ड्राइंग मास्टर अभ्यर्थियों ने किया सचिवालय का घेराव, वेटरनरी फार्मासिस्ट के अभ्यर्थी भी पहुंचे शिमला, जानिए पूरा मामला ?

शिमला : हिमाचल प्रदेश में परीक्षाओं में हुई धांधली के चलते प्रदेश सरकार ने हमीरपुर कर्मचारी चयन आयोग को भंग कर दिया है. ऐसे में इसके माध्यम से करवाई जा रही कई भर्तियां लटक गई हैं. इनमें कुछ भर्तियां ऐसी हैं, जिनमें लिखित परीक्षा होने के बाद डाक्यूमेंटेशन की प्रक्रिया भी हो चुकी है. मगर इनका रिजल्ट घोषित नहीं किया गया. हालांकि सरकार इन भर्तियों के रिजल्ट HPPSC के माध्यम से जारी करवाने की बात कर रही है, लेकिन अभी भी अधिकतर भर्तियों के रिजल्ट पेंडिंग पड़े हैं.

इन पेंडिंग भर्तियों में पोस्ट कोड 980 ड्राइंग टीचर और पोस्ट कोड 958 वैटनरी फार्मासिस्ट की भर्तियां भी शामिल हैं. 980 पोस्ट कोड (ड्राइंग टीचर) के अभ्यर्थी भी रिजल्ट घोषित करने की मांग को लेकर आज राज्य सचिवालय पहुंचे. अभ्यर्थियों ने कहा कि जब तक रिजल्ट जारी करने के आदेश नहीं दिए जाते, तब तक वे यहां से अपने घरों को वापस नहीं जाएंगे. इनके साथ ही वेटरनरी फार्मासिस्ट एग्जाम के अभ्यर्थी भी भर्ती प्रक्रिया पूरी करने की मांग को लेकर सचिवालय पहुंचे हैं. पोस्ट कोड 980 के तहत 314 पदों के लिए हमीरपुर कर्मचारी चयन आयोग के माध्यम से भर्ती की जा रही थी. कर्मचारी चयन आयोग की ओर से इसके लिए जून 2022 में आवेदन मांगे गए थे और 8 सितंबर को इसके लिए लिखित परीक्षा हुई. इस परीक्षा का रिजल्ट 3 दिसंबर को निकाला गया, जिसमें 971 उम्मीदवार पास घोषित किए गए. इसके बाद लिखित परीक्षा में उत्तीर्ण उम्मीदवारों की डाक्यूमेंटेशन 16 से 21 दिसंबर 2022 तक पूरी की गईं.

चनय आयोग भंग होने से लटकी भर्तियां: इसी दौरान कर्मचारी चयन आयोग में पेपर लीक का मामला सामने आ गया. राज्य सरकार ने इसके चलते कर्मचारी चयन आयोग के कामकाज को निलंबित कर दिया. इसके बाद विजिलेंस जांच के दायरे में कई अन्य भर्तियां भी आ गईं और पाया गया कि कुछ अन्य भर्तियों में भी पेपर लीक किए गए हैं. इसके चलते राज्य सरकार ने आयोग को ही भंग कर दिया है. इस कारण कई अन्य भर्तियों सहित पोस्ट कोड 980 का रिजल्ट भी पेंडिंग पड़ा हुआ है.

बिना किसी वजह से लटकाया जा रहा है रिजल्ट’: प्रदेश भर के 980 कोड के अभ्यर्थी राज्य सचिवालय में सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू से मिलने पहुंचे. अभ्यर्थियों का कहना है कि जांच के नाम पर इस भर्ती को लटकाया जा रहा है. इस परीक्षा में एक अभ्यर्थी के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. अभ्यर्थियों ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि अगर किसी अभ्यर्थी ने गलत किया है तो सजा उसको मिलनी चाहिए. अन्य अभ्यर्थियों को जांच के नाम पर परेशान नहीं किया जाना चाहिए.

