की थपथपाहट के बीच सभी राज्यसभा सांसदों ने राज्यसभा सदस्य प्रो सिकंदर कुमार को गले लगकर बधाइयां दी।

मणिपुर मुद्दे पर चर्चा की मांग पर सरकार के रुख के विरोध में विपक्षी सदस्यों ने बुधवार को राज्यसभा से वॉकआउट किया। जब दोपहर के भोजन के बाद संसद का ऊपरी सदन फिर से शुरू हुआ, तो उपसभापति हरिवंश ने मणिपुर पर चर्चा की विपक्षी सदस्यों की मांग के बीच केंद्रीय जनजातीय मामलों के मंत्री अर्जुन मुंडा को संविधान (अनुसूचित जनजाति) आदेश (तीसरा संशोधन) विधेयक, 2022 को आगे बढ़ाने के लिए बुलाया।

बता दें कि मंगलवार को राज्यसभा ने संविधान (अनुसूचित जनजाति) आदेश में संशोधन के लिए संविधान (अनुसूचित जनजाति) आदेश (पांचवां संशोधन) विधेयक, 2022 पारित किया गया था। हाटी समुदाय जनजातीय संशोधन बिल का समर्थन करते मल्लिकार्जुन खड़गे।

मुख्यमंत्री राहत कोष में तीन करोड़ रुपये का अंशदान

शिमला : ग्रीनको फाउंडेशन GREENKO FOUNDATION के महाप्रबन्धक अनूप बनयाल ने गत सायं ग्रीनको फाउंडेशन की ओर से मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू को मुख्यमंत्री राहत कोष के लिए तीन करोड़ रुपये का चेक भेंट किया। मुख्यमंत्री ने इस पुनीत कार्य के लिए आभार व्यक्त किया और कहा कि इस तरह के अंशदान आपदा की घड़ी में प्रभावितों की सहायता के लिए महत्वपूर्ण साबित होंगे। इस अवसर पर मुख्य संसदीय सचिव सुन्दर सिंह ठाकुर भी उपस्थित थे।

भूस्खलन से खतरे की जद में मकान, 3 परिवारों को दूसरी जगह किया शिफ्ट

सुंदरनगर : जवाहरलाल नेहरू राजकीय इंजीनियरिंग संस्थान के आवासीय परिसर के निर्माण के दौरान हुए भूस्खलन से पुंघ क्षेत्र की पहाड़ी पर स्थित एक मकान खतरे की जद में आ गया है। खतरे को भांपते हुए प्रशासन ने मकान में रह रहे तीन परिवारों और पीजी की छात्राओं को अन्य स्थान पर शिफ्ट कर दिया। सूचना मिलते ही मौके पर पहुंचे विधायक राकेश जम्वाल ने तकनीकी शिक्षा निदेशक विवेक चंदेल, एसडीएम अमर नेगी, राजस्व विभाग और जेएनजीसी प्रशासन को सुरक्षात्मक दृष्टि से संभावित कार्रवाई करने को कहा।  जेएनजीसी द्वारा कॉलेज के नीचे की पहाड़ी पर आवासीय परिसर का निर्माण कार्य किया जा रहा है। भारी बारिश और निर्माण के दौरान हुए भूस्खलन से पहाड़ी में दो से तीन फीट तक दरारें आ गई। सुंदरनगर प्रशासन ने मकान में रहने वाले लोगों को सुरक्षा की दृष्टि से तुरंत मकान खाली करने को कहा और तीनों परिवारों के करीब दस लोगों को पुंघ में स्थित एक पंजाबी ढाबे में शिफ्ट कर दिया। इस दौरान प्रशासन से प्रभावित लोगों को मकान से अपना कीमती सामान भी साथ लेने को कहा। विधायक राकेश जम्वाल ने कहा कि प्रशासन को प्रभावित को हर संभव सहायता प्रदान करने के लिए कहा गया है।

