रोगी कल्याण समिति की बैठक हुई आयोजित…

सोलन : स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता तथा श्रम एवं रोज़गार मंत्री कर्नल डाॅ. धनीराम शांडिल की अध्यक्षता में गत देर सांय यहां क्षेत्रीय अस्पताल सोलन की रोगी कल्याण समिति की बैठक आयोजित की गई। बैठक में रोगी कल्याण समिति से सम्बन्धित विभिन्न मामलों पर विस्तृत चर्चा की गई।

डाॅ. शांडिल ने बैठक को सम्बोधित करते हुए कहा कि क्षेत्रीय अस्पताल सोलन में रोगी कल्याण समिति द्वारा रोगियों को बेहतर सुविधा प्रदान करने के हर सम्भव प्रयास किए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि रोगी कल्याण समितियों का मुख्य उद्देश्य सम्बन्धित अस्पतालों में उपचार के लिए आने वाले रोगियों को बेहतर सुविधाएं प्रदान करने की दिशा में सार्थक प्रयास करना है। इसके लिए समितियों को प्रदेश सरकार द्वारा प्राधिकृत किया गया है। उन्होंने निर्देश दिए कि समिति आय के अनुसार सुविधाओं में वृद्धि के लिए कदम उठाए। उन्होंने समिति की आय में वृद्धि के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश भी जारी किए।
बैठक में रोगी कल्याण समिति के विभिन्न विकास कार्यों के लिए वित्त वर्ष 2023-24 के लिए 02 करोड़ 33 लाख 70 हजार 500 रुपये का प्रस्तावित बजट पारित किया गया।
बैठक में अवगत करवाया गया कि वर्ष 2022-23 में आयुष्मान भारत योजना के तहत 387 रोगियों के उपचार पर 07 लाख 28 हजार 229 रुपये, हिमकेयर योजना के तहत 2629 रोगियों पर 55 लाख 85 हजार 886 रुपये व्यय किए गए तथा जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम के तहत 5063 बच्चों का निःशुल्क उपचार किया गया। उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय अस्पताल सोलन में 2196 रोगियों का 24 लाख 38 हजार 532 रुपये व्यय कर हिमकेयर योजना के तहत डायलिसिस किया गया।
बैठक में क्षेत्रीय अस्पताल सोलन में रोगी कल्याण समिति की प्रयोगशाला में विभिन्न परीक्षण आई.जी.एम.सी शिमला के मूल्यों की तर्ज पर करने पर सहमती जताई गई। रोगियों की सुविधा के लिए लाॅकर निर्मित करने पर भी सहमति जताई गई।
बैठक में विभिन्न परीक्षणों के लिए क्रय की गई नई मशीनों के बारे में भी अवगत करवाया गया।
रोगी कल्याण समिति सोलन द्वारा अस्पताल के चिकित्सकों के लिए नया फर्नीचर क्रय करने के लिए 05 लाख रुपये स्वीकृत किए गए।


रोगी कल्याण समिति की बैठक में अस्पताल में किराए पर दी गई दवाइयों की दुकानों, अस्पताल में चल रही कैंटीन, प्राथमिक उपचार का शूल्क तथा आउटसोर्स पर कार्य कर रहे कर्मचारियों के बारे में विस्तृत चर्चा की गई।
बैठक में क्षेत्रीय अस्पताल सोलन में बेहतर सेवाओं के लिए क्या-क्या कदम उठाए जा रहे है तथा गत वर्ष में हुए विभिन्न मदों के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी गई। बैठक में अस्पताल में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की कमी के बारे में भी जानकारी दी गई।
उपायुक्त सोलन एवं रोगी कल्याण समिति के अध्यक्ष मनमोहन शर्मा ने रोगी कल्याण समिति द्वारा किए जा रहे कार्यों का विस्तृत ब्यौरा दिया।
बैठक में नगर निगम सोलन की महापौर पूनम ग्रोवर, ज़िला परिषद सोलन के अध्यक्ष रमेश ठाकुर, जोगिन्द्रा सहकारी बैंक के अध्यक्ष मुकेश शर्मा, रोगी कल्याण समिति के नवनियुक्त सदस्य सुरेन्द्र बहल, विनेश धीर, पुनीत शर्मा, खण्ड कांग्रेस सोलन के अध्यक्ष संजीव ठाकुर, शहरी कांग्रेस के अध्यक्ष अंकुश सूद, अतिरिक्त उपायुक्त अजय यादव, उपमण्डलाधिकारी सोलन कविता ठाकुर, सहायक आयुक्त डाॅ. स्वाति गुप्ता, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाॅ. राजन उप्पल, चिकित्सा अधीक्षक डाॅ. श्याम लाल वर्मा, डाॅ. सुमित सूद सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी और अन्य गणमान्य उपस्थित थे।