5 वर्ष में रिकॉर्ड सात मुख्य सचिव बदलने वाले जयराम के आरोप बेबुनियाद : विक्रमादित्य

शिमला : लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि पिछली भाजपा सरकार के दौरान अपने पांच वर्ष के कार्यकाल में रिकॉर्ड सात मुख्य सचिव बदलने वाले नेता विपक्ष जय राम ठाकुर आज अफसरों के लिए वर्क कल्चर न होने के झूठे आरोप लगा रहे हैं। सोमवार को जारी एक प्रेस वक्तव्य में जय राम ठाकुर पर पलटवार करते हुए विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि हिमाचल प्रदेश के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ, जब किसी सरकार ने अपनी पांच वर्ष की अवधि में सात मुख्य सचिव बदलकर रिकॉर्ड बनाया। इसलिए आरोप लगाने से पहले नेता विपक्ष को प्रदेश की जनता को स्पष्ट करना चाहिए कि ऐसी नौबत क्यों आई। बार-बार अधिकारियों को बदलने के पीछे क्या वजह रही।

उन्होंने कहा कि पिछली भाजपा सरकार में अफसरों की हालत आया राम, गया राम की हो गई थी। सिर्फ मुख्य सचिव ही नहीं बहुत से अधिकारियों को पूर्व सरकार में प्रताड़ना का शिकार बनाया गया। लोक निर्माण मंत्री ने कहा कि वर्तमान प्रदेश सरकार ने अधिकारियों को सिक्यूरिटी ऑफ टेन्योर दिया है। सत्ता में आने के बाद प्रदेश सरकार ने न तो जिलों में डीसी-एसपी बदले और न ही अन्य महत्वपूर्ण पदों पर बैठे अधिकारियों को हटाया गया। वर्तमान सरकार के गठन के सात माह बीत जाने के बाद भी बहुत से जिलों में पुराने डीसी और एसपी काम कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि सब जानते हैं कि नई सरकार बनते ही सबसे पहले अफसरों को बदला जाता था, लेकिन वर्तमान सरकार ने व्यवस्था परिवर्तन करते हुए ऐसा कुछ नहीं किया। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व में वर्तमान प्रदेश सरकार बदला-बदली में विश्वास नहीं रखती और जानती है कि अधिकारी कर्मचारी प्रदेश की विकास गाथा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इसलिए सभी अधिकारियों को काम करने के लिए उपयुक्त वातावरण दिया जा रहा है, ताकि वे बिना किसी डर के बेहतर ढंग से हिमाचल प्रदेश के विकास में अपना योगदान दे सकें।

यही वजह है कि बहुत अधिकारी आज केन्द्रीय प्रतिनियुक्ति से वापस आकर हिमाचल प्रदेश में अपनी सेवाएं देने के लिए आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि यही नहीं प्रदेश सरकार अधिकारियों-कर्मचारियों के कल्याण के लिए अनेकों कारगर कदम भी उठा रही है। पुरानी पेंशन स्कीम को बहाल कर राज्य सरकार ने अधिकारियों और कर्मचारियों को वृद्धावस्था में सम्मान के साथ जीने का हक वापिस दिलाया है।

विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि नेता विपक्ष जय राम ठाकुर केवल मात्र अखबारों की सुर्खियों में बने रहने के लिए मनगढ़न्त बयानबाजी कर प्रदेश की जनता को गुमराह करने का असफल प्रयास कर रहे हैं और उनके आरोप सत्य से कोसों दूर है। इसलिए आरोप लगाने से पहले जय राम ठाकुर को अपने गिरेबान में झांकना चाहिए।

आपदा में जनता को राहत पहुंचाने में विफल रही कांग्रेस सरकार

सुंदरनगर : वर्तमान कांग्रेस सरकार इस आपदा की घड़ी में प्रदेश की जनता को राहत प्रदान करने में विफल रही है। आज भी हिमाचल की जनता भारी बारिश के कारण हुई कठिनाइयों का सामना कर रही है। हिमाचल प्रदेश में ऐसे कई गांव है, जहां अभी भी बिजली पानी नहीं पहुंच पा रहा है। यह … Read more

स्कूली छात्राओं को SANITARY PAD देने की मांग पर COURT में सुनवाई आज

दिल्ली : केंद्र और सभी राज्यों की सरकारों के अधीन शासकीय, सहायता प्राप्त विद्यालयों, आवासीय विद्यालयों, आदि में कक्षा 6 से लेकर कक्षा 12 तक की कक्षाओं में पढ़ाई कर रही सभी छात्राओं को फ्री Sanitary Pad दिए जाने की मांग वाली याचिका पर उच्चतम न्यायालय में आज यानी सोमवार, 24 जुलाई 2023 को सुनवाई होनी है। सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यामूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायाधीशों न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा की खण्डपीठ द्वारा इस मामले पर सुनवाई की जानी है।