प्रभावित सोम कृष्ण, विद्या सागर और प्यारे लाल ने बताया वह 15 वर्षों से पुंघ में रह रहे हैं। जेएनजीसी ने आवासीय परिसर के लिए पहाड़ी में कटान का कार्य शुरू किया है। बारिश के कारण पहाड़ की नम पड़ी मिट्टी के कारण भूस्खलन हुआ और पहाड़ी पर बड़ी-बड़ी दरारें पड़ गई। हालांकि उन्होंने 15 जुलाई को ही प्रशासन को लिखित रूप से इसकी सूचना दे दी थी। लेकिन प्रशासन द्वारा इस बाबत कोई कार्रवाई नहीं की गई।

एसडीएम अमर नेगी ने कहा कि प्रभावित लोगों को शिफ्ट कर दिया गया है। जेएनजीसी को सिविल इंजीनियरों व विशेषज्ञों की टीम के साथ स्थल का निरीक्षण सुरक्षात्मक दृष्टि से आकलन करने के लिए कहा गया है।

KARGIL VIJAY DIVAS : पूर्व CM प्रेम कुमार धूमल की कलम से “विजय गाथा”…पढ़कर हर किसी की आंखें नम हो जाएंगी…

अंग्रेजी में एक कहावत है Eternal Vigilance is the price of liberty अर्थात स्वतंत्रता की रक्षा के लिए सदैव चौकन्ना रहना पड़ता है। यही कारण है, हमारी सेनाएं, स्वतंत्रता, जानमाल और हमारे राष्ट्र की एक-एक इंच भूमि के लिए चौबीसों घंटे सजग, सचेत व सतर्क रहती हैं। 26 जुलाई को पूरा भारत “विजय दिवस” को बड़े धूमधाम से मना रहा है। भारत के वीर सैनिकों ने आज के ही दिन विजय हासिल की थी। कारगिल की लड़ाई में प्रदेश के हमीरपुर के भी कई सैनिकों ने भाग लिया था और कई सैनिक शहीद भी हो गए थे। उस समय मैं हिमाचल प्रदेश का मुख्यमंत्री था। लेख में कारगिल की उन अनछुई बातों का जिक्र करेंगे, जिन्हें शायद बहुत कम लोग जानते होंगे।

कारगिल युद्ध के दौरान हिमाचल प्रदेश में हमारी सरकार थी। नरेंद्र मोदी हिमाचल के प्रभारी थे। हमने आपस में विचार-विमर्श करने के बाद सैनिकों के लिए के खाद्य सामग्री (पका भोजन) और दैनिक उपयोग के वस्त्र आदि लिए और हैलीकॉप्टर भर कर 4 जुलाई को श्रीनगर पहुंच गए। 5 जुलाई प्रातः काल हम श्रीनगर से कारगिल के लिए निकले। जब हम कारगिल में लैंड कर रहे थे, तब भी पाकिस्तान की तरफ से गोलाबारी हो रही थी। सेना के वरिष्ठ अधिकारी ब्रिगेडियर नन्द्राजोग के नेतृत्व में हमें जानकारियां मिल रही थी।

भूमिगत मोर्चे में मौजूद सैनिकों को सामान बांटा, बाकि सामान सैनिकों को दे दिया, ताकि मोर्चे पर लड़ाई लड़ रहे फौजियों तक भी इसे पहुंचाया जा सके। सांयकाल श्रीनगर वापिस पहुंचकर सैनिक अस्पताल गए, घायल सैनिकों का कुशलक्षेम पूछा और उन्हें सामान बांटा। एक जवान बिस्तर पर लेटा था, जिसने सामान नहीं पकड़ा और कहा कि सामने साइड में रखे टेबल पर रख दो। यह देखकर उन्हें लगा कि शायद घायल होने के कारण यह नाराज होगा।

