



शिमला: जिला सिरमौर के पांवटा साहिब में युवती के अपहरण के विरोध में धरना-प्रदर्शन और शांति भंग करने के मामले में हिमाचल हाईकोर्ट ने भाजपा अध्यक्ष राजीव बिंदल सहित पांवटा साहिब से विधायक सुखराम चौधरी को अंतरिम जमानत दी है। न्यायाधीश विरेंद्र सिंंह की अदालत ने इन सभी को पुलिस की जांच में सहयोग करने को कहा है। पुलिस ने इनके खिलाफ बीएनएस की धारा 299, 132, 191 (2), 190, 191 (3), 351 (2), 121 (1) और 109 के तहत माजरा थाने में 13 जून को एफआईआर दर्ज की है। मामले की अगली सुनवाई 24 जुलाई को होगी। न्यायमूर्ति वीरेंद्र सिंह ने बिंदल और चौधरी को राहत प्रदान की, जिन्होंने आरोप लगाया था कि मामला राजनीति से प्रेरित है. अदालत ने पुलिस को निर्देश दिया कि वह उनके खिलाफ ‘कोई भी दंडात्मक कार्रवाई न करे.’ अब यह मामला 24 जून को सूचीबद्ध होगा।
10 से अधिक लोग हुए थे घायल
सिरमौर पुलिस ने शुक्रवार को हुई पथराव की घटना के सिलसिले में बीजेपी नेताओं और कई अन्य लोगों के खिलाफ हत्या के प्रयास का मामला दर्ज किया था. इस घटना में पुलिसकर्मियों सहित 10 से अधिक लोग घायल हो गए थे. यह घटना एक हिंदू महिला के मुस्लिम व्यक्ति के साथ कथित रूप से भाग जाने के विरोध में हुई. शुक्रवार (13 जून) को आक्रोशित हिंदू संगठन माजरा में एकत्र हुए और लाठी-डंडों और धारदार हथियारों के साथ उस व्यक्ति के घर की ओर बढ़ने लगे. इसके बाद दो समूहों में पथराव शुरू हो गया जिसमें पुलिसकर्मी भी घायल हो गए।
चार गांवों में बीएनएसएस की धारा 163 लागू
इस मामले में चार लोगों को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है. शुक्रवार शाम को पत्थरबाजी की घटना के बाद भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) की धारा 163 के तहत पांवटा साहिब क्षेत्र के चार गांवों – कीरतपुर, मालियों, फतेहपुर और मिस्सरवाला में 19 जून तक निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है. हालांकि, पुलिस ने 14 जून (शनिवार) को लड़की को ढूंढ निकाला और 12 जून को उसके द्वारा बनाया गया एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें उसने कहा कि वह 18 साल की है और अपनी मर्जी से लड़के के साथ गई है. उसने सिरमौर के पुलिस अधीक्षक (SP) से यह भी अनुरोध किया कि अगर उसके परिवार ने लड़के और उसके परिवार के खिलाफ कोई शिकायत दर्ज कराई है, तो उसपर कोई कार्रवाई न की जाए.
हर्षवर्धन चौहान ने साधा बीजेपी पर निशाना
इस बीच, राज्य के उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि वह इस घटना का राजनीतिकरण कर रही है. उन्होंने कहा कि विपक्षी दल और सामाजिक संगठनों को ऐसी घटनाओं को धार्मिक रंग देने से बचना चाहिए।