 

 

एक सामाजिक कार्यकर्ता जया ठाकुर द्वारा दायर की गई इस याचिका में मांग की गई है कि शीर्ष अदालत द्वारा केंद्र और सभी राज्यों की सरकारों को आदेश दिया जाए कि सभी स्कूलों में फ्री Sanitary Pad और छात्राओं के लिए अलग टॉयलेट की सुविधा उपलब्ध कराएं।

पूरे देश के सभी सरकारी विद्यालयों में लागू किया जाएगा

ससे पहले 10 अप्रैल को हुई इस मामले की सुनवाई के दौरान खण्डपीठ ने इस सम्बन्ध स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर्स (SOPs) बनाने और सभी राज्यों व केंद्र शासित क्षेत्रों में लागू करने के लिए एक नेशनल मॉडल तैयार करने के निर्देश दिए थे। इस सुनवाई के दौरान खण्डपीठ ने इस मामले को ‘अत्यंत महत्वपूर्ण’ (Immense Important) बताते हुए केंद्र सरकार से कहा था कि कि मासिक धर्म के दौरान स्वच्छता के प्रबंधन को लेकर सभी स्टेकहोल्डर्स के साथ मिलकर एकसमान राष्ट्रीय नीति बनाए जो कि पूरे देश के सभी सरकारी और सहायता प्राप्त विद्यालयों में लागू किया जाएगा।

शीर्ष अदालत के निर्देशों के पालन में, मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के सचिव को नोडल ऑफिसर के तौर पर तैनात किया गया जो कि सभी राज्यों और केंद्र शासित क्षेत्रों से सम्बन्धित आकड़े और सूचनाएं एकत्र करेंगे ताकि एक राष्ट्रीय नीति बनाई जा सके।

 

 

 

 

 

पिछले सुनवाई के दौरान सरकार द्वारा खण्डपीठ को सूचित किया गया था कि वर्तमान में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय, केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय और जलशक्ति मंत्रालय द्वारा मासिक धर्म स्वच्छता से सम्बन्धित योजनाएं चलाई जा रही हैं। इस पर खण्डपीठ ने कहा था कि केंद्र सरकार सभी राज्यों और यूटी के साथ मिलकर एकसमान राष्ट्रीय बनाए।

अब 150 साल पुरानी अंग्रेजों की बनाई योजना से बुझेगी शिमला की प्यास

शिमला : 150 साल पहले ब्रिटिश शासनकाल में शिमला शहर को पानी देने के लिए तैयार की गई सियोग पेयजल परियोजना अब फिर से पुनर्जीवित होगी। शिमला के ऐतिहासिक एडवांस स्टडीज भवन में रहने वाले अंग्रेजी शासकों को शुद्ध पानी पिलाने के लिए तैयार की गई यह परियोजना अब बरसात के दिनों में 35 हजार से ज्यादा लोगों की प्यास बुझाएगी। लगभग ठप हो चुकी सिरोग परियोजना को पुनर्जीवित किया जाएगा। शिमला का पानी देने वाली कंपनी ने इसका प्लान भी तैयार कर लिया गया है। सरकार ने भी इसे फिर से शुरू करने की मंजूरी दे दी है। खास बात यह है कि अंग्रेजों की तर्ज पर ही इस परियोजना को फिर शुरू किया जाएगा। इस पर दस करोड़ रुपये से भी कम खर्च आएगा। अभी इस परियोजना से शहर को एक एमएलडी से भी कम पानी मिलता है। गर्मियों के दिनों में यह परियोजना सूख जाती है। हालांकि बरसात में यहां कई नए प्राकृतिक चश्मे फूटते हैं।

इसके चलते बरसात में इस योजना से हर रोज शहर को पांच एमएलडी तक पानी मिल सकता है। इससे 35 हजार लोगों की प्यास बुझ सकती है। बरसात में गिरि गुम्मा समेत बाकी परियोजनाओं में गाद के चलते शिमला शहर में पानी का संकट गहरा रहा है। वहीं इस परियोजना में साफ और ज्यादा पानी उपलब्ध है। कंपनी जो प्लान बना रही है, उसके तहत बरसात में इस परियोजना से शिमला के लिए आपूर्ति बढ़ाई जाएगी।