ज्यों ही हम मुड़े तो एक डॉक्टर दौड़ा-दौड़ा वहां पहुंचा और बताया कि माइन ब्लास्ट में इस जवान के दोनों हाथ व पैर उड़ गए थे। हम वापिस मुड़े और उसके सिर पर हाथ रखकर पूछा, ‘‘बहुत दर्द होता होगा’’ उसने कहा ‘‘पहले था, कल शाम से नहीं हो रहा है’’। हमने पूछा क्या कोई दर्द निवारक दवाई ली या टीका लगा?  उसने कहा ‘‘नहीं, कल शाम (4 जुलाई को) टाइगर हिल वापस ले लिया मेरा दर्द खत्म हो गया,’’ यह सुनकर हम सब भावुक हो गए, देश भक्ति के इस जज्बे को सलाम।

हिमाचल के 52 जवान शहीद हुए थे, मैं सभी के घर गया, हर शहीद परिवार की दिल को छू लेने वाली बातें सुनीं। पालमपुर में कारगिल युद्ध के प्रथम शहीद कै. सौरभ कालिया की माता अपने पास बैठी शहीद परमवीर चक्र कै. विक्रम बत्रा की माता को ढांढस बंधा रही थीं। एक मां जिसने अपना बेटा खोया था, वो दूसरी मां, जिसने अभी-अभी अपना बेटा खोया था, उसे सांत्वना दे रही थीं। बिलासपुर के वीर सैनिक संजय कुमार को परमवीर चक्र मिला था। उसी जिले में एक जवान मंगल सिंह भी शहीद हुआ था। शहीद मंगल सिंह की मां कौशल्या देवी ने डेढ़ किलोमीटर तक शहीद बेटे मंगल सिंह की अर्थी को कंधा दिया।

पालमपुर के लम्बापट गांव के हवलदार रोशन लाल का जवान बेटा राकेश कुमार शादी के 15 दिन के अन्दर ही शहीद हो गया था। रोशन लाल को पछतावा था कि 1965 के युद्ध में जिस मोर्चे पर वह तैनात था, उसी मोर्चे पर उसका बेटा 1999 में शहीद हो गया। हमीरपुर जिले के बमसन चुनाव क्षेत्र के शहीद राज कुमार के पिता हवलदार खजान सिंह भी पूर्व सैनिक थे। जब मैं उनके घर पहुंचा तो इससे पहले कि मैं कुछ कहता, उन्होंने कहा ‘‘धूमल साहब, बेटे तो पैदा ही इसलिए किए जाते हैं कि पढें, लिखें और जवान होकर फौज में भर्ती होकर देश की रक्षा करें और जरूरत हो तो अपना बलिदान दें।

आप दिल्ली जा रहे हैं तो वाजपेयी जी को कहना कि सैनिकों की कमी हो तो 82 वर्ष का हवलदार खजान सिंह आज भी हथियार उठाकर देश की रक्षा करने के लिए तैयार हैं।’’ यह शब्द सुनकर वहां उपस्थित हर कोई उनकी भावना की प्रशंसा करने लगा। बाद में जब मैं अटल जी को मिला और उन्हें यह सारी घटनाएं सुनाई तो वे भी बड़े भावुक हुए।

जब तक भारत मां के ऐसे वीर सपूत देश के लिए हर बलिदान देने के लिए तैयार होंगे, तब तक यह देश सुरक्षित है। मातृभूमि के लिए समर्पण की भावना हर नागरिक में हो, शहीदों का सम्मान पूरा राष्ट्र करें तो स्वतंत्रता और सुरक्षा दोनों सुनिश्चित की जा सकती हैं।

लेखक: प्रोफेसर प्रेम कुमार धूमल )
(हिमाचल प्रदेश के दो बार मुख्यमंत्री रह चुके हैं)

भाषायी अध्यापक संघ ने ये रखी सीएम के समक्ष मांगे, आपदा के लिए दी 1 लाख 51 हजार की राशि

