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दो घंटे की बारिश में लकवाग्रस्त हो जाती है दिल्ली’, CJI गवई की बड़ी टिप्पणी

दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश, भूषण रामकृष्ण गवई ने हाल ही में एक मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि “दो घंटे की बारिश में दिल्ली लकवाग्रस्त हो जाती है।” यह टिप्पणी उन्होंने नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) की याचिका पर सुनवाई के दौरान की। यह याचिका केरल हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ थी, जिसमें सड़क की खराब हालत के कारण टोल वसूली को रोकने का आदेश दिया गया था।

केरल हाईकोर्ट का आदेश, सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई

सुप्रीम कोर्ट में जो मामला चल रहा था, वह केरल हाईकोर्ट के आदेश से जुड़ा था। हाईकोर्ट ने नेशनल हाईवे-544 की खराब स्थिति के कारण 65 किमी लंबी एडापल्ली-मेन्नुथी रोड पर पेलियेक्कारा टोल बूथ पर टोल वसूली को रोकने का आदेश दिया था। इस आदेश के खिलाफ NHAI और गुरुवायूर इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड ने याचिका दाखिल की थी, जिस पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई कर रहा था।

सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी

सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने इस बात पर जोर दिया कि इस सड़क पर 12 घंटे का लंबा ट्रैफिक जाम लगता है। CJI गवई ने टिप्पणी करते हुए कहा कि “यह स्थिति ठीक नहीं है, और ऐसे में टोल लेना लोगों के लिए मुश्किल हो जाता है।” एक वकील ने सुप्रीम कोर्ट के बाहर लगने वाले जाम का जिक्र किया, जिसके जवाब में CJI गवई ने बारिश और जाम के मुद्दे पर अपनी चिंता जताई। एनएचएआई की तरफ से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि लंबा जाम इसलिए लगा था क्योंकि वहां एक लॉरी पलट गई थी। लेकिन CJI गवई ने यह कहा कि “लॉरी पलटी नहीं, यह गड्ढे के कारण हुआ था।” इसके अलावा, उन्होंने यह भी पूछा कि इस 65 किमी लंबी सड़क पर टोल कितना लिया जाता है, तो उन्हें बताया गया कि टोल 150 रुपये है। इस पर CJI गवई ने कहा, “कोई 150 रुपये क्यों देगा अगर उसे 12 घंटे के जाम में फंसना है?” कोर्ट ने यह भी कहा कि 1 घंटे के रास्ते को लोग 11 घंटे में तय कर रहे हैं। सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने NHAI की याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया। अदालत ने यह भी ध्यान दिलाया कि खराब सड़कों की वजह से लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है, और ऐसे में टोल वसूली सही नहीं है।

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