हरियाणा सरकार ने हिमाचल सीएम रिलीफ फंड में दिए 5 करोड़ की सहायता राशि

शिमला : हिमाचल प्रदेश में प्राकृतिक आपदा से हुए नुकसान की भरपाई के लिए प्रदेशवासी एक एक पाई जमा कर सीएम राहत कोष में दे रहे हैं। राहत देने के लिए प्रदेश का हरेक कर्मचारी वर्ग से लेकर समाजिक संस्था व दानी सज्जन सरकार की मदद कर रहे हैं। इसी कड़ी में हरियाणा सरकार ने भी हिमाचल को प्राकृतिक आपदा से हुए नुकसान की भरपाई के लिए 5 करोड़ रुपए की राहत राशि जारी की है। हरियाणा के सीएम मनोहर लाल ने इसकी जानकारी अपने सोशल मीडिया ट्विटर में दी है। उन्होंने लिखा है कि आपदा बताकर नहीं आती इस आपदा की घड़ी में जिसकी जो मदद कर सकते हैं वो करेंगे। उन्होंने लिखा है कि बाढ़ से प्रभावित हम भी हैं और हिमाचल भी है। हिमाचल में आपदा से हुए नुकसान की भरपाई के लिए हरियाणा सरकार 5 करोड़ की राहत राशि सीएम रिलीफ फंड में सहायता के रूप में देता हूँ।
यहां पढ़ें ट्वीट

राशन सामग्री को लेकर आपस में बहस, तवे से वार कर दोस्त को उतारा मौत के घाट

बिलासपुर : बिलासपुर जिले के झंडूता में दो प्रवासी मजदूरों की आपसी लड़ाई में एक की मौत हो गई। दोनों प्रवासी मजदूर उत्तर प्रदेश के बदायूं के रहने वाले हैं। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। बताया जा रहा है कि राशन सामग्री के लेनदेन के कारण यह घटना हुई।

झंडूता में प्रवासी मजदूर मनोज कुमार (34) ने धीरज कुमार (32) के सिर पर तवे से प्रहार कर दिया। उसके बाद मनोज कुमार मौके से भाग गया। दोनों दोस्त बताए जा रहे हैं। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर आई घायल को अस्पताल ले गए जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।पुलिस ने पूरी रात तलाश की सुबह तड़के कोटलु गांव से आरोपी को गिरफ्तार किया गया। मनोज कुमार को भी चोटें आईं हैं। पुलिस ने उसका मेडिकल करवाया है। मृतक के परिजनों को सूचना दे दी गई है। पुलिस ने मामला दर्जकर घटना की छानबीन शुरू कर दी है।डीएसपी राजकुमार ने पुष्टि करते हुए बताया कि पुलिस ने मामला दर्ज कर शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल भेज दिया है l घटना से संबंधित आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार कर आगामी कानूनी प्रक्रिया आरंभ कर दी है l

वर्षा प्रभावित क्षेत्रों में राहत, पुनर्वास के लिए समन्वय समिति गठित

सोलन : उपायुक्त सोलन एवं ज़िला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अध्यक्ष मनमोहन शर्मा ने सोलन ज़िला में भारी वर्षा के कारण प्रभावित क्षेत्रों में मानवीय आधार पर सहायता प्रदान करने एवं राहत, पुनर्वास तथा पुनर्निर्माण कार्यों में ज़िला प्रशासन के प्रयासों को सम्बल प्रदान करने के लिए विभिन्न गैर-सरकारी संस्थाओं एवं समितियों द्वारा की जाने वाली सहायता को सुलभ एवं पारदर्शी बनाने तथा इन संस्थाओं के साथ समन्वय स्थापित करने के लिए एक सहायता टीम का गठन किया है।

इस टीम का गठन आपदा प्रबंधन अधिनियम-2005 की धारा 30, 33 तथा 34 के तहत किया गया है। मनमोहन शर्मा ने कहा कि उपायुक्त कार्यालय के तहसीलदार रिकवरी राजीव रान्टा को समिति का प्रभारी बनाया गया है। सोलन के ज़िला खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति नियंत्रक नरेन्द्र धीमान, उप निदेशक उच्च शिक्षा सोलन जगदीश नेगी, ज़िला कार्यक्रम अधिकारी समेकित बाल विकास परियोजन सोलन राजिन्द्र नेगी, क्षेत्रीय अस्पताल सोलन के एमओएच डॉ. अमित रंजन तलवार, नगर निगम सोलन के एसडीओ गोपीचंद तथा रेडक्रॉस समिति सोलन की प्रभारी सीमा मेहता को टीम का सदस्य नियुक्त किया गया है।

