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ज़िला बाल कल्याण एवं संरक्षण समिति की समीक्षा बैठक आयोजित

लाइव हिमाचल/सोलन: ज़िला दण्डाधिकारी सोलन मनमोहन शर्मा की अध्यक्षता में आज यहां जिला बाल कल्याण एवं संरक्षण समिति तथा मुख्यमंत्री सुखाश्रय योजना की समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में ज़िला स्तर पर बाल कल्याण एवं संरक्षण से संबंधित गतिविधियों की प्रगति समीक्षा की गई तथा बच्चों के समग्र विकास और सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सुखाश्रय योजना के अंतर्गत ज़िला में मुख्यमंत्री सुखाश्रय कोष में अभी तक 6.55 लाख रुपए की राशि एकत्रित की गई है। उन्होंने संबंधित विभागों को निर्देश दिए कि योजना से जुड़े सभी लाभार्थियों की नियमित रूप से निगरानी की जाए और बच्चों की ज़रूरतों को प्राथमिकता के आधार पर पूरा किया जाए। उन्होंने कहा कि जून, 2025 तक कुल 14 बेसहारा बच्चों को गृह निर्माण के लिए 15.30 लाख की राशि प्रथम किश्त के रूप में प्रदान की गई है तथा चार बेसहारा बच्चों को दत्तक माता-पिता को सौंपा गया है। मनमोहन शर्मा ने कहा कि मिशन वात्सल्य के तहत ज़िला सोलन में 02 बाल बालिका आश्रम कम चिल्ड्रन होम है। इसके अतिरिक्त एक स्पेशल एडॉप्शन एजेंसी और एक ओपन शेल्टर होम कथेड़ में है। इनमें 67 बच्चे रह रहें है। उन्होंने कहा कि दीपावली तक सभी बच्चों को उत्सव भत्ता 500 रुपए प्रतिमाह प्रदान किया जा चुका है। यहां पर रहने वाले बच्चों को वस्त्र, बिस्तर, खाद्य वस्तुएं निरंतर आवश्यकता के अनुसार मुहैया करवाई जा रही हैं। इन बच्चों को भोजन भी निर्धारित मानकों के अनुरूप उपलब्ध करवाया जाता है।
उन्होंने कहा कि बेसहारा बच्चों को यूको आरसेटी के माध्यम से भविष्य में प्रशिक्षण प्रदान करवाया जाएगा ताकि बच्चे रोज़गार प्राप्त कर आत्मनिर्भर बन सके। मनमोहन शर्मा ने सभी से आग्रह किया कि बाल श्रमिकों का नियमित अनुश्रवण करें और इनकी सूचना तुरंत ज़िला श्रम अधिकारी व पुलिस को देना सुनिश्चित करें। यह जानकारी टोल फ्री नंबर 1098 पर भी दी जा सकती है। इसका उद्देश्य प्रभावित बच्चों को समय पर सहायता व संरक्षण प्रदान करना है। उन्होंने मीडिया से आग्रह किया कि टोल फ्री नम्बर 1098 की जानकारी जन-जन तक पहुंचाए। उन्होंने ज़िला कार्यक्रम अधिकारी तथा शिक्षा विभाग को निर्देश दिए कि बद्दी व नालागढ़ क्षेत्र में ईंट के भट्टों पर मज़दूरी करने वाले बच्चों को आंगनबाड़ी तथा विद्यालय तक पहुंचाएं ताकि सभी बच्चे शिक्षा के अधिकार के अनुरूप शिक्षा प्राप्त कर सकें और मध्याह्न भोजन से वंचित न रहें। उन्होंने कहा कि शिक्षण संस्थानों में इन बच्चों के साथ मधुर एवं सौहार्दपूर्ण व्यवहार किया जाए ताकि ऐसे बच्चों के आचरण एवं व्यवहार में बदलाव लाकर उन्हें समाज की मुख्य धारा में शामिल किया जा सके। उन्होंने बैठक में उपस्थित सभी अधिकारियों को निर्देश दिए कि बाल संरक्षण अधिनियम को प्रभावी ढंग से लागू करें तथा बाल संरक्षण से संबंधित मामलों पर पुलिस एवं संबंधित विभाग कड़ी कार्यवाही अमल में लाएं। जिला दण्डाधिकारी ने सभी संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि बाल सरंक्षण अधिनियम के तहत समय-समय पर औचक निरीक्षण करते रहें ताकि बाल मज़दूरी तथा बच्चों द्वारा भीख मांगने पर पूर्ण अंकुश लगाया जा सके।
ज़िला बाल संरक्षण अधिकारी ने मुख्यातिथि का स्वागत किया तथा बैठक की कार्यवाही का संचालन किया। इस बैठक में ज़िला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव अकांक्षा डोगरा, ज़िला बाल कल्याण समिति के सदस्य जतिन साहनी, पुलिस उप अधीक्षक अनिल धौल्टा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग की ज़िला कार्यक्रम अधिकारी डॉ. शालिनी पुरी, ज़िला कार्यक्रम अधिकारी आई.सी.डी.एस. डॉ. पदम देव शर्मा सहित विभिन्न अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित थे।

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