नई लाइन बिछेगी

अंग्रेजों का बनाया नौ एमएलडी की क्षमता वाला पेयजल टैंक दशकों से खंडहर बना पड़ा है। इसमें दरारें पड़ चुकी हैं। इसे रिज टैंक की तर्ज पर दुरुस्त किया जाएगा। सियोग से 8 किलोमीटर दूर शिमला के लिए नौ और छह इंच की दो पेयजल लाइनें बिछी हैं। ये भी 150 साल पुरानी हैं। इसमें कई जगह लीकेज है। इन्हें बदला जाएगा। यह शिमला की इकलौती परियोजना है जिसमें पंपिंग की भी जरूरत नहीं। ग्रेविटी से इसका पानी शिमला आता है।

सियोग में 19 चश्मों का पानी

सियोग कैचमेंट में 19 चश्मों का पानी है। हालांकि अभी सिर्फ तीन चश्मों का पानी ही इस्तेमाल हो पा रहा है। कंपनी ने जो योजना बनाई है, उसके अनुसार चेकडैम बनाकर ये चश्मे रिचार्ज किए जाएंगे। इन चश्मों का पानी काफी शुद्ध है। वन्यजीवों के लिए आरक्षित क्षेत्र होने के चलते इस परियोजना के कैचमेंट में वाहनों की आवाजाही भी प्रतिबंधित है। अंग्रेजी शासनकाल में इसका पानी सीधा एडवांस स्टडीज आता था। यहां वायसराय का निवास था। अब इसका पानी संजौली टैंक में पहुंचता है।

दोबारा शुरू सियोग पेयजल परियोजना : महापौर

अंग्रेजों की बनाई पेयजल परियोजना शिमला शहर को अब बरसात में भरपूर पानी देगी। कंपनी को इसका प्लान बनाने के निर्देश दिए हैं। मैंने खुद भी मौके पर जाकर देखा है। अंग्रेजों के बनाए टैंक, फिल्टर और पेयजल लाइनें यहां हैं। -सुरेंद्र चौहान, महापौर नगर निगम शिमला

सियोग पेयजल परियोजना कर रहे तैयार : महाप्रबंधक

सियोग परियोजना के टैंक की मरम्मत की जाएगी। यहां काफी शुद्ध पानी है। बरसात में यहां काफी पानी उपलब्ध है जिसे बिना पंपिंग शिमला तक पहुंचाया जा सकता है। जल्द ही इस प्लान तैयार कर काम शुरू किया जाएगा।

Shimla Hotel Blast: शिमला के रेस्त्रां में हुए धमाके की NSG टीम ने की जांच, 7 घंटे में जुटाए सुबूत

शिमला : हिमाचल प्रदेश के शिमला के माल रोड के पास एक होटल (Shimla Hotel Blast) में हुए संदिग्ध धमाके की जांच के लिए रविवार को नेशनल सिक्योरिटी गार्ड (NSG) की टीम मौके पर पहुंचे. जांच के लिए एनएसजी की टीम इस दौरान करीब 9 घंटे तक जांच पड़ताल की. एनएससी के उच्च अधिकारी कमांडो और हिमाचल पुलिस के डीजीपी संजय कुंडू ने घटनास्थल पर का दौरा किया. साथ ही फोरेंसिक टीम घटनास्थल से ईंट, पत्थर, दीवार से गिरा रेत, सीमेंट, लोहे की चादरों, लकड़ी के टुकड़े, शीशे एकत्र कर जांच के लिए अपने साथ ले गए. एनएसजी के अधिकारियों ने पुलिस एसआईटी और स्थानीय दुकानदारों से भी धमाके का फीडबैक लिया. साथ ही घटनास्थल के साथ दुकानों का भी मुआयना किया. रविवार सुबह 8:45 बजे टीम डॉग स्कवायड के साथ घटनास्थल पर पहुंची. इस दौरान आसपास का इलाका सील कर दिया गया. वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी की गई.

शिमला के गेएटी थिएटर के सामने हिमाचली रसोई नाम के रेस्तरां के अंदर बीते मंगलवार शाम 7:15 बजे धमाका हुआ था. धमाके की आवाज करीब 1 किलोमीटर जाखू हिल्स तक सुनाई दी थी. घटना में एक कारोबारी की मौत हो गई थी. 13 लोग घायल हुए थे और कई दुकानों के शीशे टूट गए थे. शुरुआत में कहा गया कि यहां पर सिलेंडर ब्लास्ट हुआ, लेकिन जांच में ऐसा कुछ नहीं मिला. फिर गैस लीक से धमाके की बात सामने आई. पूरा मामला संदिग्ध बना हुआ है औऱ इसलिए अब एनएससी टीम ने जांच की है.