शिमला : हिमाचल प्रदेश राजकीय भाषायी अध्यापक संघ का प्रतिनिधिमंडल सीएम से मिला।प्रतिनिधिमंडल ने प्राकृतिक आपदा की विपत्ति से निपट रही हिमाचल सरकार की मदद के लिए अपने शिक्षकों के 1 दिन के वेतन की कटौती के अतिरिक्त मुख्यमंत्री को प्रदेश के शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर की मौजूदगी में प्रदेश मुख्यमंत्री राहत कोष के लिए 1,51,000  का एक चेक सहयोग राशि के तौर पर संघ की ओर से भेंट किया। इस अवसर पर संघ के अध्यक्ष व प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री  और शिक्षा मंत्री को एक मांग पत्र भी सौंपा। निदेशक उच्च व प्रारंभिक के समक्ष संघ अपनी महत्वपूर्ण मांगों को भी उठाया।

संघ के राज्य अध्यक्ष हेमराज ठाकुर ने बताया कि उन्होंने टीजीटी हिंदी और संस्कृत को प्रवक्ता स्कूल न्यू और मुख्य अध्यापक के पद पर पदोन्नति में कोटा प्रदान करने, टीजीटी हिंदी और संस्कृत को स्टेट कैडर और टीजीटी स्केल प्रदान करने, नवंबर 2013 से पूर्व लगे हुए बीएड धारक एलटी और शास्त्रियों को टेट की शर्त में छूट प्रदान करने, बिना बीएड वाले एलटी और शास्त्रियों को एकमुश्त किसी संस्थान से बात करके बीएड करवाते हुए 1989 की अधिसूचना के आधार पर टीजीटी के समक्ष ग्रेड पे का प्रावधान करवाने तथा 12 जून 2023 के उच्च न्यायालय के फैसले को प्रवक्ता स्कूल न्यू पदोन्नति के लिए तुरंत लागू करने के साथ साथ पंजाबी और उर्दू शिक्षकों को भी टीजीटी का दर्जा प्रदान करने की मांग सरकार और विभाग के समक्ष उठाई है। उन्होंने यह भी बताया की संघ की सभी मांगों पर सरकार और विभाग ने उन्हें पूर्ण आश्वासन दिया है।

जान जोखिम में डालकर पैरवी खडड को पार कर रहे लोग, बच्चे जा रहे स्कूल-कॉलेज

राजगढ़ : राजगढ़ ब्लाॅक के खड़ैल में पैरवी खड्ड पर करीब 40 साल पूर्व बने फुटब्रिज की हालत दयनीय हो चुकी है, जिसकी आजतक किसी भी सरकार ने सुध नहीं ली है। बरसात में समूचे डिम्मण क्षेत्र के लोग जान जोखिम में डालकर इस पुल को लांघते हैं और कभी भी कोई हादसा पेश आ सकता है। बता दें कि पैरवी खडड से दूसरी ओर के समूचे क्षेत्र को डिम्मण कहा जाता है, जिसमें करीब 20 गांव आते हैं। खडैल गांव के जगदीश चौहान, प्रेम सिंह, सत्यानंद, सुन्दर सिंह, थैना गांव के सुशील, दुर्गा सिंह, संजय, चबीऊल के बिप्तानदं, इंद्र सिंह, धार बघेड़ा से बेलीराम आर्य, चतर सिंह सहित अनेक लोगों ने बताया कि डिम्मण क्षेत्र से राजगढ़ आने के लिए सबसे पुराना रास्ता इस पुल के माध्यम से है।

बरसात के दिनों में पैरवी खडड में बाढ़ आने पर यह समूचा क्षेत्र कट जाता था, जिसके चलते स्थानीय पंचायत द्वारा करीब 40 साल पहले खड़ैल के नीचे पैदल चलने योग्य पुल बनाया गया था, जोकि वर्तमान में काफी खराब हो चुकी है। पुल के ऊपर लगे लकड़ी फटटे टूट चुके हैं। हालांकि राजगढ़-हाब्बन रोड़ से कोट से डिम्मण क्षेत्र के अनेक गांव के लिए सड़क पहुंच चुकी है। इसके बावजूद भी लोग सबसे निकटतम रास्ता होने के इस रूट के माध्यम से राजगढ़ पहुंचते हैं। यह पुल राजगढ़ व डिम्मण क्षेत्र को जोड़ता है।