विभिन्न गैर-सरकारी संगठनों की ओर से संकट काल में सहायता प्रदान करने के लिए समिति के प्रभारी राजीव रान्टा से मोबाईल नम्बर 97180-66551 पर सम्पर्क किया जा सकता है। टीम के सदस्य ज़िला खाद्य एवं नागिरक आपूर्ति नियंत्रक सोलन से मोबाईल नम्बर 94180-56534, उप निदेशक उच्च शिक्षा सोलन से मोबाईल नम्बर 88945-75048, ज़िला कार्यक्रम अधिकारी समेकित बाल विकास परियोजना सोलन से मोबाईल नम्बर 94591-50555, क्षेत्रीय अस्पताल सोलन के एमओएच (MOH) से मोबाईल नम्बर 86288-27607, नगर निगम सोलन के एसडीओ (SDO) से मोबाईल नम्बर 94181-72553 तथा रेडक्रॉस समिति सोलन की प्रभारी से मोबाईल नम्बर 94591-16667 पर सम्पर्क किया जा सकता है।

यह समिति विभिन्न गैर-सरकारी संस्थाओं एवं समितियों द्वारा की जाने वाली सहायता के विषय में समन्वय स्थापित करने के साथ-साथ सहायता के लिए क्षेत्र चिन्हित करेगी। यदि कोई गैर-सरकारी संस्था एवं समिति नकद आधार पर सहायता प्रदान करना चाहती है तो इस टीम द्वारा उन्हें उचित जानकारी प्रदान की जाएगी।

नकद सहायता मुख्यमंत्री राहत कोष में हिमाचल प्रदेश राज्य सहकारी बैंक के खाता संख्या 40610107381 (आईएफएससी कोड HPSC0000406 ) तथा एचडीएफसी (HDFC) खाता संख्या 99990015041948 (IFSC कोड HDFC0004116 ) में जमा किया जा सकता है।

न नाम, न आईडी नंबर, सीमा हैदर का ऐसा पासपोर्ट देख हर कोई हैरान

Seema Haider Case: यूपी पुलिस को सीमा हैदर के पास पाकिस्तानी पासपोर्ट और कई मोबाइल फोन मिले। उत्तर प्रदेश पुलिस के स्पेशल डीजी प्रशांत कुमार ने इसकी सूचना दी। पुलिस को पाकिस्तान से भारत आई सीमा हैदर के पांच आधिकारिक पाकिस्तानी पासपोर्ट मिले हैं। इसके साथ ही 4 मोबाइल फोन भी मिले हैं। इसके साथ साथ 1 पासपोर्ट मिला जिस पर नाम या आधार नंबर नहीं था। यूपी पुलिस का कहना है कि बॉर्डर के पास मिले मोबाइल फोन और पासपोर्ट की जांच का काम जारी है।

एटीएस ने सचिन के पिता सचिन और सीमा हैदर से पूछताछ की। इस दौरान सीमा का मोबाइल फोन भी चेक किया गया। जिसमें उसका सारा डेटा डिलीट पाया गया। कहा गया कि सीमा का मोबाइल डेटा जब्त किया जाएगा। सीमा ने अपना लैपटॉप पाकिस्तान में रखा है। इतना ही नहीं, वह पाकिस्तान में इस्तेमाल किया गया फोन भी भारत नहीं लाई है। सीमा ने नेपाल के अन्य लोगों के हॉटस्पॉट से भी व्हाट्सएप कॉल किए। सवाल ये भी उठ रहे हैं कि सीमा ने अपना लैपटॉप पाकिस्तान में क्यों रखा।

सीमा हैदर के पाकिस्तानी अखबारों में सबसे बड़ा सवाल उनकी उम्र को लेकर उठाया गया है। सीमा हैदर इसे लेकर तरह-तरह के बयान और दावे करती नजर आ रही हैं। सीमा हैदर खुद को पांचवीं कक्षा तक पढ़ी-लिखी बताती हैं। सीमा ने सितंबर 2022 में एक पहचान पत्र बनवाया है, यानी 2 साल की दोस्ती के बाद सचिन मीना को सीमा हैदर से प्यार हो गया। इसके बाद सीमा ने यह दस्तावेज पेश किया और अपनी जन्मतिथि 1 जनवरी 2002 लिखी। इस हिसाब से सीमा अब 21 साल की हो गई है।

दोनों दस्तावेजों में आयु सीमा में 6-7 साल का अंतर है। ऐसा क्यों है इसका जवाब शाइमा नहीं दे सकतीं। क्या सीमा को पाकिस्तान में मिले फर्जी दस्तावेज़? इतना ही नहीं सीमा हैदर के पास भारत में कई नकली दस्तावेज भी मिले हैं। अब जांच एजेंसियां ​​यह पता लगाना चाहती हैं कि इन दस्तावेजों को बनाने में उसकी मदद किसने की। सीमा निरंतर अलग-अलग दावे कर रही हैं।