Manipur Violence: मणिपुर में सशस्त्र बदमाशों ने 10 खाली घरों और स्कूल को जलाया, BSF का वाहन छीना

इंफाल:मणिपुर में दो समुदायों के बीच 3 मई से शुरू हुई हिंसा अब भी जारी है. खबर है कि बिष्णुपुर जिले की सीमा से लगे चुराचांदपुर जिले के तोरबुंग बाजार इलाके में सशस्त्र बदमाशों ने कम से कम 10 खाली घरों और एक स्कूल को जला दिया है. पुलिस ने सोमवार को यह जानकारी दी है. मणिपुर पुलिस के मुताबिक शनिवार शाम को हुए हमले के दौरान कथित तौर पर मानव ढाल के रूप में काम करने वाली सैकड़ों महिलाओं के नेतृत्व में भीड़ ने कई राउंड फायरिंग की. नाम न छापने की शर्त पर एक स्थानीय व्यक्ति ने पीटीआई-भाषा को बताया कि महिलाओं के नेतृत्व वाली भीड़ ने टोरबंग बाज़ार में स्थित चिल्ड्रेन ट्रेज़र हाई स्कूल को आग के हवाले कर दिया.

भीड़ ने BSF का वाहन छीना:नाम न छापने की शर्त पर एक स्थानीय व्यक्ति ने पीटीआई-भाषा को बताया कि जब हमने हमलावरों को आते देखा तो हम सभी दहशत में आ गए और जवाबी कार्रवाई करने से झिझके, क्योंकि भीड़ का नेतृत्व सैकड़ों महिलाएं कर रही थीं. उन्होंने बताया कि आक्रोशित भीड़ ने बीएसएफ का एक वाहन छीन लिया और हमारे घरों में को आग के हवाले कर दिया, तब उन्हें एहसास हुआ कि इस भीड़ को रोकना चाहिए.

स्थानीय व्यक्ति ने पीटीआई-भाषा को बताया कि बाद में भीड़ ने बीएसएफ के एक कैस्पर वाहन को भी छीनने की भी कोशिश की, लेकिन बल और क्षेत्र में तैनात स्थानीय स्वयंसेवकों की जवाबी कार्रवाई से प्रयास विफल हो गया

महिलाओं समेत लोगों की भीड़ ने खाली पड़े मकानों और स्कूल में लगाई आग, चलाई गोलियां, फेंके देसी बम

इंफाल: मणिपुर में चुराचांदपुर के तोरबुंग बाजार इलाके में हथियारबंद बदमाशों ने कम से कम 10 खाली पड़े मकानों और एक स्कूल में आग लगा दी। पुलिस ने सोमवार को यह जानकारी दी।

पुलिस ने बताया कि बदमाशों की भीड़ के आगे सैकड़ों महिलाएं चल रही थीं और ऐसा बताया जा रहा है कि ये महिलाएं मानव ढाल का काम कर रही थीं। उसने बताया कि भीड़ ने शनिवार शाम को किए हमले के दौरान कई गोलियां चलाईं और देसी बम फेंके। तोरबुंग बाजार में स्थित जिस स्कूल में आग लगाई गई, उसका नाम ‘चिल्ड्रन ट्रेजर हाई स्कूल’ है।

एक स्थानीय ने नाम न छापने की शर्त पर एक मीडिया एजेंसी से कहा कि हमने जब देखा कि सैकड़ों महिलाओं की अगुवाई में भीड़ आगे बढ़ रही है, तो हम गोलीबारी का जबाव देने में हिचकिचाए, लेकिन जब हमने उन्हें बीएसएफ (सीमा सुरक्षा बल) का एक वाहन छीनने की कोशिश करते और हमारे मकान जलाते देखा तो हमें लगा कि हमें भी जवाब देना होगा।”

बाद में भीड़ ने बीएसएफ का एक वाहन भी ले जाने की कोशिश की, लेकिन बीएसएफ और इलाके में तैनात स्थानीय स्वयंसेवकों की जवाबी कार्रवाई के कारण उनका प्रयास असफल रहा।

दादा की सफलता के किस्सों से प्रेरणा लेकर पोता बना भारतीय सेना जज एडवोकेट जनरल लेफ्टिनेंट…