जगदीश चौहान ने बताया कि डिम्मण क्षेत्र से अधिकांश बच्चें पुल को लांघ कर काॅलेज और स्कूल पहुंचते हैं। छोटे बच्चों को हाथ से पकड़कर पुल पार करवाते हैं। आलम यह है कि पुल के ऊपर लगे लकड़ी के फटटे सारे सड़ चुके हैं, जिससे कभी भी कोई हादसा पेश आ सकता है, शायद सरकार व स्थानीय पंचायत इसी दिन का इंतजार कर रही है।

डिम्मण क्षेत्र के लोगों ने सरकार से मांग की है कि इस पुल की तुरंत मरम्मत करवाई जाए, ताकि विशेषकर काॅलेज, स्कूल और विभिन्न कार्य से राजगढ़ जाने वाले लोग आसानी से इस पुल को पार कर सकें। थैना बसौत्री पंचायत के प्रधान नरेश कुमार ने माना कि पैदल चलने योग्य पुल की हालत बहुत खराब है। इसकी मरम्मत के लिए प्रस्ताव पारित करके सरकार को भेजा जाएगा, ताकि धनराशि का प्रावधान हो सके।

अब बेफिक्र होकर कीजिए खाने में टमाटर का इस्तेमाल, रेट में आई 22 रुपये प्रतिकिलो की गिरावट; ये है नया दाम

सोलन : टमाटर के दाम बीते कई दिनों से आसमान छू रहे हैं, लेकिन इसी बीच अब लोगों के लिए राहत की खबर आई है। टमाटर के दामों में गिरावट हुई है। बुधवार को सोलन सब्जी मंडी में टमाटर के दाम में गिरावट दर्ज की गई है। इस दौरान ए ग्रेड हिमसोना टमाटर 108 रुपये प्रतिकिलो तक बिका है।

बीते दिन क्या था हिम सोने का दाम

बीते दिवस की अपेक्षा रेट में 22 रुपये प्रतिकिलो तक की गिरावट दर्ज की गई है। मंगलवार को मंडी में हिम सोना 131 रुपये प्रतिकिलो बिका था। जानकारी के अनुसार सोलन सब्जी मंडी में इन दिनों टमाटर का सीजन पीक पर है। प्रतिदिन मंडी में पांच से सात हजार क्रेट हिम सोना टमाटर व हाइब्रिड टमाटर की आ रही हैं।

का टमाटर सोलन मंडी में पहुंच रहा है। यहां के टमाटर को खरीदने के लिए सोलन मंडी में पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, चंडीगढ़, गुजरात व राजस्तान के व्यापारी आए हैं। इन व्यापारियों की पहली पसंद हिम सोना टमाटर ही रहता है। यही वजह है कि हिम सोना टमाटर का रेट रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच रहा है।

बाहरी राज्यों में टमाटर की सप्लाई न के बराबर

मार्किट कमेटी सोलन के सचिव रविंद्र शर्मा का कहना है कि इन दिनों बाहरी राज्यों में टमाटर की सप्लाई ना के बराबर आ रही है। लोकल टमाटर ही मंडी में पहुंच रहा है जिसकी वजह से किसानों को काफी रेट भी मिल रहा है।

कम बारिश की वजह से हुआ टमाटर की गुणवत्ता में सुधार

कुछ दिनों से सोलन में काफी कम बारिश हो रही है। जिसकी वजह से टमाटर की गुणवत्ता में सुधार हुआ है। बीते दो दिनों से टमाटर के रेट में काफी अधिक उछाल देखने को मिल रहा है। सोमवार को टमाटर का रेट 90 रुपये प्रतिकिलो से बढ़कर 114 रुपये प्रतिकिलो तक पहुंच गया था। मंगलवार को भी अधिकत्तम रेट 131 रुपये प्रतिकिलो रहा है।