Ahmedabad Accident: अहमदाबाद में इस्कॉन ब्रिज पर भीषण हादसा, 9 लोगों की मौत, 15 घायल

अहमदाबाद : गुजरात के अहमदाबाद में बुधवार देर रात दर्दनाक सड़क हादसा हो गया. यहां एक जगुआर कार ने नौ लोगों को कुचल दिया. जानकारी के मुताबिक, अहमदाबाद के इस्कॉन ब्रिज पर देर रात करीब तीन बजे यह हादसा हुआ. यहां एक रोड एक्सीडेंट हुआ था, जिसे कुछ लोग खड़े होकर देख रहे थे. इसी बीच 160 किमी. की रफ्तार से यह जगुआर कार आ रही थी, जिसने वहां खड़े लोगों को कुचल दिया. इस हादसे में अभी तक नौ लोगों की मौत की जानकारी मिली है. इनमें से दो पुलिस कॉन्स्टेबल भी हैं.बताया जा रहा है कि हादसे में जगुआर कार 200 मीटर तक लोगों को कुचलती चली गई. हादसे में मौत की चीखें दूर-दूर तक सुनाई दीं. हादसे के बाद मौके पर ही छह लोगों की मौत हो गई थी, जबकि एक अन्य व दो पुलिसकर्मियों की इलाज के दौरान मौत हो गई. दोनों ट्रैफिक पुलिस में तैनात थे. वहीं जगुआर कार ड्राइवर सहित 15 लोग घायल भी हैं, जिनका अस्पताल में इलाज चल रहा है.

जगुआर कार का ड्राइवर घायल, अस्पताल में चल रहा इलाज

बताया जा रहा है कि मरने वालों में अधिकतर छात्र हैं. मृतक छात्र बोटाद और भावनगर से अहमदाबाद पढ़ने आए थे. हादसे की सूचना मिलते ही मृतक छात्रों का परिजन भी रोते-बिलखते पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे हैं. जिस जगुआर कार का एक्सीडेंट हुआ है, उसका ड्राइवर भी घायल हो गया है. उसका एक निजी अस्पताल में इलाज चल रहा है.

पुल पर टहल रहे थे स्टूडेंट्स, तभी हुई थार-डंपर की टक्कर

जानकारी के मुताबिक, अहमदाबाद के इस्कॉन ब्रिज पर रात के समय स्टूडेंट्स और आसपास के लोग टहलने के लिए आते हैं. पुल के पास में ही एक पुलिस चौकी भी है. देर रात कुछ स्टूडेंट्स ब्रिज पर टहल रहे थे. इसी दौरान एक थार और डंपर की टक्कर हो गई. हादसा होते देख स्टूडेंट्स वहीं रुक गए. इस दौरान किसी स्टूडेंट्स ने इसकी सूचना पास की पुलिस चौकी पर फोन करके दी. सूचना मिलते ही दो ट्रैफिक पुलिसकर्मी घटनास्थल पर पहुंच गए.

200 मीटर तक घसीटते हुए ले गई जगुआर

दोनों ट्रैफिक पुलिसकर्मी, स्टूडेंट्स से घटना की जानकारी ले ही रहे थे कि इसी दौरान एक जगुआर कार 160 किमी. की रफ्तार से आई और स्टूडेंट्स सहित दोनों पुलिसकर्मियों को कुचलते हुए निकल गई. बताया जा रहा है कि टक्कर के बाद कुछ लोग कार में ही फंस गए. करीब 200 मीटर तक कार सभी को घसीटते ले गई. जो स्टूडेंट्स कार में फंसे थे, उनकी मौके पर मौत हो गई. घसीटने के कारण उनके शव काफी क्षत-विक्षत अवस्था में थे.

इलाज के दौरान दोनों ट्रैफिक पुलिसकर्मियों की मौत

हादसे के समय पुल पर मौजूद कुछ स्थानीय लोगों ने बताया कि एक साथ दो-दो हादसे देख वह लोग काफी सहम गए. दूसरा वाला हादसा तो काफी भनायक था. उन लोगों की आंखों के सामने कार बच्चों को घसीटते हुए ले गई. पुलिस जब तक मौके पर पहुंचती, छह छात्रों की मौत हो चुकी थी. वहीं एक छात्र और दो पुलिसकर्मियों को आनन-फानन में अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां इलाज के दौरान उनकी भी मौत हो गई.

Illegal mining हिमाचल में नुकसान की वजह, लेकिन भारी बारिश ने मचाई है इस बार तबाही: जयराम ठाकुर

सोलन : हिमाचल प्रदेश में हुई भारी बारिश के कारण हुए नुकसान का जायजा लेने के लिए बुधवार को नेता प्रतिपक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री हिमाचल प्रदेश जयराम ठाकुर जिला सोलन के दौरे पर रहे. जहां उन्होंने औद्योगिक क्षेत्र बीबीएन धर्मपुर कसौली एनएच पांच व सोलन के शामती का दौरा किया. इस दौरान उन्होंने भारी बारिश के कारण हुए भूस्खलन और घरों में दरारों के कारण बेघर हुए परिवारों से मुलाकात कर हाल जाना।
नेता प्रतिपक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में इस बार जो बारिश के कारण नुकसान हुआ है वह एक चिंता का विषय है और इसकी भरपाई कर पाना बेहद मुश्किल है, लेकिन फिर भी केंद्र सरकार राहत राशि के रूप में प्रदेश सरकार की मदद कर रही है और आने वाले समय में भी इसी तरह से राहत पैकेज की आवश्यकता होगी तो इसके लिए भी केंद्र की ओर से हामी भरी गई है. जयराम ठाकुर ने ये भी कहा कि केंद्र सरकार हिमाचल प्रदेश में राहत पैकेज देने के लिए कार्य कर रही है और अब तक करीब 364 करोड़ रुपए की राहत राशि दी जा चुकी है और व्यक्तिगत रूप से भी उन्होंने केंद्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह मुलाकात की है. हिमाचल प्रदेश में कई परिवार बेघर हो चुके हैं, कुछ लोगों को घर टूट चुके हैं. ऐसे में सरकार को चाहिए कि प्रभावित परिवारों को जल्द राहत प्रदान की जाए. वहीं, जयराम ठाकुर ने इस बात को भी माना कि हिमाचल प्रदेश में अधिकतर नुकसान इलीगल माइनिंग की वजह से हुआ है, लेकिन उन्होंने इसको लेकर कहा कि जिस तरह से भारी बारिश हुई है उससे तो नुकसान हुआ है, लेकिन इलीगल माइनिंग की वजह से नुकसान ज्यादा होता है.

Central Survey Team Visit Solan: सोलन में बरसात से 365 करोड़ का नुकसान, केंद्रीय सर्वेक्षण टीम ने लिया जायजा…

सोलन : हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश से हुए नुकसान का जायजा लेने के लिए केंद्रीय सर्वेक्षण टीम बुधवार को सोलन जिले के दौरे पर रही. जिला प्रशासन की ओर से टीम को सोलन में हुए नुकसान को लेकर अवगत करवाया गया. जिले में अब तक भारी बारिश से करीब 365 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है.

दल ने इस दौरान सोलन ज़िला के परवाणु, कामली, कोटी, जाबली, धर्मपुर, सिहारड़ी, सुल्तानपुर, रून्दनघोडों, क्यार और शामती में भारी वर्षा के कारण हुए नुकसान का जायज़ा लिया. केन्द्रीय दल को अवगत करवाया गया कि सोलन ज़िला में भारी वर्षा में हुए भूस्खलन के कारण तीन व्यक्तियों की दुःखद मृत्यु हुई है.

दल ने राष्ट्रीय उच्च मार्ग 05 पर हुई क्षति की विस्तृत जानकारी प्राप्त की, जिसके उपरांत सोलन में इस सम्बन्ध में आयोजित एक बैठक में विस्तृत प्रस्तुतिकरण के माध्यम से नुकसान की वास्तविक स्थिति जानी और पूर्ण ब्यौरा प्राप्त किया. वहीं बैठक में प्रस्तुतिकरण के माध्यम से जानकारी दी गई कि सोलन ज़िला में इस मानसून सीज़न में हुई भारी वर्षा से जहां एक ओर राष्ट्रीय राजमार्गों व सिंचाई एवं पेयजल योजनाओं तथा विद्युत बोर्ड को भारी नुकसान पहुंचा है वहीं भूस्खलन इत्यादि के कारण बड़ी संख्या में आवास क्षतिग्रस्त हुए हैं.

बैठक में ये भी अवगत करवाया गया कि सोलन ज़िला में भारी वर्षा के कारण गत सांय तक लगभग 365 करोड़ रुपये का नुकसान आंका गया है. अभी तक ज़िला में प्रभावित परिवारों को 1.18 करोड़ रुपये की राहत राशि प्रदान की गई है.

सोलन ज़िला में भारी वर्षा से राष्ट्रीय राजमार्ग 05 तथा राष्ट्रीय राजमार्ग 105 को काफी नुकसान पहुंचा है. ज़िला में अभी तक कुल 810 आवास, 12 श्रमिक शेड, 153 पशु शालाएं, 03 घराट एवं 429 सुरक्षा दीवार क्षतिग्रस्त हुई हैं. विद्युत बोर्ड के 1483 ट्रांसफार्मर को नुकसान पहुंचा है. लोक निर्माण विभाग के 184 मार्ग क्षतिग्रस्त हुए है. जल शक्ति विभाग की 294 योजनाओं को नुकसान पहुंचा है.

बैठक में जानकारी दी गई कि विद्युत बोर्ड 1473 ट्रांसफार्मर ठीक कर दिए गए है. लोक निर्माण विभाग की 184 क्षतिग्रस्त सड़कों में से 162 सड़कों की मुरम्मत कर दी गई है. जल शक्ति विभाग की 285 योजनाओं को पुनः आरम्भ कर दिया गया है.

ज़िला में कुल 3081 हैक्टेयर कृषि योग्य भूमि भारी वर्षा के कारण प्रभावित हुई है. इस कारण लगभग 897 लाख रुपये का नुकसान हुआ है.

बैठक में जानकारी दी गई कि सोलन के शामती क्षेत्र में भारी वर्षा के कारण 200 बीघा से अधिक भूमि को नुकसान पहंुचा है. यहां इस कारण 132 आवास पूर्ण अथवा आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं. इस आपदा से शामती क्षेत्र के 108 परिवार प्रभावित हुए हैं. इनमें से ऐसे 50 व्यक्ति जिनके पास आवास सुविधा नहीं है, की जटोली मंदिर स्थित राहत शिविर में रहने की व्यवस्था की गई है. शामती पटवार वृत्त के क्यार गांव में भी 05 आवास क्षतिग्रस्त हुए हैं.

ज़िला में सोलन उपमण्डल में शिव मंदिर जटोली स्थित राहत शिविर में 40, सपरुन गुरूद्वारा में 04 तथा राजकीय माध्यमिक पाठशाला गमझून में 56, कसौली उपमण्डल में संतोषी माता मंदिर में 24 तथा अर्की उमण्डल के राजकीय माध्यमिक विद्यालय जुबला, बणिया देवी में 80 प्रभावित लोगों के रहने की व्यवस्था की गई है.

केन्द्रीय अंतर मंत्रालय दल ने सभी विभागों से वर्षा के कारण हुए नुकसान की पूर्ण जानकारी प्राप्त की. उन्होंने कहा कि दल समयबद्ध अपनी रिपोर्ट केन्द्र सरकार को प्रस्तुत करेगा.

केन्द्रीय अंतर मंत्रालय दल में सड़क परिवहन एवं उच्च मार्ग मंत्रालय के अधीक्षक अभियंता वरुण अग्रवाल, केन्द्रीय कृषि मंत्रालय के उपायुक्त (फसल) सुधीर सिंह भदौरिया, केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय के निदेशक शैलेश कुमार तथा राष्ट्रीय रिमोट सेंसिंग केन्द्र के वैज्ञानिक अभिनव शुक्ला सम्मिलित थे.

इस अवसर पर परवाणु में नगर परिषद की अध्यक्ष निशा शर्मा ने पार्षदों सहित टीम से मुलाकात की और उन्हें नुकसान का विस्तृत ब्यौरा दिया. उन्होंने शीघ्र उदार सहायता की मांग की.

Monsoon Session 2023: मानसून सत्र आज से, क्या इस बार संसद में सरकार को हरा देगा विपक्ष का इंडिया? जान लीजिए राज्यसभा का समीकरण

दिल्ली : संसद का मॉनसून सत्र आज से शुरू हो रहा है। 17वीं लोकसभा के इस सत्र के बाद संसद के सिर्फ दो सत्र होंगे, फिर चुनाव बाद नई लोकसभा का गठन होगा। संसद का यह मॉनसून सत्र 17वीं लोकसभा का 12वां सत्र है जो 20 जुलाई से आरंभ होकर 11 अगस्त तक चलेगा। इस सत्र में दिल्ली सरकार के सर्विसेज डिपार्टमेंट को लेकर केंद्र सरकार की तरफ से जारी अध्यादेश को कानून का रूप दिए जाने लिए विधेयक पेश किया जाना है। लोकसभा सचिवालय ने भी इसकी पुष्टि की है। सचिवालय की तरफ से जारी नोटिफिकेशन में कहा गया है कि इस संसद सत्र के दौरान सरकारी कार्यों की संभावित सूची में 21 नए विधेयकों को पेश और पारित करने के लिए शामिल किया गया है। इसमें दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र सरकार संशोधन विधेयक 2023 भी शामिल है।

आप ने दिल्ली अध्यादेश पर कांग्रेस को भी साथ ले लिया

दिल्ली की सत्ता पर काबिज आम आदमी पार्टी (AAP) ने इसे बड़ा मुद्दा बना दिया है और वह सरकार को जमकर कोस रही है। पार्टी ने विपक्ष के कई दलों को अपने साथ ले लिया है। इसके अलावा, कई ऐसे मुद्दे हैं जो इशारा करते हैं कि संसद का मॉनसून सत्र काफी हंगामेदार रहने वाला है। दरअसल, सत्ता पक्ष जहां महत्वपूर्ण विधेयकों को पारित कराने का प्रयास करेगा, वहीं विपक्ष मण‍िपुर हिंसा, रेल सुरक्षा, महंगाई और अडाणी मामले पर संयुक्त संसदीय समिति (JPC) गठित करने की मांग सहित अन्य मुद्दों पर सरकार को घेरने की कोशिश करेगा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली राष्ट्रीय लोकतांत्रिक गठबंधन की सरकार (NDA Government) को भी इस बात का पूरा अहसास है कि नए-नए गठबंधन को आकार देने में जुटा विपक्ष संसद में अपनी ताकत का अहसास करवाने का मौका नहीं चूकेगा। ध्यान रहे कि विपक्ष के 26 दलों ने अगले लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को कड़ी चुनौती देने के प्रयास के तहत मंगलवार को I.N.D.I.A के नाम से नए गठबंधन की घोषणा की। सरकार को घेरने की रणनीति तय करने के लिए आज विपक्षी गठबंधन इंडिया की पहली बैठक भी होने वाली है। सूत्रों के मुताबिक, बैठक राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के संसद भवन स्थित कक्ष में होगी।

इन मुद्दों पर सरकार को घेरने की कोशिश करेगा विपक्ष

परंपरा के मुताबिक, संसद सत्र से पहले बुधवार को सर्वदलीय बैठक हो चुकी है। सरकारी सूत्रों का कहना है कि सत्र में महत्वपूर्ण विधेयक पेश किए जाने हैं, ऐसे में सभी दलों को सत्र चलाने में सहयोग करना चाहिए क्योंकि सरकार नियम-प्रक्रिया के तहत किसी भी विषय पर चर्चा कराने से पीछे नहीं हट रही है। वहीं, हाल में कांग्रेस पार्टी की संसदीय रणनीति समूह की बैठक में सत्र के दौरान मण‍िपुर हिंसा, रेल सुरक्षा, संघीय ढांचे पर कथित आक्रमण, जीएसटी को पीएमएलए के दायरे में लाने और महंगाई पर चर्चा कराने की मांग पर जोर देने की बात कही गई थी।

दिल्ली अध्यादेश पर सरकार की होगी हार?

खैर, बात दिल्ली सरकार को लेकर जारी अध्यादेश पर लाए जा रहे विधेयक तक सीमित रखते हैं। सवाल है कि क्या विपक्षी एकता के सामने राज्यसभा में यह विधेयक पास नहीं हो पाएगा जहां सरकार अल्पमत में है? इसका एक जवाब तो यह है कि बीते नौ सालों में राज्यसभा में कोई भी विधेयक गिरा नहीं है। संख्याबल साथ नहीं होने के बावजूद मोदी सरकार संसद के इस उच्च सदन से भी विधेयकों को पास करवाती रही है। यह सरकार के राजनीतिक कौशल और बेहतरीन फ्लोर मैनेजमेंट का शानदार उदाहरण है।

नौ साल का इतिहास क्या कहता है, जानें

सरकार हर मौके पर विपक्षी खेमे में सेंध लगा लेती है, लेकिन इस बार मामला थोड़ा अलग है। विपक्ष के 26 दल एकजुट हो चुके हैं। कांग्रेस पार्टी ने भले ही पहले अध्यादेश के मुद्दे पर आम आदमी पार्टी का समर्थन नहीं करने की बात कही थी, लेकिन विपक्षी एकता के वास्ते वह आप संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की शर्त के सामने झुक गई। अब कांग्रेस का ऐलान है कि उसके सांसद अध्यादेश पर आने वाले विधेयक का विरोध करेंगे। तो क्या राज्यसभा में मोदी सरकार को पहली बार बड़ा झटका लगने वाला है? आइए बदले हुए समीकरण का जायजा लेते हैं।

राज्यसभा में सांसदों का समीकरण समझ लीजिए

245 सीटों वाली राज्यसभा की सात सीटें इस वक्त खाली हैं। यानी सदन की कुल स्ट्रेंग्थ 238 की है जिसमें बहुमत का आंकड़ा 120 का है। राज्यसभा में बीजेपी के अपने 93 सांसद हैं। वहीं, पश्चिम बंगाल, गोवा और गुजरात में राज्यसभा के लिए अभी-अभी हुए चुनाव के बाद कांग्रेस की सीटें घटकर 30 रह गई हैं। जहां तक बात गठबंधनों की है तो सत्ताधारी एनडीए के राज्यसभा में 105 सांसद हैं। यानी बहुमत से सिर्फ 15 कम। लेकिन राज्यसभा में पांच नॉमिनेटेड मेंबर और दो इंडिपेंडेंट मेंबर का समर्थन भाजपा को हासिल है। इस तरह एनडीए सांसदों की संख्या बढ़कर 112 हो जाती है। तब बहुमत के आंकड़े से सिर्फ आठ सदस्य कम रह जाएंगे।

बीजेपी के पास हैं तुरुप के ये इक्के

ऐसी परिस्थिति में बहुजन समाज पार्टी (BSP) का एक, तेलुगु देशम पार्टी (TDP) का एक और जनता दल सेक्युलर (JDS) का एक सांसद सरकार के समर्थन में आने की पूरी उम्मीद है क्योंकि इन दलों ने आप से कोई वादा नहीं किया और ये विपक्षी एकता की कवायद में भी शामिल नहीं हैं। यानी अब सिर्फ पांच सांसदों की कमी रह जाएगी। फिर बीजू जनता दल (BJD) और YSRCP कांग्रेस का अब तक का पैटर्न देखेंगे तो पता चलेगा कि ये दोनों पार्टियां सरकार को हर बड़े मुद्दे पर संसद में साथ देती रही हैं। इन दोनों दलों के राज्यसभा में नौ-नौ सांसद हैं।

वॉकआउट से भी होती है सरकार की मदद

हालांकि, जरूरी नहीं है कि दोनों दल दिल्ली अध्यादेश के मुद्दे पर भी सरकार का समर्थन करें। बीजेडी ने कहा है कि उनका रुख तब साफ होगा जब विधेयक मतदान के लिए आएगा। वाईएसआरसीपी का अब तक कोई बयान नहीं आया है। एक दूसरा सीन यह बनता है कि अगर इन दोनों दलों के वोटों की जरूरत नहीं पड़े तो संभव है कि इनके 18 सांसद वोटिंग के वक्त वॉकआउट कर जाएं। फिर बहुमत का आंकड़ा ही घट जाएगा और सरकार को विधेयक पास करवाने में मदद मिल जाएगी।

नाबालिग छात्रा से सामूहिक दुष्कर्म करना समाज के लिए अमानवीय घटना : SFI

शिमला : एसएफआई (SFI) शिमला शहरी कमेटी द्वारा राष्ट्रीय कमेटी के आवाहन बलात्कारी नेताओं के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया गया। शहरी अध्यक्ष नीतीश ने कहा कि जोधपुर, (Jodhpur) राजस्थान (Rajasthan) में पिछले दिनों हुई बलात्कार (rape) की घटनाओं ने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के असली चरित्र को उजागर किया है। पहली घटना 16 जुलाई की सुबह JNVU विश्वविद्यालय कैम्पस में हुई। इस घटना में तीन आरोपियों ने एक नाबालिक दलित लड़की के साथ गैंगरेप को विश्वविद्यालय के कैम्पस में अंजाम दिया। इस घटना के तीनो आरोपीयों समुंदर सिंह, भटम सिंह व धर्मपाल सिंह को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। एसएफआई इन घटनाओं की कड़े शब्दों में निदा करती हैं और मांग करती है कि दोनों घटनाओं में लिप्त आरोपियों पर कड़ी से कडी कार्यवाही की जाए, व पीड़िताओं को उचित न्याय प्रदान किया जाए।

एसएफआई शहरी सह सचिव सुमित ने कहा कि देश व प्रदेश की सरकार महिलाओं के साथ दिन प्रतिदिन बढ़ रहे दुष्कर्मों को रोकने में पूर्ण रूप से नाकामयाब है। आए दिन बलात्कार जैसी घटनाएं देश में घटित हो रही है और महिलाओं के ऊपर हिंसा बढ़ रही है। रोजाना अखबारों में पढ़ते हैं कि महिलाओं की हत्याओं में भारत अब और भी तेजी पकड़ रहा है, जो कि सबसे ज्यादा चिंता का विषय है।

महिलाओं के प्रति जो समझ इस देश के अंदर तैयार हो रही है वह चिंताजनक है। सरकार को इस पर कड़े कदम उठाने की जरूरत है।  और इसके खिलाफ कड़े से कड़े कानून बनाने की जरूरत है।