घुमारवीं : बिलासपुर के उपमंडल घुमारवीं के गांव वाह रणौता के सुनीत सिंह ने भारतीय सेना में जज एडवोकेट जनरल  लेफ्टिनेंट (Judge Advocate General Lieutenant in the Indian Army) की परीक्षा उतीर्ण कर क्षेत्र का नाम रोशन किया है। सुनीत सिंह यह उपलब्धि हासिल करने वाले जिला के प्रथम व्यक्ति हैं। सुनीत सिंह ने बताया कि बचपन से ही उनका एकमात्र सपना भारतीय सेना (Indian Army) में शामिल होकर देश सेवा करना था, जिसके लिए उन्होंने कड़ी मेहनत की। उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता, दादी, नाना व पूरे परिवार को देते हुए बताया कि बचपन में वह अपनी दादी (Grandmother) प्रेम देवी से दादा (Grandfather) के युद्ध में जीते हुए पदकों के बारे में पूछता था। दादी उसे दादा के वीरता के किस्से सुनाती तथा उसे भी सेना मे सेवाएं देने के लिए प्रेरित करती थी। सुनीत ने कड़ी मेहनत कर जज एडवोकेट जनरल लेफ्टिनेंट (Judge Advocate General Lt.) की परीक्षा उत्तीर्ण कर अपनी दादी के साथ पूरे परिवार एवं क्षेत्र को गौरवान्वित किया है।

सैन्य पृष्ठभूमि से संबंधित संयुक्त परिवार में जन्मे सुनीत बचपन से ही होनहार विद्यार्थी रहे। सुनीत सिंह ने अपनी चौथी कक्षा तक की प्रारंभिक शिक्षा राजकीय माध्यमिक पाठशाला वाह रणौता से प्राप्त करने के बाद पांचवीं से सातवीं की शिक्षा हिम सर्वोदय स्कूल घुमारवीं से प्राप्त की। डीएवी स्कूल मंडी सरस्वती विद्या मंदिर पाठशाला मंडी में आगे की पढ़ाई करने के बाद महावीर पब्लिक स्कूल सुंदरनगर से दसवीं की परीक्षा उत्तीर्ण की।

जमा दो की परीक्षा गीता आदर्श पब्लिक स्कूल सोलन से प्राप्त करने के बाद बीएससी ऑनर्स (भौतिकी) प्रथम वर्ष द्वितीय वर्ष राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय सोलन तथा फाइनल की परीक्षा विक्रम बत्रा महाविद्यालय पालमपुर से उत्तीर्ण की। इस दौरान उन्होंने एनसीसी(National Cadet Corps) सर्टिफिकेट भी हासिल किया। कॉमन विधी प्रवेश(कलैट) परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद पंजाब विश्वविद्यालय से कानून की डिग्री हासिल की।

मास्टर डिग्री इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय दिल्ली से प्राप्त की। बहु प्रतिभावान सुनीत के पिता सोहन सिंह अपने समय के राष्ट्रीय स्तर के उत्कृष्ट बास्केटबॉल खिलाड़ी रहे हैं। उन्होंने पंजाब यूनिवर्सिटी (Panjab University) की बास्केटबॉल टीम का प्रतिनिधित्व किया व हिम आगाज सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन भी किया था।

मौजूदा समय में घुमारवीं अधिवक्ता संघ के सदस्य सुनीत सिंह के दादा स्व. दया राम ने भारतीय सेना में हवलदार के पद पर रहते हुए वर्मा युद्ध में भाग लिया तथा विभिन्न सैन्य पुरस्कार प्राप्त किए है। उनके पिता सोहन सिंह ने भारतीय वायु सेना से जूनियर वारंट ऑफिसर (junior warrant officer) के पद से सेवानिवृत्त होने के बाद घुमारवीं में वकालत की। उसके उपरांत लोक अभियोजक के तौर पर चयन के उपरांत विभिन्न स्थानों पर सेवा देने के बाद हाल ही में ऊना जिला से जिला न्यायवादी के पद से सेवानिवृत्त हुए।