108 रुपये प्रतिकिलो हिम सोना टमाटर

हिम सोना टमाटर का किसानों को काफी अच्छा रेट मिल रहा है। इससे पहले कभी इतना अधिक रेट नहीं मिला है। बुधवार को रेट में गिरावट देखी गई है। हिम सोना टमाटर 108 रुपये प्रतिकिलो तक पहुंच गया है, जबकि हाईब्रीड टमाटर भी 70 से 80 रुपये प्रतिकिलो तक बिका है।

रिकॉर्ड स्तर पर है हिम सोना टमाटर का रेट

सोलन, शिमला व सिरमौर जिला का टमाटर सोलन मंडी में पहुंच रहा है। यहां के टमाटर को खरीदने के लिए सोलन मंडी में पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, चंडीगढ़, गुजरात व राजस्तान के व्यापारी आए हैं। इन व्यापारियों की पहली पसंद हिम सोना टमाटर ही रहता है। यही वजह है कि हिम सोना टमाटर का रेट रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच रहा है।

बाढ़ में बहकर आई लकड़ियों की CBI जांच करवाए सरकार : कौल सिंह ठाकुर

मंडी : हिमाचल के पूर्व मंत्री एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कौल सिंह ठाकुर ने थुनाग में बाढ़ के साथ बहकर आई लकड़ियों की सीबीआई जांच करवाने की मांग की है। मंडी में आयोजित एक पत्रकार वार्ता के दौरान कौल सिंह ठाकुर ने कहा कि सराज विधानसभा क्षेत्र में पूर्व सरकार के समय में अनियमितताएं बरतकर बगैर वन विभाग की अनुमति के कई सड़कों का निर्माण हुआ है और उसमें हजारों पेड़ काटे गए हैं। जो लकड़ी बाढ़ में बहकर आई वो भी उसी का ही नतीजा है। इसी कारण लोगों का भारी नुकसान हुआ। सरकार को चाहिए कि सही अधिकारी तैनात करके इसकी उच्च स्तरीय जांच की जाए।

कौल सिंह ठाकुर ने कहा कि जयराम ठाकुर यह कह रहे हैं कि प्रदेश की ब्यूरोक्रेसी सरकार से दुखी है और केंद्र में जाना चाहती है। जयराम ठाकुर ऐसे अधिकारियों के नाम बताएं जो केंद्र में जाना चाहते हों। प्रदेश की ब्यूरोक्रेसी पूरी ईमानदारी के साथ काम कर रही है और कहीं जाने की इच्छुक नहीं है। नियमों के तहत यदि कोई अधिकारी केंद्र में जाना चाहे तो उसे सरकार के पास आवेदन करना पड़ता है। जबकि अभी तक कोई आवेदन नहीं आया है। जयराम बताएं कि क्या उनके पास किसी ने आवेदन किया है। उन्होंने जयराम ठाकुर को नसीहत दी कि वे आपदा की स्थिति में राजनीति न करे और केंद्र से राहत पैकेज लेकर आएं और उसका श्रेय लें, हम भी इसके लिए केंद्र का आभार जताएंगे।

कौल सिंह ठाकुर ने कहा कि प्रदेश में कांग्रेस के पूर्व विधायकों ने अपनी एक महीने की पेंशन सीएम राहत कोष में देने का निर्णय लिया है। उन्होंने लोगों से भी अधिक से अधिक संख्या में राहत कोष में दान करने की अपील की ताकि अधिक से अधिक आपदा प्रभावितों की मदद की जा सके।

इस मौके पर उनके साथ पूर्व मंत्री एवं मंडी जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष प्रकाश चौधरी, पूर्व सीपीएस सोहन लाल ठाकुर, प्रदेश महासचिव चेत राम ठाकुर और जिला परिषद सदस्य चंपा ठाकुर भी मौजूद रही।