हाल में घुमारवीं में वकालत कर रहे हैं सुनीत की माता कमलेश कुमारी गृहिणी है। विवाहित बहन नेहा सिंह ने पंजाब विश्वविद्यालय से एमएससी बीएड की परीक्षा पास की है। सुनीत के जीजा विशाल चौहान लेफ्टिनेंट कमांडर के पद पर तैनात है, जबकि चचेरे भाई हमनीश ने भी एनडीए की परीक्षा उतीर्ण कर भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट के पद पर सेवाएं दे रहे हैं। नाना रिटायर्ड कर्नल एसएस पठानिया ब्लू स्टार ऑपरेशन में उत्कृष्ट सेवाएं दे चुके हैं, जबकि मामा देवेंद्र भारतीय सेना में दे चुके हैं।

Monsoon Session 2023 Live: मणिपुर मुद्दे पर PM को घेरेगा विपक्ष, BJP ने तैयार की काट

Parliament Monsoon Session 2023: सोमवार (24 जुलाई) को संसद के मानसून सत्र का तीसरा दिन है. सुबह 11 बजे सदन की कार्यवाही शुरू होगी. दोनों सदनों में मणिपुर को लेकर हंगामा जारी रहने के आसार हैं क्योंकि विपक्षी दलों ने इस मुद्दे पर बीजेपी को घेरने की रणनीति बनाई है. बीजेपी ने भी राजस्थान और पश्चिम बंगाल समेत अन्य राज्यों में महिलाओं पर होने वाले अत्याचार को लेकर भारतीय राष्ट्रीय विकासात्मक समावेशी गठबंधन का मुकाबला करने की योजना तैयार की है.

हाल में मणिपुर की दो महिलाओं को बगैर कपड़ों के परेड कराने और उनके साथ यौन हिंसा को अंजाम दिए जाने का वीडियो सामने आया, जिसने सभी के दिल में आक्रोश पैदा कर दिया है. मामले पर विपक्षी दलों का गठबंधन बीजेपी को जमकर घेर रहा है. विपक्ष लगातार यही कह रहा है कि जब तक इस मुद्दे पर चर्चा नहीं होती और प्रधानमंत्री सदन में आकर जवाब नहीं देते हैं तब तक सदन में और कोई काम नहीं होना चाहिए.

वहीं, सरकार की तरफ से साफ कर दिया गया है कि वह चर्चा के लिए तैयार है लेकिन सदन की कार्यवाही को सुचारू रूप से चलने देना चाहिए. सरकार केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के जवाब के साथ मणिपुर मुद्दे पर अल्पकालिक चर्चा कराने पर सहमत हो गई है, लेकिन विपक्ष मणिपुर मामले में संसद के भीतर पीएम मोदी के विस्तृत बयान की मांग पर अड़ा है. ऐसे में यह गतिरोध आज खत्म होगा इस बात की संभावना कम ही दिखती है.

बीजेपी का मुद्दा क्या है?

वहीं, पश्चिम बंगाल में दो आदिवासी महिलाओं को नग्न करने, प्रताड़ित करने और पीटने की एक और घटना सामने आई. जिसे लेकर बीजेपी ने भी विपक्ष को घेरने की योजना बनाई है. इसके अलावा, बीजेपी बिहार, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और राजस्थान में महिलाओं और दलितों पर अत्याचार का मुद्दा उठाएगी. ऐसे में सोमवार को संसद में काफी हंगामा होने के आसार हैं.

 

जानकारी के मुताबिक, बीजेपी आज संसद भवन की गांधी प्रतिमा के सामने धरना प्रदर्शन करेगी. सभी सांसदों को राजस्थान, बंगाल और छत्तीसगढ़ में महिलाओं के खिलाफ होने वाली हिंसा को लेकर गांधी प्रतिमा के समक्ष धरना-प्रर्दशन करने के लिए निर्देशित किया गया है. सुबह 9.30 बजे प्रदर्शन शुरू होगा. इससे पहले 20 जुलाई को बंगाल बीजेपी के सांसदों ने बंगाल में महिलाओं पर हो रहे अत्याचार को लेकर धरना प्रदर्शन किया था.

पक्ष-विपक्ष के बीच वार-पलटवार

महिलाओं के खिलाफ अपराधों के रिकॉर्ड को लेकर बीजेपी ने शुक्रवार (21 जुलाई) को तृणमूल कांग्रेस और कांग्रेस शासित पश्चिम बंगाल और राजस्थान सरकारों पर हमला बोला था. वहीं, विपक्ष गुरुवार (20 जुलाई) को मानसून सत्र शुरू होने के बाद से ही मणिपुर मामले पर विरोध दर्ज करा